पुस्तक मेला पर निबंध Essay on Book Fair in Hindi

आज के इस लेख में हमने – पुस्तक मेला पर निबंध प्रस्तुत किया है (Essay on Book Fair in Hindi). आज इस निबंध में मैंने दिल्ली के विश्व पुस्तक प्रदर्शनी दृश्य को बताया है।

Table of Content

प्रगति मैदान में पुस्तक मेले का आयोजन

पुस्तक मेले की विशेषताये.

पुस्तक मेले में दूर-दूर से देशी विदेशी पुस्तक प्रेमी आए हुए थे। सभी अपनी मनपसंद किताब खोज रहे थे। मैंने पहली बार इतने अधिक प्रकाशकों के स्टॉल देखे थे। रूपा पब्लिकेशन, हार्पर कोलिंस, वेस्टलैंड, पेंग्विन, राजश्री प्रकाशन जैसे सभी बड़े प्रकाशक इस पुस्तक मेले में मौजूद थे, मेरे लिए ये किसी स्वर्ग से कम नहीं था। यहां पर हर तरह के साहित्य पर पुस्तकें उपलब्ध थी। बच्चों की कहानियां , कविताएं, रेखाचित्र, संस्मरण, नाटक, उपन्यास, आत्मकथा, बायोग्राफी जैसी सभी विधाओं पर पुस्तके उपलब्ध थी। मेरा तो दिल कर रहा था कि सभी किताबों को खरीद लूँ, पर ऐसा कहां हो सकता था।

इस पुस्तक मेले में स्त्री, पुरुष और बच्चे भी आए हुए थे। सभी अपने मनपसंद किताब खरीदना चाहते थे। मेले में काफी गहमागहमी थी। यहां पर हिंदी अंग्रेजी के साथ साथ दूसरी भाषाओं की किताबें भी उपलब्ध थी। सब तरफ काफी चहल-पहल देखने को मिल रही थी। देशी प्रकाशकों के अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक भी अपने स्टाल लगाए हुए थे और पुस्तकें बेच रहे थे। कुछ प्रकाशक चाय और कॉफी भी मुफ्त में बांट रहे थे। मैंने और मेरे दोस्त गगन ने कॉफी पी और पुस्तक मेले का आनंद उठाया।

मेरी प्रिय पुस्तकें

इसके अलावा मैने अकबर बीरबल की कहानियां, अमर चित्र कथा, चंपक, प्रेमचंद्र की कहानियाँ, विक्रम-बेताल की कहानी पढ़ी। मैंने आरके नारायण द्वारा लिखी गई पुस्तक “मालगुडी डेज” को पढ़ा। इसे पढ़कर भी बहुत आनंद आया।

पुस्तकें जो मैंने खरीदी

पिताजी के लिए पुस्तक खरीदी.

मेरे पिताजी को पुस्तक पढ़ने का बहुत शौक है। वे कई दिनों से महात्मा गांधी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” पढ़ना चाहते थे, पर यह पुस्तक उन्हें कहीं नहीं मिल रही थी। मैंने “सत्य के प्रयोग” पुस्तक को विश्व पुस्तक मेले से खरीद लिया और पिताजी को लाकर दी। वह पुस्तक देखकर पिताजी बहुत ही प्रसन्न थे।

दिल्ली के पुस्तक मेले का इतिहास

कोलकाता के पुस्तक मेले के बाद नई दिल्ली का पुस्तक मेला भारत के सबसे पुराने पुस्तक मेलों में से एक है। इसकी शुरुआत 18 मार्च 1972 को हुई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने इसका उद्घाटन किया था। वर्तमान में इसका आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट (National Book Trust (NBT) करता है।

2019 के विश्व पुस्तक मेले की थीम

भारत के प्रसिद्ध पुस्तक मेले.

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, चेन्नई पुस्तक मेला, एरोड पुस्तक मेला, कोलकाता पुस्तक मेला, पटना पुस्तक मेला, जयपुर पुस्तक मेला

पुस्तक मेले के फायदे

प्रिय लेखकों से मिलने का मौका, नये लेखको को अवसर, व्यापार की दृष्टि से लाभदायक.

पुस्तक मेलों में बड़ी मात्रा में पुस्तक प्रेमी देश और विदेश से आते हैं। वहां पर हजारों की हजारों लाखों की संख्या में पुस्तकें बिकती हैं, जिससे प्रकाशको (Publishers) को लाभ मिलता है। हर प्रकाशक पुस्तक मेले में अपनी किताबें बेचना चाहता है।

दुर्लभ पुस्तकें भी उपलब्ध होती हैं

पुस्तक मेलों की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि बहुत ही दुर्लभ पुस्तकें जो आपको किसी दुकान या ऑनलाइन नहीं मिलेंगी वह पुस्तक मेलों में मिल जाती हैं। इसलिए बहुत से पुस्तक प्रेमी पुस्तक मेले तक खिंचे चले आते हैं।

हर प्रकार के पाठक के लिए पुस्तक

पुस्तक मेले की सबसे खास बात होती है कि हर पाठक के लिए यहां पर कुछ न कुछ होता है। एक और जहां बच्चों के लिए बाल कहानियां और बाल साहित्य पर सैकड़ों पुस्तके होती हैं, वहीं वयस्क लोगों के लिए उपन्यास, प्रेम कहानियां, जासूसी, अपराध कथाये (Crime Fictions) उपलब्ध होते हैं। खोजी पाठकों के लिए आत्मकथा, बायोग्राफी, इतिहास से जुड़ी किताबें उपलब्ध होती हैं।

महिलाओं के लिए सौन्दर्य, खाना पकाना, ब्यूटी टिप्स, रिलेशनशिप टिप्स , जीवनशैली पर पुस्तके उपलब्ध होती हैं। इसके साथ साथ कला, विज्ञान, भूगोल इतिहास से जुड़ी अन्य किताबें भी पुस्तक मेले में आसानी से मिल जाती हैं।

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essay on book fair in hindi

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Essay on Book Fair in Hindi – पुस्तक मेला पर निबंध

November 13, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Book Fair in Hindi Language for students of all Classes in 100 and 200 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पुस्तक मेला पर निबंध मिलेगा।

Essay on Book Fair in Hindi – पुस्तक मेला पर निबंध

Essay on Book Fair in Hindi

Essay on Book Fair in Hindi – पुस्तक मेला पर निबंध (100 words) 

शहर के स्थानीय प्रकाशकों और वितरकों द्वारा तीन दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था। यह 17 वीं से लेकर 19 तारीख तक टाउन हॉल में आयोजित किया गया था। स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लगभग सभी विषयों पर किताबों का एक समृद्ध प्रदर्शन था। मेले में बड़ी संख्या में छात्रों, अभिभावकों और अन्य पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित किया गया। छात्रों के लिए निष्पक्ष आकर्षक बनाने के लिए, मेले के प्रत्येक दिन स्कूल के छात्रों के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

सभी स्थानीय स्कूलों के छात्र इन प्रतियोगिताओं में कला ले सकते हैं। विजेताओं को चित्रकला, घुमावदार लेखन और विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञान में खुफिया परीक्षणों में पुरस्कार दिए गए थे मेले में इतनी बड़ी सफलता थी, क्योंकि यह पढ़ी हुई और उपयोगी किताबों के लिए छात्रों के हितों को उकसाया।

Short Essay on Book Fair in Hindi Language – पुस्तक मेला पर निबंध (200 words)

पिछले साल, जनवरी माह के दौरान, विश्व पुस्तक मेले का आयोजन दुशरा ग्राउंड में हुआ था। एक दिन, हमारे कक्षा शिक्षक ने हमारी पूरी कक्षा को मेले में लेने का फैसला किया। यह शुक्रवार था, और मौसम काफी ठीक था। हम दोहरा मैदान तक पहुंच गए और टिकट खरीदे। हमने मेले में प्रवेश किया वहाँ सैकड़ों बुकस्टॉल थे हमने ज्यादातर भारतीयों और साथ ही विदेशी दोनों की किताबों की दुकानों का दौरा किया। प्रत्येक स्टाल में किताबें व्यवस्थित और खूबसूरती से अलमारियों में व्यवस्थित की गई थीं। गाइड आगंतुकों की मदद कर रहे थे स्टालों में सेल्समैन काफी कुशल थे।

उन्होंने हर संभव तरीके से हमारी मदद की लगभग हर विषय और विषय पर किताबें थीं हमने विश्व प्रसिद्ध लेखकों की जीवनी, आत्मकथाएं, और साहित्यिक, वैज्ञानिक और दार्शनिक कार्यों को देखा। एक विशेष स्टाल थी यह बच्चों के लिए मुख्य आकर्षण था दुनिया भर में लगभग सभी बच्चों की क्लासिक कहानियां थीं। किताबों की कीमत सीमा काफी उचित थी। दो से तीन रुपए के साथ-साथ दस हजार रुपए की किताबें थीं। मैंने कुछ विज्ञान संदर्भ पुस्तकों को खरीदा था।

मैंने अपनी छोटी बहन के लिए ‘सिंड्रेला’ और ‘हिमश्री’ भी खरीदा था। हमारे शिक्षक ने स्कूल लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों का आदेश दिया। मैं इस तरह के विभिन्न विषयों और विषयों पर पुस्तकों को देखने के लिए वास्तव में प्रभावित था मुझे सभी पुस्तकों को घर लेना पसंद आया लेकिन यह संभव नहीं था। मुझे मेले में बहुत मज़ा आया|

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Book Fair in Hindi – पुस्तक मेला पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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पुस्तक मेला पर निबंध | Pustak Mela Essay in Hindi book fair par nibandh

पुस्तक मेला पर निबंध Pustak Mela Essay in Hindi book fair par nibandh : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज के आर्टिकल में हम बच्चों के लिए निबंध लाए हैं.

पुस्तक मेले पर दिया गया यह निबंध स्टूडेंट्स के लिए विशेष उपयोगी हो सकता हैं. सरल भाषा में स्पीच निबंध अनुच्छेद पढ़े.

Pustak Mela Essay in Hindi

Pustak Mela Essay in Hindi

Friends, do you want to know a short essay on book fair in Hindi? So here we are providing simple essay of book fair for students in simple words. You can also use them as speech, paragraph, some lines, articles.

Pustak Mela Par Nibandh in Hindi

पुस्तकों को मनुष्य का सच्चा मित्र कहा जाता हैं, इन्हें पढकर ही हम ज्ञान पाते हैं. आज हम किसी विषय के बारे में जो कुछ जानते है इनका आधार किताबें ही हैं. दुनियां में यदि किताबें न होती तो हममें और पशुओं के बीच कोई अंतर नहीं होता.

बच्चें पुस्तक पढकर ही सीखना शुरू करते हैं. अक्सर लोग सामान्य ज्ञान, जीवनी, इतिहास, भूगोल, दर्शन, धर्म, निबंध एवं काव्य की पुस्तकों को पढ़ना पसंद करते हैं.

देखने के लिए उत्साह – कुछ दिन पूर्व मेरे दादाजी समाचार पत्र पढ़ रहे थे, तभी उनकी नजर विज्ञापन पर पड़ी जो दिल्ली के पुस्तक मेले की सूचना को लेकर था. तभी दादाजी ने ने कहा- बेटा इस बार पुस्तक मेला 13 को लग रहा हैं.

पता नहीं क्यों बस इन शब्दों ने मेरी उत्सुकता को अधिक बढ़ा दिया. मुझे बालपन से ही नई नई पुस्तकें पढ़ने का शौक था. अतः मेने अपने दोस्त को मेले में चने का न्यौता दिया तो वह भी चलने को तैयार हो गया.

सभी तरह की पुस्तकों के लिए सुलभ केंद्र पुस्तक मेले होते हैं जहाँ सभी तरह की पुस्तकें एक ही स्थान पर उपलब्ध हो जाया करती हैं. मैं पिछले वर्ष दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में गया था.

मेरे जीवन का यह पहला पुस्तक मेला मेला था. अपने प्रिय दोस्त के साथ मेले को देखने हम सवेरे निकल पड़े. प्रवेश द्वार पर लगे टिकट काउंटर से हमने मेले की दो टिकट खरीदी और प्रवेश लिया.

पुस्तक मेले का महत्व- एक पुस्तक प्रेमी के लिए इस तरह के मेले बेहद आकर्षण का केंद्र होते हैं. एक और मनोरंजन तथा घूमने का अवसर मिल जाता हैं,

वहीँ पढ़ने के लिए नई पुस्तकें भी उपलब्ध हो जाया करती है. आज के डिजिटल दौर में ऑनलाइन पुस्तक विक्रय के चलते इन आयोजनों के प्रति काफी उदासीनता देखी गई हैं.

फिर भी पुस्तक मेले हमारी बहुत सी आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले होते हैं. यहाँ विविध तरह की दुलर्भ पुस्तकें भी बड़ी आसानी से मिल जाया करती हैं. कम दाम में अच्छी पुस्तकें खरीदने के ये बेहतरीन स्थल बनते जा रहे हैं. लोग अपने पसंद की पुस्तक को यहाँ पा सकते हैं.

यहाँ क्लासिक कहानियों की पुस्तकों से लेकर देशी विदेशी प्रसिद्ध पुस्तक लेखकों द्वारा लिखित बाल पुस्तकें, इतिहास दर्शन से जुडी किताबे व उपन्यास हो जाती हैं.

जासूसी, अपराध साहित्य एवं बाल सहित्य तथा खोजी पाठकों के लिए विशाल संख्या में किताबे उपलब्ध रही हैं. यही वजह है कि पुस्तक प्रेमी यहाँ खीचे आते हैं.

मैं अपने दोस्त के साथ मेले में आगे बढ़ रहे थे, हर ओर बस पुस्तकों के भंडार ही नजर आ रहे थे. बड़े डिस्काउंट ऑफर के विज्ञापन सजे थे. एक से एक बेहतरीन किताबें यहाँ उपलब्ध थी.

हमने पुस्तके खरीदने से पूर्व पुरे मेले का भ्रमण करना चाहा हम आगे बढ़ ही रहे थे कि चाय नाश्ते के स्टाल दिखाई पड़े. हमने चाय पी और नाश्ता किया.

मुझे बालपन से ही धार्मिक पुस्तकों के प्रति गहरा रूझान रहा, विशेषकर हिन्दू धर्म से जुडी प्राचीन पुस्तकें मुझे बेहद प्रिय लगती हैं. मेरी नजरें अभी तक ऐसे प्रकाशक को खोज रही थी.

जहां मेरी पसंद कि ये सभी पुस्तकें मिल जाए. मैं अपने दादाजी के लिए भगवतगीता एवं चारों वेद तथा स्वयं के लिए रामायण और महाभारत की पुस्तक खरीदना चाहता था.

हम कुछ ही कदम आगे बढ़े थे कि मेरी नजर कृष्ण अर्जुन के पुस्तक पृष्ट पर पड़ी, वह भागवत गीता ही थी. कदम उस ओर अनायास ही बढ़ गये मानों मंजिल यही हैं.

मैंने विक्रेता से अपनी पसंद की किताबों का पूछा तो उन्होंने स्वीकारोक्ति में सिर हिलाते हुए मेरे लिए सभी 7 पुस्तकें लाकर रख दी. कुछ मिनट तक बारी बारी से सभी को देखता रहा और अंत में भुगतान कर ये पुस्तकें हमने खरीद दी.

मेरे दोस्त हिंदी साहित्य के यूँ कह लिजिएँ भक्त पाठक हैं वे प्रेमचन्द जी के सिवाय किसी को लेखक ही नहीं मानते हैं जब देखता हूँ वे मुंशीजी के किसी उपन्यास को या तो पढ़ रहे होते है अथवा उसकी चर्चा कर रहे होते हैं.

यकीनन वे प्रेमचन्द का कोई उपन्यास खरीदना चाहते थे. मैंने मजाक मजाक में उनसे कहा- यहाँ तो शेक्सपियर भी मिल जाएगे. फिर क्या था वो बोल पड़े उनका जवाब सुनकर मैं पानी पानी हो गया.

जब हमारे पास कोहिनूर है तो ख़ाक क्यों छाने. ये शब्द काफी थे मैं समझ चूका था वे क्या कहना चाहते हैं. एक स्टाल से उन्होंने कुछ पुस्तकें खरीदी और हम अब आगे बढ़ चले. पास ही के एक ग्राउंड में क्रिकेट मैच चल रहा था.

मित्र महाशय में क्रिकेट का कीड़ा भी गजब का था. बोले चलो एक चीज दिखाता हूँ स्टेंड में ले जाकर बिठा दिया एक डेढ़ घंटा हमारा उस मैच को देखने में ही निकल चला.

सूर्य देव धीरे धीरे पश्चिम की ओर चले पड़े हमें भी घर चलना था. हम निकले और बस पकडकर अगले एक घंटे में अपने घर आ चुके थे. जब मैंने घर जाकर दादाजी को वे पुस्तकें दी तो पता नहीं क्यों जैसे वो जानते थे कि मैं उनके लिए ये लाने वाला हुआ.

उन्होंने मुझे गले लगाते हुए शाबासी दी और गीता का एक श्लोक कह सुनाया, जिसका अर्थ तो मैं नहीं समझ पाया, सोचता हूँ आशीष वचन ही कहे होंगे.

जिस तरह आज घर घर इन्टरनेट ने अपनी दस्तक दी हैं. पुस्तकों का महत्व निरंतर कम होता जा रहा हैं. लोग अपने फोन में ही अब किताबे पढ़ने लगे हैं. मगर इससे आँखों का बड़ा नुकसान भी होता हैं. दूसरी तरफ पुस्तके छपनी भी कम हो रही हैं ऐसे में कहीं हम मूल्यवान ज्ञान के स्रोत को न खो दे.

आप भी जब कभी पुस्तक मेले में जाने का अवसर हाथ लगे अवश्य जाए. क्योंकि पुस्तकें ही हमारी सच्ची मार्गदर्शक होती है. इस तरह के आयोजन कही लुप्त न हो जाए इसलिए पुस्तक मेले जाए भी और अपनी पसंद की कोई किताब जरुर अपने साथ लेकर आए.

निबंध 600 शब्द

जिस प्रकार हमारा कोई खास दोस्त, हमारा सबसे अच्छा मित्र होता है उसी प्रकार पुस्तक भी हमारी अच्छी मित्र होती हैं। पुस्तको के द्वारा ही हमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान हासिल होता हैं और व्यक्ति की गिनती बुद्धिजीवी व्यक्ति में होने लगती हैं।

पुस्तक का कभी भी विनाश नहीं होता है बल्कि वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त होती रहती है। उदाहरण के तौर पर प्राचीन काल में लिखे गए महत्वपूर्ण ग्रंथ जैसे कि महाभारत, रामायण, उपनिषद और वेद आज भी जिंदा है और हमारे पास मौजूद है।

इन ग्रंथों की रचना वैसे तो हुई हजारों साल पहले ही है परंतु आज भी इनके द्वारा हमें प्रेरणा मिलती है और सही और गलत का सबक भी मिलता है।

आज के समय में जहां लोगों के मन में दया नाम की चीज रह नहीं गई है, ऐसी अवस्था में लोगों के अंदर करुणा पैदा हो, इसके लिए हमें अपनी तरफ से धार्मिक पुस्तकों का प्रचार प्रसार करना चाहिए और खुद भी प्रचार-प्रसार करने के साथ ही साथ उन पुस्तकों के अध्ययन में रुचि रखनी चाहिए और उनका फायदा उठाना चाहिए। 

पुस्तके वैसे तो कई प्रकार की होती है परंतु हमें बुरी पुस्तकों को छोड़कर के अच्छी पुस्तकों को ही पढने पर जोर देना चाहिए क्योंकि जब हम अच्छी पुस्तकें पढेगे तो हमें अच्छा ज्ञान भी प्राप्त होगा और अच्छी पुस्तकें कई रूपों में विभिन्न विषयों पर प्राप्त होती हैं। 

अब तो अधिकतर पुस्तकें ऑनलाइन भी आ चुकी है जिसे हम पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं। इसके लिए ना तो हमें कोई पैसे खर्च करने हैं ना ही कहीं पर जाने की जरूरत है।

पुस्तक मेला हमारे लिए एक प्रकार का वरदान ही होता है, जहां पर हमें अलग-अलग पाठकों से और लेखकों से मिलने का मौका मिलता है। पुस्तक मेला में तमाम प्रकार की पुस्तक मौजूद होती है जिन्हें हम सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। 

पुस्तक मेला में हमें यह भी सुविधा मिलती है कि हम अपनी पसंद की पुस्तक के पन्नों को उलट पलट करके उनकी क्वालिटी, सब्जेक्ट और इंफॉर्मेशन के बारे में जानकारी देख सके या फिर पढ़ सकें।

इसके अलावा पुस्तक मेले में एक पाठक दूसरे पाठक से अपने अपने विचारों का आदान-प्रदान भी कर सकता है, साथ ही वह पुस्तक बेचने वाले लोगों से मार्गदर्शन भी ले सकता है।

मुझे पुस्तक मेला काफी अच्छा लगता है और सौभाग्य से पुस्तक मेले में जाने का मौका मुझे तब मिला जब मेरे घर के पास में स्थित काशी मैदान में श्री नारायण संस्था के द्वारा पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। इसके लिए पहले से ही काफी तैयारी की गई थी। 

जैसे किस व्यक्ति को कहां पर पुस्तक मेले में स्टॉल दिया जाएगा। पुस्तक मेला में पुस्तक बेचने वाले लोग सुबह इकट्ठा हो गए थे और सभी ने अपनी-अपनी दुकानों को पुस्तको के द्वारा सजा दिया था।

पुस्तक मेले में मेरे घर के आस-पास के लोग तो आए ही हुए थे। इसके अलावा वहां पर दूसरे जिले और दूसरे राज्यों के भी बड़े-बड़े पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक पहुंचे हुए थे।

जब मैं पुस्तक मेले में पहुंचा तो वहां पर अलग-अलग दुकाने मुझे दिखाई दी, जिनमें अलग-अलग भाषाएं की पुस्तके थी, परंतु मुख्य तौर पर पुस्तक मेला में हिंदी भाषा की किताबें ज्यादा थी।

इसके अलावा वहां पर काफी अधिक मात्रा में अंग्रेजी भाषा की किताबें भी थी। हर व्यक्ति अपनी रुचि के हिसाब से पुस्तक देख रहा था अथवा पढ़ रहा था या फिर खरीद रहा था। कुछ लोग पुस्तकों को लेकर के आपस में चर्चा भी कर रहे थे।

मैंने भी पुस्तक मेले से प्रेमचंद्र की कहानी और अंग्रेजी भाषा की एक डिक्शनरी खरीदी और मेरे छोटे भाई के लिए मैंने पंचतंत्र की कहानियों वाली किताब खरीदी। इस प्रकार यह पुस्तक मेला देखना मेरे लिए काफी अच्छा अनुभव रहा है जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा।

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पुस्तक मेला पर निबंध | Essay on Book Fair in Hindi

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पुस्तक मेला पर निबंध | Essay on Book Fair in Hindi!

पुस्तकें अनमोल हैं । वे हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान की भंडार हैं । व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परन्तु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं ।

उनका विनाश नहीं होता । वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त होते रहते हैं । उदाहरण के लिए हमारे वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, हमारा इतिहास सभी आज जीवित हैं, हमारे पास हैं । ये सभी ग्रंथ हजारों साल पहले रचे गये थे, परन्तु आज भी वे हमें प्रकाश और प्रेरणा दे रहे हैं ।

आज गांधीजी भौतिक रूप में हमारे सामने नहीं है, परन्तु उनका इतना श्रेष्ठ साहित्य हमारे साथ है । वह सतत् हमारा मार्गदर्शन करता रहता है । आज के इस युग में जहां जीवन-मूल्यों का ह्रास हो रहा है, चारों और नैतिक और सांस्कृतिक संकट के बादल छाये हुए हैं, सत् साहित्य का महत्व और भी बढ़ जाता है ।

ऐसे समय पर यह जरूरी हो जाता है कि हम पुस्तकों का प्रचार-प्रसार बढ़ायें, उनके अध्ययन में रूचि लें और उनसे अधिकाधिक लाभ उठायें । अच्छी पुस्तकों को अध्ययन का तात्पर्य है श्रेष्ठ व्यक्तियों और उनके विंचारों को जानना-समझना, उनसे घनिष्ठ मित्रता स्थापित करना । उनसे अच्छा मित्र और कोई नहीं ।

पुस्तक मेले हमारे लिए वरदान हैं । ये पाठकों और लेखकों के संगम होते हैं । यहां पर सभी विषयों पर सभी प्रकार की पुस्तकें सरलता से मिल जाती हैं । पाठक अपनी रुचि, योग्यता और आवश्यकता के अनुसार पुस्तकों का चुनाव कर सकता हैं । वह पुस्तकों के पृष्ठ उलट-पुलट कर उनकी गुणवत्ता, विषयसूची, विवरण आदि को देख-पढ़ सकता है ।

विषय, मूल्य आदि की विविधता चुनाव को और भी सरल सहज और सरस बना देती है । इसके अतिरिक्त एक पाठक दूसरे पाठक से विचारों का आदान-प्रदान कर सकता है, पुस्तक विक्रेताओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है । इन मेलों में पुस्तकों पर चर्चाएं और गोष्ठियां होती हैं । ये सभी पाठकों के लिए बहुत लाभदायक रहती हैं ।

ADVERTISEMENTS:

उन दिनों इंडिया गेट पर एक बहुत बड़ा पुस्तक मेला लगा हुआ था । दिल्ली के अतिरिक्त बाहर के अनेक पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक वहां आये हुए थे । स्टालों पर पुस्तकें बड़े आकर्षक ढंग से सजी हुई थीं । इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, यात्रा, धर्म, भाषा, जीवन-वृत्त आदि सभी विषयों पर पुस्तकें थीं ।

देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं की पुस्तकें वहां थीं । लेकिन हिन्दी और अंग्रेजी की पुस्तकें सबसे ज्यादा थीं । पत्र-पत्रिकाएं भी थीं । अनेक स्कूलों के विद्यार्थी वहां आये हुए थे । माता-पिता और दूसरे लोग भी वहां बड़ी संख्या में उपस्थित थे । बच्चे पुस्तकें खरीदने में व्यस्त थे या उनको देख-पढ़ रहे थे । कुछ लोग गृप्स में पुस्तकों पर चर्चा कर रहे थे । सभी बड़े व्यस्त थे ।

चारों ओर वातावरण बड़ा मनोरम था । सभी स्तर और रुचि के लोगों के लिए वहां यथेष्ट सामग्री थी । कई पुस्तक-विक्रेता नये वर्ष का कलेंडर, डायरी आदि पुस्तकों के साथ उपहार में दे रहे थे । मैंने वहां पर 3-4 घंटे बिताये । बीच में एक स्टाल पर चाय पी और कुछ मीठा-नमकीन खाया ।

मैंने कई पुस्तक सूचियां और प्रकाशकों के पते आदि एकत्रित किये । मेरे पिताजी को पढ़ने का बड़ा शौक है । उनका अपना एक पुस्तकालय भी है । दिल्ली से बाहर गये हुए थे, इसलिए मेरे साथ नहीं आ पाये । यह सब सामग्री उनके लिए बड़ी उपयोगी थी ।

भविष्य में मेरे लिए भी इनका उपयोग था । मैंने विज्ञान का एक विश्वकोश, प्रेमचन्द की कहानियां और एक अंग्रेजी का शब्दकोश अपने लिए खरीदा । अपनी छोटी बहिन के लिए पंचतंत्र की कहानियों की पुस्तक खरीदी । यह मेला देखना बड़ा सुखद अनुभव रहा जिसे मैं सदैव याद रखूंगा ।

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Essay on Book Fair in Hindi for Class 6, 7, 8, 9, 10

Essay in hindi – book fair for class 6 – 10 class students.

Essay on Book Fair in Hindi for Class 6, 7, 8, 9, & 10 Class Board Students. This Essay on Book Fair in Hindi also named as ग्रंथ प्रदर्शनी पर निबंध. This essay will help You for exams.

Essay on Book Fair in Hindi

कई तरह की किताबें हैं। हर एक किताब एक खास विषय से संबंधित है। जब मैं ग्रंथ प्रदर्शनी में चल रही थी , मुझे कुछ किताबे मिलीं। प्रदर्शनी में कुछ किताबें ऐसी थी जो मैंने पहले ही पढ़ ली थीं, कुछ मेरे लिए भी नई थीं। शिवाजी सावंत,  वि.स. खांडेकर, पीएल देशपांडे, रंजीत देसाई, साने गुरुजी, विश्वास पाटिल, बाबासाहेब पुरंदरे ये सब प्रसिद्ध मराठी लेखक हैं। इन लेखको की इस प्रदर्शनी में ययाति, अमृतवेल, छावा, मृत्युंजय, युगंधर, संभाजी, राधेय , श्याम ची आई , अपूर्वाई ऐसी अन्य कही और  किताबे वाहा रखी थी| इस प्रदर्शनी में, मैंने ऐसे कई विचारों, रचनात्मकता और मनोरंजन के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक नेताओं की आत्मकथाओं वाली किताबें देखीं .

लेकिन आज की नई पीढ़ी को कागज पर लिखी किताबें पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, आजकल नई चीजें सामने आई हैं, उनमें ऑनलाइन पीडीएफ फॉर्मेट में किताबें, या उन्हीं किताबों की ऑडियोबुक शामिल हैं। क्यों की यह आज की पीढ़ी के लिए आसानी से उपलब्ध है, इसलिए पाठकों की प्राथमिकता कागज़ की किताबों से हटकर ऑनलाइन हो गई है। इसकी एक बड़ी बात यह है कि आप किसी भी किताब को कहीं भी आसानी से पढ़ सकते हैं।

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Essay on a Visit to a Book Fair [100, 150, 250 to 300 Words]

Essay on a visit to a book fair: In this article, you are going to read 3 essays on a visit to a book fair in English. We’ve written the essays for students of all classes (class 1 to class 12). If you are looking for paragraph on a visit to a book fair this article will also help you with that. So, let’s get started.

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A Visit to a Book Fair Essay: 100 Words

A book fair is the book lovers’ paradise. Now I know why it is called because this year I visited the Kolkata Book Fair with my uncle. There I saw lots of stalls. The stalls were nicely decorated. They stood in rows. Lots of books were properly shelved in every stall.

My uncle bought me some story books and a book on painting. I also made a long list of books to buy in future. The stalls were crowded with people of all ages. I was thrilled to see that anybody could touch or read any book. I just rushed from one stall to another because I never saw so many books before. When I was returning home I thought, ‘Had I all the books!’

Essay on a Visit to a Book Fair

Essay on a Visit to a Book Fair: 150 Words

The Kolkata International Book Fair took place between 28 February and 13 march. I visited the fair with my father. The book fair was attended by a large number of people including a huge number of students. All the leading publishers of India as well as abroad had set up their stalls. There were hundreds of book stalls in the fair. The stalls were nicely decorated. All the book stalls were crowded. Some of the stalls were giving huge discounts on books.

There were different kinds of books ranging from classics, sci-fi, non-fiction, and thrillers to self-help and more. I was amazed by the fact that in the world of Internet, people are still interested in books. Apart from the book stalls, the cultural events and shows were another attraction of the fair. I moved from stall to stall and bought some books. My father also bought some books of his interest. It was a thrilling experience for me. Such fairs should be held very often. They help us to increase our knowledge.

A Visit to a Book Fair Essay

Also Read: A Visit to a Zoo Essay in English

A Visit to a Book Fair: 250-300 Words

It was the biennial International Book Fair at the Pragati Maidan, New Delhi. My friends and I decided to visit the fair since the opportunity comes only once in two years.

We reached the gate of the venue as early as 10 a.m. and bought our tickets. There was a long queue of book lovers before the counter and it amazed me that even in this age of e-books there are people who read books.

After the security check, we headed towards the centre of the action – the different halls. On our way, We could see banners of different sizes, with the big publishers occupying the largest stalls. Apart from the local publishers, national and international publishers too featured in the fair.

We visited some of the stalls and were impressed by the huge collection of books which included story books, novels, books on anatomy, medicine and others.

Later on, we visited the other halls and made sure that we dropped in at the stalls of the international participants. There were food stalls too, to offer refreshments, and we relieved our fatigue by sipping hot coffee.

As hours passed by, the number of visitors also increased and it became difficult for us to move about freely within the stalls which were full of book lovers.

It was 8 p.m. when we started our journey back home. We were almost drenched in sweat though it was a January evening. We were happy to carry the heavy bundles of books that we had bought and wished that such book fairs would be held more frequently so that people would be inspired to read more.

Read More: 1. A Visit to a Historical Place Essay 2. Essay on a Visit to a Hill Station 3. Essay on a Journey by Train

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essay on book fair in hindi

Love it very nice

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पुस्तक पर निबंध (Book Essay in Hindi)

पुस्तक हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारे सच्चे मार्गदर्शक कहलाते हैं। हम ताउम्र उनसे सीखते हैं और विरासत के रूप में उन्हें सहेज के भी रखते हैं। पुस्तकों के आ जाने के बाद ज्ञान के आदान-प्रादान में क्रांति सी आ गयी, जो की मानव विकास के लिये बहुत ही निर्णायक साबित हुई।

पुस्तक पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Book in Hindi, Pustak par Nibandh Hindi mein)

पुस्तक पर निबंध – 1 (300 शब्द).

पुस्तक हमारी जानने की उत्सुकता को पूरा करते है। पुस्तक हमारे सच्चे दोस्त होते हैं जिनके रहते जीवन को एक सही दिशा मिलती है। पुस्तक हमे वर्णमाला से लेक कर जीवन के कठिन सवालों तक के जवाब बड़े आसानी से दे देते हैं।

पुस्तक के प्रयोग

नई जानकारियां प्राप्त करना हमारी आधारभूत जरूरत है, जिसे पुस्तक के द्वारा पूरा किया जाता है। पुस्तकों की उपयोगिता हमारे जीवन में बहुत अधिक है, वे हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती हैं और बदले में हमसे कुछ लेती भी नहीं है। पहले के ज़माने में पुस्तक नहीं हुआ करते थे और गुरूजी बच्चों को सब कंठस्थ कराया करते थे। पुस्तकें ज्ञान का भंडार होते हैं और इनका साथ आपके जीवन में कई परिवर्तन ला सकता है। बच्चों के लिये उनसे संबंधित, बड़ो के लिये उनसे संबंधित। एक पुस्तक कभी आपको धोखा नहीं देता और सदैव आपके ज्ञान को बढाता ही है।

पुस्तक के महत्व

आप इसमें रोचक कहानियां, देश दुनिया में होने वाली गतिविधियाँ, कुछ नया सीखने का तरीका, आदि आसानी से सीख सकते हैं। पुस्तक पढ़ना एक अच्छी आदत है और हम सबको इन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। हमारे इतिहास में कई महापुरुष रहे हैं और उनके वक्तव्य और ज्ञान भरी बातों को हम आसानी से पुस्तकों में पढ़ सकते हैं। जैसे की गांधीजी, जो भले आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी विचार धारा अभी भी जिन्दा है।

पुस्तकों के आविष्कार के कारण ही हम अपने इतिहास को जान पाए। हम सभी को पुस्तक पढ़ने की आदत डालनी चाहिए और अपने ज्ञान को सभी के साथ साझा करना चाहिए।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Book in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

देखा जाये जो पुस्तकों की मौजूदगी का सबूत हमारे वेद और पुराण देते हैं, लेकिन इनका सही मायनों में विकास कई वर्षों बाद हुआ। पुस्तकों का उपयोग हम ज्ञान के संग्रहण के लिये करते हैं। पहले के ज़माने में लोग मौखिक रूप से शिक्षा लिया करते थे। गुरु अपने गुरुओं से जो ज्ञान प्राप्त करते थे वही अपने शिष्यों को भी दिया करते थे। परंतु यह तो निश्चित ही था की, इस प्रकार कुछ न कुछ ज्ञान छूट ही जाया करता होगा। फिर कागज की खोज के बाद, लोग अपनी कक्षा में सीखी गयी बातों को लिख लिया करते थे। और शायद यही वजह है की आगे चल कर हमे अपने इतिहास संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त हो पाई।

पुस्तक का इतिहास

एक बार पन्नों का आविष्कार हो जाने के बाद, लोगों ने लिखना शुरू कर दिया और पहले पुस्तक हस्तलिखित ही हुआ करते थे। सन् 1440 में फ़्रांस में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे पूरे विश्व में इसका प्रचलन हो गया। इसके बाद पुस्तकों का मुद्रित माध्यम समाज में उपलब्ध होने लगा। 1455 में पहला पुस्तक छपी जो की बाइबिल थी।

पुस्तकों का उपयोग

पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ो तक सब के लिये महत्त्वपूर्ण होते हैं। बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुस्तकों के माध्यम से लेते हैं, तो वही बुजुर्ग उसे अपने मनोरंजन के साधन के रूप में या धार्मिक कार्यों की पूर्ती हेतु करते हैं। अर्थात वे हर क्षेत्र और उम्र में जरुरी होते हैं।

आज कल पुस्तक कई प्रकार के मिलने लगे हैं, जैसे की ऑनलाइन और ऑफ़लाइन। वे पुस्तक जिन्हें आप अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पढ़ सकते हैं, वे ऑनलाइन वाले होते हैं। ये बहुत ही बेहतरीन होते हैं और इनको आप आराम से अपने फोन या लैपटॉप में पढ़ सकते हैं। इनके कही भी ले जाना बड़ा आसान होता है और फटने और कीड़े लगने से सुरक्षित भी रखा जा सकता है।

दुसरे होते है मुद्रीत यानी ऑफलाइन, ऐसे पुस्तक जो हम अपने स्कूलों और घरों में अक्सर देखते हैं। जो कागज के बने होते हैं। इनके भी अपने फायदे हैं जैसे की कभी कोई निशान लगाना हुआ तो लोग पढ़ते-पढ़ते इनपर निशान भी लगा लेते हैं और कुछ लिख भी सकते हैं। कई लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं तो कुछ ऑनलाइन पुस्तकों को।

जमाना चाहे जो भी हो, पुस्तकें सदैव जरुरी रहे हैं और रहेंगे। सदैव पढ़ने की आदत डाले क्यों की यह एक बहुत अच्छी आदत है और हमे इसे अवश्य अपनाना चाहिए। इससे आप कभी निराश नहीं होंगे और यह आपको सदैव कुछ नया ही सिखाती है। तो पढ़ते रहें और लोगों को पढ़ने के लिये प्रेरित करते रहें।

निबंध – 3 (500 शब्द)

पुस्तक ज्ञान का सागर होता है और इसे पढ़ने के बाद आपको कभी हीरा तो कभी मोती जैसे जवाहरात प्राप्त होते हैं। कई बार ये हमारे विषय होते हैं जैसे की विज्ञान, गणित, उपन्यास, साहित्य, आदि। ये आपके अवश्यकता के अनुसार आप कोई भी विषय चुन सकते हैं। जरुरी नहीं की ये आपके पाठ्य क्रम से संबंधित हों, कई बार लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने हेतु विभिन्न पुस्तकें पढ़ते हैं।

पुस्तकों का महत्त्व और विकास

पुस्तक ज्ञान के साधन के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम होते हैं। कुछ पुस्तकें आपको हँसा सकती हैं, तो वहीँ कुछ अपनी रोचक कहानियों के साथ आपको रुला भी सकती हैं। जैसे की दुनिया में अलग-अलग क्षेत्र होते हैं वैसे ही पुस्तकें भी होती हैं। जैसे की डॉक्टरों के लिये अलग किताबें होती हैं और इंजीनियरिंग के लिये अलग।

आप चाहे जिस क्षेत्र में भी जाएँ वे पुस्तकें ही हैं जो आपके सच्चे साथी के रूप में हर जगह काम आयंगे। आज हम अपने इतिहास को पुस्तकों की वजह से ही जानते हैं। हम विकास कैसे करते हैं? इन पुस्तकों के माध्यम से, क्यों की जब हमे पता होगा की ‘अ’ और ‘ब’ को मिलाने से ‘अब’ बनता है तभी न हम आगे के वाक्य पर ध्यान देंगे। नहीं तो हर नए युग के साथ नयी भाषा की ही खोज करते रह जाते।

पुराने काल में लोग मौखिक ज्ञान लिया करते थे और सबसे पहले पत्तों पर लिखा गया जो धीरे-धीरे कागज में परिवर्तित हो गया। और उसी का परिवर्तित रूप का उपयोग आज हम पन्नों के रूप में लिखने एवं पढ़ने दोनों के लिये करते हैं। जो की पहले हस्तलिखित रूप में उपलब्ध थे, और धीरे-धीरे प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार के बाद पुस्तकों का मुद्रण किया जाने लगा।

पुस्तक आपके सच्चे साथी

पुस्तक आपका साथ कभी नहीं छोड़ते, कई बार आपने स्वयं को अकेला पाया होगा और कभी-कभी ऐसे स्थिति में हमारे परम मित्र भी साथ नहीं होते, लेकिन पुस्तक सदैव आपके साथ होते हैं। उनके रहते न तो आपको अकेलापन महसूस होता है और न तो वे कभी आपको धोका देते हैं। कभी वे अपने मजेदार कहानियों के माध्यम से आपको गुदगुदाते हैं तो कभी कथानायक की पीड़ा आपके आँखों में आसूं ला देती है। एक बार अगर आपने पुस्तकों को अपने साथी के रूप में चुन लिया तो उसके बाद न तो कभी आपको अकेलापन सताता है और न ही किसी के समय अनुसार आपको समायोजित करना पड़ता है।

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की पुस्तक आपके अच्छे साथी होते हैं, उनका विकास समय के अनुसार होता चला गया और दिन प्रति दिन नए-नए विकास होते चले जा रहे हैं जैसे की अब आप ऑनलाइन भी पुस्तक पढ़ सकते हैं, चाहे वो बच्चों का पञ्चतंत्र की कहानियां हो या अरस्तु का नाट्य शास्त्र। सब कुछ ऑनलाइन मिल जाते हैं और आप आराम से पढ़ सकते हैं। इनकी खासियत यह होती है की ये खराब नहीं होते और इन्हें आसानी से अपने फ़ोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें आप अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं और इनका आनंद उठा सकते हैं।

Essay on Book in Hindi

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
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  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
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  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
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  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
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  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
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  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
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  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
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  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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COMMENTS

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