दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

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दिवाली पर निबंध Diwali Par Nibandh

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दिवाली: रोशनी, खुशी और नवीकरण का त्योहार

दिवाली पर निबंध

दिवाली जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है भारत और दुनिया भर में हिंदुओं के बीच सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह अंधकार पर प्रकाश की बुराई पर अच्छाई की अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है प्रत्येक दिन का अपना अनूठा महत्व और अनुष्ठान होते हैं। यह निबंध दिवाली के विविध पहलुओं की पड़ताल करता है इसके ऐतिहासिक मूल सांस्कृतिक महत्व व रीति-रिवाजों और इस चमकदार त्योहार के आधुनिक उत्सव पर प्रकाश डालता है।

दिवाली की ऐतिहासिक जड़ें

दिवाली की जड़ें प्राचीन भारत में खोजी जा सकती हैं जहां इसकी उत्पत्ति फसल उत्सव के रूप में हुई जो अंधेरे पर सूर्य की जीत का प्रतीक है। हालाँकि यह त्यौहार विभिन्न परंपराओं में गहरा धार्मिक और पौराणिक महत्व रखता है।

दिवाली से जुड़ी एक प्रमुख कहानी राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी है। महाकाव्य रामायण के अनुसार भगवान राम अपनी पत्नी सीता और वफादार साथी हनुमान के साथ दिवाली के शुभ दिन पर अयोध्या लौटे थे। अयोध्या के लोगों ने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया जिससे एक ऐसा नजारा पैदा हुआ जो आधुनिक दिवाली समारोहों में दोहराया जाता है।

दिवाली पर निबंध

एक अन्य किंवदंती में दिवाली भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर को हराने और उसके आतंक के शासन को समाप्त करने की कहानी से जुड़ी है। यह दिन मुख्य दिवाली उत्सव से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के पांच दिन 

दिवाली जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है एक पांच दिवसीय त्योहार है जो हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है और पूरे भारत में और विश्व स्तर पर हिंदू समुदायों के बीच बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली के प्रत्येक दिन के अपने अनूठे रीति-रिवाज और अनुष्ठान होते हैं जो समग्र उत्सव की भावना में योगदान करते हैं। यहां दिवाली के पांच दिनों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

1. दिवाली में “ धनतेरस” का महत्व

तिथि: यह त्योहार धनतेरस से शुरू होता है जो चंद्र माह के अंधेरे पखवाड़े के 13वें दिन पड़ता है।

महत्व: धनतेरस धन और समृद्धि से जुड़ा है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। इस दिन सोना व चांदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

2. दिवाली में “ नरक चतुर्दशी” या “छोटी दिवाली” का महत्व

दिनांक: दूसरे दिन को अक्सर छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है और यह कृष्ण पक्ष के 14वें दिन पड़ता है।

महत्व: यह दिन राक्षस नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाता है। लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए तेल से स्नान करते हैं दीपक जलाते हैं और उत्सव के भोजन में शामिल होते हैं।

3. दिवाली में “ दिवाली (मुख्य दिन)” का महत्व 

तिथि: तीसरा दिन दिवाली का मुख्य दिन है जो कृष्ण पक्ष के 15वें दिन मनाया जाता है।

Essay on Diwali in Hindi

महत्व: दिवाली राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। घरों को साफ किया जाता है और सजाया जाता है और अंधेरे पर प्रकाश की विजय के प्रतीक के रूप में मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं। लोग आतिशबाजी करते हैं उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं।

4. दिवाली में “ गोवर्धन पूजा”   का महत्व

दिनांक: चौथा दिन गोवर्धन पूजा दिवाली के बाद शुक्ल पक्ष के पहले दिन मनाया जाता है।

महत्व: गोवर्धन पूजा भगवान इंद्र के प्रकोप से ग्रामीणों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने से जुड़ी है। भक्त गाय के गोबर की छोटी-छोटी पहाड़ियाँ बनाते हैं और उनकी पूजा करते हैं जो गोवर्धन पहाड़ी का प्रतीक है।

5. दिवाली में “ भाई दूज” का महत्व

तिथि: पांचवां और अंतिम दिन भाई दूज शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन पड़ता है।

महत्व: भाई दूज भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं उनके माथे पर टीका लगाती हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करती हैं। यह भाई-बहनों के बीच प्यार और सुरक्षा का प्रतीक है।

दिवाली का प्रत्येक दिन समग्र उत्सव में अर्थ की एक परत जोड़ता है और त्योहार अपने विविध अनुष्ठानों और परंपराओं के साथ प्रतिबिंब व कृतज्ञता और रिश्तों के नवीनीकरण के समय के रूप में कार्य करता है।

दिवाली का सांस्कृतिक महत्व

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो धार्मिक सीमाओं से परे है और भारत में विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है क्योंकि लोग खुशी व आशीर्वाद और सद्भावना साझा करने के लिए एक साथ आते हैं।

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली के दौरान दीपक जलाना केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं है यह शाब्दिक और रूपक दोनों ही दृष्टियों से अंधकार को दूर करने का प्रतीक है। रोशन घर और सार्वजनिक स्थान एक जादुई माहौल बनाते हैं जो अज्ञान पर प्रकाश और अंधेरे पर ज्ञान की विजय को दर्शाते हैं।

दिवाली के दौरान मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान बंधनों की मजबूती और प्यार और स्नेह की अभिव्यक्ति का प्रतीक है। परिवार और दोस्त भोजन साझा करने व आतिशबाजी का आनंद लेने और उत्सव की भावना में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली की अनुष्ठान और परंपराएँ

1. सफाई और सजावट.

Diwali Par Nibandh

दिवाली से पहले के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है घरों की पूरी तरह से सफाई और सजावट करना। इसका उद्देश्य देवी लक्ष्मी का स्वच्छ और सुसज्जित स्थान पर स्वागत करना है। रंगोली, रंगीन पाउडर व चावल या फूलों की पंखुड़ियों का उपयोग करके फर्श पर बनाए गए रंगीन पैटर्न सजावट का एक सामान्य रूप है।

2. दीपक जलाना (दीया और दीपम)

दीपक जलाना दिवाली समारोह का केंद्र है। अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में घरों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों को दीयों (छोटे मिट्टी के दीपक) या दीपम (तेल के दीपक) से सजाया जाता है।

दिवाली पर निबंध

3. आतिशबाजी.

आतिशबाजी फोड़ना एक पारंपरिक दिवाली गतिविधि है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करती है। हालाँकि हाल के दिनों में पर्यावरणीय प्रभाव और आतिशबाजी से जुड़े सुरक्षा खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है जिससे पर्यावरण-अनुकूल समारोहों के बारे में चर्चा होने लगी है।

4. पूजा और प्रार्थना

दिवाली प्रार्थना और प्रार्थना का समय है। परिवार मंदिरों में जाते हैं घर पर लक्ष्मी पूजा करते हैं और समृद्धि और कल्याण के लिए परमात्मा का आशीर्वाद मांगते हैं।

5. उपहार देना 

दिवाली के दौरान उपहारों का आदान-प्रदान एक आम बात है। यह एक दूसरे के प्रति प्यार और प्रशंसा व्यक्त करने का एक तरीका है। पारंपरिक मिठाइयाँ व सूखे मेवे और सजावटी वस्तुएँ लोकप्रिय दिवाली उपहार हैं।

Diwali Par Nibandh

दिवाली स्वादिष्ट दावतों का पर्याय है। इस खुशी के अवसर का जश्न मनाने के लिए विभिन्न प्रकार की मिठाइयों और स्वादिष्ट व्यंजनों सहित विस्तृत भोजन तैयार किया जाता है।

Diwali Recipe in Hindi

दिवाली एक आधुनिक उत्सव

पुराने समय में दिवाली उत्सव पारंपरिक अनुष्ठानों से परे गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करने के लिए विकसित हुआ है। विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के उत्सव में शामिल होने के साथ त्योहार ने अधिक वैश्विक और समावेशी स्वरूप ले लिया है।

Diwali Essay in Hindi

1. पर्यावरण-अनुकूल समारोह.

दिवाली समारोहों के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ रही है खासकर आतिशबाजी के संबंध में। कई व्यक्ति और समुदाय पर्यावरण-अनुकूल उत्सवों को चुन रहे हैं सजावट के लिए प्राकृतिक सामग्रियों के उपयोग और हानिकारक पदार्थों के उपयोग को कम करने पर जोर दे रहे हैं।

दिवाली पर निबंध

2. सामुदायिक कार्यक्रम

दिवाली सामुदायिक कार्यक्रमों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का एक अवसर बन गई है। सार्वजनिक स्थानों को रोशनी और सजावट से सजाया जाता है और समुदाय व्यापक दर्शकों के साथ दिवाली की भावना को साझा करने के लिए सांस्कृतिक शो व मेलों और प्रदर्शनियों जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

3. अभिनव सजावट

रंगोली की पारंपरिक कला ने स्टेंसिल व फूलों और यहां तक कि प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ नवीन रूप ले लिया है। कई व्यक्ति और समुदाय अपनी रचनात्मकता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए रंगोली प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।

4. वैश्विक समारोह

दिवाली अब दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मनाई जाती है, जो वैश्विक भारतीय प्रवासी को दर्शाती है। इसे विभिन्न संस्कृतियों में मान्यता प्राप्त है और स्वीकार किया जाता है और प्रमुख शहरों में प्रतिष्ठित स्थलों को अक्सर त्योहार के जश्न में रोशन किया जाता है।

5. डिजिटल समारोह

प्रौद्योगिकी के युग में दिवाली समारोह डिजिटल प्लेटफार्मों तक फैल गया है। लोग आभासी शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं ऑनलाइन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और अपने उत्सव के अनुभवों को व्यापक दर्शकों के साथ साझा करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।

दिवाली और सामाजिक सद्भाव

दिवाली अपने मूल में करुणा प्रेम और बुराई पर अच्छाई की विजय जैसे मूल्यों का उत्सव है। यह आत्मनिरीक्षण व आत्म-सुधार और समुदाय के भीतर सकारात्मक संबंधों को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।

Essay on Diwali in Hindi

मित्रों और परिवार से मिलने उपहारों का आदान-प्रदान करने और सांप्रदायिक समारोहों में भाग लेने की परंपरा सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देती है और समाज के ताने-बाने को मजबूत करती है। दिवाली एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है कि विविध पृष्ठभूमि और मान्यताओं के बावजूद खुशी और प्रकाश का सामूहिक उत्सव मतभेदों को दूर कर सकता है और समुदायों को एकजुट कर सकता है।

चुनौतियाँ और विचार

जबकि दिवाली खुशी और उत्सव का समय है त्योहार से जुड़ी कुछ चुनौतियों के प्रति सचेत रहना आवश्यक है:

1. पर्यावरणीय प्रभाव

दिवाली के दौरान आतिशबाजी छोड़ने से वायु और ध्वनि प्रदूषण के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। पर्यावरण से समझौता किए बिना खुशी व्यक्त करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल उत्सवों और वैकल्पिक तरीकों को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

2. उपभोक्तावाद

दिवाली सहित त्योहारों के व्यावसायीकरण के कारण उपभोक्तावाद पर ध्यान बढ़ा है। त्योहार के भौतिक पहलुओं का आनंद लेने और इसके गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर विचार करने के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।

3. सुरक्षा संबंधी चिंताएँ

दिवाली के दौरान आतिशबाजी के उपयोग से सुरक्षा संबंधी खतरे उत्पन्न होते हैं। त्योहार के दौरान दुर्घटनाएं, चोटें और आग की घटनाएं आम हैं। जन जागरूकता अभियान जिम्मेदार और सुरक्षित समारोहों के महत्व पर जोर देते हैं।

दिवाली रोशनी का त्योहार व खुशी व आशा और सांस्कृतिक समृद्धि का सार समाहित करता है। इसकी ऐतिहासिक जड़ें व विविध अनुष्ठान और आधुनिक उत्सव इस त्योहार की बहुमुखी प्रकृति को दर्शाते हैं। दीयों के चमकदार प्रदर्शन और उपहारों के आदान-प्रदान से परे दिवाली प्रतिबिंब व कृतज्ञता और आंतरिक प्रकाश की खोज का समय है।

जैसे-जैसे दिवाली विकसित हो रही है इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जो व्यक्तियों और समुदायों को अनुकूलन करने और जश्न मनाने के लिए अधिक टिकाऊ और सार्थक तरीके खोजने के लिए प्रेरित करती है। यह त्यौहार एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि जीवन की चुनौतियों और जटिलताओं के बीच अच्छाई और ज्ञान का प्रकाश अंधकार को दूर कर सकता है और एक उज्जवल अधिक सामंजस्यपूर्ण भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उत्सवों की एकता में दिवाली आशा की किरण के रूप में खड़ी है जो लोगों को प्रेम, करुणा और साझा मानवता के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

Diwali Nibandh Hindi

दिवाली जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व सहित विभिन्न कारणों से मनाई जाती है। इस त्यौहार का गहरा अर्थ है जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के साथ-साथ विश्व स्तर पर हिंदुओं के बीच भी अलग-अलग है। दिवाली क्यों मनाई जाती है इसके कुछ प्राथमिक कारण यहां दिए गए हैं:

1. अंधकार पर प्रकाश की विजय

दिवाली का एक केंद्रीय विषय अंधकार पर प्रकाश की विजय है। दीपक और मोमबत्तियाँ जलाना बुराई पर अच्छाई की जीत अज्ञान पर ज्ञान की जीत और स्वयं के भीतर और दुनिया में अंधेरे को दूर करने का प्रतीक है।

2. धार्मिक महत्व

विभिन्न परंपराओं में दिवाली का धार्मिक महत्व है। हिंदुओं के लिए यह राक्षस राजा रावण पर विजय के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। कुछ क्षेत्रों में दिवाली धन की देवी देवी लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा से जुड़ी है।

3. ऐतिहासिक एवं पौराणिक घटनाएँ

दिवाली कई ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं से जुड़ी है। भगवान राम की वापसी के अलावा यह भगवान कृष्ण की राक्षस नरकासुर पर विजय और गोवर्धन पर्वत को उठाने से भी जुड़ा है। ये घटनाएँ धार्मिकता की विजय और बुरी ताकतों पर विजय का प्रतीक हैं।

4. फसल उत्सव

कुछ कृषि समुदायों में दिवाली को फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह फसल के मौसम के अंत और एक नए कृषि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। किसान भरपूर फसल के लिए आभार व्यक्त करते हैं और आगामी वर्ष में समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।

5. सांस्कृतिक एकता 

Diwali Par Nibandh

दिवाली एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करती है जो विविध सांस्कृतिक व भाषाई और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाती है। यह एक ऐसा समय है जब परिवार जश्न मनाने उपहारों का आदान-प्रदान करने और सामाजिक बंधनों को मजबूत करने के लिए एक साथ आते हैं। यह त्यौहार समुदाय और सामूहिक आनंद की भावना को बढ़ावा देता है।

6. नवीकरण और नई शुरुआत

दिवाली को नवीनीकरण और नई शुरुआत के समय के रूप में देखा जाता है। घरों की सफाई और सजावट, नए कपड़ों की खरीदारी और उपहारों का आदान-प्रदान एक नई शुरुआत का संकेत देता है। यह आत्म-चिंतन व आत्म-सुधार और नकारात्मकता को दूर करने का समय है।

7. व्यावसायिक और आर्थिक महत्व

दिवाली का आर्थिक महत्व भी है इसे व्यवसायों के लिए एक शुभ समय माना जाता है और कई व्यापारी और व्यापारी इस अवधि के दौरान नई खाता बही या बहीखाता शुरू करते हैं। यह त्योहार समृद्धि से जुड़ा है और लोग अक्सर इस दौरान महत्वपूर्ण खरीदारी करते हैं।

8. खुशी और उत्सव

दिवाली खुशी व उत्सव और उल्लास का त्योहार है। आतिशबाजी फोड़ना व घरों को दीयों से रोशन करना विशेष व्यंजनों की तैयारी और मिठाइयों का आदान-प्रदान उत्सव के माहौल में योगदान देता है। यह एक ऐसा समय है जब लोग खुशियाँ साझा करने और सद्भावना फैलाने के लिए एक साथ आते हैं।

संक्षेप में दिवाली का उत्सव बहुआयामी है जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक आयाम शामिल हैं। यह प्रकाश और अंधकार के बीच शाश्वत संघर्ष की याद दिलाता है और व्यक्तियों को धार्मिकता व प्रेम और करुणा जैसे मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह त्यौहार अपने समृद्ध प्रतीकवाद और परंपराओं के साथ दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए गहरा महत्व रखता है।

Diwali Recipe in Hindi

दिवाली व्यंजनों का संकलन प्रकाश और अंधकार के बीच के त्योहार से जुड़ी विविध और सांस्कृतिक उत्सव व्यंजन परंपराओं की एक रोमांचक खोज है। दिवाली न केवल जीवंत उत्सवों का समय है बल्कि विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट और उत्सवपूर्ण व्यंजनों का आनंद लेने का भी क्षण है। इस व्यापक गाइड में हम पारंपरिक मिठाइयों और स्नैक्स से लेकर ताज़ा पेय पदार्थों तक दिवाली के व्यंजनों की एक श्रृंखला का विवरण देंगे जो आपको इस खुशी के अवसर के दौरान स्वादों की एक समृद्ध प्रदान करेगा।

दिवाली पर निबंध

रसगुल्ला की रेसिपी नरम और स्पंजी भारतीय मिठाई

रसगुल्ला बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री, rasgulla recipe in hindi, रसगुल्ला लड्डू (बॉल्स) बनाने के लिए:.

1. 1 लीटर पूर्ण वसा वाला दूध 2. 2 बड़े चम्मच नींबू का रस या सिरका 3. 1 कप बर्फ के टुकड़े 4. 2 कप चीनी 5. 4 कप पानी

चीनी सिरप बनाने के लिए:

1. 1.5 कप चीनी 2. 4 कप पानी 3. 1/2 चम्मच इलायची पाउडर 4. कुछ केसर के धागे (वैकल्पिक)

रसगुल्ला बनाने के लिए जरुरी प्रक्रिया:

1. छेना (पनीर) तैयार करें:.

1. एक भारी तले वाले पैन में दूध को उबाल लें। 2. दूध के फटने तक धीरे-धीरे नींबू का रस या सिरका मिलाएं। 3. जब मट्ठा दही से अलग हो जाए तो इसे मलमल के कपड़े से छान लें। 4. नींबू जैसा स्वाद हटाने के लिए छैना को ठंडे पानी से धो लें।

2. छेना को गूथ लीजिये:

1. छैना को एक साफ सतह पर रखें और इसे लगभग 10-15 मिनट तक गूंधें जब तक कि यह चिकना और नरम न हो जाए। 2. यह जांचने के लिए कि यह तैयार है या नहीं एक छोटा टुकड़ा लें और इसे एक गेंद में रोल करें। यदि यह बिना टूटे एक साथ रहता है तो यह तैयार है।

3. रसगुल्ला लड्डू (बॉल्स) को आकार दें:

1. छैना को छोटे-छोटे भागों में बाँट लें और उन्हें बिना किसी दरार के चिकने गोले बना लें। 2. गोले छोटे रखें क्योंकि पकाने के दौरान वे फैलेंगे।

4. चीनी सिरप तैयार करें:

1. एक चौड़े पैन में चीनी, पानी, इलायची पाउडर और केसर मिलाएं। 2. इसे उबालें और तब तक पकाएं जब तक कि चीनी पूरी तरह से घुल न जाए।

5. रसगुल्ला लड्डू (बॉल्स) को पकाएं:

1. धीरे से छेना बॉल्स को उबलती हुई चीनी की चाशनी में डालें। 2. ढककर मध्यम आंच पर लगभग 15-20 मिनट तक पकाएं। गेंदें आकार में दोगुनी हो जाएंगी।

6. रसगुल्ला के लड्डू (बॉल्स) के तैयार होने की जांच करें:

1. यह पक गया है या नहीं यह जांचने के लिए एक रसगुल्ला लें और इसे धीरे से दबाएं। यदि यह वापस आता है तो वे तैयार हैं। 2. आंच बंद कर दें और इन्हें चाशनी में ठंडा होने दें।

7. रसगुल्ला के तैयार होने के बाद गरमा गर्म परोसना:

1. एक बार ठंडा होने पर कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखें। 2. रसगुल्लों को ठंडा करके चाहें तो कटे हुए पिस्ता या केसर के धागों से सजाकर परोसें।

घर पर बने इन रसगुल्लों की मुलायम और स्पंजी लड्डू (बॉल्स) खूबियों का आनंद लें!

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Diwali Essay in Hindi दिवाली पर निबंध Diwali  Par Nibandh, Essay on Diwali in Hindi

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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

essay on diwali in hindi

Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।

10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

यह भी पढ़ें –  दिवाली की शुभकामनाएं – Diwali ki Shubhkamnaye

(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

india space photo on diwali

दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

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दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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दिवाली पर निबंध

diwali festival essay in hindi images

By विकास सिंह

essay on diwali in hindi

दिवाली रोशनी का त्योहार है। यह पूरे भारत में बहुत धूमधाम और जलवे के साथ मनाया जाता है। त्योहार का माहौल दिवाली से पहले शुरू होता है। लोग नए कपड़ों की खरीदारी करते हैं, अपने घरों को साफ करते हैं और दिवाली के दौरान अपने निकट और प्रियजनों के लिए उपहार खरीदते हैं।

दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (200 शब्द)

दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दीपावली उत्सव की तैयारी त्योहार से हफ्तों पहले शुरू होती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ करके तैयारियों से शुरुआत करते हैं। दिवाली से पहले घरों, दुकानों और कार्यालयों के हर नुक्कड़ की सफाई की जाती है। फिर उन्हें रोशनी, लैंप, फूलों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

इस त्योहार पर लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े, घर की सजावट का सामान और उपहारों की खरीदारी करते हैं। इस समय के आसपास कई तरह के गिफ्ट आइटम और मिठाइयों से बाजार भर गए हैं। कारोबारियों के लिए अच्छा समय है। यह हमारे निकट और प्रिय लोगों के साथ बंधन का भी एक अच्छा समय है। लोग इस समय के आसपास एक-दूसरे के पास जाते हैं और उत्सव के एक भाग के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।

दिवाली के दिन, लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रोशनी से रोशन करते हैं। वे रंगोली भी बनाते हैं और अपने घरों को फूलों से सजाते हैं। देवी और लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने की रस्म हर हिंदू घर में दिवाली के अवसर पर अपनाई जाती है। कहा जाता है कि इससे समृद्धि और सौभाग्य आता है।

दीपों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, दीवाली सभी देवताओं की पूजा करने, पटाखे जलाने, मिठाई खाने और प्रियजनों के साथ मिलन करने के बारे में है। इसे हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (300 शब्द)

diwali

प्रस्तावना:

दीपावली को दीपावली अर्थात दीए की एक पंक्ति के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हर साल भगवान राम की उनके राज्य अयोध्या में वापसी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के लिए कई रस्में निभाई जाती हैं।

रोशनी का त्योहार:

प्रकाश दीप इस हिंदू त्योहार के मुख्य अनुष्ठानों में से एक है। लोग हर साल सुंदर मिट्टी के बर्तन खरीदते हैं और अपने पूरे घर को दिवाली उत्सव के एक हिस्से के रूप में रोशन करते हैं। कहा जाता है कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के स्वागत के लिए पूरे अयोध्या नगरी को दीपों से रोशन किया गया था। लोग आज भी इस अनुष्ठान का पालन करते हैं। यह देवताओं को प्रसन्न करने का एक तरीका है।

इस दिन घरों, बाजारों, कार्यालयों, मंदिरों और अन्य सभी स्थानों को रोशनी से रोशन किया जाता है। सुंदरता में इजाफा करने के लिए मोमबत्तियां, दीये और सजावटी लाइटें भी जलाई जाती हैं। रंगोली बनाई जाती है और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए कला की इन खूबसूरत कृतियों के बीच दीया लगाया जाता है।

उपहारों का आदान-प्रदान:

उपहारों का आदान-प्रदान दिवाली त्योहार के मुख्य अनुष्ठानों में से एक है। लोग अपने सहयोगियों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और अपने बंधन को मजबूत करने के लिए उन्हें उपहार भेंट करते हैं। हिंदू संस्कृति हमें एक-दूसरे के साथ रहना सिखाती है। मुख्य हिंदू त्योहारों में से एक, दीवाली, विविधता के बीच भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देती है।

पहले के समय में ड्राई फ्रूट की मिठाइयों और बक्सों का आदान-प्रदान आम बात थी, इन दिनों लोग अनोखे और इनोवेटिव गिफ्ट आइटम्स की तलाश में रहते हैं। इन दिनों बाजार में कई प्रकार के दिवाली उपहार उपलब्ध हैं।

लोग अपने कर्मचारियों के लिए उपहार भी खरीदते हैं और घर में मदद करते हैं। कई लोग अनाथालय और वृद्धाश्रम भी जाते हैं और वहां उपहार बांटते हैं।

निष्कर्ष:

लोग साल भर दीवाली का इंतजार करते हैं और इसके उत्सव की तैयारियां त्योहार से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती हैं। लोग उल्लासपूर्वक इससे जुड़े सभी अनुष्ठान करते हैं।

दिवाली पर निबंध, diwali essay in hindi (400 शब्द)

diwali

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के दौरान अमावस्या (अमावस्या) को पड़ती है। यह हिंदू धर्म में सबसे शुभ समयों में से एक माना जाता है। लोग नए व्यवसाय को शुरू करने, नए घर में शिफ्ट होने या बड़ी संपत्ति जैसे कार, दुकान, आभूषण आदि खरीदने के लिए साल के इस समय का इंतजार करते हैं। इस त्योहार के जश्न के साथ कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोग इसे विभिन्न कारणों से मनाते हैं। हालांकि, यह हर जगह एक भव्य उत्सव का आह्वान करता है।

सफाई और सजावट:

दिवाली का जश्न घरों और कार्य स्थलों की सफाई के साथ शुरू होता है। पर्दे धोने से लेकर पंखे की सफाई तक, घर के हर कोने की सफाई से लेकर बेकार के पुराने सामान को त्यागने तक – दिवाली घरों की सफाई के साथ-साथ काम की जगहों के लिए भी समय है। कई सफाई एजेंसियां ​​दिवाली के आसपास विशेष छूट और ऑफ़र देती हैं और अच्छा व्यवसाय करती हैं।

लोग अपने स्थानों को पुनर्वितरित करने के लिए विभिन्न घरेलू सजावट वस्तुओं की खरीदारी भी करते हैं। घरों को दीयों, रोशनी, लालटेन, मोमबत्तियों, फूलों, ड्रेप्स और कई अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

आनन्द बांटना:

लोग अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों से मिलने जाते हैं। वे उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। कई लोग अपने प्रियजनों के साथ त्योहार मनाने के लिए दिवाली पार्टियों की मेजबानी करते हैं। उत्सव का आनंद इस तरह से दोगुना हो जाता है।

कई आवासीय समाज इस अवसर को मनाने के लिए दिवाली पार्टियों का आयोजन करते हैं। यह त्योहार का आनंद लेने का एक शानदार तरीका है।

देवताओं की पूजा करना:

शाम के समय देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लोग नए कपड़े पहनते हैं और देवताओं को प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

पटाखे जलाना और बढ़ता प्रदूषण:

दीवाली समारोह के एक हिस्से के रूप में पटाखे भी जलाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष इस दिन बड़ी संख्या में पटाखे जलाए जाते हैं। जबकि यह क्षणिक आनंद प्रदान करता है, इसके नतीजे बेहद हानिकारक हैं। यह वायु, ध्वनि और भूमि प्रदूषण को जोड़ता है। प्रदूषण के कारण कई लोग पीड़ित हैं।

बिना पटाखों के दिवाली और भी खूबसूरत होगी। नई पीढ़ी को पटाखे जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक होना चाहिए और इस त्योहार को आतिशबाजी के बिना मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू परंपरा का एक प्रतीक है। यह हिंदू परिवारों द्वारा साल-दर-साल खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह आनंद, प्रेम और हँसी फैलाने का समय है न कि प्रदूषण।

दीपावली पर निबंध, essay on deepawali in hindi (500 शब्द)

diwali

प्रस्तावना :

दीवाली अक्टूबर और नवंबर के मध्य के बीच में आती है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न कारणों से मनाया जाता है। कई अनुष्ठान दिवाली समारोहों का हिस्सा बनते हैं। दीया और मोमबत्तियों के साथ घरों को रोशन करना और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना मुख्य अनुष्ठानों में से एक है।

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

जबकि यह काफी हद तक माना जाता है कि दिवाली भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी के लिए मनाई जाती है, इसके साथ कई अन्य लोककथाएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। यहाँ कुछ कारणों से इस त्योहार को मनाया जाता है।

भगवान राम की वापसी:

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम चौदह वर्षों तक वनवास में रहने के बाद अपने गृहनगर अयोध्या लौटे थे। उनके साथ उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता भी थीं। सीता का अपहरण रावण ने किया था। उसे अपने राज्य में एक बंधक के रूप में रखा गया था जब तक कि भगवान राम ने उसे हराया और उसे वापस नहीं लाया। जैसे ही भगवान राम, लक्ष्मण और सीता अयोध्या लौटे, लोग रोमांचित और उत्साहित थे।

पूरे शहर को दीयों से रोशन किया गया था। मिठाइयां बांटी गईं और लोगों ने मंगल कामना की। इसी तरह हम आज भी इस दिन को मनाते रहते हैं।

हार्वेस्ट फेस्टिवल

देश के कुछ हिस्सों में, दीवाली को फसल त्योहार माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वह समय है जब चावल की खेती की जाती है। चूंकि, भारत मुख्य रूप से एक कृषि अर्थव्यवस्था है जो उत्सव का समय है। इस समय भव्य उत्सव मनाया जाता है। यह त्योहार किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है।

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कथा

ऐसा कहा जाता है कि राजा बलि ने देवी लक्ष्मी को कैद कर लिया था। यह इस दिन था कि भगवान विष्णु ने खुद को प्रच्छन्न किया और देवी को बुरे राजा से मुक्त कर दिया। दिन इस प्रकार एक उत्सव का आह्वान करता है। देश के कई हिस्सों में, लोग देवी लक्ष्मी की वापसी की खुशी के लिए दिवाली मनाते हैं।

देवी लक्ष्मी का जन्म

ऐसा कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म कार्तिक माह की अमावस्या को हुआ था। इस प्रकार, कुछ क्षेत्रों में, देवी लक्ष्मी के जन्म की खुशी मनाने के लिए दीवाली मनाई जाती है, जो इस दिन शाम के समय पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं और हिंदू उनके लिए उच्च सम्मान रखते हैं। दीवाली के दिन हर हिंदू घर में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की रस्म का पालन किया जाता है।

चाहे जो भी कारण हो, दिवाली पूरे भारत के साथ-साथ कुछ अन्य देशों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। घर की सफाई, नए कपड़ों की खरीदारी, मिठाइयाँ और उपहार, घर को सजाना, दीपों को जगाना, प्रार्थनाएँ करना, पटाखे जलाना और प्रियजनों से मिलना, ये कुछ रस्में हैं जो दिवाली पर निभाई जाती हैं।

दीवाली हमें अपने निकट और प्रिय लोगों के करीब लाती है। सभी आयु वर्ग के लोग इस त्यौहार का इंतजार करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ इसे मनाने के लिए तत्पर रहते हैं। परिवार का प्रत्येक सदस्य दीवाली उत्सव में सक्रिय भाग लेता है। लोग धार्मिक रूप से सभी अनुष्ठानों का पालन करते हैं जो दिवाली समारोहों का हिस्सा बनते हैं और उन्हें अगली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं।

दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (600 शब्द)

दिवाली हमारे प्रियजनों से मिलने और शुभकामनाएं देने, स्वादिष्ट मिठाइयां तैयार करने, नए कपड़े पहनने, घर को फिर से सजाने और देवी लक्ष्मी की पूजा करने का समय है। पटाखे जलाने का समय भी यही है। जबकि सभी दीवाली की रस्में सुंदर और पवित्र हैं, दिन को खुश करने के लिए पटाखे जलाना अधिक सराहना नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वायुमंडल में प्रदूषण को जोड़ता है।

दिवाली समारोह:

प्राचीन काल से भारत में दिवाली मनाई जा रही है। यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाने का दिन है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह दिन था जब भगवान राम 14 साल के वनवास में रहने के बाद अपने राज्य अयोध्या लौटे थे। वह राक्षस, रावण को मारकर और सीता को अपने चंगुल से मुक्त करके विजयी होकर लौटा।

प्रत्येक वर्ष दशहरे पर पूरे भारत में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दिवाली बीस दिन बाद पड़ती है। दिवाली मनाने के लिए घरों और बाजारों को सुंदर दीयों और रोशनी से रोशन किया जाता है। इन स्थानों की सुंदरता बढ़ाने के लिए रंगोली बनाई जाती है और सजावटी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है।

इस दिन पूजा की जाने वाली देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग अपने घरों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद उन्हें सजाते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी; धन की देवी, केवल उन स्थानों पर जाती हैं जो स्वच्छ और सुंदर हैं। लोग एक-दूसरे के पास जाते हैं और दिवाली समारोह के एक भाग के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। कई लोग इस दिन घर की पार्टियों की मेजबानी करते हैं।

यह हमारे रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ संबंध बनाने का एक शानदार समय है। कई कार्यालय और आवासीय सोसायटी त्योहार से एक या दो दिन पहले दिवाली पार्टियों की मेजबानी करते हैं।बच्चे इस दिन विशेष रूप से पटाखे जलाने के लिए तत्पर रहते हैं। वे चारों ओर इकट्ठा होते हैं और विभिन्न प्रकार के पटाखे जलाकर त्योहार का आनंद लेते हैं।

दिवाली प्रदूषण: चिंता का विषय

दिवाली एक शुभ दिन है। पूरा वातावरण इस समय उत्सव और उल्लास की हवा से भर जाता है। हालांकि, यह अंततः प्रदूषण से भर जाता है। इस दिन जले हुए पटाखे पूरी तरह बंद हैं। पटाखे जलाना दिवाली पर एक अनुष्ठान बताया जाता है। लोग प्रत्येक वर्ष इस दिन अनुष्ठान के नाम पर हजारों पटाखे जलाते हैं।

इससे वातावरण में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। आकाश धुंधला हो जाता है और परिणाम हानिकारक होते हैं। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का रास्ता देता है। यह विशेष रूप से दमा के रोगियों, हृदय रोगियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और शिशुओं के लिए असुरक्षित है। त्यौहार के बाद के दिनों के साथ-साथ दिवाली पर भी कदम रखना मुश्किल है।

पटाखे जलाने से न केवल वायु प्रदूषित होती है बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी होता है। यह विशेष रूप से बीमार और बुजुर्ग लोगों, छोटे बच्चों, छात्रों और जानवरों के लिए परेशान है।

इको-फ्रेंडली दिवाली: एक अच्छा विचार

समय आ गया है जब हमें जिम्मेदार नागरिकों के रूप में व्यवहार करना चाहिए और उस मामले के लिए दीवाली या किसी अन्य अवसर पर जश्न मनाने के लिए पटाखे जलाना बंद करना चाहिए। हमें पर्यावरण के अनुकूल दिवाली मनानी चाहिए।

हमें पटाखे नहीं जलाने चाहिए और अपने आसपास के लोगों को भी ऐसा करने की सलाह देनी चाहिए। पटाखे जलाने के नकारात्मक नतीजों के बारे में अपने बच्चों को बताने की जिम्मेदारी माता-पिता को लेनी चाहिए। स्कूलों में बच्चों को भी इसके बारे में संवेदनशील बनाना होगा। इससे दीवाली पर आग के कामों को नीचे लाने में मदद मिलेगी।

उन उपायों के अलावा जो लोग अपने अंत में ले सकते हैं, पटाखे की बिक्री पर एक चेक लगाना महत्वपूर्ण है। सरकार को उसी के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। पटाखे के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए या कम से कम कुछ प्रतिबंध उसी पर लगाया जाना चाहिए।

दिवाली एक पवित्र त्योहार है। हमें इसे सही तरीके से मनाकर इसकी पवित्रता को बनाए रखना चाहिए। हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के कारण पटाखे जलाने से बचना चाहिए जो अंततः पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करता है।

दिवाली पर निबंध, long essay on diwali in hindi (1000 शब्द)

diwali

प्रस्थान:

दिवाली हर साल शरद ऋतु के मौसम में पूरे भारत में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। यह लोगों द्वारा बड़ी तैयारी और अनुष्ठान के साथ मनाया जाने वाला पांच दिनों का त्योहार है।

यह हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। त्योहार के कई दिन पहले, लोग अपने घरों और कार्यालयों की सफाई, मरम्मत और सजावट शुरू करते हैं। वे नई पोशाक, दीये, दीये, मोमबत्तियाँ, पूजा सामग्री, भगवान और देवी की मूर्ति और विशेष रूप से दिवाली के लिए खाने की चीजों की सजावट करते हैं।

लोग अपने जीवन में धन और समृद्धि पाने के लिए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वे बहुत सारी रस्मों के साथ मुख्य दिवाली पर पूजा करते हैं। पूजा के बाद, वे आतिशबाजी की गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं और फिर पड़ोसियों, परिवार के सदस्यों, दोस्तों, कार्यालयों आदि के बीच एक दूसरे को उपहार वितरित करते हैं।

लोग पहले दिन धनतेरस मनाते हैं, दूसरे दिन नरका चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा) और त्योहार के पांचवें दिन भाई दूज। यह त्योहार के दिन कई देशों में आधिकारिक अवकाश बन जाता है।

पटाखों के बिना परिवार के साथ दिवाली का जश्न:

दिवाली वर्ष का मेरा पसंदीदा त्योहार है और मैं इसे अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ बहुत उत्साह के साथ मनाता हूं। दिवाली को रोशनी के त्योहार के रूप में कहा जाता है क्योंकि हम इसे बहुत सारे दीए और मोमबत्तियां जलाकर मनाते हैं।

यह एक पारंपरिक और सांस्कृतिक त्यौहार है जो प्रत्येक भारत और विदेशों में प्रत्येक हिंदू व्यक्ति द्वारा मनाया जाता है। लोग अपने घरों को बहुत सारी मोमबत्तियों और छोटे मिट्टी के तेल के लैंप से सजाते हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत का संकेत देते हैं।

परिवार के सदस्य भव्य शाम पार्टी के साथ त्योहार का स्वागत करने के लिए घर (सफाई, सजावट, आदि) तैयार करने में अपना अधिकांश समय बिताते हैं। पड़ोसी, परिवार के सदस्य और दोस्त शाम की पार्टी में एकत्रित होते हैं और रात भर पार्टी में स्वादिष्ट भारतीय व्यंजन, नृत्य, संगीत आदि का आनंद लेते हैं। व्हाइट वॉश, कैंडल लाइट और रंगोली में मकान बहुत आकर्षक लगते हैं। उच्च पिच संगीत और आतिशबाजी उत्सव को और अधिक रोचक बनाते हैं।

लोग अपनी नौकरी, कार्यालयों और अन्य कार्यों से छुट्टी लेकर अपने घर जाते हैं; छात्र दीवाली के त्योहार पर आसानी से अपने घर जाने के लिए लगभग तीन महीने पहले अपनी ट्रेन बुक करते हैं क्योंकि हर कोई इस त्योहार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ गृह नगर में मनाना चाहता है। लोग आमतौर पर त्योहार का आनंद लेते हैं, पटाखे फोड़ते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ नृत्य का आनंद लेते हैं।

हालांकि, डॉक्टरों द्वारा बाहर निकलने और पटाखों का आनंद लेना निषिद्ध है, विशेष रूप से फेफड़े या दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि से पीड़ित लोगों को, ऐसे लोगों को अत्यधिक संतृप्त भोजन और मिठाई का अधिक मात्रा में और अभाव में सेवन करने के कारण डॉक्टर का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। इन दिनों में पटाखों के कारण होने वाले व्यायाम और प्रदूषण।

दिवाली का महत्व:

दिवाली का त्यौहार लोगों द्वारा बहुत ही मस्ती और बहुत सारी मज़ेदार गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। यह वर्ष में भारतीय लोगों के लिए सबसे खुशी का अवकाश बन जाता है और महत्वपूर्ण तैयारी के साथ मनाया जाता है। यह भारतीय लोगों के लिए उच्च महत्व का त्यौहार है, जिसके दौरान लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, सजावट करते हैं, खरीदारी करते हैं, उपहार, रसोई के बर्तन, उपकरण, कार, सुनहरे गहने, आदि सहित कई नई चीजें खरीदते हैं और बहुत सारे अनुष्ठान करते हैं।

इस त्योहार को मनाने के बारे में कई प्राचीन कथाएं, किंवदंतियां और मिथक हैं। घर की लड़कियां और महिलाएं खरीदारी करती हैं और घर के दरवाजे और पैदल रास्ते के पास फर्श पर रचनात्मक पैटर्न में रंगोली बनाती हैं। क्षेत्रीय प्रथाओं और अनुष्ठानों के अनुसार इस त्योहार के उत्सव में बहुत कम विविधताएं हैं।

इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह धन की देवी, लक्ष्मी और बुद्धि के देवता, गणेश का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। इसका धार्मिक महत्व पूरे देश में इस क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग है। कहीं-कहीं यह 14 वर्षों के लंबे निर्वासन काल (हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार) के बाद अपने घर में राम, सीता और लक्ष्मण की वापसी का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

कुछ लोग वनवास के 12 साल बाद और एक साल के अगियातव (हिंदू महाकाव्य महाभारत के अनुसार) के बाद अपने राज्य में पांडवों की वापसी को याद करने के लिए इसे मनाते हैं। यह भी माना जाता है कि देवताओं और राक्षसों द्वारा समुद्र मंथन करने के बाद देवी लक्ष्मी का जन्म होने पर इसे मनाया जाना शुरू हुआ था।

दीवाली उत्सव भारत के पश्चिम और कुछ उत्तरी भागों में एक नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का संकेत देता है। यह सिख धर्म के लोगों द्वारा स्वर्ण मंदिर को जलाकर बांदी छोर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह जैन धर्म के लोगों द्वारा महावीर द्वारा प्राप्त निर्वाण को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।

दिवाली पर प्रदुषण:

इस त्यौहार के दौरान विभिन्न प्रकार के पटाखों के फटने के कारण, दिवाली उत्सव के साथ-साथ, पूरे विश्व में पर्यावरण प्रदूषण में अप्रत्यक्ष वृद्धि हुई है। इस तरह के पटाखे बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि वे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और इतने पर आदि जैसे जहरीले प्रदूषक छोड़ते हैं जो हवा में मिल जाते हैं और विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, उच्च रक्तचाप आदि का कारण बनते हैं।

यह सभी लोगों को प्रभावित करता है। आयु वर्ग हालांकि उन लोगों को जो पहले से ही किसी भी प्रकार की बीमारी से पीड़ित हैं। मानव के साथ मिलकर, यह वायु और ध्वनि प्रदूषण के कारण जानवरों, पक्षियों और अन्य जीवित प्राणियों को भी प्रभावित करता है।

पूरे देश में प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने के लिए अब सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों और विभिन्न संगठनों ने प्रदूषण मुक्त त्योहार के लिए छात्रों को शिक्षित और जागरूक करने के लिए उत्सव से पहले विभिन्न प्रदर्शनों का आयोजन किया।

पर्यावरण और प्रदूषण विभाग भी विभिन्न अखबारों में प्रदूषण मुक्त समाचार प्रकाशित कर जागरूक लोगों को जागरूक करते हैं और पटाखों की वजह से ध्वनि और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष रूप से रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच फटने वाले ध्वनि-पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

वायु और जल प्रदूषण भी आतिशबाजी के अवशेषों के क्षय और कचरे की खाली पड़ी बोतलों जैसे कचरे के कारण होते हैं। हम सभी को पर्यावरण की प्राकृतिक सुंदरता को बचाने और आनंद लेने के लिए हर साल प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने का अभ्यास करना चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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दीपावली पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - दिवाली कब है - दीपावली 2021 और 2022 में कब की है - दीपावली त्योहार क्यों मनाया जाता है - दीपावली त्योहार कैसे मनाया जाता है - दीपावली से जुड़ी कुछ बुरी प्रथाएं - उपसंहार।

मेरा पसंदीदा त्योहार दिवाली है। दीपावली को दिवाली भी कहते हैं। जैसे मुसलमानों के लिए ईद है और ईसाइयों के लिए क्रिसमस है, उसी तरह दीपावली हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह रोशनी और खुशियों का त्योहार है। यह रोशनी और ध्वनि का त्योहार है। यह अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। यह त्यौहार पूरे भारत में और कुछ अन्य देशों जैसे नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार आदि में मनाया जाता है।

हर साल दिवाली अथवा दीपावली का त्योहार अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाई जाती है। इस साल अर्थात वर्ष 2021 में, दिवाली का पावन त्योहार 4 नवंबर गुरुवार को मनाई जाएगी। वही दिवाली 2022 में 24 अक्टूबर सोमवार के दिन मनाया जायेगा।

यह एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय हिंदू त्योहार है। यह पूरे भारत और दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है। इस पूजा को दुकानदार अपनी दुकान के साथ-साथ घर पर भी करते हैं।

यह त्यौहार भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास के बाद वापसी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसी दिन वे अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत के लिए दीप जलाए गए।

त्योहार मनाने की तैयारी काफी पहले से शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों की सफाई और सफेदी करते हैं। व्यवसायी अपने कार्यालयों, दुकानों और गोदामों की सफाई करते हैं। दीपावली के दिन सभी खुश होते हैं। बच्चे तरह-तरह के पटाखे और मिठाइयां खरीदते हैं। कई स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं। शाम के समय सभी लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। हर कोई धन और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली पर देवी लक्ष्मी हमसे मिलने आती हैं। बच्चे पटाखे चलाते हैं। दीये और दीप जलाए जाते हैं। आजकल घरों को सजाने के लिए बिजली की बत्तियों और दीयों का प्रयोग किया जाता है। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को मिठाई और पटाखों से बधाई देते हैं।

घरों को पूरी तरह से साफ और सफेदी कर दिया जाता है। शाम होते ही घरों में दिया, मोमबत्तियों और बिजली की रोशनी से रोशनी की जाती है। रात में पटाखे चलाए जाते हैं। बच्चों को पटाखे फोड़ते समय सावधान रहने की चेतावनी दी जाती है क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाही से आग लग सकती है।

कुछ लोग इस त्योहार को सही तरीके से मनाते हैं। लेकिन, दीपावली के मौके पर कुछ लोग जुआ खेलते हैं और शराब पीते हैं. पटाखे जलाने से कई बच्चे घायल हो जाते हैं। पटाखों का धुआं और आवाज बुजुर्गों और शिशुओं को प्रभावित करती है। कई बार दुकानों और घरों में आग लग जाती है। इससे जान-माल का भारी नुकसान होता है। इसलिए हमें पटाखों को जलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

दिवाली नए मौसम का आगमन बनाती है। यह रावण पर अपनी जीत के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी करता है। दीपावली रोशनी और खुशियों का त्योहार है। हमें कोई भी गलत काम करके इसे खराब नहीं करना चाहिए। दीपावली पर थोड़ी सी सावधानी और संवेदनशीलता सभी के लिए खुशियां ला सकती है। दिवाली शांति और आनंद लाती है और यही इसे मेरा पसंदीदा त्योहार बनाता है।

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Essay On Diwali In Hindi – दिवाली पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है। भारत में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, लोहड़ी आदि त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर सबका पसंदीदा त्योहार दीपावली ही होता है। जिसका लोग बेचैनी से इंतजार कर रहे होते है। इस त्योहार का कुछ अलग ही माहौल होता है।

Essay on Diwali in Hindi

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “दिवाली पर निबंध लिखें (Write an Essay on Diwali)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali) लिखी जा रही है।

Essay on Diwali – Introduction

हमारे देश भारत में दिवाली को दीपावली के नाम से भी जानते है। Diwali(दिवाली) के बारे में सोचते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?

जब भी दिवाली करीब आती है तो लाइट, fireworks (पटाखे), मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स आदि ऐसी चीजे मन में आती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब हमारे परिवार के सभी सदस्य दिवाली की रात मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली (Diwali) को हिंदू के सबसे बड़े festivals में से एक कहा जा सकता है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में खुशी और सुंदर भाव के साथ मनाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार हर साल october या november के महीने में होता है। यह विजयदशमी (vijayadashmi) के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। Deepawali दो शब्दों दीप या दीया और आवली शब्द से मिलकर बना है। दिवाली (Diwali) भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी हिंदुओं और अन्य गैर हिंदू समुदायों द्वारा मनाई जाती है जो वहां रहते हैं। इस त्योहार को अन्य समुदाय (बौद्ध,जैन आदि) के लोग भी मानते है। 

Essay on Diwali – दिवाली (Diwali) कैसे मनाई जाती है?

दीपावली आने के लगभग 10 दिन पहले से ही सभी घरों में साफ सफाई होने लगती है।

लोग अपने अपने घरों, दुकानों आदि की साफ सफाई में जुट जाते है। और बहुत से लोग अपने  घरों या दुकानों को नया बनाने के लिए पेंट कराते है। कहा जाता है की दीपावली पर घरों की सफाई करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इस दिन lord Ganesha और lordess lakshmi जी ही घरों में वास करते है।

बाजारों में खूब दौड़ भाग होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां और गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी lakshmi की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है।

लोग खुशी और उत्साह के साथ दिवाली का पूरा आनंद लेते हैं। इस दिन घर में तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। लोग अपने पड़ोसी और प्रिय लोगों को आमंत्रित करते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने भी जाते हैं और गिफ्ट और सूखे मेवों का आदान प्रदान भी करते हैं।

वही कुछ लोग ऐसे भी जिनके यह त्योहार कुछ अलग ही रूप से मनाया जाता है जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। जो की समाज की बहुत बुरी आदत है। कम से कम इस दिन तो ये सोच बनाके रखना चाहिए की इस पावन अवसर पर ये बुरी आदत छोड़के अपने अंदर अच्छी आदतों का वास करना चाहिए।

बच्चे इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।  उन्हें पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी में खूबसूरत रंगोली बनाने और अपने घर को सजाने में भी मजा आता है।

Essay on Diwali: इतिहास

यह त्योहार बहुत ही खूबसूरत और इमोशनल इतिहास के अंदर छिपा हुआ है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार के दिन ही भगवान राम (Ram) 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या ( Ayodhya), राक्षस रावण और उसकी सेना को हराने के बाद, लौटे थे।

अमावस(Amavasya) की रात होने के कारण Diwali के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे Ayodhya को दीपों और फूलों से श्री Ram Chandra के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो और तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

उस समय पूरे अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजकुमार राम पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिट्टी के दीये जलाकर और पटाखे फोड़कर स्वागत किया। 

दीपावली त्योहार के बारे में एक और पौराणिक कथा भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी है। कहते है इस दिन देवी lakshmi ने भगवान विष्णुओ को चुना और उनसे विवाह किया। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है।

दूसरी तरफ यह भी है की Diwali हिंदुओं का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। मुगल सम्राट जहांगीर( Jahangir) की कैद से Guru Govind की रिहाई की याद में सिख(Sikh) दीवाली मनाते हैं।

जैन धर्म में भी दीवाली को “महावीर निर्वाण दिवस” महावीर की शारीरिक मृत्यु और अंतिम मुक्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है।

बौद्ध देवी लक्ष्मी की पूजा करके diwali मनाते हैं।

दीपावली के उत्सव के बारे में एक और मिथ्या यह है कि विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर (Narkasur) को मार डाला और राक्षस नरकासुर द्वारा बंदी बनाई गई 16000 से अधिक लड़कियों को रिहा कर दिया। जिस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, उसे दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है।

लोग diwali पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं जो बाधाओं को दूर करने और तलाश करने के प्रतीक है। यह त्योहार पूरे देश का त्योहार है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के लिए इसका बहुत महत्व है और लोगों को वास्तविक सुख और शांति के महत्व को समझने की जरूरत है।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। Diwali अच्छे कर्मों में विश्वास पैदा करती है और खुशी, आनंद और बुराई के अंत का दिन है। यह भारत के प्रत्येक शहर और शहर में और विदेशों में भी भारतीयों द्वारा असाधारण उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह यूनिटी का प्रतीक बन जाता है।  भारत इस पर्व को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी मनाता आ रहा है।

यह पांच दिन तक मनाने जाना वाला त्योहार है जिसमें अच्छा भोजन, आतिशबाजी, रंगीन रेत और विशेष मोमबत्तियां और दीपक शामिल हैं।  हिंदू जहां रहते हैं उसके आधार पर दीवाली की कहानी की व्याख्या करते हैं।

दीपावली कितने दिनों तक मनाते है?

दिवाली का यह त्योहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। जिस के पहले दिन धनतेरस(Dhanteras) होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु(Metals) की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।

Deepawali का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

तीसरा दिन deepawali त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

Deepawali के चौथे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई लगातार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर बहन अपने भाई को रक्षा बांधकर मिठाई खिलाती है।

दीपावली से तमाम जानकारी प्राप्त करके हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं की दिवाली को सभी उत्साहों में से एक माना गया है जिसका एक अलग ही महत्व है। Deepawali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दीपावली के त्योहार के दिन हमें अपने अंधकार को मिटाकर दीयों और रोशनी से पूरे एनवायरनमेंट को रोशन करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली के पर्व का अर्थ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि होता है। इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे क्योंकि ऐसा करने से इस festival का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। हमे हर दुखिजनों के साथ इस पर्व को celebrate करना चाहिए।

भेदभाव और अपने अंदर की बुराइयों का त्याग़ करना चाहिए। साथ ही साथ खुद के अंदर भी अंधकार को खत्म करके एक रोशन दीप जलाना चाहिए।

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दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

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दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। रोशनी के इस त्यौहार को “दीपावली ” के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भले ही बुराई रावण की तरह शक्तिशाली और बुद्धिमान हो, लेकिन उसका अंत एक दिन अवश्य होता है।

Table of Contents

दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) – Diwali Essay in Hindi

दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है ‘दीपकों की पंक्ति।’ यह त्यौहार ख़ुशी और उत्सव का प्रतीक है और हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों को सुंदर ढंग से सजाते हैं और रात में दीयों से रोशनी करते हैं।

दिवाली का महत्व कई परंपराओं और कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख किंवदंती के अनुसार, इस दिन भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण अपने 14 साल के वनवास से अयोध्या लौटे थे, लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीपक जलाए थे। इसके साथ ही श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके लोगों को खुशहाली भी दिलाई थी।

दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार में हर दिन का विशेष महत्व होता है। पहले दिन को ‘धनतेरस’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने व्यवसायों और घरों की सफाई करते हैं। दूसरे दिन को ‘छोटी दिवाली’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं। तीसरे दिन को ‘मुख्य दिवाली’ कहा जाता है, जब लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली के इस खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बनाते हैं। फूल और पटाखे फोड़े जाते हैं और दुकानों, बाजारों और घरों को रंग-बिरंगे दीयों से सजाया जाता है।

दिवाली के चौथे दिन को ‘गोवर्धन पूजा’ कहा जाता है, जिसमें गाय माता की पूजा की जाती है। इस दिन, लोग बहुत सारे विशेष व्यंजन, जैसे खील-बताशा, बर्फी, गुलाब जामुन और अन्य स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं और उन्हें दोस्तों और परिवार के साथ साझा करते हैं।

दिवाली के आखिरी दिन को ‘भाई दूज’ कहा जाता है, जिसमें बहनें यमराज की पूजा करती हैं और अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

दिवाली का त्योहार हर किसी के जीवन में सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इसे एक नई शुरुआत का संकेत माना जाता है और लोग नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाने की कोशिश करते हैं।

दिवाली के इस उत्सव के तहत, लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, और सामाजिक और आपसी दोस्ती को मजबूत करते हैं।

दिवाली पर निबंध (500 शब्दों में) – Diwali Nibandh in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” के रूप में जाना जाता है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है। यह भव्य त्योहार अपने साथ समृद्धि, खुशियाँ और रोशनी की आशा लेकर आता है, जिसे विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को पड़ती है। यह एक ऐसा समय होता है जब अंधेरी रात अनगिनत दीपकों और दीयों के साथ जीवंत हो उठती है, जिससे आसपास का वातावरण जगमगा उठता है। दिवाली का बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह चौदह साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है। उनकी वापसी के दौरान, अयोध्या के निवासियों ने अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक, दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसके अतिरिक्त, इस दिन, भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। दिवाली जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर के निर्वाण दिवस का भी प्रतीक है। इन कई कारणों से, दिवाली कई लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।

यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घरों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और सजावट शुरू हो जाती है। नए कपड़े सिले जाते हैं और तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। ठंड का मौसम भव्यता, स्वच्छता और जीवंत सजावट के समय में बदल जाता है, जो हमारे घरों में धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करता है।

पहले दिन, धनतेरस पर, लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं क्योंकि इस दिन इन सामग्रियों में निवेश करना शुभ माना जाता है। दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, जब कुछ लोग पटाखे फोड़कर भी जश्न मनाते हैं।

तीसरा दिन, मुख्य दिवाली का दिन, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए बहुत महत्व रखता है जो नए बही-खाते की शुरुआत करते हैं। विभिन्न आयु वर्ग और विभिन्न वर्गों के लोग धार्मिक अनुष्ठान करने और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ आते हैं।

चौथे दिन, गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, जो भगवान इंद्र के प्रकोप के कारण होने वाली मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने का प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देता है।

दिवाली का आखिरी दिन, भाई दूज, भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

दिवाली धार्मिक सीमाओं से परे है, विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोग त्योहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो परिवारों और दोस्तों के बीच प्यार, एकता और खुशी का प्रतीक है।

रोशनी का त्योहार दिवाली हमारे दिलों में एक खास जगह रखता है। यह एक नई शुरुआत का आरंभ करता है और हमारे जीवन को खुशी, आशा और सकारात्मकता से भर देता है। यह वह समय है जब अंधकार दूर हो जाता है और प्रकाश बुराई पर विजय प्राप्त करता है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अच्छे कर्म, एकता और विश्वास हमें हमेशा एक उज्जवल कल की ओर ले जाएंगे।

दिवाली के त्योहार पर निबंध (600 शब्दों में) – Essay on the festival of Diwali in Hindi

प्रस्तावना:

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर छोटे बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उपहार लाता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

दिवाली का मतलब

“दिवाली”, जिसे “दीपावली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हिंदू पौराणिक और सांस्कृतिक धार्मिक महत्व से ओत-प्रोत है और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ “दीपकों की पंक्ति” से है, जो दर्शाता है कि इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दीपक या दीये जलाना है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप+आवली। ‘दीप’ का अर्थ है ‘दीपक’ और ‘आवली’ का अर्थ है ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ है दीपकों की श्रृंखला या दीपकों की पंक्ति।

इस त्यौहार के अवसर पर घरों को दीपों से सजाया जाता है, जिससे रात बेहद खूबसूरत और रोशनी से भरी हो जाती है। यह दीयों की चमकती रोशनी है जिसका महत्वपूर्ण प्रतीक बुराई के अंधेरे से अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ना है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां

“दिवाली” के त्यौहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। दिवाली के आगमन से ही लोग अपने घरों को सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्योहार की तैयारियों में घर की साफ-सफाई सबसे अहम होती है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके सजाते हैं, जिससे घर का वातावरण शुद्ध और रमणीय हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन, धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं, और वह विशेष रूप से उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई और सुशीलता बनी रहती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का साफ सुथरा होना जरूरी है। देवी लक्ष्मी के आगमन को घर में सुख-समृद्धि बढ़ने का संकेत माना जाता है और इसलिए यह तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दिवाली नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीयों और तरह-तरह की लाइटों से सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत घर के कोने-कोने में दीपक और मोमबत्तियाँ जलाकर की जाती है, जिससे रात के समय घर की सुख-समृद्धि में रोशनी फैल जाती है। दीये और रोशनी का यह उत्स्व बुराई के अंधेरे को हराने और अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ने का संकेत है।

“लक्ष्मी पूजन” का विशेष महत्व है

इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली के शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश और धन संचय के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। दिवाली, जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन लोग अपने घर में आने वाले धन का स्वागत करने के लिए अपने घरों को विशेष तरीके से सजाते, साफ-सुथरा और तैयार करते हैं। धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को धन और समृद्धि से भरने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।

धनतेरस के दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है क्योंकि वह घर के रास्ते को साफ और सुरक्षित रखते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं। कुबेर जी की पूजा से धन के प्रवाह पर नियंत्रण रहता है।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सबसे अधिक फलदायी माना जाता है। धनतेरस का महत्व यह भी है कि यह धन निवेश और व्यापार के लिए शुभ समय होता है। इस दिन लोग नई संपत्ति की योजना बनाते हैं और नवीनतम व्यावसायिक प्रक्रियाओं में पहल करते हैं।

दिवाली का मतलब है दीपों की पंक्ति और रोशनी की ओर बढ़ना। इस त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं, जिससे हमारे घरों में रोशनी और खुशियां आती हैं। “लक्ष्मी पूजन” इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और वित्तीय स्थिति की कामना करती है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाने के साथ-साथ आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है, जिससे हम अपने जीवन में नए आदर्शों और समर्पण की ओर बढ़ सकते हैं।

दीपावली पर निबंध (900 शब्दों में) – Essay on Diwali in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत और दुनिया भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का महत्व आने वाले समय में सुख, समृद्धि और रोशनी की आशा से जुड़ा है। दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों में दीये और पटाखे जलाते हैं, जो रोशनी का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और साफ-सफाई करते हैं। इसके साथ ही दिवाली आध्यात्मिक और आत्मनिर्भर भावना को बढ़ावा देती है और लक्ष्मी पूजन के माध्यम से समृद्धि की कामना करती है।

दिवाली का इतिहास

हिंदू मान्यताओं के अनुसार दिवाली का इतिहास भगवान श्री राम के आगमन से जुड़ा है। भगवान श्री राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण ने चौदह वर्ष के वनवास के बाद अपनी प्रिय अयोध्या लौटने का फैसला किया था। उनके आगमन के दिन अमावस्या की रात थी, जिसके कारण पूरा नगर अंधकार में डूबा हुआ था। लोगों ने अपने घरों को दीपों और फूलों से सजाया था, ताकि भगवान राम और उनके परिवार के स्वागत के लिए पूरा शहर उज्ज्वल और सुंदर हो। 

तब से लेकर आज तक इसे रोशनी के त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को दीयों और दीपों से सजाते हैं, जिससे घरों में रोशनी होती है और त्योहार की भावना में उत्सव का माहौल पैदा होता है। इसे “दीपावली” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपकों की पंक्ति”। यह पंक्ति न सिर्फ घर को रोशन करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि रोशनी हर समय बुराई को हराती है।

इस शुभ अवसर पर, भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, राम जी और अन्य देवताओं की मूर्तियाँ बाजारों में खरीदारी के लिए उपलब्ध होती हैं। इस समय बाजारों में विशेष रौनक रहती है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े, उपहार, आभूषण, बर्तन, मिठाइयाँ और अन्य सामान खरीदते हैं। 

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का त्योहार नई व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत का भी प्रतीक है। व्यवसायी लोग दिवाली के त्योहार पर नए बही-खाते शुरू करके वित्तीय सफलता की आशा करते हैं।

इसके साथ ही लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। दिवाली के अवसर पर, लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक रहते हैं, जिससे खुशियों का आदान-प्रदान होता है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। इस त्यौहार में बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी जैसे फुलझड़ी, रॉकेट, फव्वारे, चकरी आदि जलाना पसंद करते हैं। दिवाली में पटाखों का भी महत्व है क्योंकि पटाखे इस त्योहार की खुशियों को और भी रंगीन बना देते हैं।

पटाखे फोड़ना इस त्योहार को रंगीन और आनंदमय बनाता है। पटाखे दिवाली मनोरंजन का एक हिस्सा हैं और बच्चों और वयस्कों के बीच मनोरंजन का एक स्रोत हैं। पटाखे अपनी आवाज और ध्वनि से लोगों को आनंद लेने का वातावरण देते हैं और त्योहार के माहौल को और अधिक जीवंत और उत्सवपूर्ण बनाते हैं।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली 5 त्योहारों धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजा, धनतेरस और भाई दूज का संगम है।
  • धनतेरस: यह दिवाली के त्योहार का पहला दिन होता है, जिसमें लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं।
  • नरक चतुर्थी (छोटी दिवाली): दिवाली के दूसरे दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और कुछ लोग इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • मुख्य दीपावली (दिवाली): यह दिवाली का मुख्य दिन है, जिसमें लोग देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन को “अमावस्या” के रूप में मनाया जाता है, जिसका अर्थ है कि अमावस्या की रात होने के बावजूद, अमावस्या की रात को अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
  • गोवर्धन पूजा: दिवाली के त्योहार का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बलभद्र गिरिराज रूप की पूजा की जाती है और कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • भैया-दूज: दिवाली के त्योहार का आखिरी दिन भैया-दूज के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और उनकी रक्षा की कामना करती हैं।

ये त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है, हर दिन से अपनी-अपनी महत्वपूर्ण कहानियां और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियाँ

दिवाली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार के शुभ अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व शराब, जुआ, जादू-टोना और पटाखों के दुरुपयोग जैसी अपनी बुरी आदतों से इसे खराब करने में लगे रहते हैं। पटाखों के अत्यधिक उपयोग से ध्वनि प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे क्षेत्र और आसपास के लोगों को परेशानी हो सकती है। यदि दिवाली के दिन इन बुराइयों को समाज से दूर रखा जाए तो दिवाली का त्योहार सचमुच शुभ दिवाली बन जाएगा।

दिवाली, जिसे भगवान श्री राम की अयोध्या वापसी के दिन के रूप में जाना जाता है, को अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और लक्ष्मी पूजा के साथ धन और समृद्धि की कामना की जाती है। पांच दिनों की दिवाली अपने अंदर के अंधेरे को मिटाकर पूरी दुनिया को रोशन करने का त्योहार है। दिवाली के दिन, लोग पटाखों का उपयोग करते हैं, जो उत्सव की आवाज़ और रंगों के साथ जश्न मनाने में मदद करते हैं। हमें यह समझना होगा कि दिवाली के त्योहार का मतलब रोशनी, प्यार और सुख-समृद्धि है। ऐसे में पटाखों का प्रयोग सावधानी से और बड़ों की मौजूदगी में करना चाहिए। इस दिन अवगुणों को दूर करने की जरूरत है ताकि यह त्योहार अपने वास्तविक महत्व को उजागर कर सके।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in 10 lines)

  • दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। 
  • यह त्यौहार भगवान राम की अयोध्या वापसी की ख़ुशी को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जब लोग दीपक और रंगोली के साथ उनके आगमन का स्वागत करते हैं।
  • इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 
  • इस त्योहार के मौके पर बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी और उत्साह का इजहार करते हैं, जो खास लगता है।
  • हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली के इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसका महत्व धन, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति से जुड़ा है। 
  • लोग इस दिन को अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ खुशी के लिए उपहार और मिठाइयाँ देकर मनाते हैं।
  • दिवाली को भारत में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाने की तैयारी की जाती है। 
  • यह हिंदू समुदाय के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, और इसे अन्य धर्मों और संप्रदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। 
  • दिवाली एक महत्वपूर्ण सामाजिक और पारंपरिक अवसर है, जो परिवारों और प्रियजनों के बीच प्रेम और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

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दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें

diwali festival essay in hindi images

दिवाली हमारे भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।

दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दीवाली आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं। दीवाली के त्यौहार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए निबंध पढ़ सकते हैं।

दीपावली का निबंध (400-500 Words)

दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है। दीवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और मशहूर त्यौहार है। जो पूरे देश में साथ-साथ हर साल मनाया जाता है। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं। भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है।

इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानें। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। वे दिवाली त्यौहार के सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था।  तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करकेगोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। बहनों ने अपने भाइयों को भाई दौज के त्यौहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करती हैं।

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  • Diwali Essay in 500 Words

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दिपावली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

दिवाली लेखन हिंदी में

  • दिवाली – लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, समय, तिथि, दिवाली का महत्व आदि
  • दिवाली महत्वपूर्ण क्यों है
  • दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें
  • दिवाली की कविताएं और शुभ दीपावली शायरी
  • दिवाली स्लोगन और दिवाली कोट्स
  • दिवाली पर शुभकामनाएँ, बधाई, मैसेज
  • पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

दीवाली हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार है। आज के इस आर्टिकल में हम दीवाली के महत्व को समझते हुए छात्रों के लिए दीपावली पर निबंध लेकर आये हैं। आप यहाँ से दीवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें यह जान सकेंगे। लेख में हमने कक्षा 1 से 10 तक के लिए Diwali essay in Hindi में उपलब्ध कराया है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

यह भी देखें: दिवाली के समान ही हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत शुभ माना जाता है यदि आप जानना चाहते है कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है, महत्व एवं आसान शब्दों में निबंध लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Table of Contents

दिवाली पर निबंध / deepawali in hindi

प्रस्तावना – दीवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाने वाला खुशियों भरा त्यौहार है, दीपावली पर हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है।

भारत के निवासी दीवाली के त्यौहार को अन्य देश में रहते हुए भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को 2 दिन तक छोटी दीवाली बड़ी दीवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ –

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दीपावली का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप + आवली जहाँ दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला या रेखा/पंक्ति। दीपावली शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द है।

दिवाली त्यौहार की विशेषता

दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा जाती है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व भारत देश सभी नागरिकों के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास को अक्तूबर या नवंबर में मनाया जाता है। दीपावली दीपों का त्यौहार है इस दिन भारत देश में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और दीयों, मोमबतियों से घर को सजाया जाता है ।

दिवाली क्यों मनाई जाती है

भारत में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को मनाये जाने के पीछे यह तर्क है की जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे। उसी दिन से ही दिवाली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है।

दिवाली सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है सभी लोगों के द्वारा इस त्यौहार को ख़ुशी के रूप में उत्साहित होकर मनाया जाता है।

दीपावली कब मनाई जाती है

दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्तूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूमधाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों मनाया जाता है।

दिवाली में हिन्दू देवी देवता जिनकी पूजा की जाती है

दिवाली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है।

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लक्ष्मी जी घर में स्वागत के लिए उस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

दिवाली मनाने की तैयारियाँ

इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई दिन पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के काम में लग जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है, उसी घर में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बनाये रखती है तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करती है।

दीवाली के दिन सभी खुशियां मानते हैं। व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं और साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में खूब भीड़ होती है क्योंकि लोग खरीददारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां पटाखे खरीदते हैं और गणेश जी, लक्ष्मी जी, आदि की तस्वीरें खरीद कर घर में लगाई जाती है मंदिर को सजाया जाता है।

बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। दिवाली के इस अवसर पर सभी लोग नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं और इक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजा के बाद पटाखे जलाये जाते हैं । भारत की कुछ-कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत के रूप में माना जाता है।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली से पहले दिन- दीपावली का त्यौहार कुल मिलाकर 5 दिनों तक चलता है। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं और कुछ लोग इस दिन सोना- चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है।
  • दूसरा दिन -दीपावली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीपक जलाये जाते हैं।
  • तीसरा दिन -यह दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन की जाती है, मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।
  • चौथा दिन -दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है, मान्यता अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के फलस्वरूप हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है।
  • पांचवा दिन- इस दिन दीपावली के त्यौहार के अंतिम दिन को भाई दूज त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।   बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।

दीपावली का महत्त्व

दीपावली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहवर्धक त्यौहार है यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। धर्म का अधर्म पर विजय का सूचक यह त्यौहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मानव जीवन में बहुत महत्व हैं। –

दिवाली का सामाजिक महत्व

इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। एक दूसरे से मिलने उनके घर जाते है बधाइयाँ देते हैं जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।

वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है तो यही त्यौहार हैं जिसमें आपको मौका मिल पता है एक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भावना आती है।

लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रुचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्व होता है जो सामाजिक सद्भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, जब कभी भी दिवाली का त्यौहार आता है तो सभी लोगों में एक उमंग और उत्साह का सञ्चालन होता है।

दीपावली के त्यौहार को सभी वर्ग के लोगों जैसे- हिंदू, सिख ,जैन, आदि धर्मों को मानने वाले लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इस पर्व पर अध्यात्म की ओर अग्रसर होते हैं और इससे अच्छे विचारों का उत्थान होता है।

दिवाली का आर्थिक महत्व

दीपावली के त्यौहार में भारत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं।

इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि माँ लक्ष्मी को धन-समृद्धि की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीददारी होती है। साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है।

इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है। लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।

दिवाली का त्यौहार की विशेषता

अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है। आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है।

यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है।

अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है।

सभी लोगों में दीपावली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों, दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं। मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

बड़े-छोटे सभी आयु वर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।

Diwali par Nibandh (निष्कर्ष)

प्रातः उठकर नहाने के बाद सरे काम निपटने के बाद सभी लोग शाम के समय अपने घरों के सामने और प्रवेश द्वार में दीपक जलाते है। इस दिन सभी घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी उसी के घर में प्रवेश करती हैं जिसके घरों में साफ़ सफाई, रौशनी और सजावट होती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर के आंगन में दीपक प्रज्वलित किये जाते हैं।

इस त्यौहार को भारत में रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। इस तरह दिवाली का मानव के जीवन एक खास महत्व है।

दिवाली पर निबंध 10 पंक्तियों में

  • दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।
  • दीपावली सनातनियों का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी मनाई जाती है।
  • दिवाली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है है।
  • दिवाली के दिन लोग मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं।
  • दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) FAQs –

दीपावली कब मनाई जाती है.

दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्तूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है।

दिवाली 2024 में कब है ?

इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को है ।

Diwali kab manai jaayegi

इस वर्ष दिवाली 31st October को मनाई जाएगी।

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली के ही दिन भगवन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे, इस लिए दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

यदि आप दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिवाली क्यों, कब ,कैसे मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।

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दिवाली पर निबंध हिन्दी में 2023, Essay on Diwali in Hindi

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध  Essay on Diwali in Hindi 2023, Format, Examples |

दिवाली पर निबंध – इस लेख में हम दिवाली ( दीपावली) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं – दिवाली का अर्थ, दिवाली कब मनाई जाती है, दिवाली का इतिहास, दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ, दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव, दिवाली का महत्त्व । दीपावली एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। उच्च कक्षाओं में जब आप निबंध लिखते हैं तो आपको उस निबंध के विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी पता होनी चाहिए। तभी आप एक प्रभावशाली निबंध का निर्माण कर सकते हैं। आशा करते हैं कि हमारे दीपावली के निबंध से आपको सहायता मिलेगी।

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In this Essay on Diwali in Hindi , we are giving complete information about the Festival of Deepawali. Deepawali is a subject on which you can be asked to write an essay in any class. When you write an essay in higher classes, you should know all about the topic of that essay. Only then can you create an effective essay. Hope that our Deepawali essay will help you.

  • दिवाली का अर्थ
  • दिवाली कब मनाई जाती है
  • दिवाली का इतिहास
  • दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ
  • दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव
  • दिवाली का महत्त्व
  • दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ
  • दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव
  • विदेशों में दीवाली का त्यौहार
  • दिवाली पर निबंध 100 शब्द, 150 शब्द, 250 से 300 शब्द, 10 Line

प्रस्तावना  

प्रत्येक समाज त्यौहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। भारत एक ऐसा देश है, जहाँ सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी  परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते हैं। दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है। दीपावली का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है। हालांकि दिवाली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है, आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना। यह एक ऐसा कार्य है, जिसका दिवाली के त्यौहार से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है और ना ही दिवाली के त्यौहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है।

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दिवाली का अर्थ (Meaning of Diwali) –

‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। वैदिक प्रार्थना है – ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला और ‘दीपावली’ को भी रोशनी का उत्सव कहा जाता है।

दिवाली कब मनाई जाती है (Deepawali is celebrated when)-

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। वैसे इस त्यौहार की धूम-धाम कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों तक रहती है। दीवाली के पर्व की यह विशेषता है कि इसके साथ चार त्यौहार और मनाये जाते हैं। दीपावली का उत्साह एक दिन नहीं, अपितु पूरे सप्ताह भर रहता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है। दीपावली के त्यौहार पर मौसम गुलाबी ठंड का होता  है। जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली का इतिहास (History of Deepawali)

दिवाली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है। इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था। जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी। जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था, इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे। यह भी एक कारण है कि इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है। और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपकों की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था। सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द तथा प्रसिद्ध वेदान्ती स्वामी रामतीर्थ ने इसी दिन मोक्ष प्राप्त किया था। इस त्योहार का संबंध ऋतु परिवर्तन से भी है। इसी समय शरद ऋतु का आगमन लगभग हो जाता है। इससे लोगों के खान-पान, पहनावे और सोने आदि की आदतों में भी परिवर्तन आने लगता है।

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दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ (Preparations for celebrating the festival)

नवीन कामनाओं से भरपूर, यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई हफ्तों पहले ही लोग अपने घरों और कार्यालयों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुधरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है। दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है। व्यापारी तथा दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें सजाते हैं तथा लीपते पोतते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की तस्वीरे खरीदी जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। इस दिन खील बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लोग अपने इष्ट-मित्रों के यहाँ मिठाइयों का आदान-प्रदान करके दीपावली की शुभकामनाएँ लेते-देते हैं। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझडि़यां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं। दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों में छोटी दिवाली मनाई जाती है। अध्यापकों द्वारा बच्चों को कहानियाँ सुनाकर, रंगोली बनवाकर, अपनी-अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है। शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजन के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है, साथ ही व्यापारी लोग आज से अपना नया बही खाता शुरु करते है।

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दिवाली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Diwali)

दिवाली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है । धनतेरस के दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते हैं और साथ ही साथ लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है। दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है , क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा यह दिन छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है। उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है। तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। महालक्ष्मी की पूजा की जाती है, साथ ही साथ विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है। दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है , क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है। दीपावली के त्यौहार के आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन, भाई को रक्षा सूत्र बाँधती हैं, साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ-कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दिवाली का महत्व (Importance of Diwali)

दीपावली का त्यौहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस त्यौहार से जुड़ी हुई है। यह त्यौहार कई तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं –

आध्यात्मिक महत्व – दीपावली त्यौहार अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों से मिलकर बना है। इस त्यौहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्यौहार जब भी आता है, तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है। दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है, जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है। दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते हैं और इससे अच्छे विचारों का उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व – दीपावली के त्यौहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्यौहार पर सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर त्यौहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं। एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है। आजकल की व्यस्त जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का अवसर बहुत कम मिलता है इसलिए इस दिन लोग जब लोग एक दूसरे से स्नेह पूर्वक मिलते हैं और साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं, गले मिलते हैं जिस से लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है। इसलिए इस त्यौहार का सामाजिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व – दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है, इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है। जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है। दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है। तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है। इसलिए इस त्यौहार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व – दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी हैं। जिसके कारण इस त्यौहार का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे। इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी। इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी। दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

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दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ (Benefits and disadvantages of Diwali festival)

जहाँ लाभ होता है, वहाँ हानियाँ भी होती है। दीपावली एक बड़ा त्यौहार है, जो अपने साथ अपार खुशियाँ और प्रेम लेकर आता है। खुशियों के साथ-साथ कभी-कभी कुछ दुःख भी दस्तक दे जाते हैं। इन दुःखों को जान कर कुछ सावधानियाँ बरत कर उन्हें भी खुशियों में बदला जा सकता है।

दीपावली के लाभ – (1) छोटे-बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह समय अत्यधिक कमाई का होता है। (2) दीपावली में सभी प्रकार के व्यापार में तेजी आती है। क्योंकि लोग घर की सज-सज्जा, कपड़े, गहने और खाने-पिने की चीजों सभी पर खर्च करते हैं। (3) दीपावली में आपसी प्रेम बढ़ता है और आपसी संबंधों में मिठास बढ़ती है। (4) इस त्यौहार पर साफ़-सफाई पर अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है, पुरे घर की सफाई की जाती है और घर में रंग-रोगन भी किया जाता है। इससे घर के आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है, जो स्वस्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होता है। (5) कुटीर उद्योगों के लिए दीपावली का त्यौहार अत्यधिक खुशहाली लता है। क्योंकि दीपावली में बिकने वाला ज्यादातर सामान जैसे- साज-सज्जा का सामान और मिट्टी का सामान कुटीर उद्योगों द्वारा ही तैयार किया जाता है ,इस त्यौहार में उनकी आमदनी भी बढ़ जाती है।

दीपावली की हानियाँ – (1) पटाखों के कारण प्रदुषण फैलता है। (2) दीपकों में फजूल तेल जलता है। (3) अत्यधिक मिठाइयाँ और पकवान हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। (4) लाइट्स की सजावट के कारण अत्यधिक बिजली बर्बाद होती है। (5) दिखावे के चक्कर में लोग फज़ूल खर्च करते हैं।

दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव (Suggestions to celebrate Deepawali differently)

दीपावली के त्यौहार को मनाने का तरीका और पूजन विधी हर जगह लगभग एक समान ही होती है। फिर भी ऐसे कई कार्य है जिनके द्वारा हम दीपावली के त्यौहार को हम ना सिर्फ अपने लिए मंगलकारी बना सकते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी इस दिन को खास बना सकते हैं और दीपावली के वास्तविक अर्थ को सच्चे रुप से सार्थक कर सकते हैं। 1. छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर हम उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि हमारी तरह इन्हें भी वर्ष भर इस त्यौहार का इंतजार होता है। ताकि वे अपने द्वारा की गई तैयार वस्तुओं को बाजार में आकर बेच सकें। 2. इलेक्ट्रिक झालरों की जगह दीपों का अधिक उपयोग करके हम हमारे देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद क्र सकते है और साथ-ही-साथ दीपावली के पारंपरिक रुप को भी बनाए रखने में योगदान दे सकते हैं। 3. हममें से कई लोग दीपावली के त्यौहार की साज-सज्जा, पटाखों और उत्सव मनाने में काफी अधिक मात्रा में धन व्यय करते हैं। अगर हम चाहे तो इन चीजों में कुछ कटौती करके या अपने पास से कुछ अधिक खर्च निकालकर कुछ गरीबों और जरूरतमंद लोगों को कंबल, मिठाइयां और उपहार जैसी चीजें बांटकर उनके चेहरों पर खुशियां ला सकते हैं। 4. हम सब ही जानते हैं कि दीपावली पर पटाखों और भारी आतिशबाजी के कारण काफी ज्यादा मात्रा में प्रदूषण उत्पन्न होता है। हमें इस बात को समझना होगा की दीपावली के त्यौहार का अर्थ दीप और प्रकाश है, ना कि पटाखे फोड़ना है। हम सब को मिलकर पटाखों का उपयोग ना करके हरित दीपावली मनाने का संकल्प लेना चाहिए और यह दीपावली पर हमारे द्वारा प्रकृति को दिया जा सकने वाली सबसे बड़ी भेंट होगी। 5. प्रदूषण के कारण ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कुछ राज्यों में पटाखों के उपयोग को लेकर या तो समय सीमा तय कर दी गयी है या फिर इसे पूर्ण रुप से प्रतिबंधित कर दिया गया है पर कई लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को भी धार्मिक रंग देने लग जाते है, ऐसे लोगों को हमें समझाना होगा कि छोटे-छोटे फैसलों से ही बड़े परिवर्तन प्राप्त होते हैं। लोगों में जागरूकता लाकर ही हम पटाखों के प्रतिबंध को सफल बना सकते हैं और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार (Diwali festival abroad)

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है। दीपावली के इस त्यौहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका – अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं, इसलिए वहां पर भी दीपावली के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दीपावली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्यौहार को अपना लिया।

नेपाल – हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है। जहाँ पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को ‘तिहार’ या ‘स्वन्ति’ के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

सिंगापुर – सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं, जो दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रौनक देखने को मिलती है। यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस – इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है। जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है। साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका – श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं। जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

उपसंहार (conclusion)

दीपावली पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे वातावरण को प्रकाशमय बनाने का। दीपावली हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। यह पर्व समूचे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के दिन घरों में दिए, दुकानों तथा प्रतिष्ठानों पर बहुत सारी सजावट की जाती है और दिए जलाए जाते हैं। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और बड़े बच्चों द्वारा किये गए आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्यौहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है, ना कि पटाखों और बे-फिज़ूल के प्रदूषण से, यही कारण है कि दीपावली के त्यौहार पर हमारे द्वारा किये गये यह छोटे-छोटे कार्य बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। इस त्यौहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है, इसलिए हमें हर समय अपने जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए। दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियाँ आती है। इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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दिवाली पर निबंध: 200 शब्दों में जानिए दिवाली का महत्व और मनाने का तरीका

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Essay on Diwali in Hindi 200 Words

  • दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में

इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए  Diwali Essay In Hindi 200 Words   शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब 200 Words On Diwali In Hindi Essay   –  दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में  को जानते है।

  • दिवाली पर निबंध 200 शब्द

Essay on Diwali In Hindi 200 Words

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली  कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

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दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं, और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते है, और मिलजुलकर इस तरह दिवाली का त्योहार मनाते है।

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है. और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव प्राप्त होते है, इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी विशेष अर्चना किया जाता है।

दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

तो आप सभी को यह  दिवाली के लिए निबंध – Essay on Diwali in Hindi 200 Words  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और  दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में –  Diwali Essay In Hindi 200 Words  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को  हैप्पी दिवाली…

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Diwali FAQs: दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर: दिवाली के बारे में सब कुछ जानें

दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है पूरी जानकारी और रोचक तथ्य, 2023 में दिवाली कब है जानिए तारीख और महत्वपूर्ण तिथियाँ.

Bahut hi badhiya essay diwali ke liye.

Thank you Ranjana Pandey. aapko bhi Happy Diwali

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घरों में रोशनी की झिलमिलाहट और बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की महक बताती है कि दिवाली (Diwali) या दीपावाली (Deepawali) का त्योहार आने ही वाला है। हिंदुओं का सबसे प्रमुख और बड़ा त्योहार दिवाली है। दीपों का खास पर्व होने की वजह से इसे दीपावली या दिवाली के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दीपों की अवली यानी कि पंक्ति। दिवाली हमारे जीवन के दुखों के अंधकार को दूर कर खुशियों की रोशनी भरने का संदेश देकर चली जाती है। आप हमारे इस पेज से दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) पढ़कर दिवाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारत के लोग त्योहारों के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करने में पीछे नहीं हटते और हमारे देश में हर महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहार अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं। इन्हीं में से एक त्योहार है दिवाली। दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवरधन पूजा और भाईदूज शामिल है। दिवाली का त्योहार केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन अमावस्या की काली रात होती है, लेकिन इसके बावजूद भी दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी से काली रात भी जगमगा उठती है। दिवाली का अर्थ, इतिहास और महत्त्व जानने के लिए आगे पढ़ें।

दिवाली का अर्थ

दिवाली शब्द संस्कृत के दीपावली शब्द से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप+आवली से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में अर्थ है दीपक और श्रृंखला यानी कि दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली के पर्व को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी माना गया है। दिवाली के अर्थ को आसान शब्दों में इस प्रकार समझ सकते हैं कि दिवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला रोशनी का उत्सव है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर का महीना होता है। दिवाली के त्योहार की रौनक पाँच दिनों तक रहती है। दिवाली की विशेष बात यह है कि इसके साथ चार अन्य त्यौहार और मनाये जाते हैं। दिवाली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे एक हफ्ते तक रहता है। दिवाली के त्योहार के साथ-साथ शरद ऋतु यानी सर्दियां की प्रारंभ हो जाती हैं और मौसम भी ठंडा होने लगता है।

दिवाली का इतिहास

भारत में दिवाली या दीपावली का त्योहार प्राचीन समय से ही मनाया जाता हुआ आ रहा है। दिवाली के इतिहास को लोग कई अलग-अलग तरह से देखते हैं, लेकिन ज़्यादतर लोग मानते हैं कि जब भगवान श्री रामचन्द्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजा दिया था। जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटकर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी।

हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था जिस वजह से वहाँ पर कुछ भी साफ नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए अयोध्या वासियों ने वहाँ पर दीपक जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन भी माना जाता है क्योंकि दिवाली के दिन जहाँ एक तरफ पूरे भारत में अमावस्या की काली रात होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दीपकों की रोशनी उस काली रात को रोशन कर देती है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

दिवाली का महत्त्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली का विशेष महत्त्व होता है। दिवाली का त्योहार घरों की साफ-सफाई से शुरू होता जिसके बाद इस त्योहार में एक के बाद एक कई चीज़ें शामिल होती चली जाती हैं, जैसे- नए कपड़े और नए बर्तनों की खरीदारी, घरों की सजावट के लिए लाइटें और अन्य सामग्री, लक्ष्मी और गणेश की नई तस्वीर, मिठाइयां, प्रसाद, गिफ्ट आदि। लोग दिवाली की तैयारी दिवाली से लगभग दस दिन पहले ही शुरू कर देते हैं।

दिवाली हमें हमारी परंपरा से जोड़ने का काम करती है और हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराती है। दिवाली हमें ये ज्ञान और शिक्षा भी देकर जाती है कि अंत में विजय हमेशा सच और अच्छाई की ही होती है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण हर हिंदू की आस्था दिवाली से जुड़ी हुई है। दिवाली का त्योहार कई तरह के महत्त्व को अपने अंदर समेटे हुए है, जैसे- आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आदि।

सबसे पहले अगर हम इसके आध्यात्मिक महत्त्व को देखें, तो हमें दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई कई धार्मिक और पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस त्योहार को हिंदू, जैन, सिख आदि कई धर्मों के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ऐसी कोई ना कोई घटना ज़रूर हुई है, जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाती है। दिवाली का त्यौहार धर्म और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने का काम करता है और लोगों को अध्यात्म की तरफ बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है।

आध्यात्मिक महत्त्व के साथ दिवाली का सामाजिक महत्त्व भी बहुत बड़ा है। दिवाली के पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने के लिए और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर जाते हैं, जो सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। दिवाली के अवसर पर हम भारतीय लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं जिससे बाज़ारों में आर्थिक उछाल आता है और विक्रेताओं की आमदनी भी बढ़ती है। इससे दिवाली का आर्थिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जैसे- भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ, आर्य समाज की स्थापना हुई, अकबर ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया, सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई आदि। ये सभी घटनाएं दिवाली के ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाती हैं।

दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियाँ हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। दिवाली के पर्व के अवसर पर जिस प्रकार एक दीपक अंधेरे को दूर करके हमारे आसपास रोशनी देने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार हम भी अपने आसपास के ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनके जीवन के दुख के अंधेरे को दूर कर खुशियों की रोशनी देने का काम कर सकते हैं। ये ही दिवाली का संदेश भी है और उद्देश्य भी।

दिवाली पर निबंध 300 शब्द में

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाता है। दिवाली का त्योहार स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि जगहों पर भी बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को साल में एक बार मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में होती है। सबसे पहले दिवाली प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर मनाई थी। तब से हर साल पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी।

स्कंद पुराण में दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं सुनने को मिलती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अगर देखें, तो दिवाली हिंदुओं का बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है और इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जैसे- कुछ लोगों का मानना है कि सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

कुछ लोग मानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक अमावस्या को किया था, इसलिए दिवाली मनाई जाती है। और कुछ लोगों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थीं और उन्होंने महाकाली का रूप लिया था। इसलिए ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम की है, जिसमें उन्होंने रावण का वध किया था और चौदह वर्ष के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था और तब से हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच्चाई की राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है। हमें दिवाली का त्योहार एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटकर मनाना चाहिए और इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने उत्साह की वजह से प्रकृति और प्राकृतिक चीज़ों को नुकसान न पहुंचाएं।

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दिवाली पर 10 लाइनें

1. दिवाली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। 2. दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोबरधन पूजा और भाई दूज शामिल है। 3. दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चौदह साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। 4. भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया। 5. दिवाली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 6. इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 7. दिवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। 8. इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं। 9. दिवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। 10. इन दिन बहुत से लोग पटाखे भी जलाते हैं।

दिवाली पर FAQs

प्रश्न- दिवाली का क्या महत्व है?

उत्तरः दिवाली का महत्त्व धर्म और इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न- दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है?

उत्तरः भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की।

प्रश्न- दीपावली पर हम क्या क्या करते हैं निबंध?

उत्तर: हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दिवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। अधिक जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न- दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध लिखना है?

उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

उत्तर: इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया।

प्रश्न- दिवाली सिख हिस्ट्री?

उत्तर: सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।

प्रश्न- दीपावली का अर्थ?

उत्तर: शुद्ध शब्द “दीपावली” है , जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘आवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’।

1 thought on “दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें”

भाई बहुत ही बढ़िया और सरल भाषा में निबंध लिखा है। मुझे दीवाली पर लिखे सायरी काफी पसंद आए। आगे भी ऐसे ही लेख को आप देते रहेगा। आप मेरे पोस्ट पर भी जा सकते है। जिसमे हमने आपको यदि इंटरनेट न होता तो कें बारे में विस्तारपर्वक चर्चा की है।

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Diwali Essay in Hindi – दिवाली पर निबंध हिंदी में

iit-jee, neet, foundation

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे ‘बुराई पर अच्छाई की विजय’ का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार की खूबी और महत्व को छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में ‘दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)’ का प्रश्न पूछा जाता है, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है।

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इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से वे युवा छात्र जो दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध लिखना चाहते हैं, सिख सकते हैं। निम्नलिखित निबंध में हमने ‘दीपावली’ के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में संक्षेप में जानकारी प्रदान की है। बच्चे इस निबंध से सीख सकते हैं कि वे कैसे अपने लेखन कौशल को बेहतर बना सकते हैं, और कैसे उन्हें दीपावली निबंध में किन-किन बिंदुओं का महत्व है।”

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदू त्योहार है, जिसको भारत में खुशी-खुशी मनाया जाता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराइयों पर विजय प्राप्त करेगी। इससे कई हफ्ते पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घर और काम के स्थान की सफाई करने लगते हैं। फिर वे अपने घरों और काम के स्थानों को रोशनी, लैंप, फूल, और अन्य सजावटी चीजों से सजाते हैं।

इस उत्सव के मौके पर, लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े, घर के सामान, और उपहार खरीदते हैं। इस मौसम में बाजार में विभिन्न प्रकार के उपहार और खाने-पीने की चीजें खरीदी जाती हैं। दिवाली भी प्रियजनों के साथ संबंधों को मजबूत करने का अच्छा मौका प्रदान करती है।

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

हम भारत में रहते हैं, जो विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं, और विभिन्न त्योहारों के संगठन के लिए प्रसिद्ध है। भारत में, सभी धर्मों के त्योहारों को महत्व दिया जाता है, जैसे कि हिन्दुओं के लिए दीपावली का महत्व है। दीपावली त्योहार को कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आगमन के मौके पर, लोगों ने दीपकों की पंक्ति जलाकर अयोध्या नगर को चमक दिया। दीपावली शब्द का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’, जिसमें दीपकों को एक पंक्ति में जलाने का रितुअल होता है। इस दिन को और भी खास बनाने के लिए, लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, और सजावटी वस्त्र खरीदते हैं। दीपावली के दिन, लोग पहले लक्ष्मी पूजा करते हैं, फिर आपसी मिलनसर मनाते हैं, और मिठाईयों का साझा करते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह, लोग भगवान श्री राम के आगमन के इस पवित्र दिन को खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं।

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दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चे दिवाली पर निबंध लिखकर इस त्योहार के बारे में अपने खुशी के पलों को साझा करने का मौका पाते हैं। युवा लोग इस त्योहार को आमतौर पर बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि यह सबके लिए खुशियों और आनंद के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएं और उपहार साझा करते हैं। साल 2023 में दिवाली पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त

दिवाली के अवसर पर, धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी, और कुबेर जी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल में करने का विशेष महत्व है, इससे बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रदोष काल में स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। यह कहा जाता है कि स्थिर लग्न में पूजा करने से माता लक्ष्मी आपके घर में आने के लिए प्रसन्न हो जाती हैं।

साल 2023 में, दिवाली के अवसर पर, 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक होगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट होगी। बताया जा रहा है कि साल 2022 में, देश भर में दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया गया था।

दिवाली का इतिहास

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम, जिन्होंने 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण, और हनुमान जैसे उनके भक्तों के साथ अयोध्या लौटने का समय चुना, वे इसी दिन लौटे थे। इस दिन का विशेषत: बहुत अंधेरा होता है क्योंकि यह अमावस्या का दिन होता है, और इसलिए अयोध्या के लोगों ने अपने नगर को दीपों और फूलों से सजाया ताकि भगवान श्री राम का स्वागत कर सकें। इसके बाद से, दिवाली को दीपों का त्योहार और अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, और भगवान श्री राम की मूर्तियों की खरीददारी की जाती है। इस समय बाजार में बहुत चहल-पहल होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयाँ, और अन्य चीजें खरीदते हैं। हिंदू लोग दिवाली के पर्व के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, क्योंकि व्यापारी वर्ग इस दिन नए खाता बही की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही, लोग मानते हैं कि दिवाली सभी के लिए धन, समृद्धि, और सफलता का प्रतीक है। लोग दिवाली के इस खास मौके पर अपने परिवार, दोस्त, और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं।

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दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

जैसे ही दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर के पास आते हैं, कुछ लोग इसके महत्वपूर्ण दिनों पर असामाजिक कार्यों में लिपट जाते हैं, जैसे कि शराब पीना, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना, और पटाखों का गलत तरीके से उपयोग करना। इससे दीपावाली का महत्व बिगाड़ दिया जाता है। अगर हम समाज में इन गलतियों को दीपावाली के दिनों पर नहीं करें, तो वास्तव में दीपावाली का पर्व खुशियों और पौराणिक महत्व के साथ मनाया जा सकता है।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन

  • दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।
  • दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
  • इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
  • बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।
  • हिंदूओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।
  • इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
  • भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।
  • यह हिंदूओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।
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दिवाली पर निबंध FAQs

दीपावली पर निबंध दीपावली क्यों मनाई जाती है.

दीपावली पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है, जो विजय का प्रतीक है।

What time is Diwali Puja in 2023?

Diwali Puja time in 2023 varies but generally falls in the evening.

What are the 5 days of Diwali?

The 5 days of Diwali are known as Dhanteras, Choti Diwali, Diwali, Govardhan Puja, and Bhai Dooj.

Why is Diwali famous for?

Diwali is famous for celebrating the victory of light over darkness and good over evil.

दिवाली क्यों प्रसिद्ध है?

दिवाली पुनर्मिलित नियमों के हिस्से के रूप में प्रसिद्ध है, और इसके साथ ही हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है।

In which year Diwali will be on 17 October?

Diwali will be on 17 October in the year 2030.

What is the real date of Diwali in 2025?

The real date of Diwali in 2025 is November 14th.

What is day 3 of Diwali called?

Day 3 of Diwali is called Diwali or the main Diwali day.

Can we drink on Dhanteras?

Drinking on Dhanteras is a matter of personal choice and cultural beliefs.

How many diyas are lit on Dhanteras?

Typically, 13 diyas are lit on Dhanteras.

Why do we light 13 diyas on Diwali?

The tradition of lighting 14 diyas on Diwali varies, but it can symbolize various aspects, including celebrating the 14th day of Kartik, a lunar month.

Why do we light 14 diyas on Diwali?

There are 14 diyas for Diwali, often representing the 14th day of Kartik or various aspects of the festival's significance.

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Essay on Diwali

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Here we have shared the Essay on Diwali or Deepawali in detail so you can use it in your exam or assignment of 150, 300, 500, or 1000 words.

You can use this Essay on Diwali in any assignment or project whether you are in school child (class 10th or 12th), a college student, or preparing for answer writing in competitive exams. 

Topics covered in this article.

Essay on Diwali in 150 words

  • Essay on Diwali in 250-300 words
  • Essay on Diwali in 500-1000 words

Diwali, the festival of lights, is a widely celebrated Hindu festival in India. It symbolizes the victory of light over darkness and good over evil. During Diwali, homes are adorned with lights, rangolis, and decorations. Families come together, exchange gifts, and enjoy delicious sweets and snacks. Fireworks illuminate the night sky, adding to the festive atmosphere.

Diwali holds deep spiritual significance, commemorating Lord Rama’s return to Ayodhya after defeating the demon king Ravana. It also marks the beginning of a new year for many communities. Beyond its cultural and religious importance, Diwali promotes unity, joy, and compassion. It encourages people to spread happiness and love, transcending differences.

In conclusion, Diwali is a festival that brings people together, celebrates the triumph of good over evil, and spreads light and joy. It is a time to appreciate the blessings in our lives and to share happiness with others.

Essay on Diwali in 250-350 words

Diwali, also known as Deepavali, is one of the most significant festivals celebrated in India. It holds immense cultural, religious, and social importance for people of the Hindu faith. The festival spans over five days and signifies the victory of light over darkness and good over evil.

Diwali is a time of immense joy and enthusiasm. The preparations begin weeks in advance as people clean and decorate their homes. Colorful rangolis, Diyas (earthen lamps), and decorative lights adorn every corner, creating a mesmerizing ambiance. The air is filled with excitement and anticipation as families come together to celebrate.

The festival is deeply rooted in mythology. It commemorates Lord Rama’s return to Ayodhya after 14 years of exile and his victory over the demon king Ravana. The lighting of lamps and the bursting of fireworks symbolize the triumph of light and righteousness. Goddess Lakshmi, the goddess of wealth and prosperity, is also worshipped during Diwali. People offer prayers and seek her blessings for a prosperous year ahead.

Diwali is not only a religious festival but also a time for social bonding and celebration. Families and friends exchange gifts, sweets, and heartfelt wishes. The festival brings people from diverse backgrounds together, fostering unity and harmony. It is a time to forgive past grievances, mend broken relationships, and spread love and joy.

However, in recent years, there has been a growing awareness about the environmental impact of Diwali celebrations. The excessive use of firecrackers contributes to air and noise pollution, harming both humans and the environment. Many people are now opting for eco-friendly celebrations by using less harmful alternatives like decorative lights and celebrating with eco-friendly fireworks.

In conclusion, Diwali is a vibrant and joyful festival that celebrates the triumph of good over evil. It brings families and communities together, spreading happiness, love, and prosperity. While celebrating, it is essential to be mindful of the environmental impact and embrace eco-friendly practices. Diwali is not just a festival of lights; it is a celebration of life, positivity, and the enduring spirit of goodness.

Essay on Diwali in 500 words

Title: Diwali – The Festival of Lights and Spiritual Significance

Introduction

Diwali, also known as Deepavali, is one of the most prominent and widely celebrated festivals in India. It holds immense cultural, religious, and social significance for people of the Hindu faith. The festival spans over five days and signifies the victory of light over darkness and good over evil. This essay explores the various aspects of Diwali, including its historical, religious, and social significance.

Historical and Religious Significance

Diwali finds its roots in ancient Indian mythology and legends. The most well-known story associated with Diwali is the return of Lord Rama, along with his wife Sita and brother Lakshmana, to the kingdom of Ayodhya after 14 years of exile. Their return symbolizes the triumph of righteousness over evil. Lord Rama’s victory over the demon king Ravana is celebrated with great fervor during Diwali.

The lighting of lamps and bursting of fireworks during Diwali signify the removal of darkness and the spreading of light and positivity. The tradition of lighting Diyas (earthen lamps) and illuminating homes and streets represents the victory of good over evil and the triumph of knowledge over ignorance. It is believed that these lights guide Goddess Lakshmi, the deity of wealth and prosperity, into people’s homes.

Social Significance

Diwali is not only a religious festival but also a time for social bonding, family gatherings, and community celebrations. Families come together to clean and decorate their homes, exchange gifts, and share festive meals. The festival brings people from diverse backgrounds together, fostering unity, love, and harmony.

During Diwali, people visit their relatives and friends, exchanging sweets, dry fruits, and gifts as a token of love and affection. It is also a time to forgive past grievances and mend broken relationships, as the festival promotes the spirit of forgiveness, reconciliation, and compassion.

Cultural Celebrations

Diwali celebrations go beyond religious rituals. The festival is marked by colorful rangoli designs, vibrant decorations, and intricate patterns created with colored powders, flowers, and Diyas. Fireworks light up the night sky, filling the air with joy and excitement.

The festival also showcases the rich cultural heritage of India. Traditional dances, music, and performances are organized to entertain and engage the community. Diwali melas (fairs) are held, featuring various cultural activities, folk dances, and food stalls. These events provide an opportunity for people to come together, celebrate, and appreciate the diverse cultural tapestry of India.

Environmental Concerns

While Diwali is a time of celebration and joy, it is essential to address the environmental concerns associated with the festival. The excessive use of firecrackers contributes to air and noise pollution, which poses health hazards and disturbs the ecosystem. It is crucial for individuals and communities to adopt eco-friendly practices, such as minimizing the use of fireworks and opting for environmentally friendly alternatives like decorative lights and lamps.

Diwali, the festival of lights, holds immense cultural, religious, and social significance in India. It is a time of joy, togetherness, and the triumph of good over evil. Diwali celebrations embody the values of unity, love, forgiveness, and the spirit of giving. However, it is equally important to celebrate the festival in an environmentally responsible manner. By embracing eco-friendly practices, we can ensure that the essence of Diwali, as a festival of light and hope, is preserved for future generations to enjoy.

Essay on Diwali in 1000 words

Title: Diwali – A Celebration of Light, Joy, and Cultural Significance

Introduction:

Diwali, also known as Deepavali, is one of the most widely celebrated festivals in India and holds immense cultural, religious, and social significance. The festival stretches over five days, and each day has its own significance and rituals. Diwali is a time of vibrant celebrations, where people come together to illuminate their homes with lamps, exchange gifts, indulge in delicious sweets, and participate in various cultural activities. This essay explores the historical origins, religious significance, cultural traditions, social impact, and environmental considerations associated with Diwali.

I. Historical Origins of Diwali

The roots of Diwali can be traced back to ancient Indian mythology and various historical events. One of the most popular legends associated with Diwali is the story of Lord Rama’s return to Ayodhya after defeating the demon king Ravana. The people of Ayodhya celebrated Rama’s homecoming after 14 years of exile by lighting lamps, signifying the triumph of good over evil. Diwali also commemorates the victory of Lord Krishna over the demon Narakasura, symbolizing the triumph of righteousness and the eradication of darkness.

II. Religious Significance of Diwali

Diwali holds deep religious significance for Hindus, Jains, and Sikhs. For Hindus, it is a time to worship Goddess Lakshmi, the deity of wealth and prosperity. Devotees clean their homes and create intricate rangoli designs to invite the goddess into their households. Diwali is also associated with the worship of Lord Ganesha, the remover of obstacles, and the offering of prayers to seek divine blessings.

In Jainism, Diwali marks the spiritual enlightenment and liberation of Lord Mahavira, the 24th and last Tirthankara. Jains celebrate Diwali by offering prayers, visiting temples, and engaging in acts of charity and compassion.

For Sikhs, Diwali holds historical significance as it commemorates the release of Guru Hargobind Sahib Ji, the sixth Sikh Guru, and 52 other kings from imprisonment in the Gwalior Fort. This event represents the victory of truth and freedom.

III. Cultural Traditions and Celebrations

Diwali is not only a religious festival but also a time for cultural celebrations and festivities. The preparations for Diwali begin weeks in advance, as people clean their homes and decorate them with colorful rangoli designs, bright lights, and flowers. The lighting of diyas (earthen lamps) and candles is a significant aspect of Diwali, symbolizing the triumph of light over darkness.

During Diwali, families come together to perform puja (worship) rituals, exchange gifts, and share special meals. Traditional sweets and snacks, such as ladoos and gujiyas, are prepared and distributed among relatives, friends, and neighbors. The exchange of gifts signifies love, respect, and the strengthening of relationships.

Cultural performances, such as traditional dances like Garba and Bharatanatyam, music concerts, and plays, are organized during Diwali. These cultural activities showcase the rich heritage of Indian art and provide a platform for artists to display their talent.

IV. Social Impact and Community Bonding

Diwali serves as a unifying force, bringing people from different communities, religions, and backgrounds together. It is a time when families and friends come together to celebrate and bond. Diwali encourages individuals to visit their loved ones, exchange greetings, and share the joy of the festival.

The spirit of giving and sharing is strongly emphasized during Diwali. Many people extend acts of kindness by donating to charities, distributing food to the underprivileged, and supporting those in need. This collective effort to help others promotes empathy, compassion, and social cohesion.

Diwali also fosters a sense of unity and harmony among communities. People of different religions and cultures join in the celebrations, participating in events and exchanging cultural experiences. The festival acts as a platform for cultural exchange, fostering understanding and appreciation for diversity.

V. Environmental Considerations

In recent years, there has been growing concern about the environmental impact of Diwali celebrations. The excessive use of firecrackers during Diwali contributes to air and noise pollution, causing harm to human health and the environment. Additionally, the disposal of firework waste poses a significant challenge.

To address these concerns, there has been a shift towards eco-friendly Diwali celebrations. Many individuals and communities now opt for alternative ways to celebrate, such as using decorative lights, eco-friendly fireworks, and organic materials for rangoli designs. Awareness campaigns promote the use of environmentally friendly practices, encouraging people to celebrate Diwali in a responsible manner.

Conclusion:

Diwali is a festival that encapsulates the essence of Indian culture, spirituality, and social values. It is a time when people come together to celebrate light, joy, and prosperity. Diwali’s historical origins, religious significance, cultural traditions, and social impact make it an integral part of Indian society.

As we celebrate Diwali, it is crucial to remain mindful of the environmental impact and embrace sustainable practices. By promoting eco-friendly celebrations and minimizing pollution, we can ensure that the essence of Diwali, as a festival of light and togetherness, is preserved for future generations to enjoy. Diwali serves as a reminder of the triumph of good over evil, the importance of unity, and the power of love and compassion in our lives.

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi

इस लेख में हमने (दीपवाली) दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi हिन्दी में लिखा है जिसमे हमने दीपावली का इतिहास, महत्व, उत्सव, पूजा के विषय में बताया है। यह दीपावली निबंध 1500 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए लिखा गया है।

Table of Content

दीपावली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। हर देशवासी को इस त्यौहार का इंतजार रहता है। यह रोशनी और प्रकाश का त्यौहार है। इस दिन बच्चों को खाने के लिए तरह तरह की मिठाइयां मिलती हैं और पटाखे चलाने को मिलते हैं।

इस दिन घरों में दिए जलाए जाते हैं। विभिन्न प्रकार की लाइटें, रंग बिरंगी रोशनी लगाई जाती हैं। लोग नए वस्त्र पहनते हैं। शाम को मिठाइयां बांटी जाती हैं, लोग दावतों में जाते हैं।

दिवाली कब है? When is Diwali in Hindi? 2022

यह त्यौहार 24 सोमवार 2022, के दिन मनाया जायेगा।

दिवाली का इतिहास History of Diwali in Hindi

दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। श्रीराम का स्वागत सत्कार करने के लिए अयोध्या के निवासियों ने घी के दीपक जलाए थे।

दिवाली त्यौहार दिखाता है कि बुराई पर सदैव अच्छाई की जीत होती है, सत्य की जीत सदैव होती है। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

हिन्दी कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष दीपावली के दिन शुरू होता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय को दिखाता है।

‘दीपावली’ शब्द की उपत्ति Origin of Deepawali Word

दिवाली का उत्सव कैसे मनाया जाता है how diwali is celebrated in hindi.

दीवाली त्यौहार का इंतजार सभी बच्चों और बड़ों को होता है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। हर तरह का कूड़ा उठाकर बाहर फेंकते हैं। उसके बाद दीवारों, घरों को रंग आ जाता है। दुकानदार अपनी दुकान की सफाई करते हैं और नई पेंटिंग करते हैं।

दिवाली का महत्व Importance of Diwali in Hindi

सभी दुकानदारों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। पटाखे और आतिशबाजी सामग्री के व्यापारी इस दिन माल बेचकर बहट लाभ कमाते हैं। पटाखे से वायु और ध्वनि प्रदूषण भी होता है।

दीपावली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार होता है। इस दिन बाजारों में बहुत रौनक होती है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोने के गहने, टीवी, फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन जैसे सामान लेना शुभ समझा जाता है।

शाम को पूजा करने के लिए लोग खील बताशे और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां लाते हैं। दीपावली के दिन लोग ऐसा मानते हैं कि गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से वह घर में आएंगी। हम सभी को लक्ष्मी (पैसों) की बहुत जरूरत होती है।

इसलिए यह त्यौहार और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से धन और सुख में वृद्धि होती है। संपन्नता घर में आती है। इस दिन धन के देवता “कुबेर” की भी पूजा की जाती है।

भाई दूज और दीपावली Bhaiya Dooj and Deepawali

भाई दूज के दिन भाई बहन का गठबंधन कर यमुना नदी में स्नान कराते हैं। बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है और कामना करती है कि वह सदैव दुखों और कष्टों से दूर रहे। भाई अपनी बहन को पैसा या अन्य कोई उपहार देता है।

विदेशों में भी दिवाली का त्यौहार Celebration of Diwali in other countries

यह त्यौहार भारत, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया जी मनाया जाता है। नेपाल में यह विशेष धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन नेपाली संवत में नया साल शुरू होता है।

दिवाली कैसे मनाते हैं? How Diwali is Celebrated in Hindi?

दिवाली की सुबह लोग अपने घरों को जगमगाते हुए सुंदर लाइट से सजाते हैं। शाम होते है दिवाली त्योहार का असली रंग दिखने लगता है।

लोग शाम को नहा-धो कर नए कपड़े पहनते हैं और परिवार के सभी इकट्ठा हो कर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पूजा के साथ सभी घरों में दीप जलते हैं और बच्चे पाठखे फोड़ते हैं।

दिवाली पर प्रार्थना Prayer on Diwali

क्षेत्र अनुसार दीवाली त्यौहार पर प्रार्थनाएं अगला-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए बृहदा रंयक उपनिषद  की ये प्रार्थना जिसमें प्रकाश उत्सव चित्रित है-

पर्यावरण पर दिवाली का दुष्प्रभाव Effects of Diwali on Environment

दीपावली में चलाये जाने वाले पटाखे और आतिशबाजी की सामग्री से बहुत प्रकार की हानियां होती हैं। इन पटाखों के अंदर ज्वलनशील पदार्थ बारूद होता है। पटाखों से अनेक प्रकार की दुर्घटनाएं होती हैं।

बहुत से बच्चे और बड़े भी पटाखों को चलाने में घायल हो जाते हैं। पड़ोस में आग भी लग जाती है। यह पटाखे बहुत सारा धुंआ और गैसें छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण होता है। इसलिए अब सरकार पटाखों और आतिशबाजी की सामग्री पर रोक लगा रही है।

सिर्फ 3 दिन पटाखों की बिक्री की जाती है। इस प्रकार के वायु प्रदूषण से बहुत सी बीमारियां होती हैं। अस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसके साथ ही छोटे बच्चों को भी सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसलिए हम सभी को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने चाहिए।

प्रदुषण रहित दीपावली कैसे मनाएं? How to Celebrate a Safe and Pollution Free Diwali?

हो सके तो दीवाली त्यौहार पर पटाखे न चलायें । यदि बहुत आवश्यक हो तो इको फ्रेंडली पटाखे चलाएं। तेज आवाज वाले पटाखे बिल्कुल ना चलाएं क्योंकि इससे दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसके अलावा उच्च क्षमता वाले पटाखे से दूर रहें।

इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। पटाखे हमेशा अधिकृत लाइसेंस वाली दुकान से ही खरीदना चाहिये। सस्ते और चाइनीस पटाखों से दूर रहें क्योंकि उनको चलाते समय दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है।

रॉकेट का इस्तेमाल खुली जगह में करना चाहिए। पटाखों को पास नहीं चलाना चाहिए। उनको दूर से चलाना चाहिए। अस्थमा और दमा के मरीजो को पटाखों से दूर रहना चाहिए।

आतिशबाजी के समय बहुत सारा धुंआ और गैस वायुमंडल में जाता है जिससे वायु प्रदूषण होता है। इसलिए बहुत से लोग दीपावली के दिन पटाखे ना जलाने की सलाह देते हैं।

पटाखे चलाने में बहुत सारा धन व्यर्थ ही खर्च हो जाता है। यह धन यदि हम किसी गरीब व्यक्ति को दे दें तो पैसों का सार्थक इस्तेमाल होगा।

निष्कर्ष Conclusion

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दिवाली पर 10 लाइन निबंध । 10 lines on diwali in hindi

10 Lines on Diwali in Hindi

दिवाली हिन्दुओ की आस्था का महान पर्व है। Diwali Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में पुछा जाता है। इसलिए आज हम “ दिवाली पर 10 लाइन निबंध ” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप ’ 10 lines on diwali in hindi ’ में पढ़ेंगे।

Table of Contents

10 Lines on Diwali in Hindi

  • दिवाली हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है।
  • दिवाली त्यौहार हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है।
  • इस दिन श्री राम अपना चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या वापस लौटे थे।
  • श्री राम जी के घर वापस लौटने की ख़ुशी हर्ष उल्लास मनाया गया यही परम्परा आज भी जारी है।
  • दिवाली त्यौहार धनतेरस , नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
  • दिवाली वाले दिन शान को सभी अपने अपने घरो में श्री गणेश, माता लक्ष्मी और माँ सरस्वती जी की पूजा करते है।
  • पूजा के बाद सभी अपने बड़ो का आशीर्वाद लेते है।
  • दीपावली लोग एक दूसरे को उपहार और मिठाइयों का भेंट देते है।
  • इस दिन बच्चे और बड़े सभी मिलकर खूब पटाखे जलाते है।
  • दीपावली पर्व निराशा पर आशा की विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

5 Lines on Diwali in Hindi

  • दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है।
  • दीपावली को कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है।
  • इस दिन श्री राम अपना वनवास पूरा कर अयोध्या अपने घर लौटे थे।
  • इस दिन सभी लोग अपने घरो में श्री गणेश, माता लक्ष्मी और माँ सरस्वती जी की पूजा करते है।
  • इस दिन लोग अपने घरो में दिए जलाते है।

10 Lines on Diwali in Hindi

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FAQ on Diwali in Hindi

Question : दीपावली क्यों मनाई जाती है ? Answer : इस दिन श्री राम राक्षस राज रावण का वध करके माता सीता और भाई लक्ष्मण जी के साथ अपना चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटे थे।

Question : दिवाली कब मनाई जाता है ? Answer : दिवाली का पर्व हर वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है।

Question : दिवाली के दिन किस घरो में किस भगवान की पूजा की जाती है? Answer : दिवाली वाले दिन संध्या के समय सभी सनातनी अपने घरो में दिए जलाते है। इस दिन सभी हिन्दू धर्म को मानने वाले अपने अपने घरो में भगवान श्री गणेश, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती जी की पूजा अर्चना करते है।

Question : दीपावली का क्या अर्थ है? Answer : दीपावली का अर्थ दीपो की माला होता है।

Question : दिवाली पर्व किस का प्रतीक है। Answer : दीपावली पर्व निराशा पर आशा की विजय अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतिक है। इस पर्व को अँधेरे पर रौशनी का प्रतिक भी माना जाता है।

दिवाली हिन्दू और सनातन धर्म का एक महत्त्व पूर्ण हिस्सा है। हमें आशा है आप सभी को diwali essay पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को importance of diwali in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

1 thought on “दिवाली पर 10 लाइन निबंध । 10 lines on diwali in hindi”

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    दिवाली निबंध इन हिंदी (Diwali Essay in hindi) के इस खंड में हम 200 शब्दों में दिवाली निबंध इन हिंदी (Essay on Diwali in 200 words in Hindi) उपलब्ध करने जा रहे हैं। इसके साथ ही ...

  15. दिवाली पर निबंध हिन्दी में, Essay on Diwali in Hindi 2023

    दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi 2023, Format, Examples | दिवाली पर निबंध - इस लेख में हम दिवाली (दीपावली) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं - दिवाली का अर्थ, दिवाली कब ...

  16. दिवाली पर निबंध: 200 शब्दों में जानिए दिवाली का महत्व और मनाने का तरीका

    दिवाली पर निबंध 200 शब्द Essay on Diwali In Hindi 200 Words Essay on Diwali In Hindi 200 Words Essay on Diwali In Hindi 200 Words. दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान ...

  17. दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)-दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार ...

  18. Diwali Essay in Hindi

    Essay on Diwali in Hindi - दिवाली पर हिंदी में निबंध लिखने जानकारी आप इस लेख में दिए गए माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए 100, 200, 300 शब्दों में

  19. दीपावली

    दीपावली (संस्कृत: दीपावलिः = दीप + आवलिः = पंक्ति, अर्थात् पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरदृतु (उत्तरी गोलार्ध) में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक पौराणिक सनातन ...

  20. Essay on Diwali: 150 words, 250, 300, 1000 words for Students

    You can use this Essay on Diwali in any assignment or project whether you are in school child (class 10th or 12th), a college student, or preparing for answer writing in competitive exams. Topics covered in this article. Essay on Diwali in 150 words. Essay on Diwali in 250-300 words. Essay on Diwali in 500-1000 words.

  21. दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi

    इस लेख में हमने (दीपवाली) दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi हिन्दी में लिखा है जिसमे हमने दीपावली का इतिहास, महत्व, उत्सव, पूजा के विषय में बताया है। यह दीपावली ...

  22. दिवाली पर 10 लाइन निबंध । 10 lines on diwali in hindi

    दिवाली हिन्दुओ की आस्था का महान पर्व है। Diwali Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में पुछा जाता है। इसलिए आज हम "दिवाली पर 10 लाइन निबंध" लेकर आपके ...

  23. Hindi Essay On Diwali : दीपावली पर निबंध हिंदी में

    Hindi Essay On Diwali : दीपावली पर निबंध हिंदी में. दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा पर्व होता है। दशहरे के बाद से ही घरों में ...