भारतीय इतिहास पर निबंध (Indian History Essay In Hindi)

भारत एक ऐसा देश है जहां की संस्कृति और सभ्यता के चर्चे देश विदेशों में भी होते हैं। भारत में कई प्रकार के जाति, धर्म, भाषा और संप्रदाय के लोग रहते हैं। इसके बावजूद भी उनके बीच में मौके मौके पर भाईचारा तथा एकता देखी गयी है। भारत की संस्कृति और परंपरा प्राचीन समय से ही लोगों के बीच चर्चा का विषय है।

३) हिंदू धर्म का बदलाव

५) गुप्त साम्राज्य

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भारत का सम्पूर्ण इतिहास 🔥| Complete Indian History in Hindi in 75+Chapters

भारत का सम्पूर्ण इतिहास 🔥| Complete Indian History in Hindi in 75+Chapters

Indian History in Hindi के इस पृष्ठ में आप पायेंगे  भारत का इतिहास  ( Indian History in Hindi ) नोट्स, जो कि हिन्दी में हैं जिन्हें  हमने 4 भागों में बांटा है, प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, आधुनिक भारत और स्वतन्त्रता आंदोलन |

ये सभी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी हैं, नोट्स को बनाने का मकसद तेजी से रिविज़न के साथ साथ सभी उपयोगी तथ्यों को भी रखना है ताकि कोई भी तथ्य ना छूटे ये इन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है जैसे – UPSC Exam, UPPSC,  SSC CGL, उम्मीद है भारतीय इतिहास ( Indian History in Hindi ) के ये नोट्स आपके लिए उपयोगी साबित होंगे ! कई सारे इतिहास के नोट्स Download के लिए भी उपलब्ध हैं, शीघ्र ही और भी नोट्स उपलब्ध होंगे !

प्राचीन भारत का इतिहास | Ancient History in Hindi

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मध्यकालीन इतिहास | Medieval History in Hindi

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आधुनिक भारत का इतिहास | Modern History in Hindi

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स्वाधीनता संग्राम

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Download PDF Indian History in Hindi

  • (56 Facts PDF) प्राचीन इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य
  • NCERT History eBook in Hindi – Download PDF
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इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (History in Hindi)

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  • साहित्यिक स्रोतों से सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले 20 सवाल
  • क्या 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन अहिंसक था ?
  • भारत में 19वीं शताब्दी के जनजातीय विद्रोह के क्या कारण थे ?
  • जैन दर्शन के अनुसार सृष्टि की रचना एवं पालन पोषण कैसे हुआ है ?
  • वैदिक सभ्यता में धर्म और ऋत से क्या तात्पर्य था ?

75+ History Important Questions in Hindi

  • कैबिनेट मिशन को प्रधानमंत्री एटली ने भारत कब भेजा ? उत्तर- 19 फरवरी,1946
  • बीजक में किसका उपदेश संग्रहित है? उत्तर- कबीर का
  • कैपटन हाकिन्स किस मुगल शासक के दरबार में आया था ? उत्तर- जहाँगीर
  • भारत आने वाले प्रथम यूरोपीय कौन था? उत्तर- पुर्तगाल
  • भारत में रेलवे की शुरुआत कब हुई थी? उत्तर- 1853 ई. में
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्षा कौन थीं? उत्तर- एनी बेसेंट
  • भारत के संविधान का पिता किसे कहा जाता है? उत्तर- डॉ. बी. आर अम्बेडकर
  • प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर कहाँ स्थित है? उत्तर- हम्पी में
  • सिक्किम भारत का हिस्सा कब बना? उत्तर- 1975 में
  • राज्य पुर्नगठन आयोग की स्थापना कब हुआ?उत्तर- 1953 में
  • हड़प्पा सभ्यता किस युग की सभ्यता है? उत्तर- कांस्य युग
  • सिंधु घाटी के निवासियों को किस धातु का ज्ञान नहीं था? उत्तर– लोहा, note :- उन्हें सोना,चांदी और तांबा धातु का ज्ञान था
  • इण्डिका की रचना किसने की? उत्तर- मैगस्थनीज ने
  • गुप्तों की काल में कौन चीनी यात्री भारत आया? उत्तर- फाह्यान
  • महाभारत की रचना किसने की ? उत्तर- वेद व्यास
  • महाभारत का युद्ध कितने दिन चला? उत्तर– 18 दिन तक
  • कुरु वंश की राजधानी कहाँ थी ? उत्तर- हस्तिनापुर में
  • त्रिपिटक साहित्य संबंधित है? उत्तर– बौद्ध धर्म से
  • तृतीय बौद्ध संगीति किसके शासन काल में हुआ? उत्तर- अशोक के समय में
  • आईन-ए-अकबरी’ एवं ‘अकबरनामा’ की रचना किसने की? उत्तर-अबुल फजल
  • अकबर का वित्तिय मंत्री था? उत्तर- टोडरमल
  • पुराणों की संख्या कितनी है?उत्तर- 18
  • तम्बाकू का सेवन सबसे पहले किस मुगल सम्राट ने किया? उत्तर-अकबर ने
  • पानीपत का प्रथम युद्ध किस वर्ष हुआ था ? उत्तर– 1526 ई. में
  • शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह स्थित है? उत्तर- अजमेर में
  • अकबर ने किस वर्ष दिन-ए इलाही धर्म चलाया? उत्तर- 1582 ई.
  • स्थापत्य काल का सर्वाधिक विकास किसके काल में हुआ? उत्तर- शाहजहाँ के काल में
  • विजयनगर सम्राज्य की स्थापना किसने की? उतर- हरिहर और बुक्का ने
  • गोपुरम से आप क्या समझते है? उत्तर- मंदिर का प्रवेश द्वारा
  • हम्पी नगर किस राज्य से संबंधित है? उत्तर- विजयनगर
  • विजयनगर के शासको ने अपने आप को कहा? उत्तर– राय
  • तकवन्दी (ननकाना साहिब) किसका जन्म स्थान हैं? उत्तर– नानक का
  • उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन का आरम्भ किस संत ने शुरू किया?उत्तर- रामानंद
  • भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस की स्थापना कब हुई? उत्तर- 1885 में
  • राबिया कौन-सी संत थी उत्तर- रहस्यवादी
  • इब्नबतूता की देश का यात्री था? उत्तर– मोरक्को
  • अलबरुद्दीन किसके साथ भारत आया था ? उत्तर- महमूद गजनी
  • संथाल विद्रोह का नेता था? उत्तर- सिंद्धु और कान्हू
  • दामिन-ए-कोह क्या था?उत्तर– भू-भाग
  • स्थायी बंदोबस्त कहा लागू किया गया? उत्तर-बंगाल में
  • इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई?उत्तर- 1600 ई.में
  • स्थायी बंदोबस्त किससे संबंधित है? उत्तर– वेलेजली
  • संथाल विद्रह कब हुआ था ? उत्तर- 1855 में
  • व्यपगत के सिंद्धांत का सम्बन्ध किससे है? उत्तर-लार्ड डलहौजी
  • 1857 की क्रांति आरम्भ हुई? उत्तर- 10 मई,1857 से
  • बिहार में 1857 की क्रांति का नेता कौन था? उत्तर- कुंवर सिंह
  • कलकत्ता में अंग्रेजों की किलेबंद बस्ती का नाम था?उत्तर-फोर्ड विलियन
  • गेट वे ऑफ इंडिया का निर्माण कब हुआ? उत्तर-1911 ई. में
  • दिल्ली चलो का नारा किसने दिया? उत्तर- सुभाषचन्द्र बोस
  • जलियांवाला बाग हत्या कांड कब हुआ? उत्तर- 1919 में
  • काला कानून किसे कहा गया ? उत्तर- रोलट एक्ट को
  • द्वितीय विश्व युद्ध की घोषणा कब हुई और किसने की? उत्तर-3 सितम्बर,1939 में ब्रिटेन ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की
  • संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई?उत्तर- 9 दिसम्बर,1946 को
  • भारतीय संविधान सभा पर हस्ताक्षर कब हुआ?उत्तर-  24 जनवरी,1950 को
  • 1917 में रूस में समाजवादी राज्य की स्थापना किसने की? उत्तर- लेलिन ने की
  • भारत का प्रथम गृह मंत्री कौन था? उत्तर- सरदार बल्लभ भाई पटेल
  • सीमान्त गांधी के नाम से किसे जाना जाता है?उत्तर- ख़ान अब्दुल गफ्फार खाँ को सीमान्त गांधी के नाम से जाना जाता है
  • कश्मीर के भारत में विलय पत्र पर किसने हस्ताक्षर किया था? उत्तर- राजा हरीसिंह
  • राज्यो से पुनर्गठन आयोग के अश्याक्ष कौन था?उत्तर- न्यामूर्ति फजल अली
  • हड़प्पा किस नदी के किनारे स्थित है? उत्तर– रावी नदी के किनारे
  • कालीबंगान स्थिति है? उत्तर- राजस्थान में
  • पूना समझौता किस वर्ष हुआ? उत्तर- 1932 ई. में
  • बिहार में चंपारण सत्या ग्रह कब हुआ? उत्तर- 1917 ई. में
  • डांडी किस राज्य में स्थित है? उत्तर- गुजरात में
  • 1920 ई. में कौन-सा आंदोलन हुआ? उत्तर- असहयोग आंदोलन
  • स्वतंत्र भारत के अंतिम गवर्न जनरल कौन था?उत्तर-सी.राजगोपालाचारी
  • मुस्लिम लीग की स्थापना किस वर्ष हुई? उत्तर- 1906 में
  • भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम कब पारित हुआ? उत्तर- 18 जुलाई 1947 को
  • भारतीय संविधान के अनुसार सम्प्रभुता निहित है?उत्तर- राष्ट्रपति में
  • भारतीय पुरातत्व के पिता किसे कहा जाता है? उत्तर- अलेक्जेंडर कनिघम
  • यूरोप का समुंद्र गुप्त कौन था? उत्तर- नेपोलियन
  • दिल्ली से दौलताबाद किस शासक ने अपनी राजधानी परिवर्तित की ?उत्तर- मुहम्मद तुगलक
  • विजयनगर सम्राज्य द्वारा असैनिक और सैनिक सेवा के लिए दिया जाने वाला भूमिदान की कहलाता है? उत्तर– अमरभ

नेहरू के निर्धन के बाद उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी कों बना?उत्तर- लालबहादुर शास्त्री

भारत में आपातकाल कब लगाया गयाउत्तर- 25 जून,1975 को, भारत में संविधान के किस अनुच्छेद के तहत वित्तिय आपातकाल लगाया गयाउत्तर- अध्यादेश-360, भारतीय इतिहास की शुरुआत कब हुई.

भारत का इतिहास कई सहस्र वर्ष पुराना माना जाता है । 65,000 साल पहले, पहले आधुनिक मनुष्य, या होमो सेपियन्स, अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुँचे थे, जहाँ वे पहले विकसित हुए थे। सबसे पुराना ज्ञात आधुनिक मानव आज से लगभग 30,000 वर्ष पहले दक्षिण एशिया में रहता है।

भारत का इतिहास कितने प्रकार का है?

प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, आधुनिक भारत और स्वतन्त्रता आंदोलन

Sources – Wikipedia

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मुख्य विषय

18 Comments

Yah post competitive exam ki preparation karne walo ke liye bahut helful hai…

Thanks for the information sir

Verry good tripst by study center

Sir ji apne jo topic select kiye hai wo elsare reet me available hai isliye… NCERT ki aisi koi Book jisme prachin Bharat, Madhyakalin bharat,nd aadhunik bharat ki Book ya fir PDF Hindi medium me ho to PLZZ send me sir ji…. Or tino ki NCERT me Alag alag book milti ho to muje jarur bataye 🙏🙏

Indian history

Nice Post of history INDIA

Sir ji apne jo topic select kiye hai wo elsare reet me available hai isliye… NCERT ki aisi koi Book jisme prachin Bharat, Madhyakalin bharat,nd aadhunik bharat ki Book ya fir PDF Hindi medium me ho to PLZZ send me sir ji…. Or tino ki NCERT me Alag alag book milti ho to muje jarur bataye 🙏🙏

Sir ji apne dehli sultanet or bahmni A-Z topic send karo

Nice to meet you sir

Nice post history 👍❤sir

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भारत का इतिहास – प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक और विविध – Important Notes

भारत का इतिहास – प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक और विविध Important Notes : प्राचीन भारत का इतिहास नोट्स, मध्यकालीन भारत का इतिहास नोट्स, आधुनिक भारत का इतिहास नोट्स विविध ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाओं नोट्स यहाँ दिए गए हैं। UPSC, State PCS exams related History notes are available here. NCERT history notes for UPSC in hindi, NCERT history notes for PCS in hindi.

भारत का इतिहास – Important Notes

प्राचीन इतिहास.

  • प्रागैतिहासिक काल
  • ताम्रपाषाण युग
  • सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल
  • सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें
  • सिंधु घाटी सभ्यता का आर्थिक जीवन
  • सिंधु घाटी सभ्यता शिल्प तथा उद्योग धन्धे
  • सिंधु घाटी सभ्यता का सामाजिक जीवन
  • सिंधु घाटी सभ्यता का धार्मिक जीवन
  • सिंधु घाटी सभ्यता का पतन
  • वैदिक सभ्यता
  • मगध साम्राज्य
  • मौर्य साम्राज्य
  • मौर्योत्तर कालीन वंश
  • गुप्त वंश – गुप्तकाल
  • वर्द्धन या वर्धन वंश तथा पुष्यभूति वंश
  • विजयनगर साम्राज्य
  • चालुक्य वंश (बादामी/वातापी के चालुक्य – मुख्य शाखा)
  • राष्ट्रकूट वंश
  • चोल साम्राज्य
  • कल्याणी के चालुक्य (पश्चिमी चालुक्य)

मध्यकालीन इतिहास

  • दिल्ली सल्तनत का परिचय
  • मामलूक या गुलाम वंश
  • सैयद वंश (1414 – 1451 ई०)
  • लोदी वंश (1451 -1526 ई०)
  • हुमायूँ (1530-1556 ई०)
  • शेरशाह सूरी (1540-45 ई०)
  • अकबर (1556-1605 ई०)
  • जहाँगीर (1605-1627 ई०)
  • शाहजहां (1628-1658 ई०)
  • औरंगजेब (1658-1707 ई०)
  • सिख साम्राज्य का उदय / सिखों का इतिहास
  • आंग्ल-सिख युद्ध
  • मराठा साम्राज्य (1640-1749 ई०) (Short Notes)
  • पेशवा साम्राज्य (1713-1818 ई०) (Short Notes)
  • आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-1818 ई०)
  • हैदर अली का उत्कर्ष
  • आंग्ल-मैसूर युद्ध 

आधुनिक इतिहास

  • भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन
  • कर्नाटक का युद्ध 
  • बंगाल का इतिहास
  • प्लासी का युद्ध
  • प्लासी के युद्ध के उपरान्त बंगाल की स्थिति
  • बक्सर का युद्ध
  • व्यपगत सिद्धांत या लार्ड डलहौजी की राज्य हड़प नीति या गोद प्रथा निषेध की नीति
  • 1857 की क्रांति
  • दक्कन विद्रोह
  • नील आंदोलन / चंपारण आंदोलन
  • बिजोलिया किसान आंदोलन
  • अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन
  • खिलाफत आंदोलन
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919)
  • महात्मा गाँधी जी की जीवनी एवं प्रमुख सत्याग्रह आंदोलनों का संक्षिप्त वर्णन
  • भारत के गवर्नर जनरल तथा वायसराय
  • रेगुलेटिंग एक्ट 1773
  • पिट्स इंडिया एक्ट 1784
  • चार्टर एक्ट 1793
  • चार्टर एक्ट 1813
  • चार्टर एक्ट 1833
  • चार्टर एक्ट 1853
  • चार्टर एक्ट 1858
  • भारत परिषद अधिनियम 1861
  • भारत परिषद अधिनियम 1892
  • भारत परिषद अधिनियम 1909
  • भारत शासन अधिनियम 1919
  • रॉलेट एक्ट 1919
  • साइमन कमीशन 1927
  • भारत शासन अधिनियम 1935
  • भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947
  • भारत में हुए प्रमुख युद्ध
  • कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशन
  • ब्रिटिश राज के दौरान भारत के कुछ प्रमुख समाचार पत्र

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आधुनिक भारत का इतिहास Modern History of India in Hindi

आधुनिक भारत का इतिहास Modern History of India in Hindi

आज के इस लेख में हम आपको आधुनिक भारत का इतिहास (Modern History of India in Hindi) बताएँगे। भारतीय इतिहास काफी ज्यादा समृद्ध है और अन्य देशों के मुकाबले भारतीय इतिहास काफी ज्यादा विस्तृत भी है। इस लेख को विद्यार्थी एक निबंध के रूप में भी परीक्षा में लिख सकते हैं।

Table of Content

प्राचीन भारत (Ancient India)

पाषाण युग, सिंधु घाटी सभ्यता , वेदिक भारत, महा जनपद, मौर्य काल और गुप्त काल, भारतीय प्राचीन इतिहास का ही हिस्सा हैं। यह खण्ड अन्य सभी खंडों का आधार माना जाता है।

मध्यकालीन भारत (Medieval India)

पढ़ें : मध्यकालीन भारत का इतिहास (पूर्ण)

पाल साम्राज्य और राष्ट्र कूट साम्राज्य इसके प्रमुख अंग है। भारत में इस्लाम का आगमन इसी काल के दौरान हुआ था। मुगलों की शुरुआत से लेकर अंत तक इसी काल में हुई थी।

आधुनिक भारत इतिहास (Modern History of India)

आधुनिक भारतीय इतिहास मुगलों के समापन से लेकर इंदिरा गांधी के शासन काल तक को माना जा सकता है। कई विद्वानों का यह भी मानना है कि आधुनिक भारतीय इतिहास भारत की आजादी पर खत्म हो जाता है।

इसी खण्ड के दौरान भारत पर सबसे अधिक समय तक राज करने वाला साम्राज्य, मुगल साम्राज्य अपने आस्तित्व से बाहर हुआ था। हालांकि सत्ता से तो वह काफी पहले ही निकल चुका था।

भारतीय आधुनिक इतिहास की प्रमुख घटनाएं (Main Incidents Of Indian Modern History) 

ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना (arrival of east india company) .

पहले इसे जॉन कम्पनी के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में यह ईस्ट इंडिया कंपनी कहलाई थी। जॉन वाट्स इस कम्पनी के संस्थापक थे और उन्होने ही इस कंपनी के लिए व्यापार करने की इजाजत, ब्रिटेन की महारानी से ली थी। 

मुगलों का अन्त (End of Mughals)

मुगलों ने भारत के मध्यकालीन इतिहास खण्ड में सत्ता खो दी थी, लेकिन आखिरी मुगल बादशाह रहे बहादुर शाह जफर की मृत्यु भारतीय आधुनिक इतिहास खण्ड के दौरान हुई। विशाल मुगल साम्राज्य के अंतिम बादशाह का देहांत बर्मा की जेलों में हुआ जहां उन्हे अंग्रेजो द्वारा कैद किया गया था, और उनके उत्तराधिकारीयों को उन्ही की नजरों के सामने मौत के घाट उतार दिया गया था। 

आजादी की पहली लड़ाई (First war of independence) 

आजादी की पहली लड़ाई को “1857 की क्रांति” के नाम से भी जाना जाता है। यह लड़ाई अलग अलग सैन्य दलों और किसान आंदोलन के मोर्चों को मिलाकर बनाई गई थी।

गौरतलब है कि ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत को अधीन करने के उपरान्त सबसे अधिक असंतोष किसानों और सैन्य दलों में ही था। किसानों और सैन्य दलों ने ही इस आंदोलन को खड़ा किया था। हालांकि बाद में कई सारे क्रांतिकारी इस आंदोलन में जुड़ते चले गए। 

1857 की क्रांति की नींव 1853 में रखी गई थी। उस दौरान यह अफवाह फैला दी गई थी राइफल के कारतूस पर सुअर और गायों की चर्बी लगाई जाती है। गौरतलब है कि राइफल और कारतुस को चलाने से पहले उसे मूह से खोलना पड़ता था, जिस कारण यह हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के भारतीय सैनिकों को बुरा लगा। 

1857 की क्रांति का यह सैन्य कारण था। वहीं दूसरा कारण जो इस क्रांति से जुड़ा है वह यह कि किसानों पर ब्रिटिश सरकार के लगानों का बोझ काफी ज्यादा बढ़ गया था और वे काफी समय से इस चिंगारी को दबा रहे थे। 

इस क्रांति के प्रमुख चेहरे, मंगल पांडे , नाना साहेब, बेगम हजरत महल , तात्या टोपे , वीर कुंवर सिंह, अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर,   रानी लक्ष्मी बाई , लियाकत अली, गजाधर सिंह और खान बहादुर जैसे महत्वपूर्ण और वीर नेता थे। 

भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस का निर्माण (Formation of Indian National Congress) 

भारतीय कॉंग्रेस का गठन भारतीय आधुनिक इतिहास के प्रमुख चरणों में से एक है। भारतीय कॉंग्रेस ने आगे जाकर भारत की आजादी में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाया, हालांकि यह भारतीय कॉंग्रेस का शुरुआती मकसद नहीं था। 

भारतीय कॉंग्रेस का गठन ए ओ ह्यूम द्वारा किया गया था। उन्होने भारतीय कॉंग्रेस का निर्माण, ब्रिटिश सरकार के साथ मिलकर भारतीय लोगों के लिए बेहतर रणनीति बनाने के लिए किया था। 

कॉंग्रेस के शुरुआती दौर में कॉंग्रेस के पास केवल 17 सदस्य थे। कॉंग्रेस का पहला अधिवेशन मुंबई में हुआ था जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी द्वारा की गई थी। 

सूरत अधिवेशन (Surat Split) 

गौरतलब है कि 26 सितंबर 1907 को यह अधिवेशन ताप्ती नदी के किनारे पर रखा गया था। हर अधिवेशन की तरह ही इस अधिवेशन के लिए भी अध्यक्ष का चुनाव कराया गया, जहां से इस घटना क्रम की शुरुआत हुई। गौरतलब है कि स्वराज्य को पाने के लिए कराए जा रहे इस अधिवेशन के कारण कॉंग्रेस दो धड़ों में बंट गई। 

दरअसल गरम दल के उग्रवादियों ने सूरत अधिवेशन का अध्यक्ष लोकमान्य तिलक को बनाने की मांग की थी लेकिन इसके उलट उदारवादी दल ने डॉक्टर राम बिहारी घोष ने इस अधिवेशन का अध्यक्ष बना दिया। 

गांधी का आगमन (Arrival Of Mahatma Gandhi) 

महात्मा गांधी का भारतीय राजनीति में आगमन भारतीय आधुनिक इतिहास के प्रमुख चरणों में से एक है। महात्मा गांधी पहले इंग्लैंड मे थे और उसके बाद वे दक्षिण अफ्रीका गए।

दक्षिण अफ्रीका में उन्होने काफी ज्यादा संघर्ष किया और उस संघर्ष के उपरान्त वे भारत में आए। जब गांधी भारत लौटकर आये तब उनकी उम्र 46 वर्ष थी और साल 1915 था। उस समय महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे।

महात्मा गांधी ने भारतीय राजनीति का प्रमुख नेता बनने से पहले एक वर्ष तक भारत का अध्यन किया। महात्मा गांधी जी ने इस दौरान किसी भी प्रकार का आंदोलन नहीं किया न ही वे किसी मंच पर भाषण देने के लिए चढ़े। 

लेकिन 1915 के बाद 1916 में गांधी जी ने साबरमती आश्रम को स्थापित किया और पूरे भारत में भ्रमण करने लगे। उन्होने पहली बार मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मंच से भाषण दिया जो कि पूरे देश में आग की तरह फैल गया।

महात्मा गांधी का एकमात्र लक्ष्य पूर्ण स्वराज्य था, जो कि आगे चलकर कॉंग्रेस पार्टी का भी लक्ष्य बना और महात्मा गांधी कॉंग्रेस के प्रतीक बन गए।

मुस्लिम लीग का गठन (Formation of Muslim league) 

मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसंबर, 1906 को ढाका में की गई थी। गौरतलब है की ढाका भी उस समय भारत का ही हिस्सा था। मुस्लिम लीग का शुरुआती नाम आल इंडिया मुस्लिम लीग था जो कि बाद में मुस्लिम लीग हो गया था। मुस्लिम लीग के प्रमुख नेताओं में मोहम्मद अली जिन्ना, ख्वाजा सलीमुल्लाह और आगा खाँ शामिल हैं।

खिलाफत आंदोलन (Khilafat Movement)

पढ़ें : खिलाफत आंदोलन का इतिहास

असहयोग आंदोलन (Non co-operation Movement)

पढ़ें: असहयोग आंदोलन पर निबंध

गौरतलब है कि गांधी जी के इस निवेदन पर कई लोग इस आंदोलन से जुड़े। इस आंदोलन के दौरान 396 हड़तालें की गईं जिनमें 30 मार्च 1919 और 6 अप्रैल 1919 की देश व्यापी हड़तालें प्रमुख हैं। 

सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) 

भारत छोड़ो आंदोलन (quit india movement) .

भारत छोड़ो आंदोलन गांधी जी द्वारा किया गया आखिरी आंदोलन था। यह अंग्रेजों के खिलाफ भी किया गया आखिरी आंदोलन था क्यूंकि इस आंदोलन के उपरांत अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया था।

भारत का विभाजन (Partition of India) 

भारतीय संविधान निर्माण (indian constitution) .

भारतीय संविधान निर्माण भारतीय आधुनिक इतिहास की प्रमुख घटनाओं में से एक है। भारतीय संविधान का निर्माण भारत की सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया था। भारतीय संविधान को 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों में निर्मित किया गया था। 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

भारत की आजादी (Independence of India) 

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

भारत की आजादी का इतिहास, 1857 का विद्रोह, स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी का योगदान, स्वतंत्रता संग्राम की समयरेखा.

सालस्थानघटनानायक (स्वतंत्रता सेनानी)
1857बरहमपुर19वीं इन्फंट्री के सिपाहियों का राइफल अभ्यास से इंकार।
1857मेरठसैनिक विद्रोह
1857अंबालाअंबाला में गिरफ्तारी
1857बेरकपोरमंगल पांडे का ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला और बाद में मंगल पांडे को फांसी दे दी गयी थी. मंगल पांडे
1857लखनउलखनउ में 48वां विद्रोह
1857पेशावरमूल सेना का निरस्त्रीकरण
1857कानपुरदूसरी केवलरी का विद्रोह सतीचैरा घाट नरसंहार बीबीघर में महिलाओं और बच्चों का नरंसहार
1857दिल्लीबदली-की-सेराई की लड़ाई
1857झांसीरानी लक्ष्मीबाई का दत्तक पुत्र के हकों को नकारे जाने के प्रति विरोध प्रदर्शन और हमलावर सेनाओं से झांसी को बचाने का सफल प्रयासरानी लक्ष्मीबाई
1857मेरठसिपाहियों और भीड़ द्वारा 50 यूरोपियों की हत्या
1857कानपुरकानपुर की दूसरी लड़ाईः तात्या टोपे का कंपनी की सेना को हरानातात्या टोपे
1857झेलमदेसी सेना द्वारा ब्रिटिश विरोधी गदर
1857गुरदासपुरत्रिम्मू घाट की लड़ाई
1858कलकत्ताईस्ट इंडिया कंपनी का खात्मा
1858ग्वालियरग्वालियर की लड़ाई जिसमें रानी लक्ष्मीबाई ने मराठा बागियों के साथ सिंधिया शासकों के कब्जे से ग्वालियर छुड़ायारानी लक्ष्मीबाई
1858झांसीरानी लक्ष्मीबाई की मौतरानी लक्ष्मीबाई
1859शिवपुरीतात्या टोपे कब्जे में और उनकी हत्यातात्या टोपे
1876 महारानी विक्टोरिया भारत की साम्राज्ञी घोषित
1885बॉम्बेए ओ हयूम द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठनए ओ हयूम
1898 लॉर्ड कर्जन वायसराय बने
1905सूरतस्वदेशी आंदोलन शुरु
1905बंगालबंगाल का विभाजन
1906ढाकाऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठनआगा खान तृतीय
1908 30 अप्रेलः खुदीराम बोस को फांसी
1908मांडलेराजद्रोह के आरोप में तिलक को छह साल की सजाबाल गंगाधर तिलक
1909 मिंटो-मार्ले सुधार या इंडियन काउंसिल एक्ट
1911दिल्लीदिल्ली दरबार आयोजित। बंगाल का विभाजन रद्द
1912दिल्लीनई दिल्ली भारत की नई राजधानी बना
1912दिल्लीलॉर्ड हार्डिंग की हत्या का दिल्ली साजिश मामला
1914 सेन फ्रांसिसको में गदर पार्टी का गठन
1914कोलकाताकोमारगाता मारु घटना
1915मुंबईगोपाल कृष्ण गोखले की मौत
1916लखनउलखनउ एक्ट पर हस्ताक्षरमोहम्मद अली जिन्ना
1916पुणेतिलक द्वारा पुणे में पहली इंडियन होम रुल लीग का गठनबाल गंगाधर तिलक
1916ंमद्रासएनी बेसेंट द्वारा होम रुल लीग का नेतृत्वएनी बेसेंट
1917चंपारणमहात्मा गांधी द्वारा बिहार में चंपारण आंदोलन शुरुमहात्मा गांधी
1917 राज्य सचिव एडविन शमूएल मोंटेगू द्वारा मोंटेगू घोषणा
1918चंपारणचंपारण अगररिया कानून पास
1918खेड़ाखेड़ा सत्याग्रह
1918 भारत में ट्रेड संघ आंदोलन शुरु
1919अमृतसरजलियावाला बाग नरसंहार
1919 लंदन में इंपिरियल लेजिसलेटिव काउंसिल द्वारा ोलेट अधिनियम पास
1919 खिलाफत आंदोलन शुरु
1920 तिलक का कांग्रेस डेमोक्रेटिक पार्टी गठन
1920 असहयोग आंदोलन शुरुमहात्मा गांधी
1920 अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस शुरुनारायण मल्हार जोशी
1920कलकत्तागांधीजी द्वारा प्रस्ताव पारित जिसमें अंग्रेजों से भारत को अधिराज्य का दर्जा देने को कहा गयामहात्मा गांधी
1921मालाबारमोपलाह विद्रोह
1922चैरी चैराचैरी चैरा घटना
1922इलाहबादस्वराज पार्टी गठितसरदार वल्लभ भाई पटेल
1925
1925काकोरीकाकोरी षडयंत्ररामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, चंद्रशेखर आजाद
1925बारडोलीबारडोली सत्याग्रहवल्लभ भाई पटेल
1928बॉम्बेबॉम्बे में साइमन कमीशन आया और अखिल भारतीय हड़ताल हुई
1928लाहौरलाला लाजपत राय पर पुलिस की ज्यादती और जख्मों के चलते उनकी मौतलाला लाजपत राय
1928 नेहरु रिपोर्ट में भारत के नए डोमिनियन संविधान का प्रस्तावमोतीलाल नेहरु
1929लाहौरभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन आयोजितपंडित जवाहरलाल नेहरु
1929लाहौरकैदियों के लिए सुविधाओं की मांग करते हुए भूख हड़ताल करने पर स्वतंत्रता सेनानी जतिंद्रनाथ दास की मौतजतिंद्र नाथ दास
1929 ऑल पार्टी मुस्लिम कांफ्रेंस ने 14 सूत्र सुझाएमोहम्मद अली जिन्ना
1929दिल्लीसेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली में बम फेंका जानाभगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त
1929 भारतीय प्रतिनिधियों से मिलने राउंड टेबल कांफ्रेंस की लाॅर्ड इरविन की घोषणा
1929लाहौरजवाहरलाल नेहरु ने भारतीय ध्वज फहराया
1930 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज घोषित किया
1930साबरमति आश्रमदांडी मार्च के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरुमहात्मा गांधी
1930चिटगांवचिटगांव शस्त्रागार पर छापासूर्य सेन
1930लंदनसाइमन कमीशन की रिपोर्ट पार विचार हेतु लंदन में पहली गोल मेज बैठक
1931लाहौरभगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसीभगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु
1931 महात्मा गांधी और लाॅर्ड इरविन द्वारा गांधी इरविन पैक पर दस्तखत
1931 दूसरी राउंड टेबल बैठकमहात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, मदन मोहन मालवीय, घनश्यामदास बिड़ला, मोहम्मद इकबाल, सर मिर्जा इस्माइल, उसके दत्ता, सर सैयद अली इमाम
1932 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसकी सहयोगी संस्थाएं अवैध घोषित
1932 बिना ट्रायल के गांधी विद्रोह के आरोप में गिरफ्तारमहात्मा गांधी
1932 ब्रिटिश प्रधानमंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने भारतीय अल्पसंख्यकों के लिए अलग निर्वाचक मंडल बनाकर 'सांप्रदायिक अवार्ड' घोषित किया
1932 गांधीजी ने अछूत जातियों की हालत में सुधार हेतु आमरण अनषन किया जो छह दिन चलामहात्मा गांधी
1932लंदनतीसरी राउंड टेबल कांफ्रेंस
1933 अछूतों के कल्याण की ओर ध्यान की मांग पर गांधीजी ने उपवास कियामहात्मा गांधी
1934 गांधीजी ने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग किया और सकारात्मक कार्यक्रमों के लिए समर्पित कियामहात्मा गांधी
1935 भारत सराकर अधिनियम 1935 पास
1937 भारत सराकर अधिनियम 1935 के तहत भारत प्रांतीय चुनाव हुए
1938हरीपुराभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हरीपुरा अधिवेशन हुआ
1938 सुभाष चंद्र बोस को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गयासुभाष चंद्र बोस
1939जबलपुरत्रिपुरी अधिवेशन हुआ
1939 ब्रिटिश सरकार कह नीतियों के विरोध में कांग्रेस मंत्रियों का इस्तीफा। सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दियासुभाष चंद्र बोस
1939 कांग्रेस मंत्रियों के त्यागपत्र के जश्न में मुस्लिम लीग ने उद्धार दिवस मनायामोहम्मद अली जिन्ना
1940 मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए अलग राज्य की मांग करते हुए लाहौर अधिवेशन
1940 लाॅर्ड लिंलीथगो ने अगस्त आॅफर 1940 बनाया जिसमें भारतीयों को उनका संविधान बनाने का अधिकार दिया गया
1940वर्धाकांग्रेस कार्यकारिणी समिति ने अगस्त आॅफर ठुकराया और एकल सत्याग्रह शुरु किया
1941 सुभाष चंद्र बोस ने भारत छोड़ासुभाष चंद्र बोस
1942 भारत छोड़ो आंदोलन या अगस्त आंदोलन शुरु
1942 चर्चिल ने क्रिप्स आंदोलन शुरु किया
1942बाॅम्बेभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत छोड़ो प्रस्ताव शुरु किया
1942 गांधीजी और कांग्रेस के अन्य बड़े नेता गिरफ्तारमहात्मा गांधी
1942 आजाद हिंद फौज का गठनसुभाष चंद्र बोस
1943पोर्ट ब्लेयरसेल्युलर जेल को भारत की अस्थाई सरकार का मुख्यालय घोषित किया गया
1943 सुभाष चंद्र बोस ने भारत की अस्थाई सरकार के गठन की घोषणा कीसुभाष चंद्र बोस
1943कराचीमुस्लिम लीग के कराची अधिवेशन में बांटो और राज करो नारा अपनाया गया
1944मोरेंगजापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज के कर्नल शौकत मलिक ने इस क्षेत्र में अंग्रेजों को हरायाकर्नल शौकत अली
1944शिमलाभारतीय राजनीतिक नेताओं और वायसराय आर्किबाल्ड वेवलीन के बीच शिमला सम्मेलन
1946दिल्लीकेबिनेट मिशन प्लान पास
1946दिल्लीसंविधान सभा का गठन
1946 राॅयल इंडियन नेवी गदर
1946दिल्लीनई दिल्ली में केबिनेट मिशन का आगमन
1946लाहौरजवाहरलाल नेहरु ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालाजवाहरलाल नेहरु
1946 भारत की अंतरिम सरकार बनी
1946दिल्लीभारत की संविधान सभा का पहला सम्मेलन
1947 ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने ब्रिटिश भारत को ब्रिटिश सरकार का पूर्ण सहयोग देने की घोषणा की
1947 लार्ड माउंटबेटन भारत के वायसराय नियुक्त और स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल बने
1947 15 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के तहत भारत के भारत और पाकिस्तान में विभाजन हेतु माउंटबेटन प्लान बनाया गया

Dil Se Deshi

इतिहास किसे कहते हैं. इसकी उत्पत्ति और परिभाषा | What is History, Definition and Origin in Hindi

What is History, Definition and Origin in Hindi

इतिहास किसे कहते हैं. इसकी उत्पत्ति, महत्व और परिभाषा | What is History, its Definition, Imporatance and Origin in Hindi | Itihas Kise Kahate Hai

एक समय युद्ध और बड़ी बड़ी घटनाओं के विवरण को ही इतिहास माना जाता था. यह इतिहास राजा महाराजा और उनकी नीतियों के बारे में होता था. परंतु आम जनमानस और आधुनिक युग में बच्चों के मन में इतिहास को लेकर कुछ अलग ही सवाल होते हैं. जो हमारे दैनिक जीवन से जुड़े होते हैं. हम सभी के जीवन में कभी ना कभी कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जब हम कुछ बातें और चीजों को जानने के लिए उत्सुक होते हैं. जैसे पुराने जमाने में टीवी और रेडियो जैसे उपकरण नहीं होते थे तो उस समय के लोग कैसे देश और दुनिया की अन्य खबरों के बारे में जानकारी रखते थे या प्राप्त करते थे.

जिस जमाने में हवाई जहाज, रेल और मोटर वाहन नहीं हुआ करते थे उस समय लोग कैसे दूरदराज की यात्राएं संपन्न करते थे. जो अन्न हम खाते हैं उसकी खेती की शुरुआत कब और कैसे हुई. हमारे आज के जीवन और रहन-सहन से उपजे इन सवालों के जवाब अतीत के झरोखे से झांककर ही तलाशे जा सकते हैं. इसलिए इतिहास सिर्फ बीते हुए कल के बारे में ही नहीं बल्कि आज के बारे में भी है. इतिहास सुदूर अतीत से शुरू हुई ऐसी यात्रा है जिसमें किसान, व्यापारी, तीर्थयात्री, धर्म और शिल्पकार आदि है. इतिहास आज राजा रानी महान लोगों की जीवनी और राजनीतिक घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है. इतिहास आम लोगों के बारे में भी है. और आम लोगों के जीवन में आए बदलावों के बारे में भी है.

इतिहास की उत्पत्ति (History Origin)

इतिहास शब्द की उत्पति संस्कृत व्याकरण के विद्वानों के अनुसार इति+ह+आस , इन तीन शब्दों के रूप में स्वीकार की जाती हैं. जिसका अर्थ इस प्रकार से है- निश्चित रूप से ऐसा ही हुआ था. इतिहास शब्द का प्रयोग हमें अनेक प्राचीन ग्रंथों में भी देखने को मिलता हैं. इस शब्द का वर्णन अथर्ववेद में भी मिलता हैं. उपनिषद के अनुसार इतिहास को पांचवा वेद भी माना गया हैं. अंग्रेजी में इतिहास को हिस्ट्री (history) कहते हैं. यह शब्द यूनानी लोरोपला (loropla) से ग्रहण किया गया हैं.

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विभिन्न इतिहासकारों द्वारा इतिहास की परिभाषा (History Definition)

डॉ. राधाकृष्णन के अनुसार इतिहास राष्ट्र की स्मरण शक्ति होती है. परंतु इस कथन से भी समस्त इतिहासकार पूर्ण रूप से सहमत नहीं है तथा इसमें कुछ सत्यता भी हो सकती हैं क्योंकि अनेक राष्ट्रों तथा मानव जातियों को अपने विस्मृत गौरव तथा अतीत की जानकारी इतिहास से होती है.

लालबहादुर वर्मा के अनुसार अतीत के प्रति मनुष्य का नैसर्गिक लगाव होता है, इतिहास इस लगाव को इतिहास बोध में बदल देता है. संवेदना और भावना के यथार्थ को बौद्धिक यथार्थ, ज्ञान व विवेक में विकसित कर सकता है. अर्थात उस लगाव को प्रासंगिक तथा उपयोगी बना सकता है.

कॉलिंगवुड के अनुसार इतिहास अद्वितीय ज्ञान है और यह मनुष्य के संपूर्ण ज्ञान का स्त्रोत है. यह सत्य ही प्रतीत होता है क्योंकि इतिहास में ही मनुष्य जाति का संपूर्ण अतीत समाया हुआ है.

चार्ल्स फर्थ के अनुसार इतिहास ज्ञान की एक शाखा नहीं अपितु एक विशेष प्रकार का ज्ञान है जो मनुष्य के दैनिक जीवन में उपयोगी है.

हेनरी पिनेरे के अनुसार इतिहास समाज में रहने वाले मनुष्य के कार्यों तथा उपलब्धियों की कहानी है.

रैपसन अनुसार घटनाओं अथवा विचारों का अति से संबंद्ध विवरण ही इतिहास है.

इसे भी पढ़े :

  • रोमिला थापर का जीवन परिचय
  • पतंजलि परिधान की विस्तृत जानकारी
  • भीष्म पितामह का जीवन परिचय

मित्रों आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके अवश्य बताएं. धन्यवाद!

3 thoughts on “इतिहास किसे कहते हैं. इसकी उत्पत्ति और परिभाषा | What is History, Definition and Origin in Hindi”

Thanks aapki bajah se Mera kaam ho Gaya or bhi esi chij dete rahiyega ok and again thanks so much

Very good difination in history

It is so helpful for us thanks

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जानिए क्या है मॉडर्न हिस्ट्री?

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  • Updated on  
  • जनवरी 10, 2024

Modern history in Hindi

इतिहास हमारी ज़िन्दगी में बहुत मायने रखता है क्योंकि इतिहास की बदौलत ही हमारा आज मुमकिन हो सका है। आज जो है वह कल इतिहास ही कह लाएगा।। लेकिन इतिहास का अपना महत्व है। इतिहास की वजह से ही हमारा वजूद भी है। मॉडर्न हिस्ट्री को लेकर सभी इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों में अलग अलग राय हैं। Modern history in Hindi का यह ब्लॉग आपको देगा भारत की मॉडर्न हिस्ट्री से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। तो आइए, देते हैं आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी।

This Blog Includes:

प्राचीन भारत, वैदिक साहित्य, कांस्य – युग और सिंधु घाटी सभ्यता, महापद्मनंद नंदमौर्य साम्राज्य, मध्यकालीन भारत, मुगल साम्राज्य की स्थापना और राजपूत संघर्ष, ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत आना, 1857- भारत की आज़ादी का पहला विद्रोह, मुगल साम्राज्य का अंत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, 1947 – आज़ाद भारत, 1962,1965 और 1971 के युद्ध, 1974 का परमाणु टेस्ट, मॉडर्न हिस्ट्री में अन्य बड़े इवेंट्स, आधुनिक इतिहास के लिए बेस्ट पुस्तकें, भारत में लोकप्रिय मॉडर्न हिस्ट्री कोर्सेज, दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज, भारत में मॉडर्न हिस्ट्री कोर्सेज के लिए यूनिवर्सिटीज, आधुनिक भारत के इतिहास से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें(modern, history of india hindi), क्या है आधुनिक इतिहास.

भारत का इतिहास करीब 5,500 साल पहले तक का माना जा सकता है। आधुनिक भारतीय इतिहास को 1850 के बाद का इतिहास कहा जा सकता है। आधुनिक भारतीय इतिहास के एक बड़े हिस्से पर भारत में ब्रिटिश शासन का कब्जा था। Modern History in Hindi को मुगलों के भारत में आने से पहले से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के शासन काल तक को माना जा सकता है। सभी इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों के अपने अलग तथ्य हैं कि आधुनिक भारतीय इतिहास भारत की आजादी पर खत्म हो जाता है।

मानव के उदय से लेकर दसवीं सदी तक के भारत का इतिहास को प्राचीन भारत कहा जाता है। Modern History in Hindi में आप आगे जानेंगे प्राचीन भारत के बारे मेंI प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी के साधनों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- 

  • साहित्यिक साधन
  • पुरातात्विक साधन (जो देशी और विदेशी दोनों हैं।)

साहित्यिक साधन दो प्रकार के हैं-

  • धार्मिक साहित्य
  • लौकिक साहित्य

धार्मिक साहित्य भी दो प्रकार के हैं 

  • ब्राह्मण ग्रन्थ
  • अब्राह्मण ग्रन्थ 

ब्राह्मण ग्रन्थ दो प्रकार के हैं- 

  • श्रुति: जिसमें वेद, ब्राह्मण, उपनिषद इत्यादि आते हैं 
  • स्मृति: जिसके अन्तर्गत रामायण, महाभारत, पुराण, स्मृतियाँ आदि आती हैं। 

लौकिक साहित्य भी चार प्रकार के हैं – 

  • ऐतिहासिक साहित्य
  • विदेशी विवरण
  • जीवनी कल्पना प्रधान
  • गल्प साहित्य

पुरातात्विक सामग्रियों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है- 

  • भग्नावशेष स्मार

पाषाण युग, एक ऐसा काल था जब लोग पत्थरों पर निर्भर थे। पत्थर के औज़ार, पत्थर की गुफा ही उनके जीवन के प्रमुख आधार थे। यह मानव सभ्यता के आरंभिक काल में से है जब मानव आज की तरह विकसित नहीं था। इस काल में मानव प्राकृतिक आपदाओं से जूझता रहता था और शिकार तथा कन्द-मूल फल खाकर अपना गुजारता था। पाषाण युग के 2 भाग थे। पुरापाषाण युग और नवपाषाण युग ((6000 BC से 1000 BC))। पुरापाषाण युग को 3 भाग में बांटा जाता है – 

  • आरंभिक या निम्न पुरापाषाण युग (25,00,000 BC – 100,000 BC)
  • मध्य पुरापाषाण युग (1,00,000 BC – 40,000 BC)
  • उच्च पुरापाषाण युग (40,000 BC – 10,000 BC)

वैदिक साहित्य भारत के इतिहास के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण था। इसने मानव सभ्यता को सबसे ज़रूरी चीज़ वेदों के बारे में बताया था। आइए Modern History in Hindi में जानिए वेदों के नाम।

सिंधु घाटी सभ्यता 2500 BC से 1750 BC तक थी। इसमें मोहनजोदड़ो और हड़प्पा संस्कृति जैसी कई और अन्य अनगिनत सभ्यताएं भी थी। 

मौर्य राजवंश (322-185 BC) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली और गौरवपूर्ण राजवंश था। मौर्य राजवंश ने 137 वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है।

Modern History in Hindi में मध्यकालीन को मध्ययुगीन भारत भी कहा जाता है, यह “प्राचीन भारत” और “आधुनिक भारत” के बीच का दौर था जो भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की लंबी अवधि को दर्शाता है। यह काल छठी शताब्दी से लेकर सोलहवीं शताब्दी तक था। इसमें 2 भाग थे।

  • प्रारंभिक मध्ययुगीन काल (6-13वीं शताब्दी)
  • गत मध्यकालीन काल (13-16वीं शताब्दी)

प्रारंभिक मध्ययुगीन काल

इस दौर में कई राजवंश, वंश आदि हुए जिन्होंने पूरे भारत के अलग-अलग हिस्सों पर राज किया था। यह वह दौर था जब भारत को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। इस दौरान कई बड़े युद्ध भी हुए थे। यह काल 1526 में मुगल साम्राज्य की स्थापना के साथ समाप्त हो गया था।

गत मध्यकालीन काल

यह वह दौर था जब इस्लाम धर्म भारत में आया था और यहाँ इनके बीच और भारत के राजवंशों में अपने वर्चस्व को लेकर कई बड़े युद्ध भी हुए थे। दिल्ली सल्तनत और कई मुस्लिम वंशों की भरमार थी। इस बीच विदेशों से भी कई लोग आये थे, जिसमें से एक थे जिन्होंने भारत के लिए समुद्री रास्ते की खोज की थी, उनका नाम था वास्को डा गामा .

ज़रूर पढ़ें: Samrat Ashoka History in Hindi

भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना के साथ ही मध्यकालीन युग समाप्त हो गया था। मुगल साम्राज्य को भारत में बाबर ने स्थापित किया था। 1526 में हुए पानीपत के पहले युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल साम्राज्य को जड़ों तक मजबूत कर दिया था। 1527 में खानवा के युद्ध में बाबर ने वीर राणा सांगा को हरा दिया था जिससे उसने आधे भारत पर जीत हासिल कर ली थी। उसके बाद मुगल सम्राट अकबर का युद्ध वीर महाराणा प्रताप सिंह से हुआ था जिसमें अकबर ने वो युद्ध जीता था, इस युद्ध को सब हल्दीघाटी के युद्ध के नाम से जानते हैं। इसी तरह मुगलों मुगलों ने देश के कोने-कोने में लड़ाई की और जीते थे।

मुगलों के लालच में आकर उनके सामने वाले राजा उनसे सामने घुटने तक रहे थे वहीँ राजपूत अपने ही लोगों की गद्दारी से परेशानी में थे। जो खानवा और हल्दीघाटी का युद्ध आसानी से जीता जा सकता था वह अपनी सेना या अपने सहयोगियों की गद्दारी से वह हार गए थे, जिससे बाबर को भारत में मुगल साम्राज्य फ़ैलाने का मौका भी मिला था।

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना भारत में 31 दिसंबर 1600 को हुई थी। इसके आने इसे भारतीय आधुनिक इतिहास का प्रथम चरण कहा जा सकता है। पहले इसे जॉन कंपनी के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में यह ईस्ट इंडिया कंपनी कहलाई थी। जॉन वाट्स इस कम्पनी के फाउंडर थे और उन्होने हीइस कंपनी के लिए व्यापार करने की इजाजत, ब्रिटेन की महारानी से ली थी। 

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना द्वारा ही आधुनिक भारतीय इतिहास की नींव रखी गई। आधुनिक भारतीय इतिहास में घटने वाले अन्य सभी घटनाक्रम ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापन पर ही आधारित हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी जब भारत में आई थी उस समय मुगलों का राज था। उसके कई सालों बाद मुगलों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था जिसे अंग्रेज़ों ने आसानी जीता था। उसके बाद 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था जो अंग्रेज़ों और शुजाउद्दौला के बीच हुआ था जिसे अंग्रेज़ आसानी से जीते थे। Modern History in Hindi में ऐसे करके ईस्ट इंडिया कंपनी ने मुगलों को हाशिये पर धकेल कर पूरे भारत पर अपना राज़ कायम कर लिया था।

जब अंग्रेज़ों के जुल्म और नीतियां भारत के लोगों से सहन नहीं हुईं तो ब्रिटिश सेना के अंदर भारतीय सिपाहियों ने 1857 में नए कारतूस को लेकर अपना विद्रोह किया जो बाद में धीरे-धीरे भारत के लिए पहली आज़ादी की लड़ाई बनी, जिसकी डोर थी भारत के निडर स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय के हाथों में। उन्हें बाद में कई राजाओं का भी साथ मिला था। जिसमे तात्या टोपे का साथ भी मिला था। यह संग्राम आखिर में सफल न हो सका और अंग्रेज़ों ने इस विद्रोह को कुचल दिया था।

1857 की आज़ादी के विद्रोह के असफल होने से मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फर को अंग्रेज़ो ने सजा के रूप के रंगून (म्यांमार) भेज दिया था। यह इसलिए हुआ था क्योंकि बहादुर शाह ज़फर ने 1857 की आज़ादी के विद्रोह में अंग्रेज़ों का साथ नहीं दिया था। 1862 में उनकी किसी बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। इसी के साथ ही भारत से मुगल साम्राज्य का अंत भी हो गया।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 को हुई थी। इसकी स्थापना की थी एलन ऑक्टेवियन ह्यूम ने जो एक ब्रिटिश अधिकारी थे। कांग्रेस देश की सबसे पहली राजनीतिक पार्टी भी है। कांग्रेस ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भी बहुत योगदान दिया था।

Modern History in Hindi

15 अगस्त 1947 को भारत ने एक अलग सुबह देखी थी। यह सुबह थी आज़ादी वाली सुबह। इस आज़ादी से भारत ब्रिटिश राज से पूरी तरह आज़ाद हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत की आज़ादी की घोषणा की थी और उसके बाद वह देश के पहले प्रधानमंत्री भी बने थे।

ज़रूर पढ़ें : यूपीएससी व एसएससी के लिए History Questions in Hindi

मॉडर्न हिस्ट्री की बात जब हो रही है तो 1962,1965 और 1971 के युद्धों का ज़िक्र होना स्वाभाविक है, इनकी जानकारी इस प्रकार है:

  • 1962 का युद्ध: भारत का युद्ध चीन से हुआ था, जिसे चीन ने जीता था। इस युद्ध में भारत की सेना ने बहुत ही बहादुरी से युद्ध किया था। भारत के युद्ध हरने की वजह सड़कों का निर्माण और आधुनिक हथियारों का न होना था।
  • 1965 का युद्ध: भारत और पाकिस्तान के बीच अगस्त–23 सितम्बर 1965 तक हुआ था। इसे भारत ने जीता था। इस युद्ध में दोनों देशों के कई हज़ार सैनिकों की मौत हुई थी, जो उस समय बहुत ज्यादा थी। इस युद्ध का मुख्य कारण था पाकिस्तान का ऑपरेशन जिब्राल्टर को अंजाम देना, जो भारत के हितों के खिलाफ था।
  • 1971 का युद्ध: पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लोगों में पाकिस्तान के अत्याचारों को लेकर नाराज़गी थी जिससे वहां तनाव हो गया था। इस अत्याचार से निपटने के लिए पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी सेना बनी जिसे भारतीय सेना ने सहयोग दिया। ऐसे में यह युद्ध सीधे-सीधे पाकिस्तान बनाम भारत बन गया था। यह युद्ध भारत ने जीता था जिससे Bangladesh का जन्म हुआ था। इस युद्ध से भारतीय सेना को एक नया आयाम मिला था। 

Modern History in Hindi

ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा नाम से राजस्थान के पोखरण आर्मी बेस से भारत का पहला परमाणु बम परिक्षण हुआ था। यह परिक्षण पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए हुआ था। इसकी क्षमता 12 किलो टन थी। सफल परिक्षण के बाद भारत एक परमाणु शक्ति देश बन गया था। 

ज़रूर पढ़ें : एक महान साम्राज्य का इतिहास: विजयनगर साम्राज्य

मॉडर्न हिस्ट्री में अन्य बड़े इवेंट्स के नाम नीचे दिए गए हैं-

  • पुर्तगालियों का भारत आगमन
  • डचों का भारत आगमन
  • फ्रांसीसियों का आगमन
  • आंग्ल-मराठा युद्ध
  • आंग्ल-मराठा पैक्ट्स
  • भारत के गवर्नर जनरल
  • चंपारण सत्याग्रह
  • हर्टाग समिति
  • सार्जेंट शिक्षा योजना
  • वुड घोषणा पत्र

Modern History in Hindi के बारे में पढ़ने के लिए आपको दुनिया की सबसे बेस्ट पुस्तकों की लिस्ट दी जा रही है जो आपके लिए आगे पढ़ाई या नॉलेज बढ़ाने में मदद करेंगी। बेस्ट पुस्तकों की लिस्ट इस प्रकार है:

The Guns of August
The Discovery of India
The Diary Of a Young Girl
A Brief History of Modern India (2018-2019) Session by Spectrum Book Rajiv Ahir
The Cold War: A New History

ज़रूर पढ़ें : किसी खजाने से कम नहीं है मोहनजोदड़ो का इतिहास

निम्नलिखित आपको भारत में लोकप्रिय मॉडर्न हिस्ट्री कोर्सेज की लिस्ट दी जा रही है जिनके बारे में आपको जानना ज़रूरी है। Modern History in Hindi के लिए नीचे कोर्स की टेबल दी गई है-

BA in History3 वर्ष
MA in History2 वर्ष
MPhil in History2 वर्ष
PhD in History2-4 वर्ष

आप  AI Course Finder  की मदद से भी अपनी रुचि के अनुसार कोर्सेज और यूनिवर्सिटीज का चयन कर सकते हैं।

Modern History in Hindi के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट इस प्रकार है:

अमेरिका
यूनाइटेड किंगडम
यूनाइटेड किंगडम
अमेरिका
यूनाइटेड किंगडम
अमेरिका
अमेरिका
अमेरिका
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अमेरिका

Mega UniConnect , दुनिया का पहला और सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी फेयर जहाँ आपको मिल सकता है स्टडी अब्रॉड रेप्रेज़ेंटेटिव्स से बात करने   का मौका। 

निम्नलिखित आपको भारत में लोकप्रिय मॉडर्न हिस्ट्री कोर्सेज के लिए यूनिवर्सिटीज की लिस्ट दी जा रही है जिनके बारे में आपको जानना ज़रूरी है। Modern History in Hindi के लिए नीचे यूनिवर्सिटीज की लिस्ट दी गई है-

  • जीसस एंड मैरी कॉलेज
  • जामिया मिलिया इस्लामिया
  • दिल्ली विश्वविद्यालय
  • दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स
  • सामाजिक विज्ञान संकाय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय

यहाँ Modern History of India से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई जा रही हैं :

  • 1757 में प्लासी का युद्ध  ब्रिटिश साम्राज्य के भारत में प्रवेश का प्रतीक है। इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब को हराकर भारत में अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
  • 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम  एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने भारत के इतिहास की दिशा को बदल दिया। इस विद्रोह के कारण ब्रिटिश सरकार को भारत में अपने शासन को पुनर्गठित करना पड़ा और 1858 में भारत के शासन का प्रत्यक्ष नियंत्रण ब्रिटिश सरकार ने अपने हाथ में ले लिया।
  • 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना  भारत में राष्ट्रीय चेतना के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांग्रेस ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • 1905 में बंगाल के विभाजन  ने भारत में राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत किया। इस विभाजन के विरोध में पूरे भारत में व्यापक प्रदर्शन हुए।
  • 1919 में रॉलेट एक्ट  ने भारत में ब्रिटिश शासन की निरंकुशता को प्रदर्शित किया। इस एक्ट के विरोध में पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन हुए।
  • 1920 में गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन  भारत में स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। इस आंदोलन ने भारत की जनता में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की भावना को प्रज्वलित किया।
  • 1930 में गांधी जी के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह  भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस आंदोलन ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जन-जागृति फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • 1942 में गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन  भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे बड़ा आंदोलन था। इस आंदोलन के कारण भारत में ब्रिटिश शासन को भारत से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
  • 1947 में भारत की स्वतंत्रता  भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस दिन भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।

ज़रूर पढ़ें : जानिए भारत का इतिहास Indian History

आधुनिक भारत का इतिहास स्पष्टतः दो भागों में बँटा है। 1857 का सैनिक विद्रोह अपने पीछे जिस पृष्ठभूमि को रखे हुए है वही पुस्तक के पहले भाग की विषय-वस्तु है। इसका आरम्भ डच, पुर्तगाली, अंग्रेजी, फ्रांसीसी-इन सभी विदेशियों के भारत-आगमन से होता है।

भारत के आधुनिक इतिहास का कार्यकाल (1757 से 1947 तक) तक माना गया है।

भारत के इतिहास को आधुनिक रूप में लिखने की परम्परा देश में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासन की स्थापना के साथ-साथ ही शुरू हो गई थी। कम्पनी के शासन काल में देश के राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक, शैक्षिक, आर्थिक आदि क्षेत्रों में पाश्चात्य ढंग की नई-नई खोजें, व्याख्याएं और प्रक्रियाएं चालू हो गई थीं।

वोलटेयिर को आधुनिक इतिहास लेखन का जनक कहा जाता है। आधुनिक युग में हुई घटनाओं के बारे में जानना ही आधुनिक इतिहास कहलाता है जिसके बारे में वोलटेयिर ने सर्वप्रथम बतलाया इसलिए उन्हें आधुनिक इतिहास का पिता (Father of Modern History) कहा जाता है।

1971 के भारत-पाक युद्ध के समय भारत के आर्मी चीफ जनरल सैम मानेकशॉ थे।

Modern History in Hindi के इस ब्लॉग ने यकीनन आपको मॉडर्न हिस्ट्री से रूबरू करवा दिया होगा। यदि आप विदेश में जाकर हिस्ट्री कोर्सेज करना चाहते हैं तो आप आज ही हमारे  Leverage Edu  एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं, वे आपको एक उचित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए हमें  1800 572 000  पर कॉल करें।

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स्टडी अब्रॉड फील्ड के हिंदी एडिटर देवांग मैत्रे को कंटेंट और एडिटिंग में आधिकारिक तौर पर 7 वर्षों से ऊपर का अनुभव है। वह पूर्व में पोलिटिकल एडिटर-रणनीतिकार, एसोसिएट प्रोड्यूसर और कंटेंट राइटर/एडिटर रह चुके हैं। पत्रकारिता से अलग इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी काम करने का अनुभव है। देवांग को काम से अलग आप नियो-नोयर फिल्म्स, सीरीज व ट्विटर पर गंभीर चिंतन करते हुए ढूंढ सकते हैं।

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इतिहास (History) – परिभाषा, अर्थ और भारतीय इतिहास

‘ इतिहास ‘ शब्द की उत्पत्ति संस्कर्त के तीन शब्दो से ( इति + ह + आस ) से मिलकर हुई है। ‘ इति ‘ का अर्थ है ‘ जैसा हुआ वैसा ही ,’ ह ‘ का अर्थ है ‘ सचमुच ‘ तथा ‘ आस ‘ का अर्थ है ‘ निरन्तर रहना या ज्ञान होना ‘। वास्तव मे परम्परा से प्राप्त उपाख्यान समूह ही इतिहास है। ‘ हिस्टरी (History) ‘ शब्द का प्रयोग  हेरोडोटस  ने अपनी पहली पुस्तक ‘ हिस्टोरिका ‘ (Historical) मे किया था। इसीलिए हेरोडोटस को ‘ इतिहास का जनक ‘ माना जाता है।

इतिहास के जनक

‘ हिस्टरी (History) ‘ शब्द का प्रयोग  हेरोडोटस  ने अपनी पहली पुस्तक ‘ हिस्टोरिका ‘ (Historical) मे किया था।  इसीलिए हेरोडोटस को ‘ इतिहास का जनक ‘ माना जाता है।

Itihas Janane Ke Srot

इतिहास के श्रोत

भारत में इतिहास के दो ही मुख्य श्रोत माने जाते हैं- (1) ‘ पुरातत्व श्रोत ‘ जैसे अभिलेख, शिलालेख आदि (2) ‘ साहित्यिक श्रोत ‘ जैसे देशी साहित्य और विदेशी साहित्य आदि। देशी साहित्य के अंतर्गत धार्मिक और गैर धार्मिक दोनों प्रकार का साहित्य आता है।

भारतीय इतिहास

भारतीय इतिहास

भारत के इतिहास को इतिहासकरों ने अध्ययन की दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया – प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, और आधुनिक इतिहास। मध्यकालीन इतिहास को पुनः दो भागों में बांटा गया है – पूर्व मध्यकालोत्तर, मध्यकाल।

सिन्धु घाटी की सभ्यता

पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में 1921 में हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान) और 1922 में मोहनजोदड़ो (सिन्ध, पाकिस्तान) नामक नगरों का पता चला। ये मुख्यत नगरीय सभ्यता थी। इसकी अवधि 2500-1750 ई. पू. बताई जाती है। नगर सुनियोजित तरीके से बसाये गये थे। मकान पक्की ईंटों के बने थे।

लोग कपास व ऊन के वस्त्र पहनते थे। गेहूँ, जौ, मटर, तरबूज आदि की कृषि करते थे। स्त्रियाँ स्कर्ट पहनती थीं और पुरुष धोती लपेटते थे। यहाँ लोग आभूषण भी पहनते थे। ये लोग पीपल देवता व शिवजी की पूजा अर्चना करते थे।

मोहनजोदडो सभा गृह एवं विशाल स्नानागार तथा हड़प्पा में अनाज रखने की खत्तियाँ थीं। भारत में इस सभ्यता के चिह्न लोथल (गुजरात), रोपड़ (पंजाय) तथा काली गंगा (राजस्थान) में मिले हैं।

वैदिक सभ्यता

सिन्धु घाटी की सभ्यता के बाद भारत में वैदिक सभ्यता का प्रसार हुआ जो आर्यों द्वारा विकसित की गई थी। आर्यों के कारण ही भारत का नाम आर्यावर्त पड़ा। सर्वप्रथम ये ‘सप्तसैन्धव या सात नदियों के प्रवेश काबुल, गांधार, कश्मीर में आकर बस गए थे। कई शताब्दी रहने के बाद वे गंगा-यमुना के मैदान में आये और समस्त उत्तरी भारत में फैल गए।

आर्यों का समाज चार भागों या जातियों में बँटा हुआ था-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र। पिता परिवार का स्वामी होता था। इनकी सभ्यता ग्रामीण थी। ये लोग अच्छे उद्योगी थे और लोहा, तांबा व सोने का उपयोग करते थे। आर्य लोग मुख्यतः प्राकृतिक देवताओं वरुण, इन्द्र, सूर्य आदि की उपासना करते थे।

आर्यों ने समस्त जीवन को चार आश्रमों में विभाजित किया

  • ब्रह्मचर्य आश्रम
  • गृहस्थ आश्रम
  • वानप्रस्थ आश्रम
  • संन्यास आश्रम

आर्य 1500 वर्ष ई.पू. में आये तथा लगभग 600 ई. पू. तक भारत पर छाये रहे। बाद में आर्य लोग स्थानीय निवासियों से मिल गये और हिन्दू धर्म का विकास हुआ।

वैदिक काल की प्रमुख धार्मिक पुस्तकें

वेद चार हैं – (i) ऋग्वेद, (ii) सामवेद, (iii) यजुर्वेद, (iv) अथर्ववेद।

विश्व का प्राचीनतम ग्रन्थ है। गायत्री मन्त्र का उल्लेख ऋग्वेद में है। इसका पाठ करने वाले ब्राह्मण को ‘होतृ’ कहा जाता है।

यजुर्वेद कर्मकाण्ड प्रधान ग्रन्थ है। इसका पाठ करने वाले ब्राह्मण को ‘अध्वर्य’ कहा जाता है।

सामवेद को ‘भारतीय संगीत का जनक’ माना जाता है। इसका गान करने वाले ब्राह्मण को ‘उद्गात्’ कहा जाता है।

अथर्ववेद में पवित्र जादू, रोग निवारण राजभक्ति, विवाह, प्रणय-गीत, अन्धविश्वासों का वर्णन है।

ये आर्यों के दार्शनिक ग्रन्थ हैं। इनकी संख्या 108 बताई जाती है, किन्तु 11 उपनिषद् अधिक प्रसिद्ध है-  ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, मांडुक्य, ऐतरेय, तैत्तरीय, मन्दोग्य, बृहदारण्यक, श्वेताश्वर ।

  • मुण्डक उपनिषद्  से – स त्यमेव जयते  लिया गया है। 
  • बृहदारण्यक उपनिषद्  से –  ब्राह्मणों के बारे में जानकारी  मिलाती है। 
  • जवालो उपनिषद्  से –  चार आश्रमों  (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास) की जानकारी मिलती है। 

वैदिक काल के दो प्रमुख महाकाव्य हैं, वाल्मीकि द्वारा रचित ‘रामायण’, वेदव्यास द्वारा रचित ‘महाभारत’।

पुराणों की संख्या 18 है। प्रभुत पुराणे में भगवद पुराण, वामन पुराण एवं गरुण पुराण आदि है।

मनु द्वारा रचित ‘मनुस्मृति’ प्रमुख है।

  • प्रमुख भारतीय राजवंश
  • भारत में ब्रिटिश शासन
  • भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन (1857-1947)
  • धार्मिक एवं सामाजिक आन्दोलन
  • प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
  • भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्ति
  • भारतीय इतिहास के प्रमुखं युद्ध
  • राष्ट्रीय आंदोलनों की महत्वपूर्ण तिथियां
  • विद्रोह के प्रमुख केंद्रों का नेतृत्व
  • राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन सम्बन्धी प्रमुख वचन एवं नारे
  • राष्ट्रीय आंदोलन में बनी संस्थाए
  • समाचार पत्र तथा पत्रिकाएँ व उनके संस्थापक
  • भारत के प्रमुख नेता तथा उनके उपनाम

1 Comment on “ इतिहास (History) – परिभाषा, अर्थ और भारतीय इतिहास ”

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महात्मा गांधी पर निबंध | Essay On Mahatma Gandhi

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने जिंदगीभर भारत को आज़ादी दिलाने के लिये संघर्ष किया। महात्मा गांधी एक ऐसे महापुरुष थे जो प्राचीन काल से भारतीयों के दिल में रह रहे है। भारत का हर एक व्यक्ति और बच्चा-बच्चा उन्हें बापू और राष्ट्रपिता के नाम से जानता है।

2 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती मनाई जाती हैं एवं इस दिन को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान व्यक्त करने एवं उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों आदि में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

इन कार्यक्रमों के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी जी के महत्व को बताने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती हैं।

इसलिए आज हम आपको देश के राष्ट्रपितामह एवं बापू जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अलग-अलग शब्द सीमा में कुछ निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं-

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी पर निबंध – Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी अपने अतुल्य योगदान के लिये ज्यादातर “ राष्ट्रपिता और बापू ” के नाम से जाने जाते है। वे एक ऐसे महापुरुष थे जो अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे। उन्होंने भारत में ग्रामीण भागो के सामाजिक विकास के लिये आवाज़ उठाई थी, उन्होंने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग के लिये प्रेरित किया और बहोत से सामाजिक मुद्दों पर भी उन्होंने ब्रिटिशो के खिलाफ आवाज़ उठायी। वे भारतीय संस्कृति से अछूत और भेदभाव की परंपरा को नष्ट करना चाहते थे। बाद में वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान में शामिल होकर संघर्ष करने लगे।

भारतीय इतिहास में वे एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने भारतीयों की आज़ादी के सपने को सच्चाई में बदला था। आज भी लोग उन्हें उनके महान और अतुल्य कार्यो के लिये याद करते है। आज भी लोगो को उनके जीवन की मिसाल दी जाती है। वे जन्म से ही सत्य और अहिंसावादी नही थे बल्कि उन्होंने अपने आप को अहिंसावादी बनाया था।

राजा हरिशचंद्र के जीवन का उनपर काफी प्रभाव पड़ा। स्कूल के बाद उन्होंने अपनी लॉ की पढाई इंग्लैंड से पूरी की और वकीली के पेशे की शुरुवात की। अपने जीवन में उन्होंने काफी मुसीबतों का सामना किया लेकिन उन्होंने कभी हार नही मानी वे हमेशा आगे बढ़ते रहे।

उन्होंने काफी अभियानों की शुरुवात की जैसे 1920 में असहयोग आन्दोलन, 1930 में नगरी अवज्ञा अभियान और अंत में 1942 में भारत छोडो आंदोलन और उनके द्वारा किये गये ये सभी आन्दोलन भारत को आज़ादी दिलाने में कारगार साबित हुए। अंततः उनके द्वारा किये गये संघर्षो की बदौलत भारत को ब्रिटिश राज से आज़ादी मिल ही गयी।

महात्मा गांधी का जीवन काफी साधारण ही था वे रंगभेद और जातिभेद को नही मानते थे। उन्होंने भारतीय समाज से अछूत की परंपरा को नष्ट करने के लिये भी काफी प्रयास किये और इसके चलते उन्होंने अछूतों को “हरिजन” का नाम भी दिया था जिसका अर्थ “भगवान के लोग” था।

महात्मा गाँधी एक महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे और भारत को आज़ादी दिलाना ही उनके जीवन का उद्देश्य था। उन्होंने काफी भारतीयों को प्रेरित भी किया और उनका विश्वास था की इंसान को साधारण जीवन ही जीना चाहिये और स्वावलंबी होना चाहिये।

गांधीजी विदेशी वस्तुओ के खिलाफ थे इसीलिये वे भारत में स्वदेशी वस्तुओ को प्राधान्य देते थे। इतना ही नही बल्कि वे खुद चरखा चलाते थे। वे भारत में खेती का और स्वदेशी वस्तुओ का विस्तार करना चाहते थे। वे एक आध्यात्मिक पुरुष थे और भारतीय राजनीती में वे आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते थे।

महात्मा गांधी का देश के लिए किया गया अहिंसात्मक संघर्ष कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पूरा जीवन देश को स्वतंत्रता दिलाने में व्यतीत किया। और देशसेवा करते करते ही 30 जनवरी 1948 को इस महात्मा की मृत्यु हो गयी और राजघाट, दिल्ली में लाखोँ समर्थकों के हाजिरी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। आज भारत में 30 जनवरी को उनकी याद में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

“भविष्य में क्या होगा, यह मै कभी नहीं सोचना चाहता, मुझे बस वर्तमान की चिंता है, भगवान् ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।”

महात्मा गांधी जी आजादी की लड़ाई के महानायक थे, जिन्हें उनके महान कामों के कारण राष्ट्रपिता और महात्मा की उपाधि दी गई। स्वतंत्रता संग्राम में उनके द्धारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

आज उनके अथक प्रयासों, त्याग, बलिदान और समर्पण की बल पर ही हम सभी भारतीय आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं।

वे सत्य और अहिंसा के ऐसे पुजारी थे, जिन्होंने शांति के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था, वे हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। महात्मा गांधी जी के महान विचारों से देश का हर व्यक्ति प्रभावित है।

महात्मा गांधी जी का प्रारंभिक जीवन, परिवार एवं शिक्षा – Mahatma Gandhi Information

स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य सूत्रधार माने जाने वाले महात्मा गांधी जी गुजरात के पोरबंदर में  2 अक्टूबर 1869 को एक साधारण परिवार में जन्में थे। गांधी का जी पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।

उनके पिता जी करम चन्द गांधी ब्रिटिश शासनकाल के समय राजकोट के ‘दीवान’ थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो कि धार्मिक विचारों वाली एक कर्तव्यपरायण महिला थी, जिनके विचारों का गांधी जी पर गहरा प्रभाव पड़ा था।

वहीं जब वे 13 साल के थे, तब बाल विवाह की प्रथा के तहत उनकी शादी कस्तूरबा से कर दी गई थी, जिन्हें लोग प्यार से ”बा” कहकर पुकारते थे।

गांधी जी बचपन से ही बेहद अनुशासित एवं आज्ञाकारी बालक थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात में रहकर ही पूरी की और फिर वे कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए, जहां से लौटकर उन्होंने भारत में वकाकलत का काम शुरु किया, हालांकि, वकालत में वे ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाए।

महात्मा गांधी जी के राजनैतिक जीवन की शुरुआत – Mahatma Gandhi Political Career

अपनी वकालत की पढ़ाई के दौरान ही गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदभाव का शिकार होना पड़ा था। गांधी जी के साथ घटित एक घटना के मुताबिक एक बार जब वे ट्रेन की प्रथम श्रेणी के डिब्बे में बैठ गए थे, तब उन्हें ट्रेन के डिब्बे से धक्का मारकर बाहर निकाल दिया गया था।

इसके साथ ही उन्हें दक्षिण अफ्रीका के कई बड़े होटलों में जाने से भी रोक दिया गया था। जिसके बाद गांधी जी ने रंगभेदभाव के खिलाफ जमकर संघर्ष किया।

वे भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव को मिटाने के उद्देश्य से राजनीति में घुसे और फिर अपने सूझबूझ और उचित राजनैतिक कौशल से देश की राजनीति को एक नया आयाम दिया एवं स्वतंत्रता सेनानी के रुप में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सैद्धान्तवादी एवं आदर्शवादी महानायक के रुप में महात्मा गांधी:

महात्मा गांधी जी बेहद सैद्धांन्तवादी एवं आदर्शवादी नेता थे। वे सादा जीवन, उच्च विचार वाले महान व्यक्तित्व थे, उनके इसी स्वभाव की वजह से उन्हें लोग ”महात्मा” कहकर बुलाते थे।

उनके महान विचारों और आदर्श व्यत्तित्व का अनुसरण अल्बर्ट आइंसटाइन, राजेन्द्र प्रसाद, सरोजनी नायडू, नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जैसे कई महान लोगों ने भी किया है।

ये लोग गांधी जी के कट्टर समर्थक थे। गांधी जी के महान व्यक्तित्व का प्रभाव सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी था।

सत्य और अहिंसा उनके दो सशक्त हथियार थे, और इन्ही हथियारों के बल पर उन्होंने अंग्रजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।

वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता होने के साथ-साथ समाजसेवक भी थे, जिन्होंने भारत में फैले जातिवाद, छूआछूत, लिंग भेदभाव आदि को दूर करने के लिए भी सराहनीय प्रयास किए थे।

अपने पूरे जीवन भर राष्ट्र की सेवा में लगे रहे गांधी जी की देश की आजादी के कुछ समय बाद ही 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे द्धारा हत्या कर दी गई थी।

वे एक महान शख्सियत और युग पुरुष थे, जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्थिति में भी कभी भी सत्य का साथ नहीं छोड़ा और कठोर दृढ़संकल्प के साथ अडिग होकर अपने लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ते रहे। उनके जीवन से हर किसी को सीख लेने की जरूरत है।

महात्मा गांधी पर निबंध – Mahatma Gandhi par Nibandh

प्रस्तावना-

2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्में महात्मा गांधी जी द्धारा राष्ट्र के लिए किए गए त्याग, बलिदान और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

वे एक एक महापुरुष थे, जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। गांधी जी का महान और प्रभावशाली व्यक्तित्व हर किसी को प्रभावित करता है।

महात्मा गांधी जी की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका – Mahatma Gandhi as a Freedom Fighter

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदभाव के खिलाफ तमाम संघर्षों के बाद जब वे अपने स्वदेश भारत लौटे तो उन्होंने देखा कि क्रूर ब्रिटिश हुकूमत बेकसूर भारतीयों पर अपने अमानवीय अत्याचार कर रही थी और  देश की जनता गरीबी और भुखमरी से तड़प रही थी।

जिसके बाद उन्होंने क्रूर ब्रिटिशों को भारत से बाहर निकाल फेंकने का संकल्प लिया और फिर वे आजादी पाने के अपने दृढ़निश्चयी एवं अडिग लक्ष्य के साथ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।

महात्मा गांधी जी द्धारा चलाए गए प्रमुख आंदोलन:

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए अंग्रेजों के खिलाफ कई बड़े आंदोलन चलाए। उनके शांतिपूर्ण ढंग से चलाए गए आंदोलनों ने न सिर्फ भारत में ब्रिटिश सरकार की नींव कमजोर कर दी थीं, बल्कि उन्हें भारत छोड़ने के लिए भी विवश कर दिया था।  उनके द्धारा चलाए गए कुछ मुख्य आंदोलन इस प्रकार हैं-

चंपारण और खेड़ा आंदोलन – Kheda Movement

साल 1917 में जब अंग्रेज अपनी दमनकारी नीतियों के तहत चंपारण के किसानों का शोषण कर रहे थे, उस दौरान कुछ किसान ज्यादा कर देने में समर्थ नहीं थे।

जिसके चलते गरीबी और भुखमरी जैसे भयावह हालात पैदा हो गए थे, जिसे देखते हुए गांधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से चंपारण आंदोलन किया, इस आंदोलन के परिणामस्वरुप वे किसानों को करीब 25 फीसदी धनराशि वापस दिलवाने में सफल रहे।

साल 1918 में गुजरात के खेड़ा में भीषण बाढ़ आने से वहां के लोगों पर अकाली का पहाड़ टूट पड़ा था, ऐसे में किसान अंग्रेजों को भारी कर देने में असमर्थ थे।

जिसे देख गांधी जी ने अंग्रेजों से किसानों की लगान माफ करने की मांग करते हुए उनके खिलाफ अहिंसात्मक आंदोलन छेड़ दिया, जिसके बाद ब्रिटिश हुकूमत को उनकी मांगे माननी पड़ी और वहां के किसानों को कर में छूट देनी पड़ी।

महात्मा गांधी जी के इस आंदोलन को खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है।

महात्मा गांधी जी का असहयोग आंदोलन – Asahyog Movement

अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों एवं जलियावाला बाग हत्याकांड में मारे गए बेकसूर लोगों को देखकर गांधी जी को गहरा दुख पहुंचा था और उनके ह्रद्य में अंग्रेजों के अत्याचारों से देश को मुक्त करवाने की ज्वाला और अधिक तेज हो गई थी।

जिसके चलते उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर असहयोग आंदोलन करने का फैसला लिया। इस आंदोलन के तहत उन्होंने भारतीय जनता से अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन नहीं देने की अपील की।

गांधी जी के इस आंदोलन में बड़े स्तर पर भारतीयों ने समर्थन दिया और ब्रिटिश सरकार के अधीन पदों जैसे कि शिक्षक, प्रशासनिक व्यवस्था और अन्य सरकारी पदों से इस्तीफा देना शुरु कर दिया साथ ही सरकारी स्कूल, कॉलजों एवं सरकारी संस्थानों का जमकर बहिष्कार किया।

इस दौरान लोगों ने विदेशी कपड़ों की होली जलाई और खादी वस्त्रों एवं स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना शुरु कर दिया। गांधी जी के असहयोग आंदोलन ने भारत में ब्रिटिश हुकूमत की नींव को कमजोर कर दिया था।

सविनय अवज्ञा आंदोलन/डंडी यात्रा/नमक सत्याग्रह(1930) – Savinay Avagya Andolan

महात्मा गांधी ने यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ चलाया था। उन्होंने ब्रटिश सरकार के नमक कानून का उल्लंघन करने के लिए इसके तहत पैदल यात्रा की थी।

गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को अपने कुछ अनुयायियों के साथ सावरमती आश्रम से पैदल यात्रा शुरु की थी। इसके बाद करीब 6 अप्रैल को गांधी जी ने दांडी पहुंचकर समुद्र के किनारे नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून की अवहेलना की थी।

नमक सत्याग्रह के तहत भारतीय लोगों ने ब्रिटिश सरकार के आदेशों के खिलाफ जाकर खुद नमक बनाना एवमं बेचना शुरु कर दिया।

गांधी जी के इस अहिंसक आंदोलन से ब्रिटिश सरकार के हौसले कमजोर पड़ गए थे और गुलाम भारत को अंग्रेजों क चंगुल से आजाद करवाने का रास्ता साफ और मजबूत हो गया था।

महात्मा गांधी जी का भारत छोड़ो आंदोलन(1942)

अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ने के उद्देश्य  से महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ साल 1942 में ”भारत छोड़ो आंदोलन” की शुरुआत की थी। इस आंदोलन के कुछ साल बाद ही भारत ब्रिटिश शासकों की गुलामी से आजाद हो गया था।

आपको बता दें जब गांधी जी ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी, उस समय दूसरे विश्वयुद्ध का समय था और ब्रिटेन पहले से जर्मनी के साथ युद्ध में उलझा हुआ था, ऐसी स्थिति का बापू जी ने फायदा उठाया। गांधी जी के इस आंदोलन में बड़े पैमाने पर भारत की जनता ने एकत्र होकर अपना समर्थन दिया।

इस आंदोलन का इतना ज्यादा प्रभाव पड़ा कि ब्रिटिश सरकार को भारत को स्वतंत्रता देने का वादा करना पड़ा। इस तरह से यह आंदोलन, भारत में ब्रिटिश हुकूमत के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ।

इस तरह महात्मा गांधी जी द्धारा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलाए गए आंदोलनो ने  गुलाम भारत को आजाद करवाने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई और हर किसी के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ा है।

वहीं उनके आंदोलनों की खास बात यह रही कि उन्होंने बेहद  शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाए और आंदोलन के दौरान किसी भी तरह की हिंसात्मक गतिविधि होने पर उनके आंदोलन बीच में ही रद्द कर दिए गए।

  • Mahatma Gandhi Slogan

महात्मा गांधी जी ने जिस तरह राष्ट्र के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया एवं सच्चाई और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलवाने के लिए कई बड़े आंदोलन चलाए, उनसे हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। वहीं आज जिस तरह हिंसात्मक गतिविधियां बढ़ रही हैं, ऐसे में गांधी जी के महान विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। तभी देश-दुनिया में हिंसा कम हो सकेगी और देश तरक्की के पथ पर आगे बढ़ सकेगा।

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60 thoughts on “महात्मा गांधी पर निबंध | Essay On Mahatma Gandhi”

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Gandhi ji is my favorite

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अपने अलग अलग तरह से गाँधी जी के कार्यो को बताया है बहुत अच्छा

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
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  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
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  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
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  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
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  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
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  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
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  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
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  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
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  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
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  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
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  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

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  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
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मेरा प्रिय विषय (इतिहास) पर निबंध | My Favourite Subject- History in Hindi

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मेरा प्रिय विषय (इतिहास) पर निबंध | My Favourite Subject- History in Hindi!

जीवन में विद्या का विशेष महत्त्व है । इसके बिना जीवन अधूरा सा लगता है । जीवन को प्रकाशमय बनाने के लिए हमें पढ़ना चाहिए । किसी को साहित्य पसन्द है, कोई कविता और कोई कहानी पढ़ने में मग्न है । विद्यालय में बहुत से विषय पढाये जाते हैं, लेकिन इतिहास पढ़ने में मेरी विशेष रूचि हैं ।

इतिहास का शाब्दिक अर्थ है- बीती हुई घटनाओं और पुरुषों का कालक्रम के अनुसार वर्णन । इतिहास में हम महान् लोगों के बारे में पढ़ते हैं कि उन्होंने अपने शासन काल में क्या-क्या कार्य किए । इसके अतिरिक्त इतिहास यह भी बताता है कि इन लोगों ने खोज, युद्ध और उन्नति में अपना क्या-क्या योगदान दिया है ।

इतिहास हमारे सोचने समझने की शक्ति को विकसित करता है और यह बताता है कि वर्तमान में हम क्या हैं ? और भूतकाल में क्या थे । बिना इतिहास के ज्ञान के व्यक्ति अच्छा निर्णय नहीं कर पाता । मुझे भारतीय इतिहास पढ़ने में विशेष रूचि है, क्योंकि इसमें सिन्धु घाटी की सभ्यता के बारें में पता चलता है । आर्य भारतीय ही थे । यह ज्ञान हमें इतिहास ही कराता है ।

भारत में जैन और बौद्ध धर्मों का उदय होना, सिकन्दर का भारत पर आक्रमण, इस्लाम का भारत आगमन, महमूद गजनवी का सोमनाथ मन्दिर लूटना तथा भारत पर 17 बार आक्रमण करना, मौहम्मद गौरी का भारत आगमन, गुलाम वंश, खिलजी साम्राज्य, तुगलक साम्राज्य, बाबर द्वारा मुगल साम्राज्य की नींव डालना, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ, औरंगजेब का भारत पर शासन करना, मुगल साम्राज्य का पतन, शिवाजी का शासन, मराठों का उत्थान और पतन ।

इन सब की जानकारी हमें इतिहास ही देता है । इतिहास हमें बताता है कि ‘सोने की चिड़िया’ कहलाने वाला देश कंगाल कैसे हो गया । उसे न केवल मुस्लिम शासकों ने लूटा वल्कि अंग्रेजों ने भी लूटा । अपने इरादों को सफल करने के लिए भारतीयों पर तरह-तरह के अत्याचार किए जिसे पढ़कर हमारी रूह कांप उठती हैं ।

अंग्रेजों से अपने देश को आजाद कराने के लिए अनेक महापुरुष आजादी की लड़ाई में कूदे, जिनमें प्रमुख, थे- लाला लाजपत राय, सुभाष चन्द्र बोस, राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक आदि । महिलाएं भी इस कार्य में पीछे नहीं रहीं । इस प्रकार 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ । 1948 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने । 26 जनवरी 1950 को हमारा अपना संविधान बनकर तैयार हुआ ।

ADVERTISEMENTS:

इतिहास हमें केवल यह ही नहीं बताता कि कौन-कौन से शासक आए और चले गए, अपितु यह भी बताता है कि उस समय अनेक युद्ध लड़े गए और कुछ इतिहास में अमर हो गए । जैसे-बक्सर का युद्ध, पानीपत का युद्ध, मैसूर का युद्ध, 1857 की लड़ाई आदि ।

इतिहास में हमें युद्ध की हार-जीत के अतिरिक्त उस समय की राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक दशा का भी पता चलता है । शिक्षा पद्धति, धर्म का प्रचार-प्रसार, रहन-सहन, भोजन, वस्त्र, कला और संस्कृति का ज्ञान मिलता है । उस समय रचा गया साहित्य आज भी इसका साक्षी है ।

स्त्रियों की दशा, उनकी शिक्षा, पर्दा प्रथा, शासन में उनका योगदान, उनकी बिगड़ती हुई स्थिति, जन्म के तुरन्त बाद मार डालने के प्रमाण, स्त्री का सती हो जाना आदि घटनाओं का ज्ञान हमें इतिहास से ही उपलब्ध होता है । प्रेम का प्रतीक ताजमहल, लाल किला, कुतुब मीनार, अशोक की लाट जैसी ईमारतें आज भी दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं और अपने समय की संस्कृति का जीवन्त उदाहरण देती हैं ।

इतिहास से हमें सभी का वर्णन नाम और तिथि सहित मिलता है, जिससे यह विषय रोचक होने के साथ-साथ प्रामाणिक बन जाता है । इतिहास व्यक्ति और राष्ट्र की प्रगति को दर्शाता है । हमारे पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों को न दुहराने की प्रेरणा भी देता है ।

मेरे पास इतिहास की अच्छी-अच्छी पुस्तकों का संग्रह है । मैं विद्यालय में पढ़ाए गए इतिहास के अतिरिक्त भी अन्य पुस्तकें पढ़ती हूँ । अपने ज्ञान का कोष बढ़ाने के लिए मेरी दृष्टि में इतिहास सबसे रोचक और अच्छा विषय है ।

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इतिहास की परिभाषा, अर्थ, महत्व तथा इतिहास के जनक कौन है? 

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History अतीत की घटनाओं का अध्ययन है, जो व्यक्तिगत लोगों और समाजों से लेकर संपूर्ण सभ्यताओं तक हो सकता है।

यह एक अनुशासन है जो यह दिखाता है कि अतीत ने हमारी वर्तमान दुनिया को कैसे आकार दिया है और वर्तमान में बेहतर निर्णय लेने के लिए हम इससे कैसे सीख सकते हैं। 

इतिहास यह समझने के लिए कि वे समय के साथ कैसे बदल गए हैं, विभिन्न संस्कृतियों, विश्वासों और प्रथाओं की जांच भी करता है।

क्या आप इस प्रश्न के उत्तर को ढूंढ रहे हैं? आपको इस प्रश्न का भी उत्तर इस आर्टिकल में मिलेगा.

इतिहास का अर्थ क्या होता है?

Itihaas ka arth kya hota hai? इतिहास एक विषय है जो इति + ह + आस शब्दों के जोड़ से बना है जिसका अर्थ ‘’ यह निश्चय था’’  है। ग्रीस के लोग इतिहास को “हिस्तरी” यानि History शब्द से पुकारते थे जिसका मतलब “बुनना” था।

प्राचीन समय में घटित घटनाओं (निश्चित) तथा धारणाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर कहानी के रूप में पेश करना ही इतिहास कहलाता है। जरूर पढ़िए इतिहास शिक्षा का महत्व एवं फायदे. 

इतिहास की परिभाषा क्या होता है?

इतिहास किसे कहते है? इस प्रश्न के कई उत्तर हो सकते हैं, आपके सामने कई परिभाषाओं को प्रस्तुत किया गया है। इनमें से जो अच्छा लगे उनका आप चुनाव कर सकते हैं। 

“इतिहास ज्ञान की वह शाखा है जिसमें हम मानव जाति से संबंधित पिछली घटनाओं का अध्ययन करते हैं उसे इतिहास कहते हैं।”

“किसी विशेष लोगों, देश, अवधि, व्यक्ति इत्यादि से संबंधित पिछले घटनाओं की निरंतर, व्यवस्थित एवं सार्थक कथा को इतिहास कहते हैं। “

“किसी भी स्थान पर घटित घटनाओं या उससे संबंधित घटनाएँ जो किसी व्यक्ति, समाज एवं सार्वजनिक क्षेत्रों संबंधित हो तथा उन तथ्यों को क्रम अनुसार विवेचना किया जाता हो उसे इतिहास कहते हैं”। 

“प्राचीन से लेकर अब तक मानव-जाति से संबंधित घटनाओं का साक्ष्य या तथ्यों पर आधारित वर्णन इतिहास कह सकते हैं। “

इतिहास कितने प्रकार के होते हैं?

समय के आधार पर , इतिहास को तीन भागों में विभाजित किया जाता है। तीन मुख्य प्रकार प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक इतिहास हैं।

प्राचीन इतिहास की परिभाषा: प्राचीन इतिहास अध्ययन का एक क्षेत्र है जो मध्य युग से पहले के इतिहास की अवधि को शामिल करता है, आम तौर पर मानव सभ्यता की शुरुआत से लगभग 5वीं शताब्दी सीई तक की घटनाओं को कवर करता है। 

यह एक व्यापक विषय है जो पुरातत्व, नृविज्ञान, भाषा विज्ञान और कला इतिहास सहित अंतःविषय दृष्टिकोणों का उपयोग करता है। 

प्राचीन इतिहास पूर्व-आधुनिक समाजों के विश्वासों और मूल्यों में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए उनके धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी देखता है।

मध्ययुगीन इतिहास की परिभाषा: मध्यकालीन इतिहास अध्ययन का एक अंतःविषय क्षेत्र है जो 5वीं से 15वीं शताब्दी सीई तक यूरोपीय इतिहास की अवधि पर केंद्रित है।

इसमें विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जिसमें राजनीतिक संरचनाएं, सामाजिक संगठन, आर्थिक विकास, धार्मिक परिवर्तन, सांस्कृतिक रुझान और कलात्मक अभिव्यक्ति शामिल हैं। जैसे, यह अन्य क्षेत्रों जैसे कि दर्शन, पुरातत्व, कला इतिहास, पूजा पद्धति अध्ययन और नृविज्ञान से निकटता से संबंधित है।

आधुनिक इतिहास की परिभाषा: आधुनिक इतिहास एक ऐसा शब्द है जो परंपरागत रूप से शुरुआती आधुनिक युग से शुरू होने वाली अवधि को संदर्भित करता है, जिसे आम तौर पर 15वीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक माना जाता है। 

यह आम तौर पर सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रगति सहित ऐतिहासिक घटनाओं और विकासों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है।

क्षेत्र एवं व्यापकता के आधार पर इतिहास को कई वर्गों में विभाजित किए जाते हैं। इतिहास के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।

आर्थिक इतिहास: आर्थिक इतिहास इतिहास का एक उपक्षेत्र है जो समय के साथ विभिन्न समाजों में आर्थिक विकास और संरचनात्मक परिवर्तनों के अध्ययन पर केंद्रित है। 

यह समझने की कोशिश करता है कि क्यों कुछ समाजों ने आर्थिक रूप से प्रगति की है और कुछ क्षेत्रों में ठहराव या यहां तक कि प्रतिगमन क्यों देखा है। 

यह राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी कारकों की जांच करता है जिन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक विकास के विभिन्न स्तरों में योगदान दिया है।

आर्थिक इतिहास यह भी देखता है कि समय के साथ प्रौद्योगिकी, नीति, जनसंख्या परिवर्तन और अन्य कारकों में परिवर्तन अर्थव्यवस्थाओं को कैसे प्रभावित करते हैं।

बौद्धिक इतिहास: बौद्धिक इतिहास इतिहास के विभिन्न कालखंडों में विचारों, विचारधाराओं और अवधारणाओं के विश्लेषण और व्याख्या पर केंद्रित अध्ययन का एक अकादमिक क्षेत्र है।

यह जांच करता है कि कैसे लोगों की विचार प्रक्रियाओं और विश्वासों को समाज और संस्कृति में उनके अनुभवों द्वारा आकार दिया गया है, साथ ही इन विचारों ने सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और जीवन के अन्य पहलुओं को कैसे प्रभावित किया है। 

बौद्धिक इतिहासकार अक्सर इस बात को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाते हैं कि अतीत के बारे में एक कथा बनाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों ने कैसे बातचीत की है।

राजनीतिक इतिहास: राजनीतिक इतिहास को मोटे तौर पर अतीत और वर्तमान के समाजों में शक्ति, अधिकार और शासन के अध्ययन के रूप में देखा जा सकता है। 

यह एक अंतःविषय क्षेत्र है जो विश्लेषण के सभी स्तरों पर राजनीतिक घटनाओं की जांच करने के लिए ऐतिहासिक तरीकों, सैद्धांतिक ढांचे और अनुभवजन्य साक्ष्य का उपयोग करता है – व्यक्ति से राज्य तक। 

राजनीतिक इतिहास उन तरीकों की जांच करता है जिनमें समय के साथ घटनाओं और निर्णयों द्वारा राजनीतिक व्यवस्थाओं को आकार दिया गया है, विशेष रूप से इस संदर्भ में कि वे व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को कैसे प्रभावित करते हैं।

सामाजिक इतिहास: सामाजिक इतिहास मानव समाजों के अध्ययन के लिए एक अंतःविषय दृष्टिकोण है, जो विशिष्ट अभिनेताओं के बजाय सामान्य लोगों के ‘जीवित अनुभवों’ पर केंद्रित है। 

यह इस बात की पड़ताल करता है कि कैसे उनके दैनिक जीवन को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रक्रियाओं द्वारा आकार दिया गया था, साथ ही यह भी जांच की गई थी कि उन्होंने उन प्रक्रियाओं पर कैसे प्रतिक्रिया दी और उनसे कैसे बातचीत की। 

इतिहास के व्यक्तिगत तत्वों को देखते हुए, सामाजिक इतिहास हमें दिखाता है कि व्यक्ति और समाज बाहरी घटनाओं के निष्क्रिय प्राप्तकर्ता नहीं हैं, बल्कि अपने स्वयं के इतिहास के निर्माण में सक्रिय भागीदार हैं।

साँस्कृतिक इतिहास: सांस्कृतिक इतिहास अध्ययन का एक क्षेत्र है जो अंतःविषय दृष्टिकोण से संस्कृतियों के विकास को समझने का प्रयास करता है। इसमें ऐतिहासिक समाजशास्त्र, नृविज्ञान, पुरातत्व, भौतिक संस्कृति अध्ययन और कला इतिहास जैसे दृष्टिकोणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। 

इसका उद्देश्य पिछले समाजों में अंतर्निहित सामाजिक गतिशीलता में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए समय के साथ सांस्कृतिक प्रथाओं के विकास और परिवर्तन की जांच करना है।

धार्मिक इतिहास: धार्मिक इतिहास एक अकादमिक क्षेत्र है जो धार्मिक विश्वास प्रणालियों और प्रथाओं के विकास, परंपराओं और समकालीन अभिव्यक्तियों को समझने की कोशिश करता है। 

यह इतिहास और धार्मिक अध्ययन के व्यापक विषयों के भीतर स्थित है, दोनों से सैद्धांतिक ढांचे पर यह जांचने के लिए कि धर्म ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संदर्भों को कैसे आकार दिया है। 

धार्मिक इतिहास समय के साथ विभिन्न धर्मों की गतिशीलता में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान, धर्मशास्त्र, कला और साहित्य सहित कई विषयों की जांच करता है।

संवैधानिक इतिहास: संवैधानिक इतिहास संवैधानिक प्रणालियों के विकास का अध्ययन है, जो एक राज्य में शासन शक्ति के प्रयोग को स्थापित और व्यवस्थित करने वाले ढांचे हैं। 

यह उन तरीकों की जांच करता है जिनमें समय के साथ-साथ संविधान में बदलाव आया है, साथ ही राजनीतिक और कानूनी संस्थानों के लिए उनके निहितार्थ भी हैं। 

संवैधानिक इतिहास विभिन्न समाजों द्वारा अपनाई गई सरकार के विभिन्न रूपों की पड़ताल करता है, यह विश्लेषण करता है कि ये रूप नागरिकों के नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता को कैसे प्रभावित करते हैं। 

इसके अतिरिक्त, यह देखता है कि कैसे समाज या प्रौद्योगिकी में परिवर्तन के कारण संवैधानिक व्यवस्था विकसित या संशोधित की जाती है।

राजनयिक इतिहास: कूटनीतिक इतिहास ऐतिहासिक जांच का एक विशेष क्षेत्र है जो घटनाओं के विकास में कूटनीति की भूमिका पर केंद्रित है। 

यह एक अंतःविषय अध्ययन है, जो राजनीति विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, कानून, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और सैन्य रणनीति से तरीकों और ज्ञान पर आधारित है। 

राजनयिक इतिहास राज्यों के बीच राजनयिक संबंधों के विभिन्न रूपों के साथ-साथ गैर-राज्य अभिनेताओं या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे अन्य अभिनेताओं के साथ उनके संबंधों की जांच करता है।

इतिहास की विशेषताएं क्या हैं?

इतिहास अतीत की घटनाओं और आज हम पर उनके प्रभाव का अध्ययन है। यह मानव अनुभव की जटिलता की व्याख्या, विश्लेषण और समझने का एक तरीका है। 

इतिहास को तीन व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: राजनीतिक इतिहास, सांस्कृतिक इतिहास और आर्थिक इतिहास। प्रत्येक श्रेणी की अपनी विशेषताएं होती हैं, जो हमें अपनी दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकती हैं।

राजनीतिक इतिहास यह दिखाता है कि कैसे सरकारें, राष्ट्र और समाज समय के साथ एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं। 

यह जांच करता है कि विभिन्न समूह किसी दिए गए समाज या क्षेत्र के भीतर सत्ता के लिए कैसे प्रयास करते हैं और उस समाज या क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर उन परस्पर क्रियाओं का क्या प्रभाव पड़ सकता है। 

इस प्रकार का इतिहास युद्ध, उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद, क्रांति, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, अप्रवासन नीति, विदेश नीति के फैसले और अन्य जैसे मुद्दों को भी देखता है।

इतिहास की उपयोगिता क्या है?

वर्तमान को समझने और भविष्य की तैयारी के लिए इतिहास का अध्ययन आवश्यक है। यह हमें पिछली गलतियों और सफलताओं से सीखने की अनुमति देता है, जिससे हमें एक बेहतर दुनिया बनाने के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलती है।

सामूहिक यादों, मूल्यों और विश्वासों की खोज करके इतिहास हमें व्यक्तियों और एक बड़े समाज के सदस्यों के रूप में अपनी पहचान को समझने में भी मदद करता है।

History के कई व्यावहारिक उपयोग भी हैं। निर्णय लेने की सूचना देने या विभिन्न स्थितियों के बीच तुलना करने के लिए इसका उपयोग व्यापार या राजनीतिक संदर्भों में किया जा सकता है। 

वर्तमान घटनाओं के लिए प्रासंगिक संदर्भ प्रदान करने के लिए पत्रकारिता में ऐतिहासिक विश्लेषण का उपयोग किया जा सकता है, जिससे पाठकों को उनकी दुनिया में क्या हो रहा है, इसकी बेहतर समझ हासिल करने में मदद मिलती है। 

इतिहासकार संग्रहालयों, अभिलेखागारों, पुस्तकालयों, विश्वविद्यालयों और पिछले युगों के अभिलेखों को संरक्षित करने के लिए समर्पित अन्य संगठनों में भी कार्यरत हैं।

इतिहास की उत्पत्ति कैसे हुई?

इतिहास पिछली घटनाओं का अध्ययन है, जिसे प्राचीन काल में खोजा जा सकता है। चूंकि मानव ने सबसे पहले अपने अनुभवों का दस्तावेजीकरण करना शुरू किया, इसलिए इतिहास के बारे में हमारी समझ विकसित और विस्तारित हुई है। 

मौखिक इतिहास, पुरातात्विक साक्ष्य (Archeological evidence), लिखित रिकॉर्ड, कलाकृतियों और यहां तक कि जैविक अवशेषों सहित अतीत की कहानियों पर शोध और वर्णन करते समय इतिहासकार विभिन्न स्रोतों का उपयोग करते हैं। 

दुनिया भर की कई संस्कृतियों में, लेखन के सामान्य होने से पहले ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए कहानी कहने का उपयोग किया जाता था। 

जैसे-जैसे समय बीतता गया, इस ज्ञान को संरक्षित करने के लिए और अधिक परिष्कृत तरीके अपनाए गए जैसे कि लिखित भाषा और संचार के अन्य रूप जैसे कला और वास्तुकला शामिल है। 

आज हमारे पास अनगिनत किताबें हैं जो हमारे सामूहिक इतिहास का दस्तावेजीकरण करती हैं – अलग-अलग पारिवारिक कहानियों से लेकर बड़े पैमाने पर होने वाली घटनाओं तक जिन्होंने सदियों से सभ्यताओं को आकार दिया है। 

इतिहास एक निरंतर विकसित होने वाला क्षेत्र है जो मानव अनुभव पर अपने विशाल विषयों और दृष्टिकोणों के साथ हम सभी को मोहित करता रहता है।

इतिहास के जनक कौन हैं?

इतिहास के जनक का नाम हिरोडोटस है। दुनिया के महानतम इतिहास-कार सिसीरो ने हिरोडोटस (तुर्की) को पहली बार फादर ऑफ हिस्ट्री का उपाधि दिया था। इतिहास के जनक हिरोडोटस का संस्कृत भाषा में नाम हरिदत्त है।

बिशप विलियम स्टब्स को ‘आधुनिक इतिहास का जनक’ कहा जाता है। इसके अतिरिक्त इतिहास की प्रकृति को भी समझना आवश्यक है। आपको इतिहास की प्रकृति के बारे में भी जरूर पढ़ना चाहिए. 

भारतीय इतिहास के पिता किसे कहा जाता है?

मेगस्थनीज यूनान का एक राजदूत था। जो 290 ईसा पूर्व में पाटलिपुत्र (पटना) आया था तथा चन्द्रगुप्त के दरबार में कई वर्षों तक रुके थे। 

उन्होंने ने “ इंडिका ” का नामक पुस्तक लिखा था। उस किताब में पाटलिपुत्र का विस्तृत वर्णन किया गया है। मेगस्थनीज को भारतीय इतिहास के पिता (भारतीय इतिहास के जनक) के रूप में जाना जाता है। 

हमारे लिए इतिहास का महत्व क्या है?

इतिहास का महत्व सिर्फ परीक्षाओं तक सीमित नहीं है। इतिहास हमें अतीत में हुए घटनाओं की जानकारी देता है जिससे हम अपने अतीत को समझ सकते हैं। वर्तमान तथा आने वाले घटनाओं को हम ज्यादा बेहतर समझ पाते हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है।

यदि हम अतीत की सफलताओं तथा विफलताओं का अध्ययन करते हैं, तो हम आदर्श रूप से, हमारी गलतियों से सीखने तथा भविष्य में उन्हें दोहराने से बचने में सक्षम हो सकते हैं। 

इतिहास एक ऐसा महत्वपूर्ण विषय है जो हमारे समाज को आईना दिखाता है। इतिहास पिछले घटनाओं का अध्ययन है तथा हम अतीत को संदर्भित करते समय वर्तमान समय की तुलना करते हैं। इतिहास के महत्व को तथा विस्तार से जाना जा सकता है। 

Conclusion Points 

एक इतिहासकार का काम प्राथमिक स्रोतों का विश्लेषण करना है जैसे कि एक निश्चित अवधि या घटना के दौरान रहने वाले लोगों द्वारा लिखे गए दस्तावेज़। 

वे माध्यमिक स्रोतों की भी जांच करते हैं जैसे कि किसी घटना या उसके घटित होने के बाद की अवधि के बारे में लिखी गई पुस्तकें और लेख। 

इस विश्लेषण के माध्यम से, इतिहासकार अतीत में क्या हुआ, क्यों हुआ, और आज के समाज के लिए इसके परिणामों की समझ का निर्माण करते हैं। इसके अतिरिक्त, इतिहास उदाहरण के लिए वंशावली अभिलेखों के माध्यम से हमारी उत्पत्ति का पता लगाकर हमारी पहचान को समझने में हमारी मदद करता है।

दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि इतिहास क्या है एवं History in Hindi से संबंधित लेख पसंद आया होगा। इतिहास से संबंधित अन्य लेख के लिंक नीचे दिए गए हैं। कृपया क्लिक करके उसे भी एक बार जरूर पढ़ें।

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Question – एतिहासिक का अर्थ क्या है?

Answer: ऐतिहासिक का अर्थ अतीत की घटनाओं, लोगों या घटनाओं के महत्व या व्याख्या को संदर्भित करता है।

Question – ऐतिहासिक अर्थ क्यों महत्वपूर्ण है?

Answer: ऐतिहासिक अर्थ को समझने से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि अतीत की घटनाओं ने हमारे वर्तमान को कैसे आकार दिया और भविष्य के लिए निर्णय लेने में मदद की।

Question – इतिहासकार ऐतिहासिक शब्द के अर्थ कैसे निर्धारित करते हैं?

Answer: इतिहासकार घटनाओं की व्याख्या करने और ऐतिहासिक अर्थ निकालने के लिए प्राथमिक दस्तावेजों, कलाकृतियों और खातों जैसे विभिन्न स्रोतों का विश्लेषण करते हैं।

Question – क्या समय के साथ ऐतिहासिक अर्थ बदल सकते हैं?

Answer: हां, जैसे-जैसे नए साक्ष्य सामने आते हैं या परिप्रेक्ष्य विकसित होते हैं, ऐतिहासिक अर्थ का पुनर्मूल्यांकन और संशोधन किया जा सकता है।

Question – क्या ऐतिहासिक अर्थ की अलग-अलग व्याख्याएँ हैं?

Answer:  हां, अलग-अलग इतिहासकारों की अपने विश्लेषण और दृष्टिकोण के आधार पर अलग-अलग व्याख्याएं हो सकती हैं।

Question – इतिहास क्या है?

Answer: इतिहास अतीत की घटनाओं, लोगों और समाजों का अध्ययन है, जिसमें प्राचीन सभ्यताओं से लेकर हाल के विकास तक सब कुछ शामिल है।

Question – इतिहास का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?

Answer: इतिहास का अध्ययन हमें अपनी जड़ों को समझने, पिछली गलतियों से सीखने और भविष्य के लिए सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद करता है।

Question – इतिहासकार अतीत के बारे में जानकारी कैसे इकट्ठा करते हैं?

Answer: इतिहासकार लिखित अभिलेखों, पुरातात्विक कलाकृतियों, मौखिक परंपराओं और यहां तक कि कार्बन डेटिंग जैसे वैज्ञानिक तरीकों जैसे स्रोतों की एक विस्तृत श्रृंखला पर भरोसा करते हैं।

Question – इतिहास में प्राथमिक स्रोत क्या हैं?

Answer: प्राथमिक स्रोत अध्ययन के दौरान बनाए गए प्रत्यक्ष खाते या मूल सामग्री हैं। उदाहरणों में डायरी, पत्र, तस्वीरें और आधिकारिक दस्तावेज़ शामिल हैं।

Question – क्या इतिहास पक्षपाती या व्यक्तिपरक हो सकता है?

Answer: हां, इतिहास व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों या राजनीतिक एजेंडे से प्रभावित हो सकता है। इतिहासकार उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर घटनाओं की वस्तुनिष्ठ व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

Question – क्या सभी ऐतिहासिक तथ्य निश्चित रूप से ज्ञात हैं?

Answer: नहीं, सभी ऐतिहासिक तथ्य पूर्ण निश्चितता के साथ ज्ञात नहीं हैं। इतिहासकार अक्सर अधूरी या परस्पर विरोधी जानकारी के साथ काम करते हैं और उन्हें उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर व्याख्याएँ करनी पड़ती हैं।

Question – आज की दुनिया में इतिहास का अध्ययन हमें किस प्रकार मदद करता है?

Answer: यह समझकर कि समय के साथ समाज कैसे विकसित हुआ है, हम वर्तमान सामाजिक मुद्दों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और जटिल परिस्थितियों का विश्लेषण करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित कर सकते हैं।

Question – मुझे किस ऐतिहासिक युग के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए?

Answer: यह आपकी रुचियों पर निर्भर करता है! चाहे वह मिस्र या ग्रीस जैसी प्राचीन सभ्यताएँ हों, मध्ययुगीन यूरोप, द्वितीय विश्व युद्ध, या कोई अन्य काल – वह चुनें जो आपको सबसे अधिक आकर्षित करता है और उसके समृद्ध इतिहास में गहराई से उतरें।

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मेरा नाम Dr MS Nashtar है. मैं एक प्रोफेशनल ब्लॉगर एवं वेब डेवलपर हूं. आप का ज्ञान व जानकारी बढ़ाने के लिए विभिन्न वेबसाइटों के माध्यम से लेख लिखता हूं. ईश्वर से कामना करता हूं कि आप अपने जीवन में ज्यादा सुखी और संपन्न रहें. धन्यवाद, कुल्हैया.कॉम - कामयाबी का नया रास्ता.

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2024 Mein, Duniya Ka Sabse Bada Desh Kaun Hai? जानिए 

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Transgender Meaning In Hindi

ट्रांसजेंडर क्या होता है? Transgender Meaning In Hindi (शुद्ध हिन्दी)

ट्रांसजेंडर (Transgender) क्या होता है ? वाकई में ट्रांसजेंडर का मीनिंग क्या है? जब आप कोई फॉर्म भरते होंगे, ट्रांसजेंडर या थर्ड जेंडर का ऑप्शन मिलता है। ज्यादातर लोग इस प्रश्न की गुत्थी सुलझाने में असफल हो जाते हैं। आज आपके पास सही उत्तर जानने का सबसे बेहतरीन मौका है. इसीलिए आप FAQs तक पढ़िए….

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बहुत अच्छी जानकारी दी है। यह पाहली बार पता चला कि हेरोडोटस को संस्कृतमें हरिदत्त कहा गया है। धन्यवाद

Nice article sir mujhe ise read karne me bahut achha laga ????

Nice post sir….

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हिन्दी भाषा का इतिहास और कालखंड

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Hindi language , member of the Indo-Aryan group within the Indo-Iranian branch of the Indo-European language family. It is the preferred official language of India , although much national business is also done in English and the other languages recognized in the Indian constitution. In India, Hindi is spoken as a first language by nearly 425 million people and as a second language by some 120 million more. Significant Hindi speech communities are also found in South Africa , Mauritius , Bangladesh , Yemen , and Uganda .

Literary Hindi, written in the Devanagari script, has been strongly influenced by Sanskrit . Its standard form is based on the Khari Boli dialect , found to the north and east of Delhi . Braj Bhasha , which was an important literary medium from the 15th to the 19th century, is often treated as a dialect of Hindi, as are Awadhi, Bagheli, Bhojpuri, Bundeli, Chhattisgarhi, Garhwali, Haryanawi, Kanauji, Kumayuni, Magahi, and Marwari. However, these so-called dialects of Hindi are more accurately described as regional languages of the “Hindi zone” or “belt,” an area that approximates the region of northern India, south through the state of Madhya Pradesh .

Within this zone, the degree to which regional languages resemble standard Hindi varies considerably. Maithili—the easternmost regional language of the Hindi belt—bears more historical resemblance to Bengali than to standard Hindi. Likewise, Rajasthani , the westernmost language of the belt, in some respects resembles Gujarati more than standard Hindi. Nevertheless, the majority of speakers of these regional languages consider themselves to be speaking a Hindi dialect. Among other reasons, they note that these languages were grouped with Hindi by the British in an attempt to classify languages in the early days of British rule. Furthermore, Hindi (rather than one of the regional languages) was chosen as the medium of instruction at the elementary-school level. In large part as a result of this colonial policy, members of the urban middle class and educated villagers throughout the zone claim to be speakers of Hindi because the use of these regional languages or dialects in public venues—that is, outside the circle of family and close friends—is perceived as a sign of inadequate education. In other words, speaking standard Hindi gives as much status to people in this region as speaking English gives in the south of India; both are treated as languages of upward social mobility . Thus, people in search of new jobs, marriages, and the like must use standard Hindi in everyday communication . In many cases, young people now have only a passive knowledge of the regional languages. Particularly since the 1950s, the prevalence of mass media (radio, television, and films) and growing literacy have led to an increase in the number of native speakers of standard Hindi.

Occasionally there are demands for the formation of separate states for the speakers of one or another regional language. Such demands are generally neutralized by counterdemands for the recognition of that regional language’s many dialects. For instance, when the demand for the formation of a separate state of Maithili speakers was raised in Bihar in the 1960s and 1970s, there was a counterdemand for the recognition of Angika in eastern Bihar and Bajjika in northwestern Bihar. The successful demands for forming the new states of Chhattisgarh (from territory once in Madhya Pradesh ) and Uttaranchal (from territory in Uttar Pradesh ) was more sociopolitical than linguistic.

Buddhist engravings on wall in Thailand. Hands on wall. Hompepage blog 2009, history and society, science and technology, geography and travel, explore discovery

Sanskrit and the Prakrit and Apabhramsha languages—the precursors of Hindi—are nominally and verbally inflected . In the nominal realm, the adjective agrees in number and gender with the noun that it qualifies. This is less the case for Hindi because it was greatly influenced by Persian , in which the adjective does not change as a result of a number change in the noun. Instead, Hindi indicates number agreement via postpositions—small words that appear after nouns and function much like English prepositions. Hindi has also reduced the number of genders to two (masculine and feminine), whereas other Sanskrit-based languages, such as Gujarati and Marathi , have retained the neuter gender as well. Persian influence also caused the Hindi system of case marking to become simpler, reducing it to a direct form and an oblique form. Postpositions are used to indicate the other case relations.

The verbal inflection of Hindi is also simpler than that of the regional languages of the Hindi zone. Only the present and future indicative forms are fully conjugated in Hindi, while other tenses are indicated with the help of perfective and imperfective participles combined with the auxiliary verbs.

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Aman Sehrawat makes history with bronze on Olympic debut

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The TOI Sports Desk excels in a myriad of roles that capture the essence of live sporting events and deliver compelling content to readers worldwide. From running live blogs for India and non-India cricket matches to global spectacles featuring Indian talents, like the Chess World Cup final featuring Praggnanandhaa and the Badminton World Championships semifinal featuring HS Prannoy, our live coverage extends to all mega sporting events. We extensively cover events like the Olympics, Asian Games, Cricket World Cups, FIFA World Cups, and more. The desk is also adept at writing comprehensive match reports and insightful post-match commentary, complemented by stats-based articles that provide an in-depth analysis of player performances and team dynamics. We track news wires for key stories, conduct exclusive player interviews in both text and video formats, and file content from print editions and reporters. We keep track of all viral stories, trending topics and produce our own copies on the subjects. We deliver accurate, engaging, and up-to-the-minute sports content, round the clock. Read More

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about history essay in hindi

Despite being disqualified from the gold medal match just hours after she made Olympic history, Vinesh Phogat is still being hailed by many online for her bravery and resilience.

The wrestler from Team India, who on Tuesday became the first woman from her country to make the Olympic finals, will not be participating in the women’s wrestling 50kg gold-medal match due to being "a few grams" over the weight class, according to the Indian Olympic Association.

Many social media users expressed disappointment over the ruling but found solace in Phogat's impassioned activism against sexual harassment in her sport, including making major allegations against the former president of the Wrestling Federation of India. 

The Indian Olympic Association didn’t elaborate on the matter and requested privacy for Phogat. 

The 29-year-old, who had been set to wrestle Team USA’s Sarah Hildebrandt in Wednesday’s final, had bested the reigning gold medalist Yui Susaki of Japan by a 3-2 decision before going on to defeat Ukraine’s Oksana Livach in the quarterfinal and Cuba’s Yusneylis Guzman Lopez in the semifinal. 

Many fans are saying Phogat’s disqualification was particularly heartbreaking given what she represents to women back home. Last year, she led a group of fellow wrestlers in protesting the behavior of then-WFI president and lawmaker Brij Bhushan Sharan Singh. In a January 2023 letter , the group accused Singh of sexual harassment against several young female wrestlers. It also alleged that, after Phogat missed out on a medal at the Tokyo Olympics, Singh “mentally harassed and tortured” her, driving the wrestler to the point of almost contemplating suicide.

The group led by Phogat demanded an investigation and called for Singh to be axed, and for the WFI to be dissolved. Allegations against Singh have included groping and inappropriate physical contact. He was charged with assault, stalking and sexual harassment in June of last year and the trial is currently underway. He has denied the allegations on multiple occasions. 

Image:  Indian wrestler Vinesh Phogat

“We as senior wrestlers who fight for the country only want to ensure a safe and secure place and environment for our young wrestlers especially female wrestlers,” Phogat and several other athletes wrote in the letter to the Indian Olympic Association. “They do not deserve to be in an environment of intimidation. We will not budge until the WFI President is sacked.”

Over the course of several months, the wrestlers also lodged police complaints and launched marches and other forms of resistance. Last May, Phogat and other protesters were violently dragged and detained by riot police, accused of disturbing the peace after they attempted to march toward the Parliament building. They also slept on the streets of New Delhi for 40 days before Singh was charged. 

“Today we can stand without fear, our head held high, look him in the eye, the man we were afraid of for so many years,” Phogat wrote in the Indian Express . “Brij Bhushan has got the message that we are not going anywhere until women wrestlers get justice.”

After Phogat’s disqualification, India’s opposition leaders interrupted Parliament to demand that Prime Minister Narendra Modi speak out against it. Modi hasn’t condemned the ruling, but he did praise Phogat as “a champion among champions.”

Kimmy Yam is a reporter for NBC Asian America.

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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध - Essay On Independence Day In Hindi

Independence Day Essay in Hindi for School: क्या आप स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में एक अनोखा, प्रभावशाली और दिल को छू लेने वाला निबंध लिखना चाहते हैं? 100, 200, 500 शब्दों तक के विभिन्न Independence Day Essay in Hindi for School के लिए इस लेख को देखें। 

Akshita Jolly

Independence Day Essay in Hindi for School: 15 अगस्त 1947 को हमारे इस मातृभूमि का पहला स्वतंत्रता दिवस था. आज जिस भूमि को हम अपना आज़ाद वतन मानते हैं उसे आज़ाद हुए 78 वर्ष हो चुके हैं. सोने की चिड़िया से ब्रिटिश कॉलोनी बनने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक बनने का भारत देश का लंबा सफर सराहनीय और विख्यात है. आज हम इस आज़ादी की हवा में सांस ले पा रहे हैं क्यूंकि हमारे पूर्वजों ने हमें यह आज़ादी दिलाने के लिए 200 वर्ष तक संघर्ष किया। इसलिए आजादी का यह जश्न पूरे देश में देशभक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। आज के दिन विद्यार्थियों में विशेष उत्सुकता देखी जाती है. देश भर के स्कूलों में इस अवसर को उत्साह के साथ मनाते हैं. देश के बच्चे और युवा ही इसका भविष्य है. इनमें देशभक्ति की भावना जगाने के लिए निबंध लेखन, स्पीच कॉम्पीटीशन्स, नाटक, पेट्रियोटिक गीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमे बच्चे बढ़-चढ़ के हिस्सा लेते हैं. 

इस लेख में, हमने स्कूल स्टूडेंट्स के लिए अंग्रेजी में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध संकलित किया है। ये निबंध 100 से 500 शब्दों तक के हैं। हमने उन छात्रों के लिए अतिरिक्त सामग्री भी प्रदान की है जो अपने निबंध को और लंबा करना चाहते हैं या उसके किसी हिस्से को संशोधित करना चाहते हैं। 

  • Essay on Independence Day in English
  • स्कूल के बच्चो के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण  2024 हिंदी में
  •   Independence Day Essay 2024: Short and Long Essay for School Students!

हिंदी निबंध लेखन टिप्स 

  • अपने निबंध को उद्धरणों, कहावतों, नारों आदि के साथ शुरू से ही दिलचस्प बनाएं।
  • सही व्याकरण के साथ सरल भाषा का प्रयोग करें।
  • अपनी छाप छोड़ने के लिए दिल को छू लेने वाली कहावत, नारा या उद्धरण शामिल करें।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करें कि आपका स्वतंत्रता दिवस निबंध तथ्यात्मक है और इसमें कोई गलत, असत्यापित जानकारी नहीं है।
  • सत्यापित जानकारी प्राप्त करने के लिए जागरण जोश जैसे प्रामाणिक स्रोत का सहारा लें।

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 

  • स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त  2024 पर भाषण - Independence Day Speech in Hindi
  • Independence Day Short Speech in English 2024 for School Students

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 100 शब्दों में 

गूंज रहा है दुनिया में हिंदुस्तान का नारा चमक रहा है आसमान में तिरंगा हमारा!

15 अगस्त, 2024, ब्रिटिश कोलोनिल राज से भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस है. यह एक ऐतिहासिक दिन है और हमारे देशवासियों के बीच देशप्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है.

स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत दिल्ली के लाल किले पर प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ होती है, जिसके बाद पूरे देश में देशभक्ति समारोह मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के बलिदान को याद करने का समय है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. स्वतंत्रता दिवस हमें भारत माता की उन्नति और प्रगति के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है.

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 200 शब्दों में 

  "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा" - बाल गंगाधर तिलक

15 अगस्त यानि भारतीय स्वतंत्रता दिवस देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। 15 अगस्त 2024 को ब्रिटिश कोलोनियल राज से हमारे देश की आजादी की 78 वीं वर्षगांठ है।

इस दिन को मनाने के लिए पूरा देश एक साथ आता है। माननीय प्रधान मंत्री नई दिल्ली में लाल किले पर भारतीय तिरंगे फहराते हैं। देश के सभी राज्यों में राज्याधिकारी और अन्य नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जो हमारे अंदर एकता और गौरव की भावना का नवनिर्माण करते हैं. 

भारत को 1947 में आजादी मिल गई थी लेकिन इस आजादी की लड़ाई कई वर्षों लंबी और कठिन थी. स्वतंत्रता की इस लड़ाई का नेतृत्व प्रख्यात नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने किया। खून पसीना बहाकर, अपने भविष्य का निःस्वार्थ त्याग कर, अपने जीवन का बलिदान दिया और करोड़ों भारतीयों को ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। स्वतंत्रता दिवस हमारे पूर्वजों के इन बलिदानों की याद दिलाता है। यह हमें अपनी स्वतंत्रता को संजोने और राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह से हमें विविधता में एकता की याद दिलाने के लिए है। यह राष्ट्रवाद की भावना को फिर से जगाने और हमारे देश की वृद्धि और विकास में योगदान देने का समय है।

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 500 शब्दों में

तिरंगा सिर्फ आन या शान नहीं है हम भारतीयों की जान है।

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक भारतीय के दिल में एक महत्वपूर्ण स्थान है क्यूंकि यह हिन्दुस्तानियों की एकता और अटूट भाईचारे की विजय के साथ चिह्नित है। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद  15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है।

दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और सरोजिनी नायडू जैसे असंख्य नेताओं और सेनानियों की मेहनत और बलिदान को किसी प्रकाश की आवश्यकता नहीं है. देश को इन्हीं वीरों के बलिदान के कारण आजादी मिली, जिन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया. 

स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत हमारे प्रधान मंत्री द्वारा नई दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रगान और इक्कीस तोपों की सलामी के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होती है। इस भव्य समारोह में कई सरकारी अधिकारी, विदेशी गणमान्य, स्कूली छात्र और कई अन्य नागरिक शामिल होते हैं.

ध्वजारोहण के बाद, माननीय प्रधान मंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं और पिछले वर्ष में राष्ट्र की उपलब्धियों को दर्शाते हुए और आने वाले वर्षों के लिए राष्ट्र के दृष्टिकोण को सामने रखते हुए भाषण देते हैं. विभिन्न जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, डायन इत्यादि भारत की विविध विरासत और एकता को प्रदर्शित करते हैं. स्वतंत्रता की हवा में हमारा राष्ट्रीय ध्वज गर्व से ऊँचा लहराता है.

स्वतंत्रता दिवस का जश्न पूरे देश में जोरों शोरों से मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली से लेकर और सभी राज्य की राजधानियों और छोटे से छोटे गांव तथा कस्बों में सभी उत्साह से स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं. भारत के कोने-कोने में तिरंगा लहराता है. स्वतंत्रता दिवस समारोह देश के प्रति देशवासियों का प्रेम और देश के बेहतर भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ आयोजित किए जाते हैं। सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में तिरंगा फहराया जाता है। बच्चे हाथों में भारतीय झंडे लेकर शान से घूमते नजर आते हैं. यह उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अताह संघर्ष किया। यह भारतीयों में गर्व और देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करता है, उनसे अपनी कड़ी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता की रक्षा करने और उसे संजोने और देश की प्रगति में योगदान देने का आग्रह करता है।

यह महज़ एक बधाइयों और खुशियों का दिन नहीं है. स्वतंत्रता दिवस समारोह का सार केवल उल्लासपूर्ण समारोहों से परे है। स्वतंत्रता दिवस बच्चे, युवाओं और बुजुर्गों को उन चुनौतियों की याद दिलाता देता है है जिनका मुकाबला हमारे पूर्वजों ने किया था और उन चुनौतियों की दस्तक के बारे में आगाह करता है जो हमारे सामने हैं।

स्वतंत्रता दिवस केवल स्मरणोत्सव और उत्सव का दिन नहीं है, बल्कि स्वराज और राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का नवीनीकरण है। यह भारतीयों को एकता, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को कभी न खोने देने के लिए प्रेरित करता है।

लता मंगेशकर का लोकप्रिय व सदाबहार गीत के बोल “ए मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँखों में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी” हमारे स्वतंत्रता के सच्चे सार बयान करता है. 

यह दिन है अभिमान का, है भारत माता के मान का ! नहीं जाएगा रक्त व्यर्थ, वीरों के बलिदान का !!

  • Independence Day 15 August Poems in English for School Children

Independence Day Slogans in Hindi

  • ‘करो या मरो’,
  • ‘आराम हराम है’
  • ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो'
  • ‘तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा’
  • ‘इंकलाब जिंदाबाद’
  • ‘सत्यमेव जयते’
  • ‘वंदे मातरम’
  • ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहूँगा’
  • ‘जय जवान जय किसान’
  • ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’
  • ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा’
  • ‘सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है?

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  • हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं 200 शब्द निबंध? + "15 अगस्त यानि भारतीय स्वतंत्रता दिवस देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। 15 अगस्त 2023 को ब्रिटिश कोलोनियल राज से हमारे देश की आजादी की 76 वीं वर्षगांठ है। इस दिन को मनाने के लिए पूरा देश एक साथ आता है।" स्वतंत्रता दिवस पर पूरे 200 शब्दों का निबंध देखने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.
  • स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध कैसे लिखें? + 15 अगस्त, 1947 को भारत देश अंग्रेजो से आजाद हुआ. यह गौरव का दिन देशवासी उल्लास और दर्शप्रेम की भावना से मनाते हैं. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध लिखने के लिए जरूररी है की आप इस आज़ादी के सफर की गाथा को दिल से समझ कर, आसान एवं सरल भाषा में प्रस्तुत करें.
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    प्राचीन भारतीय इतिहास का घटनाक्रम. Indian History in Hindi के इस ब्लॉग में प्राचीन भारतीय इतिहास के घटनाक्रम को विस्तार से जानते हैं ...

  5. भारत का इतिहास

    भारत का इतिहास - प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक और विविध Important Notes : प्राचीन भारत का इतिहास नोट्स, मध्यकालीन भारत का इतिहास नोट्स, आधुनिक भारत का इतिहास नोट्स ...

  6. आधुनिक भारत का इतिहास Modern History of India in Hindi

    आज के इस लेख में हम आपको आधुनिक भारत का इतिहास (Modern History of India in Hindi) बताएँगे। भारतीय इतिहास काफी ज्यादा समृद्ध है और अन्य देशों

  7. Bharat ka Itihas : जानिए प्राचीन भारत से आधुनिक भारत का इतिहास

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  8. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

    भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में विस्तृत जानकारी ले, 1857 के बड़े विद्रोह से लेकर 1947 में आजादी पाने तक भारत की आजादी का इतिहास । 1857 freedom fighters information in hindi

  9. भारत और विश्व का इतिहास: India and World History Notes in Hindi

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  10. इतिहास

    इतिहास. इतिहास का प्रयोग विशेषतः दो अर्थों में किया जाता है।जैसे एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय ...

  11. इतिहास किसे कहते हैं. इसकी उत्पत्ति और परिभाषा

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  12. भारतीय इतिहास का कालक्रम जानें

    भारतीय मध्ययुगीन इतिहास की कालक्रम (Indian Medieval History Timeline in Hindi) आठवीं शताब्दी से शुरू होती है, जहां देश के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक एकता थी ...

  13. जानिए भारत का आधुनिक इतिहास

    मध्यकालीन भारत. Modern History in Hindi में मध्यकालीन को मध्ययुगीन भारत भी कहा जाता है, यह "प्राचीन भारत" और "आधुनिक भारत" के बीच का दौर था जो ...

  14. इतिहास (History)

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  15. महात्मा गांधी पर निबंध

    Essay on Mahatma Gandhi in Hindi. महात्मा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने जिंदगीभर भारत को आज़ादी दिलाने के लिये संघर्ष किया। महात्मा गांधी एक ऐसे महापुरुष ...

  16. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

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    इतिहास क्या है? History In Hindi की विस्तृत जानकारी चाहते हैं? इस विषय की परिभाषा, जनक, अर्थ एवं महत्व जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर चेक करें। आपको सारे ...

  20. History of Hindi Language

    आधुनिक काल (1800 से अब तक ) हिंदी का आधुनिक काल देश में हुए अनेक परिवर्तनों का साक्षी है। परतंत्र में रहते हुए देशवासी इसके विरुद्ध खड़े ...

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    स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day): 15 अगस्त हमारे देश का एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष बड़े ही धूम-धाम से हर्ष और ...

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    Independence Day Essay in Hindi: 15 अगस्त 2024 हमारा 77वां स्वतंत्रता दिवस है। यह एक राष्ट्रीय ...

  24. Hindi language

    History and varieties. Literary Hindi, written in the Devanagari script, has been strongly influenced by Sanskrit. Its standard form is based on the Khari Boli dialect, found to the north and east of Delhi. Braj Bhasha, which was an important literary medium from the 15th to the 19th century, is often treated as a dialect of Hindi, as are ...

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    Aman Sehrawat's bronze medal victory at the Paris Olympics not only continued India's tradition of securing a podium finish in wrestling at every Olympics since 2008 but also cemented his place in ...

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  30. Olympic triumph to torment for Indian wrestler who led anti-sexual

    An Olympic story of hope and perseverance quickly turned to one of heartbreak after an Indian wrestler known for her role in anti-sexual harassment protests was disqualified from the gold medal ...