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Khelo india essay in hindi खेलो इंडिया राष्ट्रीय योजना.

Hello guys today we are going to discuss Khelo India essay in Hindi/ खेलो इंडिया राष्ट्रीय योजना। Khelo India essay in Hindi was asked in many competitive exams as well as classes in 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Read Khelo India essay in Hindi to get better results in your exams.

Khelo India Essay in Hindi – खेलो इंडिया राष्ट्रीय योजना पर निबंध

hindiinhindi Khelo India Essay in Hindi

Khelo India Essay in Hindi 350 Words

भारत सरकार ने खेलो इंडिया स्कीम की घोषणा 2017 में सितम्बर माह में 20 तारीख को की थी। खेलो इंडिया 2017 में प्रस्तावित किया गया था जो की 31 जनवरी 2018 से शुरू किया गया है। इस स्कीम को पूर्ण रूप से सँभालने की जिम्मेदारी यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट मंत्रालय की होगी। देश में खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘खेलो इंडिया’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार ऐसे खिलाड़ियों का सहयोग करना चाहती है, जिन्हें खेल से प्यार है और जो समर्पण भाव से खेलते है।

इस योजना के जरिये सरकार उन सभी एथलीट को बेहतरीन सुविधा देगी जो गरीब परिवारों से निकलकर खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहते है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करेगी, जो देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिभा उजागर करने का दमखम रखते है, इसके लिए सरकार की तरफ से पैसे भी दिए जायेगे। सरकार का मुख्य लक्ष्य सिर्फ एथलीटस को ही प्रमोट करने का नहीं है बल्कि खेलों की अहमियत पूरे देश में फैलाना है।

खेलो इंडिया योजना के लाभ

1. इस योजना से खेल का स्तर ऊंचा होगा 2. इस योजना के तहत 1000 खिलाड़ी चुने जाएंगे और उन्हें 8 सालों में 5 लाख तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी 3. इस योजना के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही जल्द एथलेटिक्स ट्रैक हॉकी और फुटबॉल ग्राउंड तरणताल सहित बहुदेसी हाल का निर्माण कराया जाएगा 4.इस कार्यक्रम के तहत दस से अठारह साल आयु वर्ग के करीब बीस करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया जाएगा

इस योजना का निर्माण गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु किया जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि फिटनेस से संबंधित गतिविधियों को भी समर्थन मिलेगा। इस योजना से उन खिलाड़ियों को सहायता मिलेगी जो क्षमता होने के बाद भी पैसे या साधन न मिलने से पीछे रह जाते है। इसकी सहायता से महिलाओं को भी खेलों में प्रोत्साहन दिया जायेगा।

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khelo india essay in hindi

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Khelo India (खेलो इंडिया) के बारे में हिंदी में पूर्ण जानकारी

Khelo India

Khelo India (खेलो इंडिया) की पूरी जानकारी हिंदी में, खेलो इंडिया क्या है, (khelo india fitness) Which Games Are Included in Khelo India, How to Participate in Khelo India, खेलो इंडिया प्रोग्राम, How to Registered in Khelo India, ( khelo india khelo) Fit India/fitness Protocol, FAQ About Khelo India.

खेलो से शारीरक विकास के साथ -साथ मानसिक विकास भी होता है। तथा एक फिट और स्वस्थ शरीर का निर्माण करता है। एक फिट और स्वस्थ व्यक्ति एक समान रूप से स्वस्थ समाज और मजबूत राष्ट्र की ओर जाता है।

खेलो इंडिया क्या है

Table of Contents

कम उम्र की शुरूवात में बच्चों में खेल की भावना को और मजबूत करना तथा उन्हें और सक्ष्म बनाने के ले सरकार की एक पहल है। जैसे खिलाड़ियों को जमीनी स्तर से उठाकर उनको और विकसित करना है।

khelo India

भारत ने पिछले कुछ वर्षो में सभी खेलो में काफी प्रगति की है। खेल के जगत में भारत ने इंटरनेशनल और ओलिंपिक सभी जगह पदक जीते है। मानव जीवन में खेल और फिटनेस का महत्वः अमूल्य है।

Which Games Are Included in Khelo India

खेलो इंडिया में भारत सरकार के द्वारा कुल 16 खेलो को जोड़ा गया है। इन्हे खेलो के द्वारा भारत सरकार ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरूवात की है।

GAMESGAMES
GAMESGAMES
Weightlifting

How to Participate in Khelo India

खेलो इंडिया में जोड़ने के लिय भारत सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुवात की है। जिसे अलग -अलग भागो में बाटा गया है।

  • स्कूली बच्चों की शारीरिक फिटनेस के लिय
  • महिलावो व् बालिकावो के लिए खेल
  • वार्षिक स्पोर्ट्स प्रतियोगिता
  • ग्रामीण को खेलों में बढ़ावा देना
  • विकलांग बीच खेल को बढ़ावा देना
  • राज्य स्तर पर खेलो इंडिया के केंद्र खोलना
  • प्रतिभा खोज कॉम्पिटिशन
  • विकास के लिए खेल
  • राष्ट्रीय/क्षेत्रीय/स्टेट स्पोर्ट्स अकादमियों खेलो के लिय
  • खेलो इंडिया में भाग लेने के लिय वो भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
  • खेल ट्राएल के आधार पर ही खेलो इंडिया में चयन किया जायगा।
  • आवेदन के लिय उम्र 10-18 होनी चाइय।

इसके अलावा खेलो इंडिया के अंतरगर्त Under -17 और Under – 21 के खिलाडी अपनी आयु के अनुसार भाग ले सकती है।

खेलो इंडिया प्रोग्राम

  • खेलो इंडिया में हर वर्ष एक हजार खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। तथा एक प्रोग्राम में बीस करोड़ खिलाड़ियों को जोड़ा जाने के ले ये अभियान चलाया गया है।
  • इस अभियान को चलाने का मुख्य कारन सभी खिलाड़ियों को एक अच्छे स्तर पर ले जाना है।
NAMEDETAILS
Program
Start DateSep.2023
launchedMinistry of Sports
Participate by playersCollage, School, University
Start18 Jan to 30 Jan
PrizeRs 5 lakh Per Year
Khelo India Start(2)Dec. 2018
Official Website

How to Registered in Khelo India

⇒ खेलो इंडिया की ऑफिसियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करनी के लिय आपको दिय गए लिंक पर क्लिक करे – LINK

How to Registered in Khelo India

इसके बाद आपको एक प्लीज सेलेक्ट का पॉइंट दिखाए देगा। जिसमे कुल सिक्स पॉइंट्स है।

  • Technical Official

अगर आप Athletes है। तो इस अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते है। अगर कोच, मैनेजर है। अपने अनुसार दिय गए विकल्पों का चयन कर सकते है। उसके बाद अपना पूरा नाम, पता, स्थान आदि भरे।

Fit India/fitness Protocol

खेलो इंडिया फिटनेस इस प्रोटोकॉल विकसित करने के पीछे एक ही कारण है। फिट रहना ये प्रोटोकॉल दो अलग अलग केटेगरी में है। पहले चरण में 05 से 18 वर्ष के लिय है तथा दूसरा 18 से 65 वर्ष के लिय है। फिट रहना और अच्छा खान पान बहोत जरूरी है।

लॉक डाउन की अवधि के दौरान बच्चो की शारीररिक व मानसिक स्वास्थय की देखभाल करनी के लिय विशेस के रूप से डिजाइन की गए है। लगभग हजारो स्कूलों ने फिट इंडिया स्कूल सर्टिफिकेशन के लिय पंजीकरण किया।

FAQ About Khelo India

Answer- PM Narendra Modi.

Answer- The KheloIndia School Games is a part of the Revised National Program for the Development of Sports of KheloIndia. It aims to provide a strong direction to sportspersons by promoting collective participation and excellence in sports.

Answer- Athletics under 17 years of age can participate in the Under-17 category and candidates below 21 years of age can participate in Under-27.

Answer- Maharashtra.

Answer- New Delhi.

आप किसी भी स्पोर्ट्स कोटा से सम्बंधित स्पोर्ट्स भर्ती की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते है जो की है –  Gosportsindia.com स्पोर्ट्स कोटा भर्ती या अन्य आर्मी रैली के बारे में अपना सुझाव कमेंट बॉक्स में दे सकते है हमारी Gosportsindia  की टीम आपकी सहायता करेगी आप अगर स्पोर्ट्स भर्ती ,गेम्स या किसी भी प्रकार की स्पोर्ट्स की जानकारी के लिए हमें कमैंट्स बॉक्स में सुझाव दे सकते है।

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khelo india essay in hindi

Yojana Scheme

खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम 2023 [यूथ गेम्स योजना] क्या है [रजिस्ट्रेशन]

खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम, कार्यक्रम [लिस्ट, रजिस्ट्रेशन, फॉर्म] Khelo India Youth Games (KIYG) 2023 in hindi [Registration Form, List, Venue, Result] खेलो इंडिया यूथ गेम्स योजना क्या है 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रोग्राम का आगाज हो चूका है.  खिलाड़ियों की प्रतिभा को नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए सरकार ने खेलो इंडिया स्कीम को लॉन्च किया है. इस महत्वपूर्ण कदम से ओलिंपिक में भी भारत की रैंकिंग सुधारने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन एवं सुविधाओं की कमी को पूरा करना है.

भारत खेल के क्षेत्र में एक बहु प्रतिभाशाली देश है, लेकिन क्रिकेट और हॉकी के अतिरिक्त अन्य खेलों में अभी तक उच्च स्थान प्राप्त करने में भारत को सफलता हाथ नहीं लगी है.  हालांकि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, किन्तु खिलाड़ियों को उचित व्यवस्था के अभाव में अच्छा प्रदर्शन करना काफी चुनौतियों भरा होता है. इसलिए होने वाली विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में उच्च श्रेणी हासिल करने में असफल साबित हो जाते है. इन सब समस्याओं के चलते भी कई भारतीय एथलीट काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते है.  खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रजिस्ट्रेशन फॉर्म, गेम्स लिस्ट, रिजल्ट, टीम इन सबकी जानकारी आपको हमारे इस आर्टिकल में मिलेगी.

Table of Contents

खेलो इंडिया प्रोग्राम की घोषणा (Launch Date)

नामखेलो इंडिया युवा खेल 
घोषणा की गईसाल 2017
शुरुआत की गईसाल 2018
प्रतिभागीस्कूल, कॉलेज, युनिवर्सिटी के विद्यार्थी
ऑनलाइन पोर्टलnsrs.kheloindia.gov.in/Login
लांच किया हैखेल मंत्रालय
मुख्य तारीख (Games dates)18 जनवरी से 30 जनवरी
2021 में कहाँ पर है (Venue)पंचकुला, हरियाणा
इनाम राशि (Reward)5 लाख रूपए और प्रशिक्षण , 8 वर्षों तक
हेल्पलाइन नंबर18002085155

खेलो इंडिया यूथ गेम का लक्ष्य

खेलो इंडिया यूथ गेम की शुरुआत करने का लक्ष्य 2028 के ओलंपिक में भारत  को टॉप 10 देशों की सूची में शामिल कराना है. इस प्रोग्राम को अच्छी तरह से लागू करने के लिए सरकार द्वारा बेहतर प्रशिक्षण एवं उपकरण भी उपलब्ध कराये जाने की भी घोषणा की गई थी. और साथ ही पिछले साल खेल मंत्रालय द्वारा 1000 केन्द्र देश में शुरू करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. इससे हर जिले में एक केंद्र खोला जायेगा. अब तक 217 केंद्र खुल चुके हैं, और पूर्वोत्तर के राज्यों में 2 केंद्र खोले जाने का निश्चय किया गया है.

खेलो इंडिया यूथ गेम का उद्देश्य

इस खेल की शुरुआत करने पीछे सरकार एवं संबंधित मंत्रालय एवं विभाग का उद्देश्य केवल खेल को बढ़ावा देना है. इसके अलावा कुछ और उद्देश्य हैं जिसे यह प्रोग्राम पूरा करता है –

  • ऐसे खेल जोकि ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में खेले जाते हैं उन्हें बढ़ावा देना.
  • देश में शांति एवं देश का विकास करने के लिए खेल को प्रोत्साहित करना.
  • ऐसे विद्यार्थी जोकि विकलांग हैं उन्हें भी खेलों के लिए बढ़ावा देना है.
  • ऐसे खेल जोकि राज्य स्तर पर खेल जाते हैं उन्हें केंद्र के स्तर पर लाना.
  • महिलाओं के लिए विशेष रूप से खेल का आयोजन करना.
  • यह खेल का आयोजन हर साल किया जाये इसका ध्यान रखना.
  • ऐसे प्रशिक्षण एवं सामुदायिक कोचिंग सेंटर जहाँ पर खेलो की ट्रेनिंग दी जाती है, उनका विकास एवं उनमें वृद्धि करना.
  • इसके साथ ही खेलों के मैदानों का भी विकास करना.
  • सबसे जरुरी स्कूल एवं कॉलेज के बच्चों को शारीरिक रूप से फिट बनाने के लिए खेल के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना. 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 की जानकारी ( Khelo India Youth Games 2021 )

इस साल खेलो इंडिया यूथ गेम का चौथा संस्करण आयोजित किया जाना था, जोकि अब टोक्यो ओलिंपिक के बाद होगा. और इस बार खेलो इंडिया यूथ गेम का आयोजन करने वाला मेजबान राज्य हरियाणा है. हरियाणा के पंचकुला में इसकी व्यवस्था किये जाने का निश्चय किया गया है. इस बात की घोषणा हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय खेल मंत्री जो ने हालही में की है. उनका कहना है कि हर साल इन खेलों का आयोजन जनवरी माह में किया जाता रहा है, लेकिन कॉविड – 19 महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया है. और अब यह टोक्यो ओलिंपिक के बाद होगा.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स से जुडी जानकारी (Khelo India Youth Games Details)

  • खेलो इंडिया प्रोग्राम कि सफलता के बाद इसका दूसरा चरण भी आ गया है, केन्द्रीय सरकार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने इस बार खेल के क्षेत्र को बढ़ाते हुए, प्रतिभागियों को दो केटेगरी में रखा है
  • पहली अंडर 17 (Under 17)
  • दूसरी अंडर 21 (Under 21)
  • इसके साथ ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार कॉलेज और युनिवर्सिटी के छात्र भी हिस्सा ले सकते है.
  • खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने महाराष्ट्र में आयोजित प्रोग्राम में बताया है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2019 में दिल्ली में न होकर पुणे के श्री शिव छत्रपति काम्प्लेक्स में 9 जनवरी से 20 जनवरी के बीच होगा. यहाँ 10 हजार से ज्यादा प्रतिभागी 29 प्रदेश और 7 केंद्र शासित क्षेत्र से पहुचेंगें.
  • पिछले साल की तरह इस बार खेल का सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स में रोजाना 8 घंटे होगा.
  • पिछले साल खेलो इंडिया प्रोग्राम में सरकार ने 1500 प्रतिभागी चयनित किये थे, जिन्हें 5 लाख रूपए इनाम राशी के साथ ट्रेनिंग भी दी गई थी.
  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स राष्ट्रीय खेल का मुख्य उद्देश्य यही है कि देश में छुपी हुई प्रतिभा को सामने लायें और उन प्रतिभागियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के गेम्स जैसे कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और यूथ ओलंपिक के लिए तैयार किया जा सके.
  • पिछले साल लगभग 3500 युवा खिलाडियों ने इस राष्ट्रीय खेल में हिस्सा लिया था, लेकिन इस साल 2019 में संख्या 3 गुना बढ़ गई है, और उम्मीद लगे जा रही है 10 हजार क उपर प्रतिभागी इस खेल पर्व का हिस्सा बनेगें.

खेलो इंडिया स्कीम की प्रमुख विशेषताएं  (Khelo India Program Information)

किस वर्ष से होगी लागू – .

हालांकि इस योजना को 2017 से ही सरकार द्वारा लागू कर दिया गया है, लेकिन सरकार इस योजना को 2017-18 से 2019-20 तक और भी बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है. जिसकी वजह से केवल एथलीटस को ही नहीं बल्कि देश में खेल का एक नया ढांचा बनाने की कोशिश की जा रही है.

देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए – 

कुछ देशों के मुकाबले हमारे देश में एक या दो खेल छोड़कर बाकी खेलों में भविष्य कम दिखायी देता है. अगर ग्रामीणों की बात करें तो बहुत कम संख्या में लोग अपना करियर खेलों में बनाना चाहते है, और हमारे देश की प्रतिभा पूरी तरह सामने आने में विफल हो जाती है. इसके चलते देश की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुधरने में काफी धीमी है, इस प्रोग्राम के जरिये सरकार उन सभी एथलीट को बेहतरीन सुविधा देगी जो गरीब परिवारों से निकलकर खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहते है. इस योजना की वजह से देश में खेलों के हालात बेहतर हो सकते है.

इस योजना में शामिल होने वाले खिलाड़ियों की संख्या – 

भारतीय खेल मंत्रालय के द्वारा इसकी संख्या अभी हाल में 1000 ही निर्धारित की गयी है, जो कि सिर्फ क्षमता रखने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों को प्रदान कराई जाएगी. जिसकी मदद से ये सभी खिलाड़ी अपने हुनर को एक नया मुकाम दे पायेंगे.

स्कॉलर्शिप मिलने की समय सीमा – 

सरकार ने इस प्रोग्राम के तहत चुने जाने वाले खिलाडियों को यह स्कॉलर्शिप 8 वर्ष तक देने की व्यवस्था की है. देखा जाये तो यह समय किसी भी खिलाड़ी को अपने टैलेंट को सुधारने के लिए काफी है, किसी भी स्पोर्ट्स मैन के लिए यह योजना एक आधारशिला का काम करेगी.

स्पोर्ट स्कॉलरशिप की व्यवस्था – 

यह स्कॉलरशिप खिलाड़ियों को उनकी खाद्य सम्बन्धी शारीरिक आपूर्ति एवं खेल सम्बन्धी उपकरणों की जरुरत पूरा करने के लिए दी जाएगी. इसके अंतर्गत 5 लाख तक की राशि हर वर्ष एक खिलाड़ी पर खर्च की जाएगी. 

खिलाड़ियों के भविष्य को मजबूती देने हेतु – 

इस योजना के अंतर्गत सरकार ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करेगी, जो देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिभा उजागर करने का दमखम रखते है, इसके लिए सरकार की तरफ से पैसे भी दिए जायेगे. हालांकि भारतीय सरकार का मुख्य लक्ष्य सिर्फ एथलीटस को ही प्रमोट करने का नहीं है बल्कि खेलों की अहमियत पूरे देश में फैलाना है.

महिलाओं को समान अवसर प्रदान के लिए –

  इस स्कीम की सहायता से महिलाओं को बचपन से ही खेलों में भाग लेने के लिए हर तरह से मदद मिलेगी. इसमें लड़का और लड़की दोनों को उनके बचपन से ही अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान होगा. इस प्रोग्राम से हमारे देश की बच्चियों को भी एक नयी पहचान मिलेगी.  

प्रशिक्षण हेतू विश्वविद्यालय – 

मंत्रालय खेल प्रशिक्षण के लिए 20 विश्वविद्यालय का चयन करेगा, जोकि खेल प्रशिक्षण के साथ साथ शिक्षा सम्बन्धी पाठ्यक्रम भी चलाएगी अर्थात सरकार खिलाड़ियों को दोनों तरफ से लाभ पहुंचाने में कार्यरत है.

यूथ को गलत भविष्य का चुनाव करने से रोकना – 

हमारे देश के बहुत से नौजवान सुविधाएं न होने की वजह से मजबूरी में अपनी प्रतिभा से हटकर अपना करियर चुनते है. ऐसा अक्सर ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों में अधिकतर देखने को मिलता है जिसकी वजह से देश और समाज दोनों पर असर पड़ता है. इतना ही नहीं देश के काम आने वाली यह प्रतिभा सामने ही नहीं आ पाती और ये नौजवान भी अपने भविष्य में कुछ अच्छा नहीं कर पाते. इसलिए सरकार इस स्कीम से यंगस्टर्स को सही रास्ते का चुनाव करने में मदद करेगी.

प्रतिस्पर्धा की सोच को बढ़ावा देने के लिए  – 

केंद्र सरकार ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करेगी, जो अपने यहाँ से अधिकतम बेहतरीन खिलाड़ी देश के लिए तैयार करके देंगे.

तकनीकी का इस्तेमाल – 

भारतीय खेल मंत्रालय इस योजना को हर गांव तक पहुँचना चाहता है. इसके लिए मंत्रालय टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके सरलता से ‘खेलो इंडिया प्रोग्राम’ पूरे देश में कोने कोने तक फैला सके.

स्पोर्टस केंद्र की जगह पता करना  – 

इस अत्याधुनिक GIS तकनीकी के जमाने में किसी भी स्पोर्ट्स केंद्र की लोकेशन पता करना बेहद आसान है, जिसके फलस्वरूप जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण लेना चाहता हो अपने पास के केंद्र में जाकर प्राप्त कर सकता है. 

सेंट्रल थीम का प्रचार – 

फिलहाल केंद्रीय सरकार “स्पोर्ट फॉर एक्सीलेंस ” और “स्पोर्ट फॉर ऑल” इन दो वाक्या का प्रचार काने में लगी हुयी है, “सब खेलो और सब बड़ो” इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सरकार देश में खेलों का स्तर सुधारने में लगी हुई है.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स राज्यों को वितरित धनराशि

मणिपुर9.30 करोड़
कर्नाटक9.50 करोड़
मेघालय0.70 करोड़
राजस्थान11.36 करोड़
असम8.42 करोड़
गुजरात3.00 करोड़
केरल4.00 करोड़
उड़ीसा0.89 करोड़
जम्मू – कश्मीर15.84 करोड़
महाराष्ट्र19.87 करोड़
मध्यप्रदेश4.14 करोड़
हरियाणा6.59 करोड़
अरुणाचल प्रदेश40.41 करोड़
उत्तराखंड1.00 करोड़
नागालैंड5.30 करोड़
तेलंगाना0.10 करोड़
उत्तरप्रदेश43.43 करोड़
पुदुचेरी3.00 करोड़
सिक्किम3.40 करोड़
तमिलनाडू4.00 करोड़
त्रिपुरा0.70 करोड़
बिहार0.40 करोड़
हिमाचल प्रदेश2.50 करोड़

खेलो इंडिया    की पात्रता के लिए योग्यता (Khelo India Youth games Eligibility Criteria)

आयु – .

जो भी आवेदक स्पोर्ट स्कालरशिप पाने के लिए सरकार ने 8 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच ही निर्धारित की गयी है. अर्थात इस आयु सीमा के बाहर वाले आवेदक का आवेदन खेलो इंडिया प्रोग्राम के लिए अमान्य माना जायेगा.

खेलों से सम्बंधित आवेदक –

  इस स्कीम के अंतर्गत केवल वही आवेदक चुने जायेंगे जो खेलों से जुड़े होने के साथ अपनी प्रतिभा को सुधारना चाहते है.

निवास प्रमाण पत्र – 

इस प्रोग्राम से स्कॉलरशिप राशि प्राप्त करने के लिए आवेदक का ग्रामीण, पिछड़े और सुविधाओं से वंचित क्षेत्र का निवास प्रमाण पत्र होना जरुरी है.

एक आवेदक कितने खेल चुन सकता है? – 

भारत सरकार की नियमावली पत्रिका में एक आवेदक खिलाड़ी केवल एक ही खेल का चुनाव कर सकता है. अर्थात जो भी आवेदक इसका हिस्सा बनना चाहता है उसे अपना एक ही खेल में प्रशिक्षण देने का प्रावधान है.

खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम में शामिल खेल

खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम में निम्न खेलों को शामिल किया गया है.

  • जिमनास्टिक्स
  • भारोतोल्लन (वेट लिफ्टिंग)

खेलो इंडिया यूथ गेम स्टेटस

एथलिटों की संख्या160269
कोचों की संख्या13440
एकैडमियों की संख्या2232

खेलो इंडिया    यूथ गेम्स में आवेदन के लिए दस्तावेज (Khelo India Youth games Required Documents)

  • पहचान प्रमण पत्र
  • स्कूल का छात्र होने का प्रमाण
  • बैंक पासबुक
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • स्कूल बोनाफाइड प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो

खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम अधिकारिक वेबसाइट

यदि आपको भी खेलों में रूचि है और आप भी खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट में जाना होगा. यहाँ से आप आवेदन कर सकते हैं.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Khelo India Youth Games Registration Forms)

  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अपने को रजिस्टर करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल साईट पर जाना होगा, इसके लिए यहाँ क्लिक करें खेलो इंडिया रजिस्ट्रेशन पोर्टल .
  • साईट ओपन होने के बाद, बीच में रजिस्ट्रेशन पोर्टल में क्लिक करें,
  • यहाँ एक न्यू पेज खुलेगा, जहाँ खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए रजिस्टर कर सकते है.
  • यहाँ 4 केटेगरी है, कोच, एथिलिट, मेनेजर और टेक्निकल ऑफिसियल. आप जिस भी केटेगरी से है, उसे क्लिक करें.
  • अगर आप पहली बार खेलो इंडिया के लिए रजिस्टर कर रहे है, तो पूरी जानकारी भरें, जिससे आप रजिस्टर हो सकें. अगर आपके पास पहले से लॉग इन आईडी है तो उसे उपयोग करते हुए लॉग इन करें.
  • सारी जानकारी सही भरने के बाद सबमिट कर दे.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 का शेड्यूल

कोरोना महामारी के चलते यह खेल जोकि हर साल जनवरी के महीने में आयोजित किये जाते हैं, इस साल स्थगित कर दिए गये हैं. हालही में टोक्यो ओलंपिक का भी समापन हो चूका है जल्द ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 का शुभारंभ किया जायेगा. जिसके बाद इसके शेड्यूल की भी जानकारी संबंधित अधिकारीयों के द्वारा दे दी जाएगी. तब तक आप हमारे इस लेख के अपडेट होने का इंतेजार करिए, जोकि जल्द ही अपडेट किया जायेगा.

खेलो इंडिया योजना के लिए बजट (Budget of the Scheme)

अभी के लिए 500 करोड़ रु केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को व्यवस्थित रूप से शुरू करने के लिए दिए गए है, इसमें से 130 करोड़ रु स्टेडियम और प्रशिक्षण केन्द्रो में खेल सम्बन्धी उपकरण जुटाने एवं रख रखाव करने के लिए दिए जाएंगे. जबकि 230 करोड़ रु सरकार देश में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने में खर्च करेगी. इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 100 करोड़ रु प्रतिभा को ढूढ़ने वाली समितियों को दिए जायेंगे जिसकी सहायता से वो खेल प्रतिभा सम्बन्धी प्रतियोगिताओं का आयोजन करा सकें, अगर पूरे बजट की बात की जाय तो सरकार ने 1756 करोड़ रु सन् 2017 से लेकर सन् 2020 तक के लिए खर्च करने की योजना बनाई है.

खेलो इंडिया यूथ गेम टोल फ्री नंबर

यदि किसी व्यक्ति को इसमें रजिस्ट्रेशन करने में या फिर इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने में कोई परेशानी का सामना करना पड़ता है तो निचे दी गई संपर्क की जानकारी से उसे हल कर सकता है –

  • टोल फ्री नंबर – 1800-208-5155
  • लैंडलाइन नंबर – 011 – 40051166

ईमेल आईडी – [email protected]

खेलो इंडिया योजना का निर्माण गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु किया जा रहा है. इस योजना की सहायता से सरकार भारत देश की प्रतिभा से पूरे विश्व को परिचय कराने की सोच रही है. खेलो इंडिया प्रोग्राम की मदद से उन खिलाड़ियों को मदद मिलेगी जो क्षमता होने के बाद भी पैसे या साधन न मिलने से पीछे रह जाते है. इस प्रोग्राम से खेलों में भारत की विश्व स्तरीय रैंकिंग तालिका में ऊपर जाने की सम्भावना की जा रही है.  इसके माध्यम से देश के सभी क्षेत्रो से प्रतिभा खोजने का अनुमान लगाया जा रहा है. खेलो इंडिया की सहायता से महिलाओं को भी खेलों में प्रोत्साहन दिया जायेगा. भारत सरकार के द्वारा यह कदम खेल क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया है.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम की शुरुआत कब हुई ?

Ans : सन 2018 में लांच किया गया.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम का उद्देश्य क्या है ?

Ans : देश में खेल को बढ़ावा देना.

Q ; खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम 2021 में कहां होना है ?

Ans : हरियाणा के पंचकुला में.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम 2021 में कब होना है ?

Ans : टोक्यो ओलंपिक के बाद कभी भी हो सकता है, अभी डेट नहीं है.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए क्या करें ?

Ans : अधिअक्रिक वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा.

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1 thought on “खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम 2023 [यूथ गेम्स योजना] क्या है [रजिस्ट्रेशन]”

Sir me khelo india me admission lena chahta hu par me jis game ko lena hai us game ke bare me jankari nahi hai . Prayagraj

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खेल का महत्व पर निबंध: जानिए क्यों जरुरी है बच्चों के लिए खेल (Essay on Importance of Sports in Hindi)

khelo india essay in hindi

  • Updated on  
  • नवम्बर 22, 2023

खेल का महत्त्व

प्रगतिशील और आधुनिक बनने के दौड़ में हम अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। खेल का महत्व जैसे हम भूलते जा रहे हैं। आज के बच्चे मोबाइल, लैपटॉप और वीडियो गेम्स से ही खेलते हैं। परंतु खेल का महत्व बच्चों की बढ़ती ग्रोथ के साथ जानना आवश्यक है। खेल जितना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही खेल का महत्व पढ़ाई में भी है। अक्सर परीक्षाओं में तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल का महत्व पर निबंध लिखने को कहा जाता है। खेल के महत्व को समझाने के लिए तथा खेल के महत्व पर निबंध जो कि एक महत्वपूर्ण तथा पूछे जाने वाला विषय है, उसके बारे में छोटे और बड़े निबंध नीचे दिए जा रहे हैं। आइए देखते हैं हमारे जीवन में खेल का क्या महत्व हैI

This Blog Includes:

  • खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)

खेल के महत्व पर निबंध 200 शब्दों में

खेल का महत्त्व पर निबंध (600 शब्द), खेल के महत्व पर निबंध 800 शब्दों में.

  • विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)

खेल के महत्व पर स्लोगन

  • खेल के महत्व पर कविता (Essay on Importance of Sports in Hindi)

खेल के महत्व पर सुविचार

खेल में करियर, खेल में करियर विकल्प, खेलों के प्रकार, मौसम के आधार पर विभाजित , आदर्श खिलाड़ी के गुण, खेल का महत्व ( essay on importance of sports in hindi ).

खेल का हमारे जीवन में क्या महत्व है इसके बारे में हम बचपन से सुनते आए हैं और इसलिए स्कूल कॉलेज में अलग से स्पोर्ट्स टाइम दिया जाता है। इतना ही नहीं घर पर कई बार मम्मी भी बच्चों को डांटती रहती है कि थोड़ा बाहर जाके खेलों सारा दिन में घर में टीवी देखते हो।

अब मैं खेल के महत्व की बात करूँ तो शरीर और दिमाग काे विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ खेल आपके तनाव को भी दूर करता है। खेल आपके कंसन्ट्रेशन को बनाए रखने के लिए अच्छा है। इतना ही नहीं खेल आपकी नौकरी लगने में भी मदद करते हैं।

स्वामी विवेकानंद ने अपने देश के नवयुवकों को कहा था-“मेरे नवयुवक मित्रों। बलवान बनों। तुमको मेरी यह सलाह है। गीता को पढ़ने के बदले युवकों को फुटबॉल खेलना चाहिए।” इस कथन से स्पष्ट है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास संभव है और शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाने के लिए खेल अनिवार्य है। मनोवैज्ञानिकों का मत है कि मनुष्य की खेलों में रुचि स्वाभाविक है। इसी कारण बच्चे खेलों में अधिक रुचि लेते है। पी.साइरन ने कहा है- ‘अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी समझ जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान हैं।’ इन दोनों की प्राप्ति के लिए जीवन में खिलाड़ी की भावना से खेल खेलना आवश्यक है। खेलने से शरीर को बल, माँस-पेशियों को उभार, भूख को तीव्रता आलस्यहीनता तथा मलादि का शुद्धता प्राप्त होती है। खेल खेलने से मनुष्य को संघर्ष करने की आदत लगती है। जीवन की जय-पराजय को आनंदपूर्ण ढंग से लेने की महत्त्वपूर्ण आदत खेल खेलने से ही आती है। खेल हमारा भरपूर मनोरंजन करते हैं। खिलाड़ी हो अथवा खेल प्रेमी दोनों को खेल के मैदान में एक अपूर्व आनंद मिलता है।

खेल के महत्व पर निबंध 400 शब्दों में

आज हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की चिंता है। वह चाहता है कि स्वस्थ रहकर जीवन बिताएं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम, योग, प्राणायाम, संतुलित पोषक-आहार आदि तो महत्वपूर्ण घटक हैं ही, इसके अलावा खेल बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन में खेलकूद का भी उतना ही महत्व है, जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेलकूद न केवल छात्रों का मनोरंजन करते हैं अपितु उनके स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाते हैं। यदि बच्चे प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे तो पढ़ाई लिखाई की ओर भी ध्यान देंगे। खेल के अंतर्गत शरीर बहुत अधिक परिश्रम करता है, परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है। यही ऑक्सीजन हमारे रक्त को शुद्ध करती है तथा भोजन को पचाने में सहायता करती है। जिसने खेलों को महत्व दिया है वह सदैव प्रसन्न, स्वस्थ तथा मजबूत रहता है, उसमें आत्मविश्वास रहता है, नेतृत्व की क्षमता उत्पन्न होती है, इच्छाशक्ति सदैव बलवती रहती है, संगठन की शक्ति का अहसास होता है। अत: खेल स्वास्थ्य का पर्याय है। स्वस्थ युवक खेल-सामग्री के अभाव में भी खेल सकता है। कई परिवार अपने स्तर को ऊंचा बनाए रखने के लिए बच्चों के खेल के विभिन्न साधन घर में ही जुटा कर उन्हें वहाँ कैद रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से  सामूहिक खेलों से बच्चे वंचित रह जाते हैं। आज के अधिकतर बच्चे कंप्यूटर पर अकेले वीडियो गेम खेलते रहते हैं। ऐसे खेलों से मानसिक अभ्यास तो हो जाते हैं, किंतु शारीरिक अभ्यास नहीं हो पाते हैं। थकान के बाद शीतल छाया में बैठकर सामान्य भोजन में भी जैसे आनंद की अनुभूति होती है, वैसे आनंद की अनुभूति रोगग्रस्त शरीर को विविध प्रकार के व्यंजनों में भी नहीं होती है। अतः जब बालक रुचि से खेलता है, तो उसकी पाचन-शक्ति बढ़ती है और उसे ज़ोर की भूख लगती है। ऐसे में किए गए भोजन का बिना किसी चूर्ण या पुड़िया प्रयोग किए पचना और शरीर का बलिष्ठ होना, ये सभी प्रक्रियाएँ स्वचालित यंत्र की तरह पूर्ण हो जाती हैं । ऐसे बालकों के लिए कभी चिकित्सकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार खेल एक और लाभ अनेक हैं।  वही राष्ट्र विकसित या सामर्थ्यवान बन पाता है, जिस देश का युवक स्वस्थ होता है। यह तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपनी लाख व्यस्तताओं के बावजूद खेल के लिए समय निकाले।

डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)

लोगों द्वारा आकस्मिक या संगठित भागीदारी के माध्यम से की जाने वाली प्रतिस्पर्धी खेल गतिविधियों को हम खेल कह सकते हैं। यह सभी की शारीरिक क्षमता और कौशल को सुधारने और बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। यह प्रतिभागियों के लिए मनोरंजन का एक तरीका है। खेल वास्तव में सभी के द्वारा विशेषरुप से बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं हालांकि, ये उनके लिए विभिन्न तरीकों से हानि भी पहुँचा सकते हैं। यह – खेल: चरित्र और स्वास्थ्य निर्माणबच्चों को आसानी से घायल कर सकता है या अध्ययन से भटका सकता है। फिर भी, बच्चे अपने मित्रों के साथ खेलने के लिए बाहर जाना पसंद करते हैं।

यदि हम इतिहास पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि, खेलों को प्राचीन समय से ही बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। आधुनिक समय में, अन्य मनोरंजन बढ़ाने वाली चीजों, जैसे- विडियो गेम, टीवी आदि की वृद्धी और प्रसिद्धी के कारण जीवन में खेलों की माँग कम हो रही है। यद्यपि, यह भी सत्य है कि, खेल बहुत से देशों के द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों की तरह माने जाते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि, भविष्य में खेल और स्पोर्ट्स का प्रचलन कभी खत्म नहीं होगा।

खेल गतिविधियों को स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के अच्छे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और पेशेवर भविष्य के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खेल उन सभी के लिए, जो इनमें पूरी लगन के साथ शामिल होता के लिए भविष्य में अच्छा कैरियर रखते हैं। यह विशेषरुप से विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि, यह शारीरिक और मानसिक विकास को सहायता प्रदान करता है। वे लोग जो खेलों में अधिक रुचि रखते हैं और खेलने में अच्छे हैं, वे अधिक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। वे कार्यस्थल पर बेहतर अनुशासन के साथ ही नेतृत्व के गुणों को विकसित कर सकते हैं।

शारीरिक समन्वय और ताकत

यह माना जाता है कि, खेल और ताकत एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। यह सत्य है कि, खेल में भागीदारी करने वाले एक व्यक्ति के पास सामान्य व्यक्ति (जो व्यायाम नहीं करता हो) से अधिक ताकत होती है। खेलों में रुचि रखने वाला व्यक्ति महान शारीरिक ताकत विकसित कर सकता है और किसी भी राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में भागीदारी करने के द्वारा अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकता है। खेल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, शारीरिक समन्वय बनाए रखने, शरीर की ताकत को बढ़ाने और मानसिक शक्ति में सुधार करने में मदद करता है।

चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण

नियमित आधार पर खेल खेलना एक व्यक्ति के चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण में मदद करता है। यह आमतौर पर देखा जा सकता है कि, युवा अवस्था से ही खेल में शामिल रहने वाला एक व्यक्ति, बहुत ही साफ और मजबूत चरित्र के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य को विकसित करता है। खिलाड़ी बहुत अधिक समय के पाबंद और अनुशासित होते हैं, इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि, खेल राष्ट्र और समाज के लिए विभिन्न मजबूत और अच्छे नागरिक प्रदान करता है।

खेल आमतौर पर, एक दूसरे पर विजय प्राप्त करने की कोशिश के साथ दो प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में खेला जाता है।खेल और स्पोर्ट्स के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिन्हें हम घर के बाहर खेलते हैं उन्हें आउटडोर (मैदानी खेल) खेल कहते हैं, वहीं जो घर के अन्दर खेले जाते हैं उन्हें इनडोर खेल कहा जाता है। दोनों में से एक प्रतिभागी विजेता होता है, वहीं दूसरा हारता है। खेल वास्तव में सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण गतिविधि है, विशेषरुप से बच्चों और युवाओं के लिए क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखता है।

खेल का महत्व पर 800 शब्दों में निबंध नीचे दिया जा रहा है :

संकेत बिंदु-

  • खेलों का महत्व 
  • खेलकूद और स्वास्थ्य
  • सच्चे खिलाड़ी का कर्तव्य 

खेल का महत्व

मानव संसार का सबसे महत्वपूर्ण प्राणी है। अन्य प्राणियों की अपेक्षा मानव में सोचने-समझने, चिंतन करने की शक्ति अधिक है, परंतु मस्तिष्क का एकांगी विकास किसी काम का नहीं है। मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ शारीरिक शक्ति का होना भी आवश्यक है। ‘शरोरामायं खलु धर्मसाधनम्’ अर्थात् शरीर कर्तव्य पालन का पहला साधन है। कालिदास का यह कथन पूर्णत: सत्य है। जीवन की पहली आवश्यकता स्वस्थ शरीर ही है। अच्छे स्वास्थ्य के अनेक साधन हैं जैसे-व्यायाम, खेलकूद, जिम्नास्टिक आदि। व्यायाम तथा जिम्नास्टिक से शरीर स्वस्थ तो अवश्य रहता है, परंतु न तो इनसे मनोरंजन होता है और न ही शरीर के स्वस्थ बनने के अतिरिक्त इसका कोई अन्य लाभ है। साथ ही ये दोनों साधन नीरस हैं। इसके विपरीत खेलों से व्यायाम के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। यही कारण है कि विद्यार्थियों की रुचि व्यायाम की अपेक्षा खेलकर में अधिक होती है। वे खेलकूद में भाग लेकर अपना स्वास्थ्य ठीक रखते हैं स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था- “मजबूत आत्मा और पक्के मन का मंदिर शरीर कल्पना में भी कैसे कच्चा हो सकता है?” खेलकूद स्वास्थ्य-रक्षा का निःशुल्क साधन है। स्वामी विवेकानंद जी ने स्वास्थ्य का मस्तिष्क पर प्रभाव के विषय में अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त किए थे “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। “ खेलों से स्वास्थ्य तो ठीक रहता ही है इनसे मनुष्य का चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास भी होता है। खेलकर से पुष्ट और स्फूर्तिमय शरीर ही मन को स्वस्थ बनाता है। खेलकूद मानव मन को प्रसन्न और उत्साहित बनाए रखते हैं। खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है और मन एकाग्र होता है। खेल में भाग लेने से खिलाड़ियों में सहिष्णुता,धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है। खेलकूद अप्रत्यक्ष रूप से आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होते हैं ये जीवन संघर्ष का मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करते है। खेलकूद से एकाग्रता का गुण आता है जिससे अध्यात्म साधना में मदद मिलती है। सच्चा खिलाड़ी हानि लाभ, यश अपयश सफलता असफलता को समान भाव से ग्रहण करने का अभ्यस्त हो जाता है। खेलों में भाग लेने से तन मन की शक्ति के साथ-साथ हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है। तन-मन से स्वस्थ आत्मविश्वासी व्यक्ति के लिए जीवन में कोई भी काम करना कठिन नहीं होता। मनुष्य अकेले किसी भी खेल को नहीं खेल सकता। दो या दो से अधिक व्यक्ति ही किसी खेल को खेल सकते हैं। मिलकर खेलने से हमारा दूसरे खिलाड़ियों में परिचय बढ़ता है। हमें मिलकर काम करने की आदत पड़ती है। मिलकर खेलने में व्यक्तिगत हार-जीत नहीं रहती। हार का दुःख तथा जीत की खुशी साथी खिलाड़ियों में बंट जाती है। खेल में जीत के लिए आवश्यक है कि खिलाड़ी व्यक्तिगत यश के लिए न खेले। वह अन्य खिलाड़ियों के साथ सहयोग से खेले। इस प्रकार खेलों से टीम भावना तथा सहकारिता की भावना से काम करने को शिक्षा स्वयंमेव मिलती रहती है।  अच्छे खिलाड़ियों को खेलने के लिए अपने स्कूल के अतिरिक्त दूसरे स्कूलों में, अपने नगर के अतिरिक्त दूसरे नगरों में, अपने प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेशों में यहाँ तक कि अपने देश के अतिरिक्त दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है। इससे उसके ज्ञान का विस्तार होता है। हमें दूसरे देशों की सभ्यता-संस्कृति,भाषा,खान-पान,रहन- सहन आदि को देखने समझने का अवसर प्राप्त होता है। अधिकतर खेल घर से बाहर निकलकर प्रकृति के खुले आँगन में खेले जाते हैं। इससे खुली हवा का आनंद भी मिलता है। खेलों में बच्चे, बूढ़े, युवक सभी आयु वाले भाग ले सकते हैं। खेल दो प्रकार के हैं- एक वे जो घर में बैठकर खेले जा सकते हैं या किसी हॉल में जैसे-शतरंज, लूडो, केरमबोड,टेबल टेनिस आदि। दूसरे प्रकार के खेल वे है जो घर से बाहर खुले स्थानों और मैदानों में खेले जाते हैं जैसे-हॉकी, क्रिकेट, बॉलीबॉल, फुटबॉल, लोन टेनिस, कबड्डी आदि। घर में खेले जाने वाले खेलों से केवल मनोरंजन होता है। इन से मन मस्तिष्क का व्यायाम तो हो जाता है, परंतु शरीर का व्यायाम नहीं होता। शारीरिक व्यायाम तो मैदान में खेले जाने वाले खेलों से ही होता है। आज संसार के सभी देशों ने खेल के महत्व को समझ लिया है, इसलिए खेलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्कूलों,कॉलेजों में खेलों पर अधिक खर्च किया जाने लगा है। अब हर स्तर पर खेलों का महत्व समझाने के लिए खेलों का आयोजन होने लगा है। इससे न केवल खिलाड़ियों बल्कि देखने वालों और सुनने वालों का भी मनोरंजन होता है। इससे जीवन रसमय बन जाता है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों से अधिक उत्साह दर्शकों में दिखाई देता है। विदेशों में खेल के महत्व को समझते हुए खेल पर बहुत ध्यान दिया जाता है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में सरकार खेलों पर उतना ध्यान नहीं देती जितना देना चाहिए। इस प्रकार हम देखते हैं कि खेलों में भाग लेकर खिलाड़ी अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही है साथ ही अपने विद्यालय, कार्यालय तथा देश का नाम भी उज्ज्वल करते हैं।

विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व ( Essay on Importance of Sports in Hindi )

पुराने समय से ही खेल का महत्व है । विद्यार्थी जीवन में अनुशासन , पढ़ाई का जितना महत्व है उतना ही महत्व खेल खुद का भी हैं । ये पूरा दिन कक्षा में बैठे बैठे पढ़ाई करने से बॉडी का Posture ख़राब हो जाता हैं । खेल खुद बॉडी का Posture मेन्टेन रखने में मददगार साबित होता हैं । पहले जब  बच्चे जब गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। तो उनकेपढ़ाई के साथ-साथ अनेक प्रकार के खेल भी खिलाये जाते थे। जिससे अपने दिमाग के साथ तन की भी स्वस्थ रख सके । एक विद्यार्थी बचपन से प्रेरणा लेकर खेलना शुरू करता हैं । आज कल न सिर्फ लड़के बल्कि लडकिय भी बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेती है । खेल खुद आपके दिमाग को रिफ्रेशमेंट देता है जिससे विद्यार्थी अच्छे से अपना ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं । ये कंसंट्रेशन बढ़ाने में भी मदद करता हैं । जो विद्यार्थी बचपन से खेल खुद में भाग लेते हैं उनके शरीर का विकास आचे तरीके से होता हैं । विद्यार्थियों के अन्दर खेल भावना जगाती है। इससे वो एकजुटता, लीडरशिप की भावना जगाती है ।ये मानसिक रूप से विद्यार्थियों को टफ बनाती है और खेल को खेल की तरह देखना चाहिए चाहे जीत हो या हार उसे खुले दिल से एक्सेप्ट करना चाहिए । 

खेल का महत्व

खेल का महत्व और उस पर लिखे गए नारे इस प्रकार हैं:

  • खेल-कूद द्वारा होता है स्वास्थ्य का निर्माण, जरुरी है खेल क्योंकि स्वास्थ्य है जीवन का प्राण।
  • खेलों का महत्व समझती हैं नानी-दादी, इसीलिए उस जमाने में खेलने की थी आज़ादी।
  • जैसे-जैसे हो रहा है खेल-कूद की प्रवृति का लोप, वैसे-वैसे दिख रहा है रोगो का स्वास्थ्य पर कोप।
  • जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीजों से ऊपर उठ जाना हैं जिसे हम कभी बहुत ज्यादा महत्व देते थे।
  • कभी भी हार को दिल पे मत लगाये और हार कर घर पर मत बैठ जाये, क्युकी कभी कभी एक अच्छा खिलाडी भी 0 पे आउट हो जाता हैं।
  • जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीज़ों से ऊपर उठना है जिन्हें हम अभी  बहुत ज्यादा महत्त्व देते हैं। 
  • मैं उस खिलाडी से नहीं डरूँगा जिसने 50 कलाएं सीख ली हैं, बल्कि उस खिलाडी से डरूंगा जो एक ही कला की 50 बार प्रैक्टिस करता है। 
  • खेल आपको स्वस्थ तो बनाते ही हैं इसके साथ करियर बनाने का भी एक बेहतर विकल्प है। 

खेल के महत्व पर कविता ( Essay on Importance of Sports in Hindi )

खेल का महत्व और लिखी कविता इस प्रकार है:

खेलों की दुनिया का जादू, खेल हमें सिखलाते आओ बच्चों आज तुम्हे मैं, एक बात बतलाऊं खेलों का कितना महत्त्व है? यह तुमको समझाऊं खेलों से सब कुछ मिल सकता, हमको हँसते गाते खेल… खेल-खेल में सारे बच्चे, सेहत खूब बनाते उछल कूद कर मस्ती करते, जीवन का सुख पाते यह आनंद बिना पैसे का, हम खेलों से पाते खेल.. खेल खेलने से ही बच्चों, खेल भावना आती खेल-खेल में जीवन के सब, बिगड़े काम बनाती हार जीत से उपर उठ कर, हम आदर्श बनाते खेल… रुपया-पैसा, धन-दौलत सब, खेलों से मिल जाता सचिन घुमा कर अपना बल्ला, लाखों लाख कमाता नाम और धन पाकर दोनों, फूले नहीं समाते खेल… खेलों की दुनिया का जादू, खेल हमें सिखलाते

खेल का महत्व और उसपे कुछ बेहतरीन सुविचार इस प्रकार हैं:

  • शिक्षा के अलावा आपको अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता है और उसके लिए आपको खेल खेलना चाहिए। कपिल देव
  • “जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीजों से ऊपर उठ जाना हैंजिसे हम कभी बहुत ज्यादा महत्व देते थे…”
  • खेल में अपना प्रर्दशन इस प्रकार दिखाओ की सामने वाली विरोधी टीम का प्रत्येक खिलाड़ी आपके लिए तालियां बजाने लग जाये।
  • अपनी एक हार से इतना भी निराश मत होईये मौके और भी आएंगे जीतने के लिए, इसलिए अपना अभ्यास जारी रखे।
  • एक अच्छा खिलाड़ी कभी भी अपना मनोबल नीचे  नहीं गिरने देता है।
  • अगर आप भी स्पोर्ट्स में अपना कर्रिएर बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद को परिश्रमी बनाना आवश्यक हैं।
  • अगर स्कूलों में खेलो को बढ़ावा नहीं दिया जायेगा, तो कोई भी देश एक बेहतर खिलाड़ी की खोज नहीं कर पायेगा।

खेल का महत्व और उससे होने वाले लाभों के बारे में नीचे बताया गया है-

  • खेल से व्यक्ति का शारीरिक और मासिक विकास होता है बच्चे  बड़ो की उपेक्षा चीजों पर जल्दी कंसन्ट्रेट कर पाते हैं।
  • खेल बच्चों में टीम स्पिरिट की भावना बढ़ाता है और उन्हें इसमें अपना नाम कैसे देख सकते हैं यह भी सिखाता है जो उन्हें आगे चलकर कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है।
  • शारीरिक गतिविधियों में बॉडी स्ट्रेच करते हैं जिससे हमारी हमारी शायद बनावट भी बनी रहती है। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को खेल और योगा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  •  खेल अपने जीवन में धैर्य कैसे बनाया जाए यह सकते हैं क्योंकि हर गेम उतार चढ़ाव आते हैं जिसमें धैर्य की भूत आवश्यकता होती है साथ ही धूप गर्मी पसीना इन सब समस्याओं से भी आप अपने धैर्य के साथ लड़ सकते हैं।
  •  खेलकूद हमारे व्यक्तित्व के विकास में बहुत बड़ा योगदान देता है जिससे इन में शारीरिक मानसिक क्षमता में बढ़ोतरी करता है।

खेल का महत्व में अब जानिए कि खेल में क्या क्या करियर संभावनाएं हैं :

पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब। पहले ये कहावत बहुत प्रचलित थी  l लेकिन बदलते दौर के साथ हर कोई मुझे बड़ा होगा अपना करियर बनाना चाहता है। आज के समय में आप खेल में अपना एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं जहां को एक अच्छी सैलरी मिलती है। खेल मैं कैरियर बनाना कई लोगों को लगता है के खेल में करियर बनाना सिर्फ एथलीट या किसी एक खेल में अच्छा परफ़ॉर्मर तक सीमित नहीं है  इसमें कई तरह की जॉब हैं जिनमें आपको  आपको एथलेटिक होने की जरुरत नहीं है । खेल में  हर किसी के लिए अवसर ही अवसर है। अब हम ये कह सकते है की-  खेलोगे-“कूदोगे तो होगे नवाब।”

खेल में करियर विकल्प कुछ इस प्रकार हैं:

  • खेल कमेंटेटर या एंकर – इनका काम कोच और प्लेयर्स का इंटरव्यू देना होता है यह लाइव रेडियो या टेलीविजन में आपको मुख्य भूमि निभाते हुए नजर आएंगे। इसके लिए आपको खेल की अच्छी जानकारी के साथ-साथ उसमें अच्छा अनुभव भी होना चाहिए।
  • खेल फोटोग्राफर – खेल आयोजन के दौरान खेल फोटोग्राफर फोटो खींचते हैं। खेल फोटोग्राफर फ्रीलांसरों के रूप में काम कर सकते हैं । एक खेल फोटोग्राफर के रूप में आप विभिन्न खेल आयोजनों की फोटो को कैप्चर कर सकते हैं। खेल फोटोग्राफरों को एक्शन को अच्छी क्वालिटी में कैप्चर करने के लिए रेफ्लेक्सेस अच्छे होने चाहिए ।
  • खेल राइटर- खेल लेखक का काम होता है खेल से जुड़ी ख़बरें या आर्टिकल, ब्लॉग लिखना। जो ऑनलाइन वेब मीडिया तथा अखबारों के लिए लिखते है। आज इस क्षेत्र में भी बहुत सारे विकल्प मौजूद है और अच्छी खासी सैलरी भी मिलती है।
  • फिटनेस डाइरेक्टर-  जो कि व्यक्तिगत या सामूहिक रूप में फिटनेस एक्टिवीटी का ध्यान रखते है। जिसमें फिटनेस फेसिलिटी, होटल कॉर्पोरेशन भी शामिल है। 
  • खेल अंपायर – क्रिकेट की अंपायरिंग करने के लिए जाने जाते हैं। वहीं रेफरी फुटबॉल, टेनिस, हॉकी इत्यादि मैच में होते हैं। अंपायर के पास फील्ड में कोई भी निर्णय लेते हैं । वह जो भी निर्णय लेता है दोनों टीमों के खिलाड़ियों को उसे स्वीकारना ही होता है। इसमें थर्ड अंपायर भी होता है जो फील्ड अंपायर के डिसिशन बदल सकता हैं 
  • खेल कोच- आप कोच के लिए अप्लाई कर सकते है ।जिसके लिए आपके पास थोडा अनुभव होना चाहिए क्युकी इसमें कम्पटीशन काफी होता है । एक अच्छा कोच अपन खिलाडियों का मागदर्शन करता है ।

खेल का महत्व

खेलों के प्रकार नीचे बताए गए हैं-

  • शारीरिक खेल -जिनमें  शारीरिक क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन करते है उसे शारीरिक खेल कहा जाता है।जैसे – क्रिकेट, खो- खो, कबड्डी, क्रिकेट , बैडमिंटन आदि। 
  • मानसिक खेल -जिन खलों में मानसिक क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन किया जीता है उसे मानसिक खेल कहा जाता है। जैसे  – चैस, सुडोकू, केरम्, पासा, बकरी– बाघ खेल आदि। 
  • मशीनी खेल – मशीनी खेल उस खेल को कहा जाता है जिसमें मानसिक क्षमताओं के साथ उपकरणों का उपयोग किया जाता है!
  • ऑनलाइन खेल – ये खेल वाइड रेंज में पाए जाते है । इन्हें लैपटॉप, मोबाइल, टेबलेट पर खेला जाता है। आज कल के दौर में इसका प्रचलन बढ़ रहा है।

मौसम के आधार पर इन्हें समर विंटर गेम्स दो तरह  के खेला जाता हैं। 

  • समर गेम्स – जिस खेल को गर्मियों के महीने में खेला जाता है उसे समर गेम्स कहते हैं जैसे नौकायन आदि।
  • विंटर गेम्स – जिस खेल को सर्दियों के महीने में खेला जाता है उसे विंटर गेम्स कहते हैं जैसे आइस हॉकी तथा आइस स्केटिंग आदि।

खेल को इंडोर और आउटडोर खेल में भी बांटा गया हैं।

ये ऐसे खेल हैं जिन्हें आप घर में बैठ कर अपने परिवार या प्रियजनों के साथ खेल सकता है। जिससे आपका मनोरंजन होगा और एक दूसरे के साथ समय भी बिता सकते हैं। आइए देखें इंडोर खेल के उदहारण –

  • राजा मंत्री चोर सिपाही – इसमें चार किरदार है राजा,मंत्री,चोर, सिपाही।इसमें 4 चिट बनाई जाती हैं ।इसमें सबसे ज्यदा पॉइंट्स राजा, फिर मंत्री, फिर सिपाही और अंत में चोर आता हैं।
  • सांप-सीढ़ी- इसमें एक बोर्ड, गोटियों और डाइस की मदद से खेला जाता है। बोर्ड में 1 से 100 तक अंक होते है और डाइस में 1 से 6 तक के नंबर होते हैं, जहाँ बीच-बीच में सांप के चित्र होते हैं। डाइस में जितना नंबर आता है, उतने ही नम्बर चलना होता है। सांप के मुंह में गोटी कट मानी जाती है और वो नीचे उस बॉक्स में वापस चली जाती है, जहां सांप की पूंछ होती है। 
  • चैस (शतरंज)- चैस का खेल मानसिक रूप से दिमाग को मजबूत बनाने का खेल है है। इसमें एक चैस बोर्ड और मोहरे होती है।

जिसे हम घर से बाहर खेलते हैं, जिससे हमारा मानसिक और शारीरक विकास होता है। ये तरों ताज़ा रहने में भी मदद करता है – आए देखे कुछ आउटडोर खेल –

  • फुटबॉल – फुटबॉल दुनिया हर देश में खेलता है। इसमें 11 खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। इसमें बॉल को फुटबॉल नाम से जाना जाता है।
  • क्रिकेट – क्रिकेट खेल में 11 खिलाड़ी होते है। ये कई देशों में खेला जाता हैं। भारत क्रिकेट खेल का क्रेज सबसे ज्यादा हैं। इसे बेट और बॉल का उपयोग करके खेला जाता है। इसमें एक अंपायर होता है जो इसके सारे निर्णय लेता है और सबको वो मानाने पड़ते है। महिला और पुरुष दोनों की टीम खेलती है। 
  • हॉकी – हॉकी खेल में खिलाड़ियों की संख्या 11 होती है। ओलंपिक में हॉकी खेली जाती है। महिला और पुरुष दोनों की टीम खेलती है। इस खेल में हॉकी स्टिक और बॉल होती है।
  • टेनिस – टेनिस खेल में दो या दो से अधिक लोग खेलते है। इस खेल को सिंगल या डबल में खेला जाता है। इसमें टेनिस रैकेट और बॉल होती है।
  • बैटमिंटन- बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक खेल है जिसमें शटलकॉक को नेट पर हिट करने के लिए रैकेट का उपयोग किया जाता है। 
  • कबड्डी – कबड्डी भारत में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है । यह भारत और पाकिस्तान (भारतीय उपमहाद्वीप) का मूल खेल है। भारत में लोग प्राचीन काल से कबड्डी खेलते और देखते आ रहे हैं।
  • कुश्ती- कुश्ती, जिसे पहलवानी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे पुराने खेलों में से एक है। इस खेल में शारीरिक बल मायने रखता है।

Sachin Tendulkar

एक अच्छा खिलाड़ी सदैव अपने खेल के प्रति समर्पित रहता है। वो अपना , परिवार और देश का नाम रोशन करने का हर मुमकिन प्रयाश करते हैं। वह एक अच्छा लीडर होना चाहिए जो अपनी टीम को लीड करे। उसके एक पॉजिटिव सोच वाला होना चाहिए ताकि वो टीम को कॉन्फिडेंस दिला सके। उसे अपना मन शांत रखने की कला में निपुण होना चाहिए ताकि विपरीत परिस्तिथि में सयम बना सकते। एक अच्छे खिलाड़ी को विनम्र होना चाहिए ताकि वो अपने टीम में एक अच्छा वातावरण बना सके। उसके अन्दर खेल भावना होनी चाहिए ताकि वो हार या जीत को दिल से न लगाए। किसी भी अच्छे खिलाड़ी को इच्छा, अपने उत्साह और शरीर  में तालमेल बनाए रखें। उसे हमेशा अपने अभ्यास में कंसिस्टें होना चाहिए क्योंकि “Practice Makes a Man Perfect”

बैक स्ट्रोक

राहुल द्रविड़

रोहित शर्मा

बिलियर्ड्स में

साक्षी मलिक

आशा करते हैं कि आपको खेल का महत्व का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu  के साथ बने रहिए।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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खेल पर निबंध (Sports Essay in Hindi)

खेल

खेल एक शारीरिक क्रिया है, जिसके खेलने के तरीकों के अनुसार उसके अलग-अलग नाम होते हैं। खेल लगभग सभी बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं, चाहे वे लड़की हो या लड़का। आमतौर पर, लोगों द्वारा खेलों के लाभ और महत्व के विषय में कई सारे तर्क दिए जाते हैं। और हाँ,  हरेक प्रकार का खेल शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यह एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। नियमित रुप से खेल खेलना हमारे मानसिक कौशल के विकास में काफी सहायक होता है। यह एक व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक कौशल में भी सुधार करता है। यह हमारे अंदर प्रेरणा, साहस, अनुशासन और एकाग्रता लाने का कार्य करता है। स्कूलों में खेल खेलना और इनमें भाग लेना विद्यार्थियों के कल्याण के लिए आवश्यक कर दिया गया है। खेल, कई प्रकार के नियमों द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है।

खेल पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Sports in Hindi, Khel par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द).

खेल सदा ही हमारेबीच लोकप्रिय रहे है। प्रायः सभी व्यक्ति कोई न कोई खेल अवश्य अवश्य खेलते है। किसी का प्रिय खेल क्रिकेट है, तो किसी का फुटबॉल, तो किसी का बैडमिंटन आदि। खेल हमारे शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक है।

खेल के प्रकार

खेल को दो प्रकारों में बांटा जा सकता है – मानसिक और शारीरिक खेल

चेस, लूडो, पहेली, आदि मानसिक खेलों की श्रेणी में आते है। इन खेलों में शरीर से ज़्यादा मष्तिष्क का इस्तेमाल होता है।क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, आदि शारीरिक खेलों की श्रेणी में आते है। इन खेलों में मष्तिष्क से ज़्यादा शरीर का इस्तेमाल होता है।

खेल एक व्यक्ति को अच्छी भावना प्रदान करता है और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्तित्व के वृद्धि तथा विकास के साथ ही देश के लिए भी उपयोगी होता है। हम नियमित रुप से खेलने के लाभ और महत्व को कभी भी अनदेखा नहीं कर सकते हैं। यह हमें हमेशा तंदुरुस्त और स्वस्थ रखने के साथ ही मादक पदार्थों की लत, अपराध और विकारों की समस्याओं से दूर रखता है।

हमें बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और घर तथा स्कूली स्तर पर शिक्षकों और अभिभावकों की समान भागीदारी के द्वारा उनकी खेलों में रुचि को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। आज के समय में स्पोर्ट्स और खेल बहुत ही रुचिकर हो गए हैं और किसी के भी द्वारा किसी भी समय खेले जा सकते हैं हालांकि, पढ़ाई और अन्य किसी में भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इनका बचपन से ही अभ्यास होना चाहिए।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Sports in Hindi

निबंध 2 (400 शब्द)

खेल शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती को सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और सरल तरीका हैं। आजकल सराकर के महत्वपूर्ण प्रयासों द्वारा खेल के क्षेत्रों में काफी सुधार आया है। हम खेलों द्वारा स्वास्थ्य और शरीर की तंदुरुस्ती को बनाए रखने के साथ ही खेलों में एक बेहतर भविष्य का निर्माण भी कर सकते हैं। यह सफलता और अच्छी नौकरी पाने का बहुत ही अच्छा तरीका है। यह नियमित रुप से मनोरंजन और शारीरिक गतिविधियों को प्राप्त करने का अच्छा साधन है। यह चरित्र और अनुशासन को बनाये रखने में भी काफी सहायक होता है, जो हमें पूरे जीवन भर थामे (पकड़े) रहती है। यह हमें सक्रिय बनाती है और हमें ऊर्जा और ताकत देती है।

खेल का मानसिक एवं शारीरिक वृद्धि पर प्रभाव

नियमित रुप से खेल खेलने से मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक सन्तुलन को बनाए रखता है, इसके साथ ही यह हमारे एकाग्रता स्तर और स्मरण शक्ति को भी सुधारता है। खेल हमारे एकाग्रता को बढ़ाकर हमारे जीवन को शांतिपूर्ण बनाता है, इसके साथ ही यह हमें किसी भी कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए भी तैयार करता है।

खेल लोगों में मित्रता की भावना को विकसित करने में भी अहम योगदान निभाता है और दो लोगों के बीच के सभी मतभेदों को घटाता है। यह शरीर को आकार में रखता है, जो हमें मजबूत और सक्रिय बनाता है। इसके साथ ही  यह हमारे मस्तिष्क को शान्तिपूर्ण रखता है, जो सकारात्मक विचारों को लाता है और हमें बहुत सी बीमारियों और विकारों से दूर रखता रहता है।

खेल बहुत तरीकों से हमारे जीवन को उन्नत करने का कार्य करता हैं। ये हमें अनुशासन और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने लिए निरंतर कार्य और अभ्यास करना सिखाता हैं। यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से स्वस्थ बनाये रखता हैं और इस प्रकार, सामाजिक, भावनात्मक, मानसिक और बौद्धिक रूप से फिट रखते हैं।

यह हमें बहुत ऊर्जा और मजबूती प्रदान करने के साथ ही पूरे शरीर में रक्त संचरण में सुधार करके सभी तरह की थकान और सुस्ती को सुधारता है और शारीरिक और मानसिक अच्छाई को बढ़ावा देता है। यह एक व्यक्ति की कुशलता, कार्य क्षमता को सुधारता है और मानसिक और शारीरिक रुप से थकान होने से बचाव करता है। यह छात्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का अभिन्न हिस्सा है। खेल और शिक्षा दोनों को अपने जीवन में  एक साथ अपनाकर हम महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

निबंध 3 (500 शब्द)

सभी समझते हैं कि, खेल का अर्थ केवल शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती है। यद्यपि, इसके अन्य बहुत से महत्वपूर्ण लाभ भी है। स्पोर्ट्स (खेल) और अच्छी शिक्षा दोनों ही एक साथ एक बच्चे के जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। हमें इन दोनों को ही स्कूल और कलेजों में बच्चों को आगे बढ़ाने और विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए समान प्राथमिकता देनी चाहिए। खेल का अर्थ न केवल शारीरिक व्यायाम से है बल्कि की इसका अर्थ विद्यार्थियों की पढ़ाई की और एकाग्रता स्तर को बढ़ावा देना से भी है। खेलों के बारे में आमतौर पर, कहा जाता है कि, “एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है”, जिसका अर्थ है कि, जीवन में आगे बढ़ने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तंदुरुस्त शरीर में एक स्वस्थ मन होना चाहिए। जिसके लिए हमें अपने जीवन में खेलों को अपनाना होगा।

खेल और स्वास्थय

शरीर का स्वस्थ एक अच्छे जीवनयापन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित करने के लिए हमारा मानसिक और बौद्धिक रुप से स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। खेल द्वारा हममें उच्च स्तर का आत्मविश्वास पैदा है, जिससे हमारे जीवन में अनुशासन उत्पन्न होता है और यह अनुशासन हमारे साथ पूरे जीवन भर रहता है।

खेल कई प्रकार के होते हैं और उनके नाम, उनके खेलने के तरीके और नियमों के अनुसार होते हैं। कुछ प्रसिद्ध खेल, क्रिकेट, हॉकी (राष्ट्रीय खेल), फुटबॉल, बॉस्केट बॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, दौड़, रस्सी कूद, ऊँची और लम्बी कूद, डिस्कस थ्रो, बैडमिंटन, तैराकी, खो-खो, कबड्डी, आदि है। खेल शरीर और मन, सुख और दुख के बीच सन्तुलन बनाने के द्वारा लाभ-हानि को ज्ञात करने का सबसे अच्छा तरीका है। कुछ घंटे नियमित रुप से खेल खेलना, स्कूलों में बच्चों के कल्याण और देश के बेहतर भविष्य के लिए काफी आवश्यक है।

खेल स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सुधारने और बनाए रखने, मानसिक कौशल और एकाग्रता स्तर के साथ ही सामाजिक और वार्तालाप या संवाद कौशल को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नियमित रुप से खेल खेलना एक व्यक्ति को बहुत सी बीमारियों और शरीर के अंगों की बहुत सी परेशानियों, विशेष रुप से अधिक वजन, मोटापा और हृदय रोगों से सुरक्षित रखता है। बच्चों को कभी भी खेल खेलने के लिए हतोत्साहित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें सदैव खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

निबंध 4 (600 शब्द)

भारत में प्राचीन समय से ही कई प्रकार के खेल खेले जाते हैं और देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी को माना जाता है। विशेष रुप से, बच्चे खेलने के बहुत अधिक शौकीन होते हैं। वे आस-पास के क्षेत्र में, पार्कों, बगीचों में खेलते हैं। इसके साथ ही वह आमतौर पर स्कूलों में होने वाले खेलों में भी भागीदारी लेते हैं। स्कूल स्तर पर, जिला स्तर पर, राज्य स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के बच्चों और युवाओं की अधिकतम भागीदारी के लिए बहुत सी खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जैसे – ओलंपिक या कॉमनवेल्थ खेलों में खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन भारत में खिलाड़ियों के लिए अच्छी खेल सुविधाओं की कमी और अभाव को प्रदर्शित करता है।

प्राचीन यूनानी काल में कई तरह के खेलों की परंपरा स्थापित थी और ग्रीस की सैन्य संस्कृति और खेलों के विकास ने एक दूसरे को काफी प्रभावित किया। खेल उनकी संस्कृति का एक ऐसा प्रमुख अंग बन गया कि यूनान ने ओलिंपिक खेलों का आयोजन करना शुरु कर दिया, जो प्राचीन समय में हर चार साल पर पेलोपोनिस के एक छोटे से गाँव में ओलंपिया नाम से आयोजित किये जाते थे। खेल को पूर्ण व्यवस्थित रूप सर्वप्रथम यूनानियों ने ही दिया था। उनकी नागरिक व्यवस्था में खेल का महत्त्वपूर्ण स्थान था। उस युग में ओलिंपिक खेलों में विजय मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि समझी जाती थी। गीतकार उनकी प्रशंसा में गीत लिखते थे और कलाकार उनके चित्र तथा मूर्तियां बनाते थे।

भारतीय एथलीट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर

अभी भी भारतीय एथलीट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में मानक स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाए हैं हालांकि, यह लगता है कि  आने वाले समय में वे ऐसा कर पाएंगे क्योंकि वर्तमान सालों में खेलों का क्षेत्र बढ़ गया है। इसे देश की सरकार द्वारा स्कूल और कालेजों में बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय एथलीट (खिलाड़ी) हर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में अपनी पूर्ण भागीदारी दिखा रहे हैं और लगातार गुणवत्ता और मानक हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले ओलंपिक खेलों में बहुत कम स्वर्ण पदक जीते थे हालांकि, वे बहुत ही साहस और उत्साह के साथ खेले थे, जिसने दर्शकों को काफी उत्साहित किया। भारत हॉकी, कुश्ती, क्रिकेट, आदि कई खेलों में अग्रणी है।

खिलाड़ी का चुनाव

सबसे अच्छे खिलाड़ी का चुनाव उन विद्यार्थियों में से किया जाता है, जो स्कूली स्तर और राज्य स्तर पर बहुत अच्छा खेलते हैं। अब भारत में खेलों की स्थिति बदल गई है और यह लोकप्रियता और सफलता पाने का अच्छा क्षेत्र बन गया है। यह शिक्षा से अलग नहीं है और यह भी आवश्यक नहीं है कि, यदि कोई अच्छा खेल खेलता है, तो उसके लिए शिक्षा की आवश्यकता नहीं है या यदि कोई पढ़ने में अच्छा है तो खेलों में शामिल नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह है कि कोई भी व्यक्ति खेलों में भाग ले सकता हैं, चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित। शिक्षा और खेल एक ही सिक्के अर्थात् सफलता के दो पहलू हैं। विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में खेल खेलना अनिवार्य कर दिया गया है, इसके साथ ही शिक्षकों और अभिभावकों को उनके स्तर पर उनके विकास और वृद्धि के साथ ही देश का भविष्य बनाने के लिए खेल खेलने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।

खेल बहुत तरीकों से हमारे जीवन को पोषित करने का कारय करते हैं। ये हमें अनुशासन और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने लिए निरंतर कार्य और अभ्यास करना सिखाते हैं। इसके साथ ही यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से स्वस्थ रखते हैं और इस प्रकार हम  सामाजिक, भावनात्मक, मानसिक और बौद्धिक रूप से फिट रखते हैं। इस तरह के  एक प्रदूषित और दबाव के माहौल में जहाँ हर कोई तनाव देने के लिए और एक दूसरे के लिए समस्या पैदा करने के लिए तैयार हो जाता है, ऐसे में खेल मनोरंजन और मन को एकाग्र करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह एकाग्रता स्तर और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और मस्तिष्क को सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण कर देता है।

Essay on Sports in Hindi

 

अधिक जानकारी:

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Khelo India Programme

Khelo India Programme is a national yojana/scheme for the development of sports in India. It was launched in the year 2018 by the then Sports Minister Col. Rajyavardhan Singh Rathore in Delhi. This program has been launched to improve the sports culture in India.

Aimed at mainstreaming sports as a tool for national development, economic development, community development and individual development, the Union Cabinet approved the execution of the revamped ‘Khelo India’ program by consolidating the ‘Rajiv Gandhi Khel Abhiyan’ (formerly called the ‘Yuva Krida & Khel Abhiyan’), the ‘Urban Sports Infrastructure Scheme’ and the National Sports Talent Search System Programme’. The program strives to promote “Sports for Excellence” as well as “Sports for All”.

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As a government initiative, the programme is an important part of the UPSC Syllabus . Candidates can know the detailed information about the Khelo India National Programme for Development of Sports on the Official Website .

Kehlo India Programme Latest Updates- 

  • The Union budget reduced the allocation for sports by ₹230.78 crores for the financial year 2021-22. The ‘Khelo India’ scheme has taken a hit of ₹232.71 crores, with its allocation slashed to ₹657.71 from ₹890.42 crore.
  • Khelo India Youth Games 2021 are scheduled to take place in Panchkula (Haryana) after the 2021 Tokyo Olympics (which is set to open on July 23rd). The government has announced that Haryana will host the 4th edition of Kehlo India Youth Games.

All government exam aspirants must stay updated with the latest current affairs of national and international importance for the upcoming examinations.

Khelo Indian Programme is an important topic for IAS Exam and other government exams.

Aspirants of the upcoming UPSC examination can go through the following links to prepare for the exam even better-

To know more about other government schemes , refer to the linked article.

Daily News

Event Information

Khelo India
Ministry of Youth Affairs and Sports
2018
Annually
5 lakhs – 8 lakhs per annum
PAN India
Guwahati
Haryana
Online/ Offline

Khelo India Categories:

The different categories under the Khelo India program are given below:

  • Playfield Development
  • Support to National/ Regional/ State/ Sports Academics
  • Community Coaching Development
  • State Level Khelo India Centers
  • Physical education of school children
  • Sports for women
  • Annual Sports Competition
  • Promotion of sports amongst people with disabilities
  • Talent search and development
  • Sports for Peace and Development
  • Utilization and Creation/ Upgradation of Sports Infrastructure
  • Promotion of rural and indigenous/ tribal games

Aspirants must focus on the minor details of such government policies, as objective type questions can be asked in the UPSC prelims examination. The upgrades and budget allocation under these schemes are an important part of the syllabus.

Eligibility for Khelo India Programme

The eligibility criteria for the Khelo India program is given below:

  • Candidates below the age of 17 can participate in the under-17 category.
  • Candidates below the age of 21 can participate in the under-21 category.

 

Background of Khelo India Scheme

  • The Youth represent the most dynamic and vibrant segment of the population.
  • India is one of the youngest nations in the World, with about 65% of its population being under 35 years of age.
  • The youth in the age group of 15-29 years comprise 27.5% of the population.
  • To promote mass participation in sports and achieve effective implementation, the existing schemes of Rajiv Gandhi Khel Abhiyan (RGKA), Urban Sports Infrastructure Scheme (USIS) and National Sports Talent Search Scheme (NSTSS) were proposed to be dovetailed into a single scheme to be named as “Khelo India: National Programme for Development of Sports”.

To provide infrastructure in rural areas and to encourage a sporting culture in the country through competitions. To provide quality sports infrastructure in urban areas so as to provide facilities for talent to hone their skills. To identify young talent.

Objectives of Khelo India

  • It will be a Central Sector Scheme (Scheme implemented by the Central Government machinery and 100% funding by the Union Government).
  • It is a Pan India Sports Scholarship scheme covering the 1000 most deserving and talented athletes across the sports discipline, every year.
  • Selected athletes will be entitled to a scholarship amount of Five Lakh Rupees for eight consecutive years.
  • It is an unprecedented scheme, a first-ever plan to be implemented for creating a long-term development pathway for athletes.
  • To enable the sportsman to pursue both studies and sports, the program aims at identifying and promoting 20 Universities in the country as centres of sporting distinction.
  • For sports promotion, the latest user-friendly technology would be used. Ex: Geographic Information System (GIS) for locating the sports infrastructure, a user-friendly website for indigenous sports, a National Sports Talent Search Portal and information dissemination for sports training through mobile apps.
  • To ensure maximum entries for organized sports competitions, the programme encourages the school and colleges to organize programmes of high standards.
  • Forming an active population with a healthy lifestyle is also the focus of this programme. For this purpose, a National Physical Fitness Drive is planned where children falling in the age bracket 10-18 years will be checked for physical fitness. Further, activities to support their physical fitness will be planned.
  • The aim is to impact the whole of the sports ecosystem inclusive of the sports economy, competition structure, talent identification, coaching and infrastructure.
  • The programme plans to engage youth living in deprived and disturbed areas into sporting activities so that they will be mainstreamed into the process of nation-building and weaned away from disruptive activities.

The objective with which the programme has been launched, emphasizes the importance of sports and related infrastructure in the country. Candidates can expect IAS questions based on its significance to boost the social and economic prospects of the country.

Impact of Khelo India Scheme

  • A comprehensive mechanism was created through Khelo India to build a sporting culture by identifying and developing talent by providing annual competitive platforms, infrastructure across the country.
  • Through the annual Khelo India Youth Games and University Games, athletes of age groups of U17 and U21 have got a chance to showcase their sporting talent annually, at the national level.
  • The Khelo India MobileApp launched by Hon’ble PM in 2019 has assessed the fitness parameters of more than 23 lakh school children, thus identifying future sporting talent from the age of 5 years.
  • Special scheme to promote indigenous games and athletes. Athletes of indigenous games are given Out-of-Pocket Allowance (OPA), training facilities in top-end centres.
  • Specific schemes were put in place to empower women to make a mark in sports, as well as strengthened support to divyangs in the form of financial grants, better training facilities.

FAQ about Khelo India Programme

Has the khelo india scheme been extended, what is the financial assistance provided under the khelo india scheme.

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Hindi Essay on “Khelo ka Mahatva” , ”खेलों का महत्त्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

खेलों का महत्त्व

Khelo ka Mahatva

खेलें व्यक्ति के जीवन में बहत महत्त्वपर्ण रोल अदा करती हैं। यह भोजन से कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। यह आदमी को शारीरिक रूप से तंदरुस्त तथा दिमागी रूप से स्तर्क रखती है। खेलते समय वह अपने जीवन की परेशानियों को भूल जाता है। यह व्यक्ति के अंदर नई स्फूति पैदा करती हैं जिसके फलस्वरूप उसका दिमाग ठंडा रहता है।

खेलें आदमी के जीवन में अनुशासन भरती हैं। वह चीजों को अच्छे ढंग से करना सीखता है। खेलें व्यक्ति को सीमाओं के अंदर रहना सिखाती हैं। वह जीवन के नियमों का पालन करना सीखता है। वह खेल भावना से जीवन के खेल को जीता है।

खेलें व्यक्ति को अपने जीवन रूपी युद्ध को बहादुरी से लड़ना सिखाती है। वह उसे चरित्रवान बनाती हैं। वह जीवन में हार-जीत को समान रूप से स्वीकार करता है। जीवन के प्रति उसका नजरिया संतुलित बनता है। वह स्वार्थ को त्याग कर खुले मन का व्यक्ति बन जाता है। उसका मस्तिष्क इतना मजबूत बन जाता है कि जीवन में कोई भी कठिनाई उसे हिला नहीं सकती। खेलें उसे प्रसन्नचित रखती हैं।

खेलें व्यक्ति के अन्दर मित्रता एवं समझदारी का भाव पैदा करती हैं। अलग-अलग जगह के लोग इकठे खेलते हैं। वह एक-दूसरे के नजदीक आते हैं। इससे विभिन्न देश भी एक-दूसरे के समीप आते हैं। एक अच्छे खिलाडी की हर स्थान पर प्रशंसा की जाती है। इस प्रकार खेलें एकता पैदा करती हैं।

जहां एक तरफ खेलों से कसरत होती है वहीं दूसरी ओर मनोरंजन भी प्राप्त होता है। खेलें खाली वक्त को अच्छे से प्रयोग करने में सहायता करती हैं। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारती हैं। यह तन तथा मन दोनों को मज़बूत बनाती हैं। इसलिए हर व्यक्ति को खेलों में भाग लेना चाहिए।

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खेल-कूद का महत्व पर निबंध | Essay on Value of Games and Sports in Hindi!

मानव-जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियाँ और तनाव है । लोग विभिन्न प्रकार की चिंताओं से घिरे रहते हैं । खेल-कूद हमें इन परेशानियों, तनावों एवं चिंताओं से मुक्त कर देती है । खेल-कूद को जीवन का आवश्यक अंग मानने वाले जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करने में सक्षम होते हैं ।

संत रामकृष्ण परमहंस का कथन है कि ईश्वर ने संसार की रचना खेल-खेल में की है । अर्थात् परमात्मा को खेल बहुत पसंद है । तो फिर परमात्मा की कृति मनुष्य खेलों से क्यों दूर रहे! खेल खेलकर ही लोग जान सकते हैं कि जीवन एक खेल है । जीवन को बहुत गंभीर और तनावयुक्त नहीं बनाना चाहिए । सभी हँसते-खेलते जिएँ तो संसार की बहुत-सी परेशानियाँ मिट जाएँ । अत: जीवन में खेल-कूद का महत्त्वपूर्ण स्थान होना चाहिए ।

खेल-कूद स्वास्थ्यवर्धक होते हैं । ये शरीर के विभिन्न अंगों के उचित संचालन में मददगार होते हैं । खेलने से शरीर का व्यायाम होता है तथा पसीने के रूप में शरीर में जमा जल बाहर निकल आता है । खेल-कूद शरीर और मन में ताजगी लाता है । इनसे मांसपेशियाँ सुगठित हो जाती हैं । मन की ऊब मिटाने और चित्त में प्रसन्नता लाने के लिए खेलों की जितनी भूमिका है उतनी शायद अन्य किसी चीज की नहीं । यही कारण है कि अलग- अलग समाज और देश में विभिन्न प्रकार के खेलों को पर्याप्त महत्त्व दिया जाता है ।

विद्‌यालयों तथा अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में खेल-कूद को शिक्षा का एक आवश्यक अंग माना जाता है । खेलों से संबंधित अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं । विद्‌यालयों में वार्षिक खेल समारोह होते हैं । हर दिन एक घंटी खेल की घंटी होती है । खेल-प्रशिक्षक इस घंटी में बच्चों को तरह-तरह के खेल खेलना सिखाते हैं । बच्चे उत्साहित होकर खेलते हैं तथा तनाव से मुक्त होकर पुन : पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करते हैं ।

बाल्यकाल और खेलों का गहरा नाता होता है । बच्चे खेलों के माध्यम से नई-नई बातें सीखते हैं । खेल उनका साहस और आत्म-विश्वास बढ़ाते हैं । खेलों से उनका तन सुगठित होता है । दूसरे बच्चों के साथ खेलते हुए वे आपस में स्वस्थ प्रतियोगिता करना एवं सहयोग करना सीखते हैं । उनमें धैर्य, सहिष्णुता, ईमानदारी, निष्ठा जैसे गुणों का उभार होता है । वे चुस्त एवं फुर्तीले बनते हैं । खेलों में मिली हार और जीत से वे नए-नए गुण एवं अनुभव प्राप्त करते हैं । वे हार से सबक लेते हैं और कमियों को दूर करते हैं । जीत उन्हें नए-उत्साह और प्रेरणा से भर देती है ।

ADVERTISEMENTS:

खेलों के महत्त्व को देखते हुए पूरी दुनिया में विभिन्न खेलों की प्रतियोगिता का आयोजन होता है । इनमें ओलंपिक खेल सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा है जिसका आयोजन प्रत्येक चौथे वर्ष होता है । इनके अतिरिक्त विश्व कप क्रिकेट, विश्व कप सॉकर, विश्व कप शतरंज आदि की प्रतियोगिताएँ भी समय-समय पर होती रहती हैं । एशियाई खेल प्रत्येक चौथे वर्ष होते हैं जो एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा आयोजन है । विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से दुनिया भर में खेलों को बढ़ावा मिलता है । लोग खेलों में अधिक रुचि लेने लगते हैं ।

भारत में क्रिकेट, हॉकी,फुटबॉल, कबड्‌डी, पोलो, शतरंज, टेबल टेनिस, लॉन टेनिस, बैडमिंटन आदि खेल खेले जाते हैं । इनमें क्रिकेट सबसे लोकप्रिय है । भारत में क्रिकेट के प्रति युवाओं में बहुत आकर्षण है । लोग क्रिकेट तथा अन्य खेलों का सीधा प्रसारण देखकर आनंदित होते हैं । हर कोई अपने देश की टीम को जीतता देखना चाहता है । इस तरह खेल राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाने में बहुत सहायक होते हैं । जब कोई खिलाड़ी खेलों में अच्छा प्रदर्शन करता है तो देश के गौरव में वृद्धि होती है ।

खेल-कूद का व्यक्तित्व के विकास में बहुत योगदान है । इनसे शारीरिक और मानसिक क्षमता में बढ़ोतरी होती है । खुले मैदानों में होने वाले खेल खेलकर व्यक्ति स्वस्थ बना रह सकता है । खुली ताजी हवा फेफड़ों में अधिक प्रवेश करती है । व्यक्ति निरोगी रहता है। उसकी झिझक मिटती है, वह समाजोपयोगी कार्यों र्में सहभागिता करता है ।

आजकल अच्छे खिलाड़ियों को बहुत सम्मान प्राप्त है । उसे धन भी प्रचुर मात्रा में मिलता है । सरकार एवं निजी संस्थाएँ उन्हें अपने यहाँ अच्छी नौकरी पर रखती हैं। समाज में उन्हें उचित आदर मिलता है ।

उपर्युक्त कारणों से खेल-कूद का महत्त्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है । सरकार एवं खेल-संगठन खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं । बालकों, बालिकाओं तथा युवाओं को प्रतिदिन कोई न कोई खेल अवश्य खेलना चाहिए । जब देश के बच्चे और युवा स्वस्थ रहेंगे तो देश के निर्माण में बहुत सहायता मिलेगी ।

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“जीवन में खेलों का महत्व” पर निबंध

Jeevan Mein Khelo ka Mahatva

कई हजार सालों से खेल हमारे मानव समाज का हिस्सा रहे हैं। खेलों की महत्वता (Khelo ka Mahatva ) को कम नहीं आंका जा सकता है। खेलों से न सिर्फ बच्चों में सीखने की क्षमता का विकास होता है, बल्कि युवा और बुजुर्ग लोग भी खेल गतिविधियों में शामिल होकर एक स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।

खेलों के माध्यम से न सिर्फ मनुष्य शारीरिक रुप से स्वस्थ रह सकता है, बल्कि अपने मानसिक तनाव को भी दूर कर सकता है, मोटापे को कम कर सकता है, नींद में सुधार कर सकता है और तमाम बीमारियों से दूर रहकर एक स्वस्थ जिंदगी जी सकता है।

Jeevan Mein Khelo ka Mahatva

“जीवन में खेलों का महत्व” पर निबंध – Jeevan Mein Khelo ka Mahatva

इसके साथ ही खेलों से सामाजिक बनने में भी सहायता मिलती है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यही नहीं खेलों से ही अनुशासन, सहनशीलता और धैर्य जैसे गुणों का विकास होता है।

खेल हर किसी की जिंदगी में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि खेलों से ही स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है। कोई स्वस्थ शरीर पाने के लिए खेल खेलता है तो, कई लोगों की खेलों में रुचि होने की वजह से इस क्षेत्र में ही अपना करियर बना लेते हैं और पेशेवर तरीके से खेलों को खेलते हैं।

तो कई लोग टेंशन फ्री रहने के लिए और अपने मनोरंजन के लिए खेल खेलते हैं। फिलहाल, पिछले कुछ सालों में हमारे देश में बड़े स्तर पर खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसके साथ ही खेलों से मिलने वाले लाभों को देखते हुए आजकल स्कूलों में भी पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी जगह दी जाती है, ज्यादातर स्कूल में एक स्पोर्ट्स पीरियड जरुर होता है, ताकि बच्चे खेल के प्रति जागरुक हो सकें और इसके मूल्य को अच्छी तरह समझ सकें और इससे खुद को स्वस्थ रख सकें।

यही नहीं आजकल स्कूल, कॉलेजों में कई तरह की खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती हैं, जिसमें बच्चों को खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि उनमें खेल प्रतिभाओं का विकास हो सकें।

खेल दो तरह के होते हैं – इनडोर गेम्स, ऐसे गेम्स को घर के अंदर ही खेला जा सकते हैं जैसे कि- कैरम, लूडो, सांपसीढ़ी, नंबर गेम्स सुडोको , शतरंज आदि।

ये गेम्स मनुष्य की मानसिक क्षमता का विकास करने में और मन को एकाग्र करने में सहायता करते हैं, साथ ही काफी मनोरंजक होते हैं, इसलिए लोग अपने खाली समय में अपने बच्चों, दोस्तों और परिवार वालों के साथ खेलते हैं।

जबकि आउडोर गेम्स, ऐसे खेलों को घर से बाहर खेला जाता है, जैसे- क्रिकेट, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्डी, बॉस्केट बॉल और बॉलीबाल आदि। इस तरह के खेल मनुष्य के शारीरिक विकास में काफी सहायता करते हैं। यह गेम भी मानसिक तनाव को दूर करते हैं और मनोरंजन करते हैं।

जाहिर है कि आजकल लोग अपनी जिंदगी में इतना व्यस्त हो गए हैं कि वे खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं, इसलिए आजकल तरह-तरह की बीमारियां भी फैल रही हैं और मोटापा की समस्या तो आम हो गई है। फिलहाल, खेल, शारीरिक गतिविधियों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं और इसके काफी फायदे भी हैं।

बच्चों के लिए खेलों का महत्व – Vidyarthi Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva

बच्चों के विकास में खेल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। बच्चों में खेल से ही सीखने और समझने की क्षमता का विकास होता है। बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में खेल काफी सहायता करते हैं।

खेलों से ही बच्चों में सामाजिक भावना का भी विकास होता है। इसके साथ ही बच्चों में सामाजिक गुणों को विकसित करने में भी खेल काफी सहायक सिद्ध होते हैं, क्योंकि खेल के दौरान ही बच्चा, अन्य बच्चों से मिलता है और बातचीत करता है।

इसके साथ ही बच्चों की इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने में भी खेल काफी सहायतागार हैं। खेलों के माध्यम से ही बच्चों में टीम वर्क के गुण विकसित होते हैं, जिस तरह पूरी टीम के सहयोग से जीत मिलती है, उससे बच्चों के अंदर टीम वर्क के गुण का विकास होता है।

इसके साथ ही खेल में जिस तरह पूरे नियमों को ध्यान में रखकर खेला जाता है और जीत हासिल करने के लिए सही चालें और सही प्रयास किए जाते हैं, उससे बच्चों को जीत का मूल्य समझने में भी सहायता मिलती है, जो कि आगे चलकर उन्हें सफलता हासिल करने में भी उनकी सहायता करती है।

युवाओं के लिए खेलों का महत्व – Importance of Sports for Youth

युवाओं को अपनी शारीरिक गतिविधियों में खेलों को जरूर शामिल करना चाहिए, क्योंकि इससे वह स्वस्थ और निरोग रहेंगे, साथ ही उन्हें अपने जीवन के लक्ष्यों में सफलता हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।

जाहिर है कि आज जीवन में तमाम तरह की चुनौतियां हैं, जिनका सामना स्वस्थ रहकर और शांत मस्तिष्कि के द्धारा ही किया जा सकता है। इसलिए, युवाओं की जिंदगी में भी खेलों का खास महत्व है। वहीं आजकल युवा न सिर्फ व्यक्तिगत विकास के लिए खेल खेल रहे हैं बल्कि पेशेवर तरीके से भी खेल खेल रहे हैं, और खेलों में करियर बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

वरिष्ठ लोगों के लिए खेलों का महत्व – Importance of Sports for Senior Citizens

खेल हमारे शरीर में होने वाली तमाम बीमारियों से हमें दूर करता है, इसलिए व्यस्क लोगों के जीवन में निरोग रहने के लिए खेलों का काफी महत्व है, व्यायाम की तरह कुछ ऐसे खेलों के माध्यम से उन्हें खुद को स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है।

इसके साथ ही हार्टअटैक, ब्लडप्रेशर और श्वास संबंधी तमाम बीमारियों से भी लड़ने की क्षमता मिलती है। वहीं एक शोध में भी पाया गया है कि वीडियो गेम खेलने से कई बुजुर्गों की याद्दयाश्त, तर्क क्षमता और संज्ञानात्मक कार्यों में भी काफी हद तक सुधार हुआ है।

खेलों से मिलने वाले लाभ – Benefits of Sports

  • बीमारियों से दूर रखने और फिट रहने में सहायता करते हैं।
  • खेलों से शारीरिक विकास में सहायता मिलती है।
  • खेलों से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • खेलों से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • खेलों से ही मनुष्य के अंदर धैर्य और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास होता है।
  • खेलों से व्यक्ति के अंदर टीम के साथ काम करने की क्षमता विकसित होती है।
  • खेलों से मनुष्य के समय की पाबंदी और अनुशासन की भावना का विकास होता है।
  • खेल, मनुष्य को उत्साह और नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • खेलों से मनुष्य के शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति आती हैं।
  • खेल, स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

खेल, व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों से ही मनुष्य स्वस्थ रहता है और मानसिक तनाव से दूर रहता है।

इसलिए हर किसी को अपने जीवन में खेलों के महत्व को समझना चाहिए और हमारे देश की सरकार को भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए समय – समय पर उचित कदम उठाने चाहिए ताकि बड़े स्तर पर देश के युवा खेलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चिक कर सकें और अपनी खेल प्रतिभा को निखार सकें।

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जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध | Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay

In this article, we are providing an Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay in Hindi जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध हिंदी में | Essay in 200, 300, 500, 600 words For Students. Importance Of Sports In Life Essay in Hindi.

जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध | Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh

Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Essay in Hindi ( 300 words )

स्वस्थ शरीर जीवन की पहली आवश्यकता है। ठीक ही कहा गया हैं- पहला सुख निरोगी काया । स्वस्थ शरीर एक नियामत है। यदि मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक होगा तो वह सुखी रह सकेगा। निर्बल और अस्वस्थ व्यक्ति जीवन में कभी सफल तथा सुखी नहीं बन सकता। वह किसी भी काम को ठीक तरह से नहीं कर सकेगा। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य की ओर से कभी असावधान नहीं रहना चाहिए।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम, खेलकूद, जिम्नास्टिक आदि अनेक साधन हैं। व्यायाम तथा जिम्नास्टिक से शरीर स्वस्थ तो रहता है, परन्तु इनसे मनोरंजन नहीं होता। ये दोनों साधन नीरस हैं। इसके विपरीत खेलों से व्यायाम के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। अतः व्यायाम और खेलकूद का गहरा सम्बन्ध है। यही कारण है कि विद्यार्थियों की रुचि व्यायाम की अपेक्षा खेल- में अधिक रहती -कूद है। वे खेलकूद में भाग लेकर स्वस्थ रहते हैं।

खेल-कूद से स्वास्थ्य तो बनता ही है, इसके अतिरिक्त अन्य कई लाभ भी हैं। खेलो से मनोरंजन होता है, शरीर चुस्त रहता है, बुद्धि का विकास होता है। सहयोग, उदारता, मेलजोल, अनुशासन की भावना आदि गुण खेलों में भाग लेने से अपने-आप आ जाते हैं। खेलकूद में भाग लेने से खिलाड़ियों में खेल भावना का विकास होता है। स्वामी विवेकानन्द जी के अनुसार – “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।”

खेलों से केवल खिलाड़ियों का ही नहीं देखने तथा सुननेवालों का भी मनोरंजन होता है। क्रिकेट, हॉकी आदि के मैचों के अवसर पर रेडियो तथा टी० वी० पर लगी भीड़ इस बात का प्रमाण है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों से अधिक उत्साह दर्शकों में दिखाई देता है। सभी देशों में खेलकूद पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हर स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाता हैं। विदेशों में खेलकूद पर अधिक ध्यान दिया जाता है। परन्तु बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में इस ओर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए, नहीं दिया जा रहा है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि खेलों में भाग लेकर हम अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही हैं साथ ही अपने विद्यालय, कार्यालय तथा देश का नाम भी उज्ज्वल करते हैं।

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आज के समय में ‘खेल’ स्कूली शिक्षा के अविभाज्य अंग बन गये हैं । हाल के दिनों में शिक्षाविदों, अध्यापकों और स्कूल प्रशासकों ने स्कूली जीवन में खेलों और क्रीड़ा के महत्व को अच्छी तरह से महसूस किया है । एक जमाना था जब खेलों को मांसपेशियों के लिए थोड़ा व्यायाम करने और छात्रों को विश्राम का समय देने के लिए ‘अवकाश का पीरियड’ भर माना जाता था, किन्तु आज इसके मूल्य को अच्छी तरह से स्वीकार कर लिया गया है और इसे स्कूल के पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।

खेलों को स्कूल की पढ़ाई के साथ जोड़े जाने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण या उद्देश्य है छात्रों की जन्मजात खेल प्रतिभा का विकास करना। यदि उचित अवसर प्रदान किये जाएँ तो ऊर्जा और उत्साह से भरे बच्चे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। स्कूल केवल ऐसा स्थान मात्र नहीं है जहाँ केवल छात्र की मानसिक क्षमताओं का ही विकास किया जाता है बल्कि वह ऐसा स्थान भी है जहाँ वे अपनी छुपी हुई खेल प्रतिभाओं का भी विकास कर सकते हैं। हमारे देश की पी.टी. उषा, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, अंजू बॉबी जार्ज आदि कोई चाँद से उतरी हुई खेल प्रतिभाएँ नहीं हैं। उन्होंने अपने स्कूली जीवन के दौरान ही अपनी प्रतिभा को जाना- पहचाना और तराशा था ।

स्कूली जीवन की एकरसता को तोड़ने में खेलों के महत्व की अनदेखी नहीं की जा सकती। सामान्य तौर पर कई पीरियड की पढ़ाई के बाद खेलने का अवसर दिया जाता है। यह छात्रों को थोड़ा विश्राम लेने में सहायता करता है । यह उन्हें उत्साह और नई ऊजा प्रदान करता है। खेलों के माध्यम से मन- मस्तिष्क को कुछ देर के लिए पढ़ाई के दबाव से मुक्त रखने से बच्चे की सीखने की प्रक्रिया को तेजी मिलती है। आज हमारे बच्चे पढ़ाई के अत्यधिक बोझ से दबे होते हैं। इस संदर्भ में खेल उनके लिए राहत और ऊर्जा का स्रोत बन सकते हैं।

खेलों के शारीरिक लाभ के पक्ष की भी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। जब बच्चे आसपास दौड़ते हैं, घूमते-फिरते हैं और व्यायाम करते हैं और खेलों के जरिए खुली हवा में विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियों में लगे रहते हैं तो इससे शरीर को लाभ मिलता है। उनका शरीर विकसित होता है, मांसपेशियों का विकास होता है और मस्तिष्क को विश्राम मिलता है। यह उन्हें शारीरिक रूप से फुर्तीला और स्वस्थ बनाता है। डाक्टर अक्सर कहते हैं कि जो बच्चे अपना अधिकांश समय आलस्य में अथवा बहुत अधिक पढ़ाई और अध्ययन में खर्च कर बिता देते हैं वे शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों की तुलना में शारीरिक परेशानियों के ज्यादा शिकार बनते हैं।

खेलों और क्रीड़ा का एक और अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान है छात्रों या खिलाड़ियों में अनुशासन की भावना भरना। खेलों और प्रतियोगिताओं में बच्चे नियमों से आबद्ध रहना, रेफरी के निर्णय को मानना और उकसाये जाने पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना जैसी बातें सीखते हैं। खेलों, विशेष रूप से खुले मैदानों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में काफी हद तक स्व-नियंत्रण, आज्ञाकारी व्यवहार और अनुशासित सहभागिता की आवश्यकता होती है। यह उन्हें जीत ही नहीं हार को भी सम्मानपूर्ण तरीके से स्वीकार करने की शिक्षा देता है।

हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आने वाले दिनों में स्कूल के पाठ्यक्रमों में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और वह स्वयं एक अकादमिक या शैक्षणिक विषय बन सकता है । शैक्षणिक पहलू के अलावा खेल छात्रों में अनुशासन का गुण रोपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कैरियर के अच्छे अवसर भी प्रदान करते हैं । ये विश्राम और मनोरंजन प्रदान करते हैं और स्कूली जीवन को जीवंत और उत्साहपूर्ण बनाने के साथ-साथ छात्रों को शारीरिक रूप सें फिट (स्वस्थ ) और मानसिक रूप से फुर्तीला बनाये रखते हैं ।

———————————–

दोस्तों इस लेख के ऊपर Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay ( विद्यार्थी जीवन पर निबंध ) आपके क्या विचार है? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

Jeevan Mein Khelon Ka Mahatva Par Nibandh’ ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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    KIUG 2023 के विषय में मुख्य तथ्य: खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के ...

  9. Khelo India- GK in Hindi

    खेलो इंडिया योजना को 2025-26 तक बढ़ाया गया. खेल मंत्रालय ने "खेलो इंडिया प्रोग्राम" (Khelo India Programme) को 2021-22 से 2025-26 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है ...

  10. www.historydekho.com

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  11. खेल का महत्व पर निबंध (Importance of Sports Essay in Hindi)

    खेल का महत्व पर निबंध (Importance of Sports Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. हम यहाँ दैनिक जीवन में खेल के महत्व पर विभिन्न शब्द सीमाओं में ...

  12. खेल का महत्व पर निबंध: जानिए क्यों जरुरी है बच्चों के लिए खेल (Essay on

    More Essays in Hindi Delhi University Delhi University Admission News in Hindi Hindi Quotes Hindi Kavita News Updates Search Home / Essays in Hindi / खेल का महत्व पर निबंध: जानिए क्यों जरुरी है बच्चों के लिए खेल (Essay on Importance of Sports in Hindi)

  13. Khelo India Programme: Objectives, Components, Short Note

    Khelo India Programme was launched by the Indian Government to improve the performance of India in sports. Check how to write down a brief note on the Khelo India programme here.

  14. खेल पर निबंध

    खेल पर निबंध (Sports Essay in Hindi) खेल एक शारीरिक क्रिया है, जिसके खेलने के तरीकों के अनुसार उसके अलग-अलग नाम होते हैं। खेल लगभग सभी बच्चों द्वारा ...

  15. Khelo India Programme

    Khelo India Programme Khelo India Programme is a national yojana/scheme for the development of sports in India. It was launched in the year 2018 by the then Sports Minister Col. Rajyavardhan Singh Rathore in Delhi. This program has been launched to improve the sports culture in India.

  16. Hindi Essay on "Khelo ka Mahatva" , "खेलों का महत्त्व" Complete Hindi

    Hindi Essay on "Khelo ka Mahatva" , "खेलों का महत्त्व" Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

  17. Khelo India

    Khelo India: National Programme for Development of Sports, branded as Khelo India ( transl. Play India ), aims at improving India's sports culture at the grass-root level through organized talent identification, structured sporting competitions and infrastructure development. [ 1] It is a Government of India programme launched in 2017-18 under the tenure Prime Minister Narendra Modi and Sports ...

  18. खेल-कूद का महत्व पर निबंध

    खेल-कूद का महत्व पर निबंध | Essay on Value of Games and Sports in Hindi! मानव-जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियाँ और तनाव है । लोग विभिन्न प्रकार की चिंताओं से ...

  19. "जीवन में खेलों का महत्व" पर निबंध

    Read More: Essay on Education Teachers Day Essay Essay on My School Hope you find this post about "Essay on Jeevan Mein Khelo ka Mahatva in Hindi" useful. if you like this Article please share on Facebook & Whatsapp.

  20. Khelo India Programme

    Khelo India Programme is the flagship Central Sector Scheme for development of sports sector in India. Learn about its history, features, objectives, benefits & more

  21. Khelo India Programme

    The Khelo India programme has been introduced to revive the sports culture in India at the grass-root level by building a strong framework for all sports played in our country and establish India as a great sporting nation.

  22. जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध

    In this article, we are providing an Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay in Hindi जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध हिंदी में | Essay in 200, 300, 500, 600 words For Students. Importance Of Sports In Life Essay in Hindi.

  23. खेल का महत्त्व पर निबंध

    खेल का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Sports in Hindi. खेल जीवन का अभिन्न अंग है। विभिन्न खेलों के खेलने से हमारी शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सेहत में ...

  24. Khelo India Team Became The Winner

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  25. Kolkata doctor's rape case: Parents remember daughter who was ...

    BBC Hindi spoke to the doctor's parents who remember their daughter as a clever, young woman who wanted to lead a good life and take care of her family. ... Violence against women is a major ...