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Mera Gaon Essay in Hindi – मेरा गाँव पर निबंध

Mera Gaon Essay in Hindi  दोस्तो आज हमने मेरा गाँव पर निबंध लिखा है Mera Gaon पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध की सहायता से विद्यार्थी अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं और साथ ही  परीक्षाओं में भी इस निबंध का इस्तेमाल कर सकते है.

Mera Gaon Essay in Hindi

Get Some Mera Gaon Essay in Hindi  for School or College Student – 150, 250, 500 or 1000 words.

(1) Mera Gaon Essay in Hindi 150 Words

भारत गाँवो का देश है अगर गाँवो को भारत की आत्मा कहीं जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि आज भी भारत की जनसंख्या का लगभग 65% हिस्सा गाँवो में ही निवास करता है. गांव भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं क्योंकि गांव में ही हर प्रकार की फसलों का उत्पादन होता है और वही से शहरों में सप्लाई किया जाता है

इसलिए कहीं ना कहीं शहर गांव पर ही निर्भर हैं अगर भारत में गांव नहीं होगे तो खाने-पीने के लाले पड़ सकते है गांव के लोग बहुत ही खुशमिजाज और मिलनसार होते है. गांव के लोग जल्दी सो जाते हैं और सुबह जल्दी उठते है और शहरी लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा परिश्रम करते है. गाँवो के ज्यादातर लोग कृषि कार्य ही करते हैं

और अपनी आजीविका भी इसी से चलाते है. यहां पर प्रत्येक घर में पशु पालन किया जाता है. गांव के कुछ लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए पशुपालन के अलावा मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, कुटीर उद्योग आदि पर निर्भर होते है.

(2) Mera Gaon Essay in Hindi 250 Words

शहरों की भीड़ भाड़ वाली जिंदगी से दूर भारत में गाँवो में जीवन बहुत ही सरल और सीधा साधा है. भारत के गाँवो में ज्यादातर किसान लोग ही निवास करते है क्योंकि आज भी भारत में गाँवो में आजीविका का मुख्य साधन कृषि ही है इसीलिए भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है. भारत की जनसंख्या का आगे से भी ज्यादा हिस्सा आज भी गांव में ही निवास करता है इसलिए भारत को गाँवो का देश भी कहा जाता है.

गांव के लोग आधुनिक सुविधाओं से दूर बहुत ही साधारण जीवन यापन करते है. गांव में रहने वाले लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए मुख्यतः कृषि पर निर्भर रहते हैं और साथ ही मुर्गी पालन, पशु पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन आदि भी करते है.

गांव के लोग साधारण भोजन करते हैं वे भोजन में दूध दही और ताजा फल सब्जियों का सेवन करते है जिससे गांव के लोग हष्ट-पुष्ट रहते हैं और कम बीमार पड़ते है. गांव के लोग गरीबी रेखा से नीचे ही जीवन यापन करते है. यहां पर शहरों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं नहीं होती है. यहां का वातावरण ठंडा और प्रदूषण मुक्त होता है यहां की हवा में ताजगी होती है क्योंकि यहां चारों ओर खेत खलियान और पेड़ पौधे होते है.

गांव के ज्यादातर लोग अनपढ़ होते हैं लेकिन जैसे-जैसे भारत विकास कर रहा है गांव में भी अब विद्यालय खुलने लगे हैं यहां पर भी शिक्षा का स्तर ऊपर उठने लगा है लेकिन भारत में जिस तेजी से गांव का विकास होना था उस तेजी से गांव का विकास नहीं हुआ है.

(3) Mera Gaon Essay in Hindi 500 Words

भारत को गाँवो का देश कहा जाता है सच भी है क्योंकि भारत की कुल आबादी का दो तिहाई हिस्सा गाँवो में ही निवास करता है. गांव भारत देश की रीड की हड्डी है क्योंकि भारत में ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर हैं और कृषि गांव में ही होती है इसलिए भारत के विकास में गांव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. शहरों की तुलना में यहां के लोग बिना किसी उतावलेपन के और बिना किसी अतिरिक्त चिंता के साधारण जीवन व्यतीत करते है

किसी ने सच ही कहा है कि अगर भारत देश को सही मायनों में पहचानना है तो गाँवो में जाकर देखना होगा क्योंकि आज भी भारत के गाँवो में पुरानी संस्कृति जिंदा है आज भी वहां पुराने विचारों को अपनाया जाता है और उन्हीं पुराने ढंग से सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं हर त्यौहार को मिलजुल कर मनाया जाता है.

मेरा गांव बुगाला राजस्थान राज्य के झुंझुनू जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां पर सभी जाति और धर्म के लोग मिल जुल कर रहते है. हमारे गांव में करीब 300 से ज्यादा घर है अब ज्यादातर लोग खेतों में ही रहते है. यहां पर आज भी पुराने जमाने की तरह किसी के यहां विवाह हो या फिर अन्य कोई आयोजन हो तब सभी लोग वहां पर कार्य करवाने के लिए एकजुट हो जाते है उस समय ऐसा लगता है मानो कोई बहुत बड़ा है त्योहार मनाया जा रहा है.

हमारे गांव में शिक्षा को लेकर भी विकास हुआ है यहां पर सरकार द्वारा सीनियर सेकेंडरी तक सरकारी स्कूल भी बनवाई गई है. इस स्कूल में गांव के और आसपास की ढाणियों के बच्चे पढ़ने आते है. हमारे गांव में सभी मुख्य रास्तों पर सरकार द्वारा सड़क बनवा दी गई है जिस से शहर जाने में अब असुविधा नहीं होती है. हमारे गांव में आयुर्वेदिक अस्पताल भी खोला गया है जिसमें गांव के लोग अपना इलाज करवाते है

हमारे गांव की एक अलग पंचायत की है जिसमें गांव के आपस के झगड़े पंचायत में ही सुलझा लिए जाते है. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत आंगनवाड़ी भी बनवाई गई है. हमारे गांव में एक छोटा पोस्ट ऑफिस भी है. हमारे गांव के ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर है और यही उनकी आजीविका का साधन है यहां पर गेहूं मक्का मूंगफली बाजरा आदि की फसल मुख्यतः बोई जाती हैं

सिंचाई के लिए यहां कुछ खेतों में ट्यूबवेल की सुविधा है लेकिन ज्यादातर खेत मानसून की बारिश पर ही निर्भर होते हैं इसलिए आप पर कभी अच्छी फसल होती है तो कभी नहीं भी होती है. यहां पर ज्यादातर लोग गरीब ही है.

हमारे गांव के कुछ लोग आजीविका के लिए लघु उद्योग चलाते हैं और कुछ लोग मुर्गीपालन, पशुपालन करके भी अपनी आजीविका चलाते है. यहां पर संचार साधनों के रूप में मोबाइल और टेलीफोन की सुविधा भी उपलब्ध है यहां पर अब बिजली की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है जिससे अब पूरे गांव में लगभग पूरे दिन बिजली रहती है

हमारे गांव में चारों और हरियाली है यहां के सभी लोग हंसमुख और मिलनसार है. हमारा गांव सही मायनों में एक आदर्श गांव है.

(4) Mera Gaon Essay in Hindi 1000 Words

भारत गाँवो का देश है यहां के ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर है भारत को गाँवो का देश इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां की ज्यादातर जनसंख्या गांव में ही निवास करती है गांव को भारत की रीड की हड्डी कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि गाँवो से ही भारत के शहरों में खाने पीने की वस्तुएं उपलब्ध होती है और भारत की जीडीपी का एक हिस्सा कृषि क्षेत्र से ही आता है

इसलिए भारत देश के गांव भारत के आर्थिक विकास में भी सहयोग करते है. पूरी दुनिया में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा जनसंख्या गांव में निवास करती है.

भारत के गाँवो के विकास के लिए सरकार ने बहुत ध्यान दिया है और इसके लिए कई योजनाएं भी बनाई है. इन योजनाओं का कुछ हद तक गाँवो के विकास पर असर भी दिखाई दिया है लेकिन अभी तक गाँवो का जिस तरह से विकास होना चाहिए था वैसा विकास अभी नहीं हो पाया है.

हाल ही की बात करें तो सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत के ज्यादातर गांव को सड़कों से जोड़ दिया गया है जिससे वहां पर आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो गई है. अधिकतर गांव में बिजली पहुंचा दी गई है.

मेरा गांव उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के समीप स्थित है हमारे गांव के ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर है यहां के लोग या तो कम पढ़े लिखे हैं या फिर अनपढ़ हैं जिससे वह किसी क्षेत्र में आई नई तकनीक और क्रांति का पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे है. हमारे गांव में कृषि करने के लिए खेतों में नहरों, कुओं, तालाबो और ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई की जाती है.

हमारे गांव के कुछ लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए कुटीर उद्योग भी चलाते हैं कुछ लोग पशु पालन करके उनका दूध और खाद बेचकर अपना गुजारा करते है. हमारे गांव में मुख्यत: पशु पालन मधुमक्खी पालन मछली पालन मुर्गी पालन कृषि और अन्य लघु उद्योगों के माध्यम से आजीविका चलाई जाती है.

हमारे गांव के मुख्य मार्गो पर अब पक्की सड़के बना दी गई है जिससे अब हम रोज ताजा फल-सब्जियां शहरों की सब्जी मंडियों में उचित दामों पर बेच कर आ सकते है. सड़कों के कारण आवागमन भी काफी सुलभ हो गया है और अब तो कुछ विदेशी पर्यटक भी हमारे गांव में घूमने के लिए आने लगे है.

हमारे गांव के विकास कार्यों को देखने के लिए एक पंचायत भी बनाई गई है जो कि गांव में विकास करवाती है और साथ ही अगर गांव में कोई वाद विवाद होता है तो उसका निपटारा भी करवाती है. हमारे गांव में शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत काम हुआ है शिक्षा के लिए अब सीनियर सेकेंडरी तक का सरकारी स्कूल भी खुल गया है जिससे हमारे गांव के बच्चे भी शिक्षित हो रहे है.

हमारे गांव के एक और एक पहाड़ी है जहां पर बहुत सी जड़ी बूटियां पाई जाती हैं और साथ ही बरसात के दिनों में पहाड़ी पर इतनी हरियाली छा जाती है कि यह सब का मन मोह लेती है. इस पहाड़ी से एक झरना हमेशा बहता रहता है जिससे हमारे गांव में पानी की कमी नहीं होती है.

हमारे गांव में पत्राचार के लिए एक छोटा पोस्ट ऑफिस में बना दिया गया है. हमारे गांव के लोग रात को जल्दी सो जाते हैं और सुबह जल्दी उठकर खेतों में काम करने चले जाते हैं और पूरे दिन कठिन परिश्रम करते है. हमारे गांव का वातावरण शहरों की तुलना में बहुत ही ठंडा है और प्रदूषण रहित है जिससे यहां के लोगों को गंभीर बीमारियां नहीं होती है.

यहां के लोग बहुत ही सीधे-साधे और साधारण तरीके से जीवन व्यतीत करने वाले होते है यहां पर सभी लोग मिल जुल कर रहते हैं और एक दूसरे की मुसीबत में मदद करते है. अगर गांव पर कोई भी विपदा आती है तो सभी लोग मिल जुलकर उसका एक साथ सामना करते है.

हमारे गांव में सभी जाति और धर्म के लोग रहते हैं यहां पर लगभग 300 घर है अब ज्यादातर लोगों ने पक्के मकान बना लिए है. गांव में अब सरकार द्वारा ग्रामीण बैंक भी खोल दिया गया है जिससे सभी लोग अपनी पूंजी वहां पर जमा कराते है और सभी बैंकिंग सुविधाओं का लाभ भी उठाते है.

हमारे गांव में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है यहां पर किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं पाई जाती हैं और साथ ही हमारे गांव में पर्यावरण को बचाने के लिए हर साल मॉनसून में पंचायत द्वारा पौधारोपण करवाया जाता है जिससे हमारे गांव के चारों ओर हरियाली छाई रहती है.

सरकार ने हमारे गांव में सुविधाओं का विस्तार करते हुए एक छोटा सरकारी अस्पताल भी खुलवाया है जिससे अब हमें इलाज करवाने के लिए शहर नहीं जाना पड़ता है. हमारे गांव में छोटे बच्चों की शिक्षा के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत आंगनबाड़ी भी खोली गई है.

हमारे गांव को स्वच्छ रखने के लिए स्वस्थ अभियान के तहत अब सभी मुख्य स्थानों और घरों में शौचालयों का निर्माण करवा दिया गया है जिससे गांव के लोग बाहर शौच करने नहीं जाते है. गांव से शहर जाने के लिए सुबह और शाम सरकारी बसें चलाई गई है जिससे अब शहर में कोई भी काम होने पर हम सरकारी बसों द्वारा जल्दी शहर पहुंच जाते है.

पूरे गांव में पानी की सप्लाई के लिए एक बड़ी टंकी बनाई गई है जहां से सुबह शाम पूरे गांव को पानी सप्लाई किया जाता है. हमारे गांव में खेलने के लिए एक बहुत बड़ा मैदान है जहां पर हम सुबह शाम कबड्डी क्रिकेट खो खो जैसे खेल खेलते हैं. हमारा गांव एक आदर्श गांव के रूप में जाना जाता है

गांव के विकास के लिए सरकार ने बहुत काम किया है और योजनाएं भी बनाई है लेकिन घोटाले और भ्रष्टाचार के कारण इन योजनाओं पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पाया है जिससे गांव का विकास जितनी तेजी से होना था उससे जिससे नहीं हुआ है. भारत में गांव का विकास करना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब तक गांव का विकास नहीं होगा तब तक भारत कभी भी विकसित देश नहीं बन सकता है. इसलिए सरकार को गांव के विकास के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए.

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31 thoughts on “Mera Gaon Essay in Hindi – मेरा गाँव पर निबंध”

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sunny kumar, सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, ऐसे ही निबंध पढने के लिए आते रहे.

यहां कुछ लिखिए… ji ye nibhand bahut aacha laga. Thankyou .my name is sunny kumar.my school name is high school malikpur silao nalanda bihar.(sithaura ,rajgir)

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मेरा गाँव पर निबंध

Essay on My Village in Hindi: भारत गांव से मिलकर बना है। गांव ही भारत की पहचान है। क्योंकि गांव से ही भारत की संस्कृति जुड़ी हुई है। आज भी जमाना इतना मॉडर्न होते जा रहा है लेकिन गांव के कारण ही आज संस्कृति बची हुई है।

आज भी देश की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गांव में रहती है। लोग अपनी व्यवसाय के लिए या उच्च शिक्षा पाने के लिए भले ही शहर पलायन करते हैं लेकिन आज भी गांव का जो कुदरती सुख है, वह शहरों में नहीं मिल पाता है।

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शहर में हर सुख होने के बावजूद इंसान गांव में रहने वाले लोगों की तरह स्वस्थ नहीं रह पाते हैं। वह हर सुख सुविधा में रहने के बावजूद तनाव में अपना जीवन बिताते हैं। लेकिन गांव के लोग सीमित सुविधा में अपना जीवन खुशी के साथ बिताते हैं।

गांव का महत्व समझाने के लिए विद्यालयों में बच्चों को मेरा गांव पर निबंध हिंदी में (My Village Essay in Hindi) लिखने को दिया जाता है। इसलिए आज के इस लेख में हम मेरा गाँव निबंध हिंदी (mera gaon essay in hindi) लेकर आए हैं।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

मेरा गाँव पर निबंध (Essay on My Village in Hindi)

मेरा गांव पर निबंध 100 शब्दों में.

मेरे गांव का नाम भरतपुर है। यह शहर से तकरीबन 500 किलोमीटर दूर स्थित है। मेरा गांव बहुत ही सुंदर है, यह पेड़ पौधों से भरा हुआ है। यहां पर लोगों के घर भी काफी दूर-दूर है, जिसके कारण लोगों को ताजी हवा मिलते रहती है।

भांति-भांति के पेड़ पौधे होने के कारण यहां पर ज्यादा गर्मी भी नहीं लगती और लोग दोपहर के समय पेड़ों की छांव के नीचे बैठते हैं और गप सप करते हैं।

मेरे गांव के मुख्य केंद्र में भगवान शिव का मंदिर भी है। इस मंदिर का निर्माण हमारे गांव के पूर्वजों ने मिलकर किया था। सुबह और शाम के समय गांव की हर महिला मंदिर में पूजा करने के लिए आती हैं। घंटियो की आवाज से पूरे गांव में दिव्य वातावरण फैल जाता है।

हालांकि गांव के ज्यादातर नौजवान लोग व्यापार या उच्च शिक्षा के कारण शहर में ही रहते हैं। लेकिन वह भी छुट्टियों में और त्योहारों में अक्सर गांव आते हैं। हम भी छुट्टियों में अक्सर गांव जाते हैं और गांव की प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेते हैं।

मेरा गांव पर निबंध 150 शब्दों में

मेरे गांव के बारे में मैं जितना बोलूं उतना कम है। आज मैं शहर में रहता हूं लेकिन मेरा बचपना गांव में बिता है। जब गांव में था तब सोचता था कि शहर की जिंदगी बहुत शानदार होती है।

लेकिन आज एहसास होता है कि गांव के जीवन के सामने शहर का जीवन तो कुछ नहीं। गांव का खुला और शुद्ध वातावरण शहर में मिलना मुश्किल है। गांव के हर व्यक्ति में अपनापन नजर आता है।

बात करें मेरे गांव की विशेषता की तो पहले तो मेरे गांव में ज्यादा कुछ सुविधा नहीं थी। लेकिन बढ़ते टेक्नोलॉजी और शहरीकरण ने गांवों को काफी ज्यादा प्रभावित किया है, जिसके कारण आज गांव में भी काफी सुविधाएं हो चुकी है।

पहले मेरे गांव में कच्ची सड़क हुआ करती थी लेकिन आज पक्की सड़क बन चुकी है। पहले हवा खाने के लिए बरगद के पेड़ के पास जाकर बैठा करते थे और दोस्तों के साथ खूब गपशप करते थे। आज तो पंखे ने यह जगह ले ली है।

बचपन में हम गांव में हर त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया करते थे। खास करके होली और दशहरा की तो बात ही अलग थी। त्योहारों में लगने वाले मेले का इंतजार सालों से करते थे।

मेला जाने के लिए हर कोई तैयार होता था और साथ में गांव की टोली मेले के लिए पैदल निकलती थी मानो पूरा परिवार एक साथ घूमने जा रहे हैं। मुझे मेरा गांव बहुत पसंद है। आज भी मुझे मेरे गांव में रहने का मन करता है लेकिन नौकरीवश मजबूरन शहर में रहना पड़ रहा है।

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मेरा गांव पर निबंध 200 शब्दों में

गांव के लोगों के लिए नदी तालाब पशु पंछी ही उनका जीवन होता है। गांव की सीमा तक ही उनका जीवन सीमित रहता है। लेकिन इस सीमित जीवन में ही वह खुशी के साथ हर एक पल का आनंद लेते हैं।

हालांकि मेरे पिताजी व्यवसाय के कारण शहर में रहते हैं, जिसके कारण हमें भी शहर में रहना पड़ता है। लेकिन हमें शहर के तुलना में गांव की जिंदगी बहुत ही पसंद है। हम गर्मियों के छुट्टी में अक्सर गांव जाते हैं और हर एक पल का आनंद लेते हैं।

गांव में दोस्तों के साथ पेड़ों के नीचे खेलना झूला लगाकर झूलना, पेड़ों से आम तोड़ना, खेत खलिहान में दोस्तों के साथ सेर करना, गांव के कच्चे पगडंडियों पर दौड़ना यह सब बहुत मजेदार और यादगार होता है।

गांव में लोगों की दिनचर्या भी शहरों की तुलना में बेहतर होती है। यहां के लोग बहुत मेहनती होते हैं। सुबह से लेकर शाम तक मेहनत करते हैं। यहां पर सूरज उगने से पहले ही लोग उठ जाते हैं।

सुबह उठते ही लोग सबसे पहले पशु पंछियों को चारा और पानी देते हैं। फिर सुबह से लेकर दोपहर तक खेत में काम करते हैं। शाम के समय गांव के लोगों की टोली आपस में खूब ठिठौली बाजी करती है।

पहले गांव में ज्यादा सुख सुविधा नहीं हुआ करती थी लेकिन अब शहरों की तरह गांव में भी बिजली पानी की सुविधा हो चुकी है। यहां तक कि अब लोग ज्यादा शहर में भी पलायन नहीं करते हैं, गांव में ही खुद का व्यवसाय शुरू करके अपना जीवन यापन करने का प्रयास कर रहे हैं।

गांव में शहरों की तुलना में आमदनी कम है लेकिन यहां के लोग शहरों के तुलना में ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। शहरों में ऊंची ऊंची बिल्डिंग होने के कारण लोगों को शुद्ध हवा नहीं मिल पाती।

पेड़ पौधे काटने के कारण प्रदूषण में उन्हें अपना जीवन बिताना पड़ता है और कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होना पड़ता है। लेकिन गांव का वातावरण पूरी तरह शुध्द होता है।

यहां के लोग सात्विक भोजन खाते हैं, इसीलिए वह हमेशा स्वस्थ रहते हैं, बीमारियों से दूर रहते हैं। यहां तक कि गांव के लोगों का जीवन शहरों की तुलना में ज्यादा लंबा होता है।

  • मेरा घर पर निबंध
  • ग्राम पंचायत पर निबंध

मेरा गांव पर निबंध 250 शब्दों में

गाँव एक ऐसी जगह जहाँ हमें बड़े बुजुर्गो की याद दिलाती हैं। गाँवों में हरे भरे मैदान और सुन्दर खेत इत्यादि हमें गाँव की सुन्दरता बताते हैं। मेरे गाँव में काफी लोग रहते हैं।

मेरा गाँव शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर हैं। जिले से 40 किलोमीटर दूर होने के साथ यह उपखंड से भी करीब 4 किलोमीटर हैं।

मेरे गाँव में हमें कई प्रकार की सुविधाए मिलती हैं जैसे पीठे पानी के लिए सुविधा, जिसे राजस्थानी भाषा में पिचका कहते हैं। यह हमारे गाँव के बीचो बीच आया हुआ हैं।

हमारे गाँव में करीब 25 हज़ार लोग रहते हैं, जो एकता की मिशाल हैं। हमारे गाँव में बना एक स्कूल भी हैं, जहां गाँव के बच्चे और बच्चियां पढ़ने जाती हैं।

मेरे गाँव में एक नाहर भी हैं, जहां गर्मियों के मौसम में अक्सर लोग सुबह स्नान करने जाते हैं और गाँव के बच्चे उस नहर में अपना काफी समय बिताते हैं। गाँव के बीचो बीच एक सुन्दर चबूतरा भी बना हुआ हैं। गाँव में लोग सुबह खेतों में जाते हैं और खेती करते हैं।

गाँव में लोग सुबह सुबह घूमना और बच्चे खेलना भी काफी पसंद करते हैं। सुबह खेलना गाँव को बच्चों की पहली पसंद होती हैं।

मेरे गाँव के बाहर एक छोटा सा बस स्टैंड भी हैं, जहां से दिन में कई बस और गाड़ियाँ आती जाती रहती हैं। गाँव में बने इस बस स्टैंड पर लोग आने जाने के लिए गाड़ी के लिए इन्तजार करते हैं।

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मेरा गांव पर निबंध 500 शब्दों में

गांवों की जिंदगी बहुत अच्छी होती है। प्राचीन काल से भारत के लोग गांव से जुड़े हुए है। क्योंकि भारत की संस्कृति गांवो में ही देखने को मिलती है।

हालांकि आज रोजगार पाने के लिए लोग गांव से शहर की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं लेकिन जो गांव में आनंद है, वह शहर में बिल्कुल भी नहीं। शहर में लोग ऐसी की हवा में जिंदगी बिताते हैं लेकिन गांव के लोग शुद्ध पेड़ों के हवा में अपना जीवन बिताते हैं।

शहर के लोगों को ठंडा पानी चाहिए होता है तो वे रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन गांव में तो घड़ा ही रेफ्रिजरेटर का काम करता है। जिसका पानी रेफ्रिजरेटर की तुलना में कई गुना स्वादिष्ट और सेहत के लिए अच्छा होता है।

शहर में लोग मोटर के इस्तेमाल से टंकी में पानी भर लेते हैं और बिना मशक्कत किए नल से पानी आने लगता है। लेकिन गांव का जीवन का पहचान तो कुंवे से पानी खींचने में ही है।

शहर के लोग स्विमिंग पूल में नहाने का आनंद लेते हैं तो गांव के लोग भी उन से कम नहीं वह नदी और तालाब में नहाने का आनंद लेते हैं। इससे एक बात तो जरूर कह सकते हैं कि गांव और शहर में लोगों के शौक तो सामान है लेकिन उस शौक को पूरा करने के तरीके अलग-अलग है।

शहरों में लोग टेक्नोलॉजी पर ज्यादा निर्भर रहते हैं लेकिन गांव के लोग खुद के बाजुओं पर निर्भर रहता है। गांव के लोग मेहनत करने में विश्वास करते हैं, कड़ी धूप में खेतों में काम करते हैं और सूखी रोटी को ही स्वादिष्ट व्यंजन समझते हैं।

हालांकि आज गांव भी आधुनिकता को अपना रहा है। पहले मेरे गांव में बिजली नहीं थी। लेकिन आज सभी के घर पर बिजली है और वह भी 15 से 20 घंटे तक रहती है। मैंने अपना बचपन गांव में बिताया है, आज जब मैं शहर से गांव जाता हूं तो मेरे गांव के जीवन में काफी अंतर देखने को मिलता है।

पहले जहां गांव के लोग गर्मियों में बरगद के पेड़ के नीचे बैठा करते थे, एक दूसरे से गपशप किया करते थे, बच्चे बरगद के पेड़ की टहनियों पर लटक के झूला झूला करते थे।

वह पल बहुत आनंददायक होता था और आज भी मैं उस पल को याद करता हूं। लेकिन आज गांव में काफी कुछ बदल चुका है। शहर की आधुनिकता ने गांव को नजर लगा दिया है। आज गांव भी शहरीकरण को अपना रहा है।

आज हर व्यक्ति के घर में टेलीविजन है। लेकिन मुझे आज भी वही समय अच्छा लगता है जब किसी एक के घर पर टेलीविजन हुआ करता था और पूरे गांव के लोग एक जगह पर इकट्ठा होकर टेलीविजन देखा करते थे। उस समय का एक अलग ही आनंद था।

आज टेक्नोलॉजी बढ़ गई है तो इस बात की भी खुशी है कि चलो कई कार्य आसान हो गए लेकिन इस बात का भी दुख है कि इस टेक्नोलॉजी ने गांव के जीवन को काफी बदल दिया है।

फिर भी मुझे आज भी गांव का जीवन बहुत पसंद है। रोजगार के कारण शहर में रहना पड़ता है लेकिन आज भी मुझे गांव की याद आती है।

बरगद के पेड़ की टहनियों पर लटक के झूला झूलना, नदी तालाब में नहाना, तूफानी मौसम में आम के पेड़ के पास जाकर खड़े हो जाना और आम को बिछना, गांव के दोस्तों के साथ शेर सपाटा करना इत्यादि बचपन के पल बहुत ही याद आते हैं।

गांव में रहने वाले बच्चों का बचपना आनंद से भरा होता है। क्योंकि शहर के बच्चों पर तो बचपन से ही पढ़ाई का बोझ डाल दिया जाता है।

गांव के लोग भले ही ज्यादा पढ़े-लिखे ना हो लेकन जितना अपनापन गांवों के लोग दिखाते हैं, उतना शहर के लोग नहीं दिखाते। यही कारण है कि मुझे मेरा गांव का जीवन बहुत पसंद है।

मेरा गांव पर निबंध 800 शब्दों में

गाँव एक ऐसी जगह जिस का नाम सुनते ही हमें ऐसे क्षेत्र की याद दिलाता हैं, जहां पर चारों तरफ खुशहाली हो और गाँव के चारों ओर बागन हो। मेरे गाँव में भी ऐसा ही हैं। मेरे गाँव कुल आबादी तक़रीबन 25 हजार हैं।

मेरे गाँव मे रहने वाले लोग गाँव में एकता की मिशाल देते हैं। मेरे गाँव की खुशहाली के चर्चे दूर दूर तक होते हैं। मेरे गाँव में काफी कुछ जाने के लिए हैं, जो शान्ति के प्रतिक हैं।

गाँव में बना एक स्कूल

मेरे गाँव का नाम हेलियावास खुर्द हैं, जो पाली के मारवाड़ जंक्शन से करीब 5 किलोमीटर दूर है। मेरे गाँव में बने इस स्कूल में करीब 500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। मेरे गाँव में बने इस विद्यालय में लड़के और लडकियां दोनों ही पढ़ते हैं।

मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पढाई होती है। इस स्कूल में हिंदी माध्यम में पढाई होती हैं। यह विद्यालय मेरे गावं में बाहर करीब 400 मीटर की दूरी पर आया हुआ हैं।

मेरे गाँव में बना तालाब

मेरे गाँव के बीचों बीच में एक तालाब बना हुआ हैं। इस तालाब में बारिश के समय केवल पानी ही दिखाई देता हैं। इस तालाब में गाँव में लोग अपने पशुओ को पानी पिलाते हैं। गाँव में बने इस तालाब बाहर एक पानी का अवाला भी बना हुआ हैं।

इस अवाले पर लोग सुबह शाम कपड़ों की धुलाई भी करते हैं। इस तालाब के आसपास एक खुला मैंदान भी हैं। इस मैंदान पर बच्चे कई तरह के खेल खेलते हैं।

मेरे गाँव में बना एक बगीचा

मेरे गाँव के बाहर एक बगीचा भी बना हुआ हैं। गाँव के बाहर बने इस बगीचे में लोग सुबह के समय घुमने फिरने आते है। गाँव में बना यह बगीचा काफी बड़ा हैं और यह हमारे गाँव के क्षेत्रफल का लगभग एक चौथाई हैं।

हमारे गाँव में बने इस बगीचे में कई तरह के पेड़ पोधे भी देखने को मिल जाते हैं। यहाँ पर कई तरह के फल और फुल भी दिखाई देते हैं। गाँव में बने इस बगीचे में कई प्रकार की सुविधाए हैं जैसे बैठने के लिए सीमेंट की बनी कुर्सीया भी हैं।

बगीचे में पानी की भी उत्तम सुविधा हैं। बगीचे में उपलब्ध पानी की सुविधा के जरिये पेड़ पौधों को पिलाने के लिए काम में लिया जाता हैं। इस बगीचे में पानी पीने के लिए ही उपलब्ध हैं।

गाँव में बना खेल का मैदान

मेरे गाँव में तालाब के पास एक खेल का मैदान भी बना हुआ है। इस मैदान में लोग सुबह खेलने आते हैं। लड़के क्रिकेट तो लड़कियां कबड्डी और खो-खो खेलने में व्यस्त रहती हैं।

मेरे गाँव में बने इस खेल के मैदान में कई तरह के खेल खेलने के लिए मैदान बने हुए हैं। इस मैदान में क्रिकेट और फुटबॉल के लिए भी काफी बड़ा मैदान हैं।

इस मैदान में कबड्डी खेलने के लिए भी एक अलग से मैदान बना हुआ हैं। मैदान में पानी पीने की और बैठने की भी उत्तम सुविधा हैं। मेरे गाँव में बने इस मैदान में चारों और पक्की दिवार बनी हुई हैं, जिससे मैदान की सुरक्षा बनी रहती हैं।

मेरे गाँव का महत्त्व

मेरे गाँव का महत्त्व भी काफी ज्यादा हैं। मेरे गाँव में सुबह सही बुजुर्ग गाँव में बने एक चबूतरे पर बैठते हैं। जीवन के अनुभव से वे हमें वो बाते सीखते हैं, जो हमे किसी स्कूल और कॉलेज में सीखने को नहीं मिलती हैं।

गाँव में बने तालाब में जानवर अपनी प्यास बुझाते है और इसी पानी से आसपास के खेतों में सिचाई की जाती है। गाँव में बने स्कूल में बच्चों को जीवन का पहला सबक अनुशासन सीखाया जाता हैं।

गाँव में हम ग्रामीण जीवन के माहोल में जीते हैं, जो हमारे लिए काफी अच्छा होता हैं। गाँव का महत्त्व हमारे जीवन में काफी ज्यादा हैं। हमारे ग्रामीण क्षेत्रो में रहकर हम जमीन से जुड़े रहते है। गाँव में काफी कुछ सीखने को मिलता हैं।

मेरे गाँव का ग्रामीण परिवेश

मेरे गाँव के परिवेश के बारे में भी काफी अच्छी देखने को मिलता हैं। मेरे गाँव के लोग धोती और कुर्ता पहनना पसंद करते हैं।

गाँव की औरतें भी देशी परिवेश में रहना पसंद करती हैं। मेरे गाँव के आसपास के लोग साथ में खाना खाना पसंद करते हैं। संयुक्त परिवार मेरे गाँव की खासियत हैं।

मेरे गाँव का माहोल काफी स्वच्छ और सुन्दर हैं। मेरा गाँव एकता और साम्प्रदायिकता का प्रतिक हैं। गाँव में काफी कुछ सीखने को मिलता हैं। बुजुर्गों से मिलने वाली सीख हम कहीं और नहीं मिलती हैं।

अंतिम शब्द 

हमने यहां पर मेरा गाँव पर निबंध (Essay on My Village in Hindi) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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मेरा गांव पर निबंध 10 lines (My Village Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

essay in hindi mera gaon

My Village Essay in Hindi – देश के ग्रामीण क्षेत्रों को गाँव माना जाता है। हम सभी एक देश में रहते हैं लेकिन यह फिर से दो वर्गों में बंटा हुआ है। एक उच्च तकनीकी प्रगति से भरा हुआ है जबकि दूसरे खंड को विकास की आवश्यकता है। हालाँकि गाँव के क्षेत्र में विकास और तकनीकी उन्नति का अभाव है, इसके कई अन्य लाभ हैं।( My Village Essay in Hindi ) गांवों की शांति, पर्यावरण, पवित्रता, संतोष और सादगी अपराजेय है। Village स्वस्थ जीवन के लिए आदर्श स्थान हैं। खुशनसीब हैं वो लोग जिनकी जड़ें गांवों में हैं। इसलिए आज हम गांवों की खूबसूरती को उभारने के लिए माय विलेज की चर्चा करेंगे।

मेरा गांव पर निबंध 10 लाइन (My Village Essay 10 lines in Hindi)

  • 1. मेरे गांव का नाम नीलपुर है।
  • 2. यह मुर्शिदाबाद जिले में है।
  • 3. यह एक छोटा सा गाँव है।
  • 4. मेरे गाँव में एक बड़ा मंदिर और एक मस्जिद है।
  • 5. अधिकांश गाँव किसान हैं।
  • 6. वे चावल, जूट, गेहूँ आदि उगाते हैं।
  • 7. मेरे गाँव में एक प्राथमिक विद्यालय और एक डाकघर भी है।
  • 8. मेरे गाँव के लोग बहुत बहादुर और ईमानदार हैं।
  • 9. संकट में एक दूसरे की मदद करते हैं ।
  • 10 वास्तव में मुझे अपने गाँव पर गर्व है।

इसके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay

मेरा गांव पर निबंध 100 शब्द (My village Essay 100 words in Hindi)

My Village Essay – मेरे गांव का नाम फतेपुर है। यह कोलकाता से लगभग 50 किमी दूर नदिया जिले में स्थित है। मेरे गांव में लगभग 1000 लोग रहते हैं। सभी ग्रामीण बहुत ही सौहार्दपूर्ण और सहायक हैं। अधिकांश ग्रामीण किसान हैं। वे धान, जूट और सब्जियां उगाते हैं।

मेरे गाँव में एक प्राथमिक विद्यालय, एक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और एक डाकघर है। एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ हम दोपहर में खेलते हैं। हमारे गांव के बीच से पक्की सड़क गुजरती है। गांव के बाजार से हमें जरूरत की सभी चीजें मिल जाती हैं। यहां रहने वाले लोग गरीब हैं लेकिन वे बहुत दयालु और ईमानदार हैं। मैं अपने गांव से बहुत प्यार करता हूं।

मेरा गांव पर निबंध 150 शब्द (My village Essay 150 words in Hindi)

My Village Essay – मैं बर्दवान जिले के एक छोटे से गाँव कुसुमपुर में रहता हूँ। गांव की आबादी करीब एक हजार है। इनमें ज्यादातर किसान हैं, कुछ छोटे व्यापारी हैं। हमारे गाँव में एक प्राथमिक विद्यालय, एक उप डाकघर और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है।

इसके अलावा, एक पुलिस चौकी और एक ब्लॉक कार्यालय है जो ग्रामीणों की जरूरतों को पूरा करता है। गांव में कुछ कच्ची सड़कें, तालाब और खेल के मैदान हैं। हमारे गांव में, हम सभी यदा-कदा पूजा, जात्रा और मेले के साथ एक खुशहाल सामाजिक जीवन जीते हैं।

ग्राम पंचायत हमारे कल्याण की देखभाल करती है। ग्रामीण, हालांकि कई नुकसानों का सामना कर रहे हैं, कुल मिलाकर खुश और संतुष्ट हैं। निवासी सभी सरल और सभ्य हैं। वे आपसी प्रेम और साथी भावना से एकजुट होते हैं और जरूरत के समय एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। हमारा गाँव का जीवन बहुत शांतिपूर्ण है और यह शहर के जीवन के शोरगुल से मुक्त है।

मेरा गांव पर निबंध 200 शब्द (My village Essay 200 words in Hindi)

My Village Essay – मेरे गांव का नाम होलीपुरा है। यह उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है। होलीपुरा मेरा जन्म स्थान है। यह पूरी तरह से प्रकृति से घिरा हुआ है। यह सुंदरता, ताजगी और शांति का स्वर्ग है। यहां साल भर तरह-तरह के फल और फूल लगते हैं। मेरे गांव में करीब 250 घर हैं। यहां करीब दो हजार लोग रहते हैं। यहां सभी धर्मों के लोग सुख-शांति से रहते हैं।

मेरे गाँव में एक प्राथमिक विद्यालय और एक उच्च विद्यालय है। मेरे village में एक डाकघर और एक अस्पताल भी है। संचार प्रणाली के मामले में मेरा गांव बहुत अच्छी तरह से विकसित है। गांव पंचायत सड़क के माध्यम से पास के राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। गांव की मुख्य सड़कें पक्की और चौड़ी हैं।

यहां अलग-अलग पेशे के लोग रहते हैं। अधिकांश लोग किसान हैं। कुछ लोग मछली पकड़ने, बुनाई, हस्तशिल्प, दुकानदारी आदि में शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ लोग मजदूर के रूप में भी काम करते हैं। इसके अलावा, एक ग्रामीण बाजार है जो सप्ताह में दो बार आयोजित किया जाता है। लोगों को अपना उत्पाद खरीदने और बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

हमारे गाँव का मौसम बहुत सुहावना और सुन्दर है। यहां ताजी हवा और ऑक्सीजन मिलना संभव है। पीने का पानी साफ और प्रदूषण मुक्त हो।

मेरा गांव दिन-ब-दिन तरक्की कर रहा है। हर कोई शिक्षा की ओर बढ़ रहा है और कई छात्र पढ़ने के लिए विदेश जा रहे हैं। मुझे अपने गांव पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।

मेरा गाँव पर निबंध 250 शब्द – 300 शब्द(My village Essay 250 words 300 words in Hindi)

परिचय:(Introduction)

My Village Essay – लगभग सभी की उत्पत्ति एक गाँव से होती है और हम एक गाँव से हमेशा जुड़े रहते हैं। मेरा अपना पैतृक गाँव है और मुझे अपने गाँव के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ है। यहां मैं आप सभी के साथ ये बातें साझा करने जा रहा हूं। 

मेरा पैतृक गांव:

मेरा गांव बहुत छोटा गांव है और यहां 50-60 परिवार ही रहते हैं। सच कहूं तो उनमें से ज्यादातर हमारे रिश्तेदार हैं। इसलिए आप कह सकते हैं कि पूरा गांव एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसने हमारे बीच एक बहुत बड़ी बॉन्डिंग बना दी है। 

हमारा गाँव बहुत सुधरा हुआ है, हमारा निकटतम शहर से बेहतर सड़क संपर्क है। हमारे पास 10 मिनट की दूरी पर एक अस्पताल है और शिक्षा के लिए स्कूल हैं। यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शांति से रह रहे हैं। 

मुझे गाँव में रहना क्यों पसंद है? (Why do I like living in the village? )

गाँव में रहना पसंद करने के कई कारण हैं। सबसे पहले तो गांव से मेरी बचपन की ढेर सारी यादें जुड़ी हैं। मैं वहां आकर बहुत खुश और खुश महसूस कर रहा हूं। मेरे वहां बहुत सारे दोस्त हैं। वे बेहद मिलनसार और वास्तविक हैं। 

मेरे सभी रिश्तेदार मुझे बहुत प्यार करते हैं और जब मैं उनके साथ होता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरे चचेरे भाई अद्भुत हैं। मैं उनके साथ बहुत अच्छा समय बिताता हूं। जब हम साथ होते हैं तो हम सब कुछ करते हैं। सबसे खास बात यह है कि मेरी दादी गांव में रहती हैं। 

और गांव के प्रति मेरे प्रेम के पीछे यही सबसे बड़ी वजह है। कुछ अन्य कारण भी हैं, लेकिन ये प्रमुख कारण हैं। मुझे गांव की ताजी हवा और ताजा खाना बहुत पसंद है। 

मुझे अपने गांव में रहना पसंद है। यह मेरे लिए एक अद्भुत जगह है और मुझे वहां रहना पसंद है। मेरे पास वहां बहुत सारी खास चीजें हैं और वे काफी रोमांचक हैं। मेरे गाँव के लोग अद्भुत और मिलनसार हैं, मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूँ। 

मेरा गांव पर निबंध 500 शब्द (My village Essay 1Essay in Hindi00 words in Hindi)

My Village Essay – जो लोग गांवों में रहते हैं, वे बहुत भाग्यशाली होते हैं। गांव अब कितना खूबसूरत है। आधुनिक विज्ञान के सुधार के कारण शहरों और गांवों के बीच इतना बड़ा अंतर नहीं रह गया है। गांव वालों को लगभग वही सुविधाएं मिलती हैं जो शहर वालों को मिलती हैं। 

संचार व्यवस्था की बड़ी शिकायत थी, लेकिन अब पूरे देश में राजमार्ग और बड़ी सड़कें हैं और इसने स्थिति को नियंत्रण में कर दिया है। लोग एक अद्भुत वातावरण में शांतिपूर्ण जीवन जी सकते हैं। मैं भी एक गाँव में रहता हूँ और यहाँ मैं आप सभी को अपने गाँव के बारे में बताने जा रहा हूँ। 

मेरा गांव विवरण: 

मेरे गाँव का नाम चंपकपुर है, और यह पंजाब में स्थित है। यह इस क्षेत्र के सबसे बड़े और खूबसूरत गांवों में से एक है। हमारे पास गर्व करने के लिए बहुत सी चीजें हैं। सबसे पहले, हम यहां के सबसे अच्छे गांव हैं और हमारे पास हर दूसरे गांव से जुड़ने के लिए सबसे अच्छी सड़कें हैं। 

यहाँ एक बड़ा बाजार है और इसने हमारे गाँव को व्यापार और व्यापार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण बना दिया है। उस बाजार में लगभग 6-7 गांवों के लोग अपना उत्पाद खरीदने और बेचने आते हैं। मेरे गांव में ज्यादातर लोग किसान हैं। 

वे फसलें उगाकर जीवनयापन करते हैं। मेरे गांवों में भी दूसरे पेशे के लोग उपलब्ध हैं। हमारा एक छोटा क्लिनिक है और दो डॉक्टर उपलब्ध हैं। हम वहां से सभी चिकित्सा उपचार ले सकते हैं। 

किसी भी गंभीर रोगी को बेहतर सड़क और कार सुविधाओं के कारण बड़े अस्पतालों में ले जाना संभव है। यहां चार हजार हिंदू, मुस्लिम और कुछ ईसाई लोग शांति और भाईचारे के साथ रह रहे हैं। 

मेरे गांव में स्कूल:

My Village Essay – हमारे यहाँ एक प्राथमिक विद्यालय और एक उच्च विद्यालय है। लेकिन कॉलेज नहीं हैं। कॉलेज लगभग 25 किलोमीटर दूर है और हम यहां एक कॉलेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लोग अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी जागरूक हैं। 

सबसे ज्यादा बच्चे स्कूल जाते हैं। आने वाली पीढ़ी शिक्षित होगी। हमारे गांव में कुछ सफल व्यवसायी हैं। हमारे पास कुछ सरकार है। अधिकारी और कुछ लोग नौसेना और सेना के लिए काम कर रहे हैं। 

ग्राम जीवन के लाभ और हानियाँ:

एक गांव में रहने के बहुत सारे फायदे हैं। सबसे पहले, मुझे लगता है कि खाना मायने रखता है। एक गाँव में आपको सभी जैविक और ताजा भोजन मिल जाएगा जो शहरों में लगभग असंभव है। आप बगीचे से सब्जियां और मछुआरे से मछली खरीद सकते हैं जिसने उन्हें पकड़ा है। वातावरण काफी अच्छा है, कोई ट्रैफिक जाम या बहुत अधिक दबाव नहीं है।

कुछ कमियाँ भी हैं। मैं चिकित्सा और उपचार प्रणाली को लेकर काफी भ्रमित हूं। क्योंकि इतने अनुभवी डॉक्टर नहीं हैं। मेरे लिए यही सबसे बड़ी चिंता है। 

कुल मिलाकर एक गाँव में रहना मेरे लिए बहुत बढ़िया है। वहां कोई भी बहुत शांति से रह सकता है। मैं जानता हूं कि शहर बनाम गांव के जीवन में बहुत अंतर होता है, लेकिन इसके फायदे आपको ज्यादातर गांव में ही मिलेंगे। 

मेरा गांव निबंध पर सामान्य प्रश्न: (FAQs)

मैं अपने गाँव के बारे में एक निबंध कैसे लिख सकता हूँ .

यहां हमने आपके लिए कई खूबसूरत उदाहरण दिए हैं। ‘मेरा गाँव’ के बारे में निबंध लिखने का तरीका जानने के लिए आप इन नमूना निबंधों का अनुसरण कर सकते हैं। 

आप अपने गांव का वर्णन कैसे करेंगे? 

यदि आप अपने गांव का वर्णन करना चाहते हैं, तो आपको यह बताना होगा कि कितने लोग रह रहे हैं, वे जीवित रहने के लिए पैसे कैसे कमाते हैं, और अन्य महत्वपूर्ण चीजें। 

आप एक गांव का परिचय कैसे देते हैं?

मेरे गांव में हमारे खूबसूरत निबंधों को पढ़कर आप आसानी से अपने गांव का परिचय करा सकते हैं। मुझे यकीन है कि आप इन गांवों से प्यार करेंगे। 

मेरा गाँव पर निबंध- My Village | Mera Gaon Essay in Hindi

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मेरा गाँव पर निबंध- My Village | Mera Gaon Essay in Hindi

My Village Essay in Hindi | मेरा गाँव पर निबंध

यह मेरा गाँव है। यहाँ दो हज़ार लोग रहते हैं। यहाँ अधिकांश लोग किसान हैं। वे सुबह ही खेती के कामों में लग जाते हैं।

हमारे गाँव का निर्माण योजनाबद्ध रूप में किया गया है। सड़कें चौडी हैं । सड़कों की दोनों ओर भवन हैं। वे एक कतार में हैं। अधिकांश लोग पक्के भवनों में रहते हैं। मजदूर लोग झोंपड़ियों में रहते हैं।

मेरे गाँव में एक पाठशाला है। उस में पहली से सातवीं कक्षा तक पढ़ाई होती है। पाँच अध्यापक और एक हेडमास्टर है। सब लोग अच्छी तरह पढ़ाते हैं।

मेरे गाँव में एक मंदिर है। उसमें शिवजी और रामचंद्र की मूर्तियाँ हैं। यहाँ नित्य पूजायें होती हैं। त्योहारों के समय अधिक संख्या में भक्त आते हैं।

मेरे गाँव में दुग्ध – संग्रह – केंद्र है। किसान यहाँ दूध लाकर इस केंद्र में बेचते हैं। इस केंद्र से दूध शहर को भेजा जाता है।

यहाँ पेय-जल की अच्छी व्यवस्था है। वार्ड-सदस्य मिलकर गाँव की समस्याओं को सुलझाते हैं। यहाँ पब्लिक हेल्थ सेंटर और पशु-वैद्य , शला है। यहाँ ग्रामीण बैंक है। यहाँ से शहर जाने के लिए बस की भी सुविधा है।

मेरे गाँव में सब प्रकार की सुविधाये हैं। यहाँ की जनता में एकता है।’ सब मिलकर गाँव की उन्नति करते हैं।

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Cow Essay in Hindi My House Essay in Hindi

My Village Essay in Hindi | मेरा गाँव पर निबंध ( 300 words )

मेरे गांव का नाम पोयनाड़ हैं । मेरा गांव महाराष्ट्र में रायगड़ जिले के अलिबाग में स्थित हैं । मेरा गांव बहुत अच्छा हैं । मेरे गांव में बहुत हरियाली हैं । मेरे गांव के कुछ क्षेत्र में बाजार हैं । हमारे गांव के ज्यादा लोग खेती करते हैं और बाकी के लोग नौकरी और व्यवसाय करते हैं । हमारे गांव की बाजार बहोत लोकप्रिय हैं । हमारे गांव के बाजार में सभी चीजें उपलब्ध हैं । हमारे गांव में मिर्ची का व्यवसाय बहुत होता हैं । बहुत दूर दूर से लोग हमारे गांव में चीजें खरीदने के लिए आते हैं । हमारे गांव में सभी चीजें उपलब्ध है इसलिए हमें कोई चीजें खरीदने के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ता ।

हमारे गांव में स्वच्छता को बहुत महत्त्व दिया जाता हैं ‌। हमारे गांव में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं । हमारे गांव में हिंदू लोगों के बहुत देवताओं के मंदिर हैं । हमारे गांव का शिव मंदिर भी बहुत प्रचलित हैं । मेरे गांव के गणेश मंदिर में सुबह लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और शाम के समय गांव के लोग मिलकर गणेशजी के मंदिर में आरती करते हैं । हमारे गांव में मुस्लिम लोगों के लिए मस्जिद भी हैं ।

हमारे गांव के लोग बहुत ही अच्छे हैं । हमारे गांव में दिपावली , गणेशोत्सव , होली , रामनवमी जैसे त्यौहार भी बहोत उत्साह से मनाए जाते हैं । हमारे गांव में एक बड़ा तालाब भी हैं । उस तालाब में मछलीयां हैं ‌। गांव के तालाब में महिलाएं बर्तन और कपड़े धोने का काम भी करती हैं । तालाब के चारों और हरियाली फैली हुई हैं ‌। तालाब का नजारा देखने में बहुत अच्छा लगता हैं ‌। मुझे मेरा गांव बहुत पसंद हैं ।

Mera Gaon Nibandh | Essay in Hindi | मेरा गाँव निबंध हिंदी

मेरा गाँव एक बहुत ही छोटा सा गाँव है जो कि भारत के हरियाणा राज्य के करनाल जिसे में स्थित है। मेरे गाँव का नाम सालवन है जहाँ पर हिंदी और हरियाणवी भाषा मुख्य रूप से बोली जाती है। मेरा गाँव चारो तरफ से खेतों से घिरा हुआ है और यहाँ पर तरह तरग के फूल, पेड़, पौधे देखने को मिलते हैं। मेरे गाँव में सूबह के समय इतनी शांति होती है कि पक्षियों की चहचाहट बहुत ही मधुर लगती है। मेरे गाँव में सभी लोग मिल जुलकर रहते हैं और यहाँ आमतौर पर संयुक्त परिवार है। यहाँ कै लोगों का मुख्य पेशा खेती और पशुपालन है।

मेरे गाँव में एक बहुत ही बड़ा तालाब है जिसमें हम सब कभी कभी नहाने जाते हैं। तालाब के नजदीक ही एक बहुत बड़ा वट वृक्ष है जहाँ पर हर रोज संध्यकाल के समय बुजुर्गों की बैठक लगती है और ताश खेला जाता है। गलियों में बच्चे खेलते हुए दिखाई देते हैं और आज भी काकी चाची दही से मक्खन निकालती हुई दिखाई देती है। मेरे गाँव में एक स्कूल भी है जहाँ हम सब बच्चे पढ़ने जाते हैं और यहाँ पर बिजली पानी की भी उच्च व्यवस्था है। गाँव में एक छोटा सा चिक्त्सालय भी है।

मेरे गाँव में एक प्रसिद्ध मन्सा देवी का मंदिर है जहाँ पर नवरात्रों में बहुत बड़ा मेला लगता है। माता रानी के दर्शन करने के लिए बहुत दूर दूर से लोग आते हैं और रोनक लगी रहती है। मेरे गाँव में कपड़े, गहने आदि का बाजार नहीं है और यह सब सामान खरीदने के लिए हमें शहर जाना पड़ता है। मेरे गाँव में सभी त्योहार बड़ी खुशी के साथ एकसाथ मनाए जाते हैं। मेरे गाँव में बहुत सारे खुले मैदान भी है जहाँ हम क्रिकेट खेलते हैं और दौड़ लगाते हैं। मेरे गाँव में वाहन कम चलते हैं और हरियाली होने की वजह से प्रदुषण बिल्कुल भी नहीं है। सुबह सुबह ताजगी और शुद्ध हवा में साँस लेने का मजा ही कुछ और हैं। सांयकाल में जब गायों को बाँधा जाता है तो उनके पैरों से धूल उड़ती है और सूर्योदय धुँधला सा लगता है क्योंकि यहाँ की सड़के पक्की नहीं हैं।

मैं चाहता हूँ कि मैं बड़ा होकर एक अच्छा इंजीनियर बनूँ और अपने गाँव की सड़को को पक्का करवा सकुँ। मेरे दिल में मेरे गाँव की मिट्टी की खुशबू हमेशा रहेगी। मैं अपने गाँव से बेहद प्यार करता हूँ और मेरा गाँव सबसे प्यारा है।

FAQs Mera Goan Nibandh | My Vilage Essay

Q- गांव की परिभाषा क्या है? उत्तर-गांव एक साधारण सी बस्ती हैं, जो ज्यादातर ग्रामीण परिवेश में पाई जाती है।

Q-गांव का जीवन जीना कैसा है? उत्तर- गांव में जीवन बहुत ही सादा होता है, गाओं का जीवन शहरी लोगों के जीवन की तरह व्यस्त तथा तनाव भरा नहीं होता हैं।

Q- आपको अपने गांव में क्या पसंद है? उत्तर- मेरे गांव में लोग बहुत अच्छे रहते हैं और वह खेती तथा पशुपालन भी करते हैं। मेरे गांव के लोग साधारण सा जीवन जीते हैं।

Q- गांव के बच्चे और लोग खुश क्यों है? उत्तर-गांव के लोग इसलिए खुश है,क्योंकि वह ताजे फल और ताजी सब्जियों का आनंद लेते हैं।क्योंकि वह गांव में खुद ही उगाते हैं।

Q- क्या गांव का जीवन आसान है? उत्तर- गांव का जीवन जीना शहरों से बहुत अच्छा है,क्योंकि गांव में शांति और हरियाली पाई जाती है। जहां व्यक्ति हमेशा ताजी हवा में खुलकर सांस ले सकता है और ना ही कोई प्रदूषण की समस्या रहती है।

Q- गांव की खासियत क्या है? उत्तर-हमारे गांव में हमारी बचपन की यादें होती हैl गांव में लोग एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं और गांव के लोग बहुत भले होते हैंl

Q- गांव में रहने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं? उत्तर- गांव में रहने वाली व्यक्ति को ग्रामीण कहा जाता हैl

Q- गांव का मुखिया कौन होता है? उत्तर- गांव का मुखिया सरपंच को माना जाता हैं।

Meri Pathshala Nibandh

Essay on Indian Rural Life in Hindi- भारतीय ग्रामीण जीवन पर निबंध

ग्राम पंचायत पर निबंध- Essay on Gram Panchayat in Hindi 

इस लेख के माध्यम से हमने Mera Gaon Essay in Hindi | Mera Gaon Nibandh का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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10 thoughts on “मेरा गाँव पर निबंध- My Village | Mera Gaon Essay in Hindi”

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केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

Essay on mera gaon। मेरा गांव पर निबंध

Essay on mera gaon।मेरा गांव पर निबंध

हरसाल मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने गांव जाता हु, छुट्टी पड़ने से पहले ही मैं गांव जाने की तैयारी शुरू कर देता हु क्योंकि मुझे गांव बहुत ही प्यारा लगता है। वहा जाने पर बहुत ही आराम और शांति मिलती है। मेरे गांव में बहुत सारे पेड़, फूल, और हमारे गांव से होते हुए गंगा नदी भी बहती है। शाम के समय में गंगा नदी के तट पर बहुत ही सुंदर हवा चलती है, जो मेरे मन को बहुत ही आनंदित करती है। मैं शहर जाने पर इसको बहुत याद करता हु। मेरा गांव | mera gaon एक ऐसी जगह है, जहा पर शुद्ध वातावरण और शांति पाई जाती है। 

आज के इस आर्टिकल में हम आपको Mera gaon पर कुछ बाते बताएंगे जिसमें हम आपको गांव पर 10 लाइन और गांव का महत्व, गांव में होने वाली असुविधा सभी के बारे में बताएंगे। गांव के बारे में अच्छे से जानने के लिए पूरा अवश्य पढ़े।

10 lines about my village। 10 लाइन Mera gaon के बारे निबंध

  • मेरा गांव( Mera gaon ) एक बहुत ही अच्छा गांव है और उसका नाम विजयपुर है।
  • मेरा गांव उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में स्थित है।
  • मेरे गांव में बहुत ही शांति और शुद्ध वातावरण है।
  • मेरे गांव में बिजली, पानी, सड़क, प्राथमिक विद्यालय, बगीचा की भी व्यस्था है।
  • मेरे गांव का अधिकांश निवासी जागरूक और पढ़ा लिखा है।
  • मेरे गांव में चारो तरफ बगीचे है, जिसके कारण हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है।
  • मेरे गांव के कुछ लोग खेती और खुद का धंधा करते है।
  • मेरे गांव के प्रधान गांव के विकास पर बहुत ही ध्यान देते है, और कोई भी सरकारी सुविधा आने पर सबको जागरूक करते है।
  • मेरे गांव में कुल 5 हजार लोग रहते है।
  • मेरे गांव से शहर की दूरी बहुत ही कम है, जब भी हमें आवश्यकता होती है तो आसानी से हम शहर पहुंच जाते है।

Some tips about village development गांव के विकास की कुछ टिप्स

हमारे भारत देश की आत्मा गांव में निवास करती है, हमारे देश की संस्कृति भी झलकती है। अगर हमारे गांव का विकास होगा तो हमारा देश का भी समुचित विकास होगा। इसलिए हमें गांव के विकास पर ध्यान देना चाहिए।

  • किसानों के लिए अच्छे प्रकार के बीज और खाद की व्यवस्था होनी चाहिए । साथ में मंडी की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उन्हें उनके अनाज उत्पादन पर उचित मूल्य मिल सके। 
  • यहां पर सड़कों और नालियों को बनाना चाहिए।
  • परिवहन की अच्छी सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
  • युवाओं के लिए खेलकूद मैदान और खेलकूद का सामान उपलब्ध कराना चाहिए।
  • स्वास्थ्य उपचार केंद्र बनाने चाहिए और वहां पर डॉक्टर व दवा की उपलब्धता करनी चाहिए।

Also Read : गाय पर निबंध। Essay On Cow In Hindi Gaay Par Nibandh In Hindi

Importance of gaav in our life। हमारे जीवन में गांव का महत्व

आजकल आदमी पूरा दिन अपने काम काज में व्यस्त रहता है, उसे दोस्तो संबंधियों के साथ बैठने का समय ही नहीं मिलता है। लेकिन ऐसा सिर्फ हमारे शहरों में होता है हमारे गांव( Mera gaon ) में तो आज भी लोग सबके साथ बैठके बाते करते है, घूमते है और अपना पूरा समय मस्ती से बिताते है। आज हम आपको गांव में रहने के फायदे बताएंगे।

  • गांव की संस्कृति – शहर के लोगो की जीवन शैली दिन प्रतिदिन बदलती जा रही है, लेकिन हमारे गांव में आज भी पारंपरिक पोशाक पहने जाते है। पहले के जैसे ही शादी विवाह की रस्में, पूजा सब कुछ पहले से जैसे चला आ रहा है उसी तरीके से किया जाता है। हमारे गांव में आज भी हमारे देश की संस्कृति दिखाई देती है।
  • गांव का वातावरण – आज के समय में जहा शहर पूरी तरह प्रदूषण से भरा है, वहा हमारे गांव में आज भी शुद्ध वातावरण पाया जाता है, गांव में ढेर सारे बगीचे होते है, जिसके वजह से गांव के लोगो को शुद्ध फल, शुद्ध वायु अनुकूलित वातावरण मिल पाता है। 
  • गांव की अर्थव्यवस्था – गांव में रहने वाले लोगों की आय का मुख्य आधार कृषि होता है। कृषि हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुछ गांव तो हमारे शहर से सटे हुए होते हैं और कुछ गांव हमारे शहरों से बहुत दूर होते हैं। जो गांव शहरों से लगे हुए होते हैं वह फल, सब्जी , दूध, पोल्ट्री फार्म इत्यादि का उत्पादन करके शहरों में बेचकर उचित मूल्य पा जाते है। वही जो गांव दूर होते हैं उनके निवासी मौसमी फसलों का उत्पादन करके जैसे कि गेहूं, ज्वार, बाजरा का उत्पादन करते है। 

Differences in village। गांव मे आए हुए अन्तर

पहले हमारे गांव में सिर्फ कच्चे मकान और झोपड़ियां दिखाई देती थी लेकिन आज बदलते समय के साथ गांव में भी पक्के घर बनाए जा रहे हैं, बड़े-बड़े मकान बनाए जा रहे हैं। कुछ लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सुंदर और अच्छे घर रहने के लिए पा गए हैं। गांव में ग्राम प्रधान समय-समय पर पेड़ पौधे लगवाते रहते हैं जिससे वहां पेड़ों की संख्या में हमेशा वृद्धि हो रही है। 2014 मैं प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान के बाद गांव का नजारा और ही बदल गया। जहां पहले कूड़ा कचरा बिखरा होता था आज हर जगह कूड़ेदान की व्यवस्था कर दी गई है। गांव के निवासी ज्यादा पढ़े लिखे ना होने के बावजूद भी साफ-सफाई में अपना पूरा योगदान देते हैं।

Benefits of village life। गांव में रहने के फायदे

भारत का एक ऐसा क्षेत्र जहां लोग रहते हैं और उसके चारों तरफ कृषि होती है, उसे ही गांव कहते है। जो लोग गांव में रह चुके होते हैं या कभी वहां जाकर देख होते हैं तो उनके सामने गांव( Mera gaon ) का नाम लेने पर ही वह गांव का हरियाली दृश्य आने लगता है। आज हम आपको गांव में रहने वालों के फायदे के बारे में बताएंगे।

शुद्ध और पौष्टिक भोजन 

गांव के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर होते हैं और वे कई प्रकार की फसलों का उत्पादन करते हैं जिसके कारण गांव में रहने वाले लोगों को शुद्ध अन्न मिल पाता है, और गांव में कई बगीचे होते हैं जिनसे उन्हें शुद्ध फल की भी प्राप्ति हो जाती है इन सभी कर्ण की वजह से हमारे गांव में शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलना आसान होता है। जो हमारे जीवन को उत्तम बनता है क्योंकि बिना अच्छे स्वास्थ्य के हम अपने जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं।

अनुकूलित वातावरण

गांव में ढेर सारे पेड़ पौधे होते हैं और समय-समय पर ग्राम प्रधान के द्वारा भी पेड़ पौधे लगाए जाते हैं जिसके कारण गांव में शुद्ध और शीतल हवा मिलती है जो हमारे मन को बहुत ही आनंदित करती है। गर्मियों के दिनों में गांव में रसीले फल भी आसानी से मिल जाते हैं और शाम को ठंडी-ठंडी हवाएं शरीर पर हुई पसीने को सूखने के साथ-साथ मन को बहुत ही आनंदित करती हैं। सभी को यह शुद्ध और अनुकूलित वातावरण बहुत ही पसंद आता है।

सदा जीवन और भाईचारा

गांव के लोग सादा जीवन जीना पसंद करते हैं वह पहले की चली आ रही परंपराओं को मानते हैं। गांव में रहने वाले बच्चे भी बहुत ही सीधे होते हैं और वह बचपन से ही अपने गांव के रहने वाले लोगों से सीखते हैं कि हमें आपस में भाईचारे के साथ रहना चाहिए एक दूसरे का काम में हाथ बटाना चाहिए। गांव में जिसके पास खेत नहीं होते हैं वह जमींदारों के खेत में काम करके अपना जीवन व्यतीत करते हैं। किसी के भी घर पर दुख या सुख आने की स्थिति में गांव के सभी लोग उनका साथ देते हैं खुशी में जश्न मनाते हैं और वही दुख में उन्हें आर्थिक और मानसिक सहयोग देते है।

Problem of village life।गांव में रहने के नुकसान

आज हमारा देश भारत विकास कर रहा है, दिन प्रतिदिन नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है। नई नई यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। लेकिन अफसोस आज भी हमारे गांव में कुछ कमियां है। आज हम उन कमियों पर चर्चा करेंगे।

  • सही विकास न हो पाना

समय बदल जाने के बाद भी आज भी हमारे गांव में अच्छी अस्पताल, सुख सुविधा नहीं होती है, जिसके लिए आदमी दिन प्रतिदिन शहर की तरफ भाग रहे हैं। गांव में किसी को बड़ी बीमारी हो जाने पर समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है, उनकी मृत्यु हो जा रही है। कुछ जगहों पर सड़कों और नालियों का विकास नहीं हो पाया है। जिसके कारण जल जमाव और बीमारियो का जन्म होता है। यह गांव की बहुत बड़ी कमी है।

  • उच्च शिक्षा न मिल पाना

गांव में प्राथमिक विद्यालय, इंटर कॉलेज तो होते हैं लेकिन जब बात आती है उच्च शिक्षा की तो हमारा गांव आज भी उसमें बहुत पीछे है, हमारे गांव में कोई भी उच्च संस्थान नहीं होते उसके लिए बच्चों को शहर की ओर भागना पड़ता है। आज के समय में उच्च शिक्षा आदमी की पहली आवश्यकताहै।

  • परिवहन की सुविधा न होना

भारत का इतना विकास होने के बावजूद भी आज भी हमारे कुछ गांव में सड़के नहीं है, जहां जाने के लिए परिवहन का कोई भी साधन मौजूद नहीं है। गांव में एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए कोई भी बहुत ही काम साधन उपलब्ध होते हैं जो कि समय-समय पर मिलते हैं ऐसे में जाने के लिए या तो आपका खुद का साधन होना चाहिए या आपको उसे समय का इंतजार करना पड़ेगा।

उम्मीद है कि आपके मन में उठे गांव से जुड़े सभी प्रश्नों का जवाब मिल गया होगा अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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भारतीय गाँव में जीवन पर निबंध (Life in an Indian Village Essay in Hindi)

60 प्रतिशत भारतीय नागरिक गावों में रहते हैं और यदि मैं एक गाँव को असली भारत कहता हूँ तो यह गलत नहीं होगा, क्योंकि गाँव ही भारत की वास्तविक परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं। गाँव कई मायनों में सर्वश्रेष्ठ हैं और गाँव का जीवन एक परिष्कृत शहर के जीवन से कहीं ज्यादा बेहतर है, लेकिन लोग अपनी कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरों में रहते हैं; अन्यथा, उनका दिल अभी भी गांवों में बसा हुआ है। आज इस विषय पर हम आपके लिए अलग-अलग शब्द सीमा में विस्तृत परिप्रेक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुछ निबंध लेकर आये हैं:

भारतीय गाँव में जीवन पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Life in an Indian Village in Hindi, Bhartiya Gaon mein Jivan par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द) – भारतीय गाँव में जीवन.

गाँव भारत के अभिन्न अंग हैं क्योंकि 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय आबादी गाँव में ही रहती है। भारत में एक समृद्ध कृषि विरासत है और हम पूरे राष्ट्र के लिए भोजन का उत्पादन करने में सक्षम हैं। हमें चावल, गेहूं, मक्का, इत्यादि जैसे बुनियादी खाद्य पदार्थों का आयात नहीं करना पड़ता। कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इतनी बड़ी मात्रा में भोजन का उत्पादन करने के लिए हमारे किसान सभी मौसमों में लगातार काम करते हैं। वे हर साल विभिन्न फसलें उगाते हैं और लोगों का एक समूह गांवों में रहता है। उनकी एक अलग जीवन शैली और संस्कृति है।

कृषि: हमारी रीढ़

हम सभी किसी न किसी एक निश्चित गाँव से ताल्लुख रखते हैं, लेकिन विकास और नौकरी की तलाश में हमारे पूर्वजों ने गाँवों को जल्दी छोड़ दिया। नतीजतन, हम आज शहर के जीवन का एक हिस्सा हैं। फिर भी, कई ऐसे लोग भी हैं जो गाँवों में रहते हैं और खेती पर निर्भर हैं। हमारे किसान खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं और हमारे लिए भोजन उपलब्ध कराते हैं और निश्चित रूप से हमें भोजन प्रदान करने के लिए उनका आभारी होना चाहिए। इन फसलों को तैयार करने के लिए बहुत श्रम और देखभाल की आवश्यकता होती है। फसल की देखभाल करने के लिए उन्हें सर्दियां और चिलचिलाती गर्मी के दिनों का सामना करना पड़ता है।

हमारे किसानों को धन्यवाद कि हमारे पास पर्याप्त भोजन है और हम विभिन्न देशों को गेहूं और चावल भी निर्यात करते हैं। वर्ष 2019 में, हमने विभिन्न देशों में 38.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया है। वास्तव में यह हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

सांस्कृतिक समृद्धि

हमारी खाद्य आवश्यकता के अलावा गाँव कुछ सांस्कृतिक महत्व भी रखते हैं। हमने अपनी कई परंपराओं और कुछ सांस्कृतिक गतिविधियों को छोड़ दिया है जो अभी भी गांवों में जीवित हैं। वे त्योहारों को उसी तरह मनाते हैं जैसे वे पुराने दिनों में मनाया करते हैं और हम गांवों में एकता भी देख सकते हैं जो अमूमन शहरों में काफी कम देखने को मिलती है। जब लोग किसी अवसर पर इकट्ठा होते हैं तो यह विशेष हो जाता है। वे प्रार्थना करते हैं, अच्छा खाना खाते हैं, और किसी भी अवसर को एक साथ मनाते हैं और यह एकता को दर्शाता है।

एक भारतीय गांव में एक ही समय में जीवन काफी सरल और कठिन हो सकता है। वे शहरों से पूरी तरह से अलग हैं और एक गांव के जीवन के कई फायदे और नुकसान होते हैं। कुल मिलाकर, मैं कह सकता हूं कि शहरों की तुलना में गाँव अधिक शांत और स्वच्छ हैं।

निबंध 2 (400 शब्द) – एक नया भारतीय गाँव

भारत एक खूबसूरत देश है और इस पूरे देश में खूबसूरत गाँव और उनका इतिहास भी है। यह भारत का उत्तरी भाग हो या दक्षिणी, गाँव हर जगह हैं और उनके पास जीवन जीने का एक अलग ही स्वाद है। ये भूमि 80 प्रतिशत कृषि उत्पादों का उत्पादन करती है; यह केवल हमारे किसानों की वजह से ही संभव है, वे कड़ी मेहनत करते हैं और इन गांवों में रहते हैं। वे न केवल हमारे लिए भोजन का उत्पादन करते हैं बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था के निर्माण में भी अहम योगदान देते हैं। हर साल वे कई लाभदायक सौदे करते हैं और कई उत्पादों को विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। मैंने यहाँ पर गाँव के जीवन के कुछ खूबसूरत पहलुओं का उल्लेख किया है और आधुनिक भारतीय गाँवों की सच्ची दृष्टि को आपके समक्ष रखा है।

सामाजिक जीवन

यहाँ हर जगह शांति होती है क्योंकि यहाँ पर शहरों की तरह भीड़-भाड़ नहीं होता। यहाँ जीवन सरल है और किसी भी तरह की बात-विवाद से दूर है। शहरों में लोग हमेशा अच्छे कपड़े पहनते हैं, परिष्कृत समाजों में रहते हैं। जबकि गाँवों में लोग बहुत सादा जीवन जीते हैं और वे हमसे ज्यादा सामाजिक होते हैं, और वे किसी भी तरह के दिखावे से होते हैं। वे एक स्वस्थ और वास्तविक जीवन जीते हैं।

अर्थव्यवस्था

उनकी आय का मुख्य स्रोत गांवों में कृषि है और वे दो प्रकार के हैं। एक जो आंशिक रूप से शहरों से जुड़ा हुआ है और दूसरा वह है जो शहरों से पूरी तरह दूर हैं। जो लोग शहरों से जुड़े हुए हैं वे दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जैसे कि सब्जियां, पोल्ट्री फार्म, आदि प्रदान करना, वे हमारी अर्थव्यवस्था को विकसित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दूसरा वह है जो शहरों से दूर हैं। ये गाँव कुछ मौसमी फ़सलें जैसे गेहूँ, चावल, मक्का, आदि उपलब्ध कराते हैं। लॉकडाउन में, यह कृषि ही थी जिसने डूबती अर्थव्यवस्था को बचाया।

विकास वो है जो अभी भी कुछ गांवों तक नहीं पहुँच पाया है,  अच्छी सड़कें, स्कूल, अस्पताल, आदि की सुविधाएँ कई गाँव में उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। ये एक गांव की कुछ बड़ी कमियां हैं। हालाँकि शहरों ने बहुत विकास किया है, गाँव अभी भी कई दशकों से पहले जैसे ही हैं। यहाँ पर केवल कुछ मामूली बदलाव हैं और यही वजह है कि लोग शहरों की ओर बढ़ते हैं। अगर उन्हें कुछ बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी तो लोग खुशी-खुशी गांवों में भी रह सकते हैं।

गांवों में लोग शिक्षा के बारे में ज्यादा परवाह नहीं करते हैं क्योंकि वे कृषि विरासत का पालन करने में विश्वास करते हैं। लेकिन यह अर्ध्य्सत्य है, वास्तव में, गांवों में अच्छे शैक्षणिक संस्थान नहीं हैं। उनके पास पर्याप्त धन और उचित सुविधाएं भी नहीं हैं। सरकार को इन गांवों को विकसित करने पर भी ध्यान देना चाहिए और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। गाँवों में सरकारी स्कूल हैं लेकिन रखरखाव के अभाव और शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण वे बेकार हैं।

गाँव का जीवन कई मायनों में बेहतर है और शुद्ध वायु और प्रदूषण रहित वातावरण लोगों को गाँव में घर बनाने के लिए आकर्षित करता है। यहाँ पर शांति और एक विशेष प्रकार की स्थिरता है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मुझे गांव और यहाँ के पर्यावरण से बेहद प्यार है; यह हर जगह हरा है और मुझे ताजी हवा के लिए एक पार्क में नहीं जाना पड़ता है।

निबंध 3 (600 शब्द) – गांव में रहने के कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

एक उपनगरीय क्षेत्र जहां लोग रहते हैं और चारों ओर कृषि भूमि है, उसे एक गांव के रूप में जाना जाता है। गांवों के प्रति हमारे दिमाग में एक विशेष छवि है और जैसे ही इसकी बात उठती है तो यह स्वतः ही हमें हरे-भरे खेतों और आम के पेड़ों की झलक दिखलाता है। वाकई, गाँव बेहद अद्भुत हैं। मुझे याद है कि जब मैं अपनी गर्मी की छुट्टी के दौरान हर वर्ष अपने गांव का दौरा किया करता था, धीरे-धीरे चीजें बदल गईं और लोग शहरों की ओर चले गए। मुझे याद है कि हम कभी सब्जी खरीदने नहीं जाया करते हैं क्योंकि हम उन्हें अपनी जमीन पर ही उगाया करते थे हैं। इसी तरह, कई और भी चीजें हैं जो एक गांव को शहरों से अलग बनाती हैं। यहाँ पर नीचे मैंने गाँव के जीवन के बारे में कुछ सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलुओं का उल्लेख किया है।

ग्रामीण जीवन के कुछ सकारात्मक पहलू

यह सच है कि गाँवों में वायु प्रदूषण नहीं है, शहरों की तुलना में यहाँ का पर्यावरण 90 प्रतिशत स्वच्छ है और यहाँ आपको ताज़ी हवा के लिए हरियाली की तलाश नहीं करनी होती है। शहर यातायात, लोगों और सभी तरह के प्रदूषण से प्रभावित होता है। शहर में ज्यादा लोग, ज्यादा शोर, ज्यादा प्रदूषण होता है जबकि गांवों में कम लोग हैं इसलिए यहाँ का पर्यावरण शहर से कहीं ज्यादा बेहतर है।

  • शांतिपूर्ण जीवन

गावों में लोग मेट्रो पकड़ने या किसी जरूरी मीटिंग में शामिल होने की जल्दी में नहीं होते हैं। यहाँ जीवन आसान और तनाव मुक्त दिखता है। वे भी खाना खाते हैं, सोते हैं, कमाते हैं, अच्छे कपड़े पहनते हैं लेकिन शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं। गांवों में, लोगों के पास दूध के लिए अपने जानवर हैं, भोजन के लिए अपनी जमीन है, और वहां पर जीवन अधिक शांतिपूर्ण दिखती है।

  • दिखावे से दूर

गांवों में ज्यादातर लोग सादगी पर विश्वास करते हैं, उनके पास औपचारिक और आकस्मिक रूप से परिधानों या कीमती सामानों के लिए अलग अलमारी नहीं होती है। वे खुद को ठीक ऐसे पेश करते हैं जैसा कि वे वास्तव में होते हैं और वे चीजों को छिपाते नहीं हैं और साझा करने में ज्यादा विश्वास करते हैं। जबकि, शहरों में लोग एक गरीब व्यक्ति को अपने दोस्त के रूप में संबोधित करने में भी शर्म महसूस करते हैं। गाँवों के लोग सरल और किसी भी प्रकार के अभिव्यक्ति से दूर हैं।

  • लोगों का मददगार व्यवहार

अगर किसी घर में शादी होती है तो गाँव के सभी लोग इकट्ठा होते हैं और मदद करते हैं कुछ इस तरह से जैसे कि यह उनका अपना ही कार्य हो। जबकि शहरों में इस तरह के किसी भी कार्य आदि के लिए हमें मदद के लिए किराए पर लोगों को बुलवाना पड़ता हैं। वास्तव में गाँव इन मामलों में अच्छे हैं। वे स्वभाव से वफादार, मददगार और भरोसेमंद होते हैं।

ग्रामीण जीवन के कुछ नकारात्मक पहलू

गाँवों की सबसे बड़ी कमियाँ जो ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को कठिन बनाती हैं। यहाँ आपको शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल इत्यादि तक़रीबन न के बराबर मिलते हैं, जिनमें प्रवेश का कोई तरीका नहीं है और ये सभी चीजें लोगों को शहरों की तरफ पलायन के लिए उकसाती हैं। बड़ी कंपनियों को इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी शाखाएं लगाने की योजना भी बनानी चाहिए। इससे हमारे गाँव कई तरह से विकसित होंगे। मैं यह कह सकता हूं कि विकास हमारे गांवों की सबसे बड़ी कमियों में से एक है।

  • उचित शैक्षिक संस्थानों का अभाव

यहाँ पर स्कूल तो हैं लेकिन कोई उच्चतर शिक्षण संस्था नहीं होती है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को अपने बच्चों को बड़े शहरों में भेजना पड़ता है। इन दिनों उचित शिक्षा हर किसी की पहली आवश्यकता है। हालांकि छात्रों के लिए गाँव का वातावरण अधिक शांतिपूर्ण है, फिर भी उन्हें शहरों में जाना पड़ता है।

  • करियर के सिमित अवसर

गाँव में करियर के अवसर शून्य के समान हैं क्योंकि यहाँ पर किसी तरह की कोई नौकरी नहीं है। नौकरियों के अलावा यदि आप किसी तरह का कोई व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे है तो सड़क, माल की उपलब्धता, आदि को लेकर कई तरह की समस्याएँ आती हैं। लोगों को कई चीजों के लिए शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है; नतीजतन, वे बेहतर जगह पर रहकर आगे बढ़ना ज्यादा उचित समझते हैं।

  • अच्छी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव

यहाँ पर एक चिकित्सकीय आपातकाल एकदम से अंधेरे में है, यह तो आप कभी नहीं जानते है कि कब अस्पताल या चिकित्सक की तत्काल आवश्यकता पड़ जाएगी। चिकित्सकीय लाभों के लिए लोगों को हमेशा पास के शहरों में जाना पड़ता हैं। सरकार को वास्तव में इस क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है; वास्तव में किसी भी व्यक्ति के लिए उचित दवा आदि की सुविधा उसके नजदीक ही होनी चाहिए। अन्यथा, राष्ट्र को कभी भी विकसित राष्ट्र नहीं कहा जा सकता है।

  • अनुचित परिवहन

आज भी, ऐसे कई गाँव हैं जहाँ सड़कें नहीं हैं; सड़कों की कमी कई मायनों में विकास में बाधक है। इसलिए, सड़क बेहद महत्वपूर्ण है और गाँवों में एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि जब भी आपको ज़रूरत हो, बस या परिवहन के अन्य साधन नहीं मिल सकते हैं। या तो आपको अपने खुद के साधन से यात्रा करनी होगी जो गावों में हर किसी के लिए संभव नही होता या फिर लंबे समय तक इंतजार करना होगा।

गाँव अच्छे हैं और उन्हें बचाने की हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए। हमें विकासशील गांवों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि कम लोग शहरों की ओर पलायन करें। शहरों में जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और आधी से अधिक आबादी गांव से ही आती है। वे शिक्षा, नौकरी और अन्य बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरों की ओर बढ़ते हैं। शहर अत्यधिक आबादी वाले होते जा रहे हैं, सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए। गांवों में विकास शहरों में आबादी को नियंत्रित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।

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Nibandh

मेरा गाँव पर निबंध

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रूपरेखा : गाँव का परिचय - गाँव के लोग - गाँव की सुंदरता - गाँव की पंचायत - गाँव की पाठशाला - गाँव की विकास - गाँव का व्यवसाय - उपसंहार।

मेरा गाँव भी भारत के लाखों गाँवों जैसा ही है। लगभग चार सौ घरों की इस छोटी-सी गाँव का नाम 'मधेपुर' है। गाँव के उत्तर में कलकल करती हुई सरस्वती नदी बहती है। चारों ओर खेतों की हरियाली गाँव की शोभा बढ़ा रही है। पर्वतमाला और विविध वनस्पतियाँ इसके प्राकृतिक सौंदर्य में चार चाँद लगा देती हैं। गाँव के बीचोबीच एक बड़ा कुआँ है, जो 'राम का कुआँ' के नाम से प्रसिद्ध है। कुएँ के सामने विशाल शिवालय है। कुछ दूरी पर गाँव का पंचायतघर है। पाठशाला और अस्पताल गाँव के बाहर हैं।

गाँव में सभी वर्गों के लोग बिना किसी भेदभाव के रहते हैं। मेरे गाँव के लोग बहुत उद्यमी और संतोषी हैं। गाँव के लोगों की सभी जरुरतों की पूर्ति गाँव के लोग ही विविध गृहोद्योगों के माध्यम से करते हैं। कभी-कभी मेरे गाँव में भजन-कीर्तन का कार्यक्रम भी होता है। गाँव में अधिकतर किसान रहते हैं। अनेक देवी-देवताओं में उनका अटूट विश्वास है। होली के रंग सबके हृदय में हर्ष और उल्लास भर देते हैं, तो दीवाली की रोशनी से सबके दिल जगमगा उठते हैं।

गाँव की सुंदरता का कोई वर्णन नहीं किया जा सकता। गाँव में चारों और वृक्ष की हरयाली नजर आती है। गाँव में एक विशाल तालाब देखने को मिलता है। गाँव में आधा प्रतिशत जमीन खेतो से ढका रहता है जहाँ अन्य का खजाना उगता है। गाँव के नदी का तो कोई जवाब नहीं जहाँ की पानी की पवित्रता वहा के लोगों को लम्बी आयु प्रदान करती है। गाँव में करीब हर घर में एक पालतू पशु रहता है तथा घर में एक बड़ा सा आँगन घर की शोभा बढ़ा देती है।

ग्रामपंचायत ने हमारे गाँव की कायापलट कर दी है। गाँव के बच्चे उत्साह से पाठशाला में पढ़ते हैं। आज तो गाँव में प्रौढ़ शिक्षा का भी प्रबंध हो चुका है। गाँव के पुस्तकालय में कई पत्र-पत्रिकाएँ मँगाई जाती हैं। गाँव के बाजार में भी नई रौनक आ गई है। यहाँ घरेलू उपयोग की लगभग सभी चीजें मिलती हैं।

हमारे गाँव की पाठशाला में पढ़ाई के अलावा विद्यार्थियों को बागबानी की शिक्षा भी दी जाती है। कताई और बुनाई के कामों में भी विद्यार्थी रुचिपूर्वक भाग लेते हैं। गाँव का दवाखाना लोगों की अच्छी सेवा कर रहा है। मेरे गाँव के लोगों में कभी-कभी छोटी-छोटी बातों को लेकर कहा-सुनी हो जाती है, लेकिन पंचायत की बैठक में उन्हें सुलझा लिया जाता है। कुछ लोग भाँग, तंबाकू और अन्य नशीली पदार्थ का सेवन भी करते हैं। कुछ लोग सफाई की ओर विशेष ध्यान नहीं देते। प्रौढ़ शिक्षा के प्रति गाँववालों की विशेष रुचि नहीं है।

आज के दौर में गाँव की विकास अवं उनत्ति बहुत ज़रूरी है। कई जगह सरकार गाँव की विकास के लिए अस्पताल, शौचालय, विद्यालय का निर्माण कर रही है। कई जगह सरकार कच्चे मकानों में रहने वाले के लिए पक्के मकानों की व्यवस्था की जा रही है। गाँव के किसान के लिए खेत में लगने वाले बीज, दवाइयां का मुफ्त में उपलब्धि कराई जा रही है। किसानों तथा अन्य लोगों के ऋण की व्यवस्था भी की जा रही है। कृषि के विकास के लिए सहकारी समिति से ऋण दिया जाता है। किसानों को बीज और खाद भी सहकारी समिति ही देती है। गाँव में सभी को साक्षर बनाने के लिए शिक्षा की भी व्यवस्था की गई है। शहर से ज्यादा गाँव में स्वछता का ध्यान दिया जाता है यही कारन है गाँव के वासियों की आयु तथा शरीर लम्बे समय तक स्वस्त रहते है।

गाँव के लोगों का व्यवसाय कृषि करना और पशुपालन करना अधिक देखा जाता है। गाँव के किसान आधुनिक ढंग से बनाए गये कृषि के यंत्रों का प्रयोग करते हैं। गाँव में बैलों की जगह अब ट्रैक्टरों का प्रयोग किया जाता है। अच्छे किस्म के बीजों को प्रयोग खेतो में अधिक फसलों के लिए किया जाता है। गाँव में अब अच्छी नस्लों वाली भैसों और गायों का पालन किया जाता है। गाँव में अधिकतर लोग दूध बेचकर अपना घर चलाते है। आज गाँव में लगभग हर अनाज की फसलें होती है जैसे गेंहूँ, चावल, गन्ना, ज्वार, बाजरा सरसों, मक्का आदि अनाज की उत्पन्न होती है।

फिर भी मेरा गाँव अपने आप में अच्छा है। यहाँ प्रकृति की शोभा है, स्नेहभरे लोग हैं, धर्म की भावना है और मनुष्यता का प्रकाश है। भोले-भाले स्त्री-पुरुष, स्नेहभरे भाभी-देवरों और सरल बच्चों, दादा-दादी और नाना-नानी से हरा-भरा यह मेरा गाँव मुझे बहुत प्यारा लगता है।

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मेरा गांव पर निबंध – Mera Gaon Essay in Hindi

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Mera Gaon Essay in Hindi दोस्तों इस लेख में हमने मेरे गांव पर निबंध लिखा है| यह निबंध खास तौर से कक्षा 1 से लेकर 10वीं तक के छात्रों के लिए लिखा गया है क्योंकि यह उनकी परीक्षाओं में अक्सर पूछा जाता है और बच्चे इसमें पूरे अंक लाने के में असफल रहते है इसलिए आज हमने आप सभी के लिए यह निबंध प्रस्तुत किया है| आप इसे अपनी परीक्षा में भी इस्तेमाल कर सकते हैं|

यदि भारत एक शरीर है तो गांव उसकी आत्मा है| सम्पूर्ण भारत की आधी से ज्यादा जनसंख्या गाओं में निवास करती है, हम आपको बता दे दोस्तों गांव का हमारे देश के विकास, हमारे देश की प्रगति और हमारे देश की GDP में बहुत अहम योगदान रहता है| आज हमारे आस पास जितनी भी वस्तुए हैं, भले वो अनाज हो गया या फिर दूध, यह सभी हमारे पास गांव की मदद से ही आता है|

दोस्तों यदि आज हम अंडा, ब्रेड, घी, दूध, अनाज, सब्जियां, फल, फ्रूट आदि खा पा रहे हैं तो इसमें सबसे अहम योगदान गांव और धुप में परिश्रम कर रहे किसान का रहता है क्योंकि फसलें और यह उत्पाद गांव में उगाये जाते हैं| एक किसान कड़ी धूप में कठोर परिश्रम करके हमारे और अपने परिवार का पेट पालने के लिए फसल उगाता है और यही फसल हमारे घर तक आती है और इसमें गांव का बहुत अहम योगदान रहता है|

गांव में निवास करने वाले व्यक्ति बहुत ही साधारण जीवन जीते हैं| गांव में सभी लोग शहर की रोजगार की ज़िन्दगी से विपरीत अपना जीवन बहुत सरलता से जीते हैं| गांव में निवास कर रहे सभी लोग अपने घर का पेट पालने के लिए खेती करते हैं और गांव और शहरों की तरह यहां पर इतना प्रदूषण नहीं पाया जाता है क्योंकि यहां के लोग साइकिल जैसे वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं| गांव का जीवन बहुत ही शांति मई होता है और यह सभी को बहुत अच्छा लगता है|

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  • पुस्तकों का महत्व – Essay on Importance of Books in Hindi
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हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा मेरा गांव पर निबंध – Mera Gaon Essay in Hindi पसंद आया होगा| यदि आपका हमारे लेख के लिए कोई सुझाव है तो उसे आप हमारे साथ जरूर शेयर करें| धन्यवाद|

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Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|

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मेरा गाँव पर निबंध (My Village Essay In Hindi)

गाँव के बिना हमारा देश कुछ भी नहीं है। हमारे देश में आधे से ज़्यादा लोग गाँव में रहते है। हमारे देश की उन्नति के पीछे गाँव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किसान गाँव में रहकर फसलों का उत्पादन करते है।

कृषि प्रधान देश

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आज के इस लेख के माध्यम से हम सीखेंगे मेरा गाँव पर हिंदी निबंध 2021 जो कक्षा 3 , 4 , 5 …….. 12 तक के लिए परीक्षा की दृष्टिकोण से लाभप्रद होने वाली है तो चलिए चलते है बिना समय बर्बाद किये आज के निबंध की ओर –

मेरा गाँव पर हिंदी निबंध 2021  

भारत एक कृषिप्रधान देश है | भारत संरचनात्मक दृष्टिकोण से गाँवो से भरा हुआ देश है | भारत की कुल आबादी का 70 % लोग कृषि कार्यो से जुड़े हुए है | भारत की कुल आबादी का लगभग  68 प्रतिशत (  83 करोड़ 30 लाख ) लोग गाँवो में निवास करते है | मेरा गाँव भारत के एक पिछड़े राज्य बिहार के मधुबनी जिले में स्थित  है |

यह भारत – नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ लगा हुआ एक छोटा सा गाँव है | मेरे गाँव का नाम लौकही है | मेरे गाँव की आबादी लगभग दो हजार है | मेरे गाँव में एक प्रखंड कार्यालय , एक अंचल कार्यालय , एक पुलिस स्टेशन ,एक पोस्ट ऑफिस तथा एक बैंक के साथ छोटा सा बाजार है |

मेरे गाँव के कुछ लोग शिक्षक तथा दुकानदार है परन्तु गाँव की अधिकतर आबादी कृषि पर निर्भर है | मेरे गाँव में अधिकतर लोगो की आय सामान्य ( 10 – 15 हजार प्रति माह ) है अर्थात अधिकतर लोग गरीब है | मेरे घर के चारो ओर हरे – भरे  खेत और बगीचे है | मेरे घर के सामने एक तालाब है |

mera gaon essay in hindi

जिसमे कुछ वर्ष पहले हमलोग स्नान भी किया करते थे परन्तु आज यह तालाब हम इंसानो के द्वारा प्रदूषित किया जा रहा है | तालाब के बढ़ते प्रदुषण के कारण आज हम लोग स्नान करना भी छोड़ चुके है | मेरे घर की कुछ दुरी पर एक बिजली घर अवस्थित है जहाँ से  हम ग्रामवासियों को बिजली की सुविधा प्राप्त होती है |

मेरे घर के सामने तालाब के किनारे एक छोटी सी मंदिर अवस्थित है जहाँ प्रत्येक शाम को कृतंन का आयोजन किया जाता है | मेरे घर की कुछ दुरी पर एक मस्जिद भी अवस्थित है जिसके चारो ओर हम मुस्लिम वर्ग के लोग निवास करते है | मस्जिद में प्रत्येक दिन पाँच वक्त की अजान ससमय होती रहती है |

एक ओर जहा मंदिर में हो रहे  भगवान् की शिव – चर्चा व कृतन से जहा मन प्रफुल्लित हो जाता है वही दूसरी ओर मस्जिद में बार -बार अजान सुनाई पड़ने से मन मधुर और ईश्वर की प्रार्थना में लिप्त हो जाता है | मेरे गाँव में हिन्दू – मुस्लिम सभी वर्ग के लोग आस – पास ही रहते है | मेरे गाँव में सभी लोग एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते है |

मेरे गाँव में जब हिन्दू भाई होली और छठ जैसे महान हिन्दू पर्व मनाते है तो उस पर्व में हम मुस्लिम भाई भी साथ मिलकर आनंद उठाते है | वही दूसरी ओर जब मुस्लिम भाई ईद और बकरीद जैसे महान मुस्लिम पर्व मनाते है तो उस पर्व में हमारे हिन्दू भाई भी शामिल होकर पर्व का खूब आनंद उठाते है |

मेरे गॉव में किसी भी मुद्दे पर हम सभी हिन्दू – मुस्लिम भाई मिलकर एक साथ समस्या का हल निकलते है | मै भी एक किसान परिवार से रिश्ता रखता हूँ | मेरे माता – पिता खेती किसानी से जुड़े है | मेरे पास एक एकर की खेती है जिसमे हम अनाज के रूप में धान , गेहूँ , दाल आदि उपजाते है | मेरे गाँव में अधिकतर लोग हिंदी के साथ क्षेत्रीय भाषा मैथिलि आदि का वार्तालाप में प्रयोग करते है |

मेरे गाँव में सड़क निर्माण भी ससमय होता रहता है | मेरे गाँव में सरकार की योजना के द्वारा सभी घरों में नल  लगाने का कार्य भी किया जा रहा है | तथा सड़क निर्माण पर भी कार्य किया जा रहा है | मेरे गाँव में मेरे घर की कुछ दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय अवस्थित है जिसमे मेरे गाँव के सभी बच्चे निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करते है |

तथा गाँव की कुछ दूरी पर एक मध्य विद्यालय तथा एक उच्च विद्यालय भी अवस्थित है | मेरे गाँव के समीप ही एक बाजार अवस्थित है जिसमे एक महाविद्यलय ( कॉलेज ) भी अवस्थित है | जहा मेरे गाँव के क्षात्र के अलावा आस – पास के गाँव के क्षात्र भी शिक्षा अध्ययन करते है | मेरे गाँव के लगभग सभी बच्चे विद्यालय  से जुड़े हुए है |

कभी – कभी मेरे गाँव में अत्यधिक बारिश होने के दौरान खेतो में लगे फसल बर्बाद भी हो जाते है  और कभी – कभी आवश्यकता से भी कम बारिश होने के कारण भी फसल बर्बाद हो जाते है | मेरे गाँव से 5 किलोमीटर की दूरी पर भारत – नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा अवस्थित है परन्तु सीमा  खुले मैदान की  तरह है कोई कँटीली तार से घिरा हुआ दीवाल नहीं है |

सीमा के दोनों ओर अपने  – अपने देश की सुरक्षा तैनात रहती है | भारत और नेपाल का शुरू से ही  सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण रहा है | इन देशो के बिच कभी युद्ध नहीं हुयी है जिसके चलते दोनों देश के लोग अपना सम्बन्धी एक दूसरे देशो में बना बैठे है | हम लोग स्वयं को भाग्यवान समझते है की हमे नेपाल जाने का अवसर बिना किसी विशेष कागजात जमा  करने पर भी  मिल जाता है |

मेरे गाँव की स्त्रियाँ भी अत्यधिक पढ़ी लिखी नहीं है और वे भी पुरुष के साथ मिलकर खेती – बाड़ी के कार्यो में मदद करते है | गाँव के एकाध स्त्रियाँ ही ऐसी है जो रोजगार के लिए सरकारी सेवा में कार्यरत है | मेरे गाँव के आस – पास अन्य जगहों पर वर्ष में कभी कभार मेला महोत्सव का भी  आयोजन किया जाता है जिसमे हम सभी लोग मिलकर मेला का भी आनंद उठाते है |

मेरे गाँव के लोग सुबह सवेरे उठकर जब फसल से लहलहाते खेतो का भ्रमण को जाते है तो वो सुहावना दृश्य महमोहक होता है | जब मै सुबह सबेरे उठकर अपने खेत की तरफ निकलता हु तो उस वक्त बगीचे में पेड़ों पर बैठी चिडियो की चहचहाहट तथा मुर्गे – मुर्गियों की आवाज़ से खूब शांति और हर्ष का अहसास होता है |

गर्मी के मौसम जब अत्यधिक गर्मी बढ़ जाती है तो हम लोग बगीचे की और निकल जाते है वह बगीचे की स्वच्छ हवा से दिल खुश हो जाता है और गर्मी का अनुभव भी कम हो जाता है | गर्मी के मौसम में प्रायः मेरे गाँव में तालाब , नदी , कुँए , चापाकल आदि सूखने के कगार पर चले जाते है |

गर्मी के दिनों में सभी घरो में लगभग चापाकल सुख जाता है जिससे लोगो को पानी की समस्याओ से दो चार होना परता है | वर्षात के मौसम में मेरे गाँव में जल जमाव की भी समस्या देखने को मिलती है | उचित और विशेष जल निकासी की सुविधा नहीं होने के कारन जल जमाव की समस्या से प्रत्येक वर्ष जूझना परता है |

मेरे गाँव में प्रत्येक वर्ष सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है जिसमे सभी धर्म के लोग मिलकर आयोजन को सफल बनाते है | मेरे गाँव के समीप एक कब्रगाह भी बनाया गया है जिसे चारो ओर से लम्बी दिवार के साथ घेर दिया गया है |

गाँव के पढ़े – लिखे धनवान लोग अपने बच्चो को शिक्षा के लिए दूसरे शहर भी भेजते है और गरीब लोग अपने बच्चो को गाँव के ही सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करवाते है |

मेरे गाँव के लोग निर्धन होने के बावजूद भी अपने बच्चो शिक्षा से जोड़े हुए है और उनकी शिक्षा पर अपनी क्षमता से भी अधिक व्यय करते है इसीलिए हम बिहार के लोग भी अपनी मेहनत और त्याग के बल पर देश की सबसे प्रतिष्ठित संसथान संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी सबसे अधिक मात्रा में भी उत्तीर्ण करते है |

मेरा गाँव संसाधनों के कमी के कारण भी अपनी मेहनत के बल पर शिक्षा और स्वच्छता में आगे बढ़ रहा है | मेरा गाँव बदल रहा है और साथ ही हमारा देश भी बदल रहा है | देश को उन्नत और समृद्ध बनाने के लिए मेरा गाँव हर संभव प्रयास कर रहा है | मुझे भी अपने जीवन पर गर्व है के मै भी गाँव की खूबसूरत प्रकिर्तिक सौंदर्य में पला बढ़ा हूँ | मुझे गर्व की अनुभूति होती है के मै प्रकृति के साथ इतना ज़यादह घुला – मिला हूँ | 

गाँव पर निबंध 10 लाइन –  

1 . गाँव के अधिकतर लोग किसान होते है |

2 .  गाँव में लोग अधिकतर कृषि कार्यो से जुड़े होते है |

3 . गाँव में बगीचे अधिक होते है |

4 . गाँव में शिक्षा की कमी होती है |

5 . गाँव के अधिकतर लोग गरीब होते है |

6 . गाँव में  अच्छी सड़क का आभाव होता है |

7 . गाँव के लोग आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़े होते है |

8 . गाँव में रोजगार की कमी होती है |

9 . गाँव के लोग मंद बुद्धि के होते है |                                                                                                        10 . गाँव में शिक्षा की कमी होती है | 

इस लेख को प्यार देने के लिए आपका शुक्रिया ! 

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मेरा गांव पर निबंध ( Mera Gaon Nibandh In Hindi )

इस लेख में आपको मेरा गांव पर निबंध ( Mera Gaon Nibandh In Hindi ) पढ़ने को मिलेगा। इस निबन्ध के माध्यम से बच्चों को Mera Gaon essay in hindi लिखने में काफी मदद मिलेगी। साथ में आपको Mera Gaon पर 10 पंक्तियां भी पढ़ने को मिलेगी। उम्मीद करता हूँ इस पोस्ट से आपको काफी मदद मिलेगी।

मेरे गाँव पर निबंध 500+ शब्द – Mera Gaon Essay In Hindi

Mera Gaon एक ऐसा स्थान है जहाँ मैं अपनी छुट्टियों में या जब भी मुझे थकान महसूस होती है और आराम करना चाहता हूँ तो चला जाता हूँ। गाँव एक ऐसी जगह है जो शहर के प्रदूषण और शोर से बहुत दूर है। इसके अलावा, आप गाँव में मिट्टी के साथ संबंध महसूस करते हैं।

गांव में पेड़ – पौधों, फसलों की एक किस्म, फूलों की विविधता और नदियाँ आदि हैं। इन सब के अलावा, आप रात में ठंडी हवा और दिन में एक गर्म लेकिन सुखद हवा का आनंद ले सकते हैं। भारत की लगभग 70% से अधिक आबादी गांवों में रहती है।

गाँव खाद्य और कृषि उपज के मुख्य स्रोत हैं जिनका हम उपभोग करते हैं। आजादी के बाद, गांवों में आबादी के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी वृद्धि हुई है। गाँव के लोग अपने काम के प्रति अधिक समर्पित होते हैं।

इसके अलावा, Mera Gaon शांति और सद्भाव में रहता है और गांव में किसी भी तरह का कोई संघर्ष नहीं है। ग्रामीण एक दूसरे के दुख और सुख में शामिल होते हैं। गांव के लोग सहायक प्रकृति के होते हैं।

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मेरे गाँव का वर्णन – Description Of My Village

Mera Gaon दो तरह के मौसम वाले क्षेत्र में मौजूद है जिसमें तेज़ गर्मी और सर्दियाँ होती हैं। ज्यादातर मैं छुट्टियों के कारण गर्मियों में अपने गांव जाता हूं। हालाँकि गाँव गर्मियों के दौरान शहर की तुलना में कहीं अधिक ठंडा है। इसके अलावा, आपको हवा की वजह से एक गांव में एयर कंडीशनर की आवश्यकता नहीं है।

Mera Gaon Essay

गाँव में हरियाली को देखकर दिल खुश हो जाता हैं और लगभग हर घर में उनके आँगन में कम से कम एक पेड़ होता है। पहले गांवों में कच्चे घर बने होते थे लेकिन अब ये दृश्य बदल गया है। अब गांवों में भी लगभग सभी घर पक्की ईंटो से बने हुए हैं। गाँव के लोग शहर के लोगों की तुलना में अधिक मित्रवत होते हैं।

मेरे गाँव के बारे में मुझे जो बात सबसे ज्यादा पसंद है, वह है ताज़ी और घूमती हवा। गांव की हवा ताजगी का एहसास देती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, रात में मैं उन सितारों को देखता हूं और उनकी गिनती करता हूं और आनंद लेता हूँ जो मैं शहर में नहीं कर सकता।

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गाँव का महत्व – Importance Of Village

भारत में प्राचीन काल से ही गांवों का अस्तित्व था और वे माल की मांग और आपूर्ति के लिए एक दूसरे पर निर्भर थे। इसी तरह, वे देश की वृद्धि और विकास में बहुत योगदान देते हैं। भारत एक ऐसा देश है जो अपने द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र से अधिक कृषि पर निर्भर है।

इसके अलावा, भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है और इस बड़ी आबादी को भोजन देने के लिए उन्हें भोजन की आवश्यकता होती है जो गांवों से आता है। यह बताता है कि गांव हमारे लिए और हर किसी के लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं।

निष्कर्ष में, हम कह सकते हैं कि गाँव अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। साथ ही, Mera Gaon भारत के सभी गाँवों का एक हिस्सा है जहाँ लोग अभी भी शांति और सद्भाव में रहते हैं। गांवों के लोग मिलनसार हैं और शहरी क्षेत्रों के लोगों की तुलना में अधिक खुशहाल और समृद्ध जीवन जीते हैं।

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बच्चों के लिए अंग्रेजी में मेरा गाँव निबंध ( Mera Gaon Nibandh ) आपके संदर्भ के लिए यहाँ उपलब्ध कराया गया है। यह निबंध बच्चों को एक स्पष्ट समझ पाने में मदद करेगा कि वे एक साधारण तरीके से एक अच्छे माय विलेज निबंध 10 लाइनों को कैसे फ्रेम कर सकते हैं।

जब कोई “गाँव” के बारे में सोचता है, तो उसके दिमाग में क्या आता है? शहर की हलचल से दूर एक शांत जगह। एक ऐसी जगह जो हरियाली और सादगी से भरपूर हो। वह स्थान जो किसी के मन को शांत करता है। यहाँ, आइए देखें कि कैसे बच्चे Mera Gaon के निबंध पर 10 पंक्तियाँ लिख सकते हैं और अपने विचारों को कलमबद्ध कर सकते हैं कि वे अपने गाँव के बारे में कैसा महसूस करते हैं।

My Village Essay 10 Lines In Hindi

  • मेरे गाँव का नाम (गांव का नाम लिखें) है जो (राज्य का नाम) के (जिले का नाम) जिले में आता है।
  • गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों के दौरान, मैं अपने गाँव जाता हूँ।
  • मेरे दादा-दादी गाँव में रहते हैं। वे शहर से ज्यादा गांव पसंद करते हैं।
  • मेरे दादा दादी का घर गाँव के सबसे बड़े पक्के मकानों में से एक है।
  • मेरे दादाजी गाँव के सरपंच हैं। सभी ग्रामीणों द्वारा उनके न्यायपूर्ण कार्यों और गांव के विकास के लिए किए गए कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है।
  • मेरे गाँव में, हमारे परिवार का बहुत सम्मान है। मेरी दादी ग्रामीणों के लिए बहुत सारे सामाजिक कार्य करती हैं।
  • हमारे गाँव में कई कुएँ, हैंडपंप और नदियाँ हैं। लोग दैनिक उपयोग, सिंचाई आदि के लिए इन स्रोतों से पानी लाते हैं।
  • मेरे गाँव के लोग एक-दूसरे के साथ दृढ़ता से बंधे हैं। वे अपनी खुशियाँ एक साथ मनाते हैं और कठिन समय में एकजुट होते हैं।
  • मेरे गाँव का हर व्यक्ति परिश्रमी है। किसान दिन भर खेत में कार्य करते हैं। महिलाएं घर के कामों का ध्यान रखती हैं और बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल करती हैं।
  • मेरे गांव में ऊंची इमारतें और चमचमाती लाइटें नहीं हैं। लेकिन इसमें शांति, गर्मजोशी और एक स्वागत योग्य रवैया है। मुझे अपने गाँव में अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ छुट्टियां बिताना बहुत पसंद है।

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Mera Gaon निबंध सभी उम्र के छात्रों के कौशल को बढ़ाता है। यह उन्हें उस विषय के बारे में अपने विचारों और भावनाओं को लिखने के लिए प्रेरित करता है। यह एक मानसिक व्यायाम है जो उनके मस्तिष्क को चार्ज करता है और लंबे समय में उच्च स्तर की रचनात्मकता के साथ उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाता है।

जब बच्चे माई विलेज निबंध ( my village essay in hindi ) लिखते हैं, तो वे विषय पर विचार करते हैं। हमारे द्वारा ऊपर 10 लाइनों में प्रदान किए गए बिंदुओं को शामिल करते हुए, बच्चों को Mera Gaon के लिए एक अच्छा निबंध फ्रेम करने के बारे में एक अच्छा विचार मिल सकता है। वे Mera Gaon Essay के साथ अपने विचार जोड़ सकते हैं।

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Mera Gaon FAQ

Q.1. गांवों की सबसे अच्छी बात क्या है.

Ans. गांवों के बारे में कई अच्छी चीजें हैं जैसे कि ताजी हवा, नदियां, पेड़, प्रदूषण नहीं, मिट्टी की महक, ताजा और जैविक भोजन और कई और बेहतरीन चीजें।

Q.2. क्या गांवों में विकास की कमी है?

Ans. नहीं, गांवों का विकास बहुत अच्छी तरह से हुआ है, वे शहरों की तुलना में तेजी से विकास कर रहे हैं।

Q.3. क्या गाँव महत्वपूर्ण हैं?

Ans. हाँ, गाँव भारत की स्थलाकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। गांव समुदाय सांस्कृतिक गतिविधियों और परंपराओं के केंद्र हैं। गांव से जुड़े जीवन मे मिटी से एक निकट सम्बन्ध महसूस होता है।

Q.4. क्या गाँवों में उन्नत सुविधाएँ हैं?

Ans. सभी गांव विकसित नहीं हैं। उनमें से कुछ में कुछ सुविधाएं हैं जैसे कि बिजली, पानी आदि। सरकार समुदायों की उन्नति के लिए विकास को सुविधाजनक बना रही है। अब धीरे – धीरे गांवो में भी विकास हो रहा है।

Q.5. गाँव में जीवन कैसा है?

Ans. एक गाँव में रहना एक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण जीवन शैली प्रदान करता है। एक गाँव में रहना आपको व्यस्त शहर के जीवन से मुक्ति प्रदान करता है। आप पागल भीड़ और उत्सुक चूहे-दौड़ से दूर रह सकते हैं। गाँव में होना सुंदर और सुखदायक है।

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आशा करता हूँ दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट मेरे गांव पर निबन्ध ( Mera Gaon Essay In Hindi ) काफी पसंद आई होगी तथा आपको काफी मदद मिलेगी। अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।

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हमारे गांव / मेरा गाँव पर निबंध

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हमारा देश भारत गांवों का देश है। यहां की अधिकांश जनसंख्या गांवों में ही निवास करती है। भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में कुटीर उद्योग, पशुधन, वन, मौसमी फल एवं सब्जियां इत्यादि इन सब के योगदान की अनदेखी नहीं की जा सकती। वर्तमान में गांव देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हमारे देश की आत्मा गांव ही है। इन गांवों में ही मेहनतकश किसान व मजदूर निवास करते हैं जो कि देशवासियों के अन्नदाता हैं। किसानों के परिश्रम से जहां हमें खाद्य सामग्री मिलती है। वहीं वे भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश की खुशहाली किसानों के परिश्रम और त्याग पर निर्भर करती है। वैसे भी देश का यदि वास्तविक रूप देखना है तो गांवों में ही इसे देखा जा सकता है। इन सबके अलावा गांव हमारे सभ्यता के प्रतीक हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व यदि गांवों की ओर ध्यान दिया जाता तो गांवों की स्थिति आज कुछ और ही होती।

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आदि मानव जंगलों व गुफाओं में रहता था। जैसे-जैसे आदि मानव ने अपने जीवन क्षेत्र में उन्नति की वैसे-वैसे गांवों का स्वरूप सामने आने लगा। यहीं से गांवों की सभ्यता का विकास हुआ। अपनी सभ्यता का विस्तार करते हुए मानव ने नगर सभ्यता की नींव रखी। शहरों की अपेक्षा आज भी गांव में प्राकृतिक सौंदर्यता अधिक है। वहां प्रकृति अपने ही रूप में है। उसमें किसी तरह की कृत्रिमता नहीं है। गांवों की सुन्दरता और वहां का प्राकृतिक वातावरण सहज ही किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। शहरों के जन्मदाता भी गांव ही है। यह सत्य है कि मानव का आरम्भिक जीवनकाल जंगलों और पर्वतों में बीता। इसके बाद वह समूह में रहने लगा और जहां वे लोग रहने लगे वहीं आस-पास कृषि आदि करने लगे। इस तरह गांवों का अस्तित्व शुरू हुआ।

गांव में भी मनुष्य ने सभ्यता का पहला चरण रखा था। गांव से सभ्यता सम्पन्न होने के बाद वह धीरे-धीरे अपना रूप बदलते हुए नगर कहलाये। वास्तव में गांव मनुष्य द्वारा बसाये जाने के बावजूद फले-फूले और बने-ठने हुए हैं। जबकि नगर पूर्ण रूप से कृत्रिमता से सजाये जाते हैं। यही कारण है कि गांव किसी के भी मन को अपनी ओर सहज आकर्षित कर लेते हैं।

भारतीय गांव सदियों से शोषित और पीड़ित रहे हैं। अशिक्षा, अज्ञान, अभाव जैसी समस्याओं से आज भी कई गांवों को दो चार होना पड़ रहा है। सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से हालांकि गांवों की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है लेकिन अभी भी उनमें काफी सुधार की गुंजाइश है। हाँ  ! यह जरूर है कि किसानों को अब जमींदारों का शोषण नहीं झेलना पड़ रहा है। गांवों के उद्धार के लिए सरकार द्वारा जो योजनायें बनायी जा रही हैं उनका पूरा लाभ गांवों को नहीं मिल पा रहा है। इसका आधे से ज्यादा हिस्सा भ्रष्ट राजनीतिज्ञ व कर्मचारी हड़प लेते हैं।

गांवों में विकास के बावजूद वह अपना रूप संजोये हुए हैं। वहां परिवर्तन इतनी तेजी से नहीं हो पा रहा जितना कि शहरों में हो रहा है। हालांकि अब गांवों में शिक्षा के प्रसार के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए सहकारी समितियां खोली जा रही हैं। इन समितियों द्वारा जहां किसानों को ऋण मुहैया कराये जा रहे हैं वहीं उनके कृषि उत्पाद खरीदकर उन्हें उचित लागत दिलाई जा रही है।

गांवों में मेहनतकश किसान सूरज निकलते ही अपने खेतों की ओर निकल पड़ता है। मौसम के हिसाब से बोयी गयी फसल की नराई-गुड़ाई कर फिर दोपहर में घर लौटता है। दोपहर का भोजन कर फिर वह खेतों की ओर निकल पड़ता है। सूरज डूबते समय ही वह अपने घर की ओर रुख करता है। घर लौटने पर अन्य कार्य निपटाने के बाद वह गांव में बनी चौपाल पर वर्तमान राजनीति या अन्य मुद्दों पर वहां उपस्थित अन्य किसानों से वार्ता करता है। लगभग यही दिनचर्या ग्रामीण महिलाओं की भी है।

महात्मा गांधी कृत्रिमता की अपेक्षा मौलिकता के समर्थक थे। इसीलिए उनका कहना था कि भारत की आत्मा गांव में बसी हुई है । इसलिए गांधी जी ने गांवों की दशा सुधारने के लिए ग्रामीण योजनाओं को कार्यान्वित करने पर विशेष बल दिया था।

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My village essay in hindi मेरा गाँव पर निबंध.

Know information about my village in Hindi. Read मेरा गाँव पर निबंध My Village Essay in Hindi for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

My Village Essay in Hindi

My Village Essay in Hindi

My Village Essay in Hindi 150 Words

मेरे गाँव का नाम विश्रामपुर है। यह समुद्र के किनारे स्थित है। मेरा गाँव सदरता, ताजगी और शांति का मिलाप हैं। साल भर यहां कई तरह के फल और फूल उगते हैं। यहाँ उगाया गया अनाज शुद्ध, स्वच्छ और पौष्टिक होता है। मेरे गाँव में लगभग 2000 लोग रहते हैं। खेती कई ग्राम वासियोंका मुख्य व्यवसाय है। गाँव में एक बड़ा तालाब है जिसके कारण लोगों को पानी की समस्या नहीं होती। तालाब के किनारे भगवान श्री कृष्णजी का एक संदर मंदिर है। सभी ग्राम वासी यहाँ भक्तिभाव से पूजा करते हैं। बच्चों के लिए गाँव में एक सरकारी स्कूल है। मेरे गाँव में एक अस्पताल, डाकघर और बैंक भी है। मेरे गाँव के लोग -साधारण जीवन जीते हैं और आपस में भाईचारे के साथ रहते हैं। मैं अपने गांव से बहुत प्यार करती है और मुझे लगता है कि यह सबसे सुंदर जगह है।

My Village Essay in Hindi 400 Words

भारत गांवों का देश है। भारत की जनसंख्या का आधे से भी ज्यादा हिस्सा आज भी गांव में ही निवास करता है। मेरा गांव भारत के लाखों गांवों जैसा ही है। लगभग चार-सौ घरों की इस छोटी-सी बस्ती का नाम कपडवज है। मेरा गाँव में प्रकृती की शोभा हैं, स्नेहभरे लोग हैं, धर्म की भावना हैं और मनुष्यता का प्रकाश है। हमारे गांव के ज्यादातर लोग कृषि और पशु पालन पर ही निर्भर है। मेरे गाँव में सिंचाई का अच्छा प्रबंध है।

हमारे गांव में पक्की सड़कों एवं बिजली की व्यवस्था है। हमारे गांव में बैंक और एक छोटा पोस्ट ऑफिस भी है। यहां के सभी लोग हसमुख और मिलनसार है। हमारे गांव के कुछ लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए कुटीर उद्योग भी चलाते हैं। मेरे गांव के लोग बड़ा ही सीधा – सादा जीवन जीते हैं। वह सादे कपड़े पहनते है और सादा भोजन खाते है। मेरे गाँव में सभी धर्मो के लोग हैं, जो आपस में मिलजुल कर रहते हैं। मेरे गाँव में उत्सवों और मेलों की धूम होती है। त्योहारों के अवसर पर लोग आपस में मिलते – जुलते हैं। मेरे गाँव के लोग आपसी सूख-दुःख में एक-दसरे का पूरा साथ देते हैं।

हमारे गांव के लोग रात को जल्दी सो जाते हैं और सुबह जल्दी उठकर खेतों में काम करने चले जाते हैं और पूरे दिन कठिन परिश्रम करते है। हमारे गांव का वातावरण शहरों की तुलना में बहुत ही ठंडा है और प्रदूषण रहित है जिससे यहां के लोगों को गंभीर बीमारियां नहीं होती है। हमारे गांव में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां पर किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं पाई जाती हैं। हमारे गांव में खेल के लिए एक बहुत बड़ा मैदान है, जहां पर हम सुबह शाम कबड्डी, क्रिकेट, खो-खो जैसे खेल खेलते हैं।

हमारे गांव के विकास कार्यों को देखने के लिए एक पंचायत भी बनाई गई है। ग्रामपंचायत ने हमारे गाँव की कायापलट कर दी है। हमारे गाँव तेजी से उन्नति कर रहा हैं। ग्रामवासियों को गाँवों में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। हमारे गांव में शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत काम हुआ है। हमारे गांव में छोटे बच्चों की शिक्षा के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत आंगनबाड़ी भी खोली गई है। गाँव में आपसी विवाद को अधिकतर पंचायत में ही सुलझा लेते हैं। कभी-कभी मेरे गाँव में भजन-कीर्तन का कार्यक्रम भी होता है।

चारों ओर खेतों की हरियाली गाँव की शोभा बढ़ा रही है। गाँव की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है। हमारा गांव सही मायनों में एक आदर्श गांव है।

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Hindi Essay on “Mere Gaon Ka Mela”, “मेरे गाँव का मेला” Hindi Paragraph, Speech, Nibandh for Class 6, 7, 8, 9, 10 Students.

मेरे गाँव का मेला, mere gaon ka mela.

मेरे गाँव में महादेवजी का एक बहुत पुराना मंदिर है। उसके पास हर साल सावन के महीने में एक बड़ा मेला लगता है। पिछले साल मैं भी एक मित्र के साथ यह मेला देखने गया था।

मेले में आस-पास के गाँवों से बहुत-से लोग आए हुए थे। कुछ लोग पैदल आए थे। कुछ बैलगाड़ियों में आए थे। कुछ किसान अपने ट्रैक्टरों में बैठकर आए थे, तो कुछ बसों में आए थे। वह सब रंग-बिरंगे कपड़े पहने हुए थे।

मेले में चारों ओर दुकानें सजी हुई थीं। कुछ लोग मिठाइयाँ खरीद रहे थे। कुछ लोग कपड़े खरीद रहे थे। खिलौनों की दुकानों पर बच्चों की भीड़ थी। बर्तनों और चूड़ियों की दुकानों पर महिलाएँ खरीदारी कर रही थीं। एक जगह मदारी बंदर-बंदरिया का खेल दिखा रहा था।

हम दोनों मित्रों ने देर तक मेले का आनंद लिया। हमने मिठाई खाई,फोटो खिंचवाए और निशाना लगाया। हमने मिनी रेलगाडी में बैठने का मजा भी लिया।

आज भी मैं उस मेले को भूला नहीं हूँ।

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2 Best Mera Gaon Essay in Hindi | My Village | मेरा गाँव पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Mera Gaon Essay in Hindi पर 2 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

क्या आप खुद से अच्छा निबंध लिखना चाहते है – Essay Writing in Hindi

10 lines on Mera Gaon Essay in Hindi | My village essay 10 lines

  • मैं एक बड़ा गांव में रहता हूं। इसका नाम करपी हैं।
  • यह अरवल जिला में है। यह एक पहले दर्जे का गांव है।
  • इस गांव में लगभग ढाई सौ परिवार रहते हैं जनसंख्या लगभग 10,000 की है।
  • ग्रामीण शिक्षित है। औरतें भी शिक्षित है।
  • गांव एक अच्छा सामाजिक जीवन व्यतीत करता है। यहाँ विभिन्न जाति के लोग रहते हैं।
  • मेरे गांव में एक डाक खाना भी है।
  • यहां प्राइमरी और मिडिल स्कूल भी है। ग्रामीण सीधे और सहायता करने वाले हैं।
  • खाने पीने की कमी गांव में नहीं है। लेकिन वह धनी नहीं है।
  • ग्राम पंचायत काफी सक्रिय है। यह ग्रामीण को सुखी बनाने के लिए काफी कोशिश करता है।
  • मैं अपने गांव को बहुत पसंद करता हूं।

Mera Gaon Essay in Hindi (1000 Words)

आज गाँवों के सौन्दर्य में पहले की अपेक्षा में परिवर्तन आ गए। आज गाँव सुख-सुविधा सम्पन्न हैं। इसके साथ ही संस्कृति में भी परिवर्तन आ गया है। कभी गाँव में आत्मीयता के दर्शन होते थे। “वसुधैव-कुटुम्बकम” का आभास गाँव की संस्कृति में होता था। सभी एक दूसरे के सुख-दुःख में समान रूप से पारिवारिक भावना से सहभागी होते थे। कोई भी अकेले-पन का अहसास नहीं करता था।

सामान्य से झगड़ों का निपटारा पड़ोस द्वारा हो जाता है। अब वे दिन स्वप्न से प्रतीत होते हैं। कुछ दबंगों का वर्चस्व बढ़ता गया। अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए राजनीति की तरह भेदनीति का राग अलापने लगे और परिणाम यह हुआ कि पारिवारिक संस्कृति में धीरे-धीरे परिवर्तन आ गया। सम्पन्न तो हुआ परन्तु विवाद बढ़े। अकेलेपन की संस्कृति ने जन्म ले लिया।

मेरा गाँव और पहचान

यह Mera Gaon के आस-पड़ोस के सभी गाँव की स्थिति। Mera Gaon कभी पहलवानों के गाँव से जाना जाता था। जो उत्तरप्रदेश के हाथरस जनपद में छोटे से नगर (शहर) सिकन्दरा-राऊ के समीप टीकरी-खुर्द । यह मेरा गाँव केवल पहलवानों के लिए ही नहीं अपितु सुसंस्कृत माना जाता था, जिसमें सुशिक्षित और सम्पन्न लोग रहते थे। पारस्परिक प्रेम था कृषि में गेहूं, चावल और गन्ना की उपज से यहाँ के किसानों की गणना की जाती थी। जिसमें सभी वर्ग और समुदाय के लोग रहते थे और रहते हैं। कृषक कर्मठ थे। विवाद बहुत कम थे। अलग-अलग समुदाय और सम्प्रदाय के रहते हए कभी विवाद नहीं हआ।

अपनी इस श्रेष्ठता के लिए इसकी अलग ही पहचान था किसा क अनुचित कार्य करने पर उसे सुधारने का गाँव का सामुहिक दायित्व समझा जाता था। लोगों में परस्पर स्नेह था। बुजुर्गों का आदर करते थे। सब सभी के हित की चिन्ता करते थे। आज सब कुछ बदल गया है। अतीत की सभ्यता और सस्कृति मात्र स्मृति की बात रह गई। पारस्परिक सौहार्द्र, घणा में बदल गया। दबंग सिर उठाने लगे। राजनीति ने भी पैर पसारना शुरू किया।

पहलवानी छोड लोग दकियानुसी बातें करने लगे। इस तरह मेरे गाँव को किसी को कुद्राष्ट लग गई। सवा सम्पन्न होते हुए पहले जैसी सराहनीय पहचान नहीं रही। मेरा गाव टाकरा खुद जिसे प्रायः लोग छोटी टीकरी भी कहते हैं, जिसे आज भी कुछ लोग जगेन्द्र सिंह पहलवान वाली टीकरी के नाम से जानत है, क्योकि जुगेन्द्र सिंह की तुलना का पहलवान क्षेत्र में दुसरा नहीं था।

Mera Gaon और भौगोलिक संरचना

Mera Gaon के एक ओर कृषि क्षेत्र की सिंचाई के लिए नहर-गंग का केनाल है जिसे बम्बा कहते हैं। गाँव में प्रवेश करते ही छोटे-छोटे आम के बाग हैं, जिन्होंने गांव की प्राकृतिक छटा में वृद्धि की है, जिसमें प्रायः मोरों का झुण्ड अपने केकारव से गाँव को गुंजायमान करता है। गाँव के एक ओर गाँव से बाहर एक शिवमन्दिर है, जिसमें सम्पूर्ण गाँव के लोग पूजा करते हैं। गाँव केकारव की ओर समाधि मन्दिर है।

यह मन्दिर के नाम पर मात्र एक चबूतरा है। जो बाबा पूरण-दास के नाम से प्रसिद्ध है। इस मन्दिर की परम्परा और विशेषता है कि पूजा के नाम पर गाँव के सभी समुदाय और सम्प्रदाय के लोग कुत्तों को भोजन कराते हैं। इसलिए यहाँ स्वस्थ कुत्तों का जमघट लगा रहता है। शहर सिकन्दराऊ से गाँव तक सड़क जाती है। गाँव में प्रवेश करते ही जूनियर और प्राइमरी विद्यालय है। इसी सड़क पर पीली-कोठी के नाम से सुप्रसिद्ध एक कृषक परिवार का विशाल पशु-पालन घर है, जहाँ अब परिवार भी रहने लगे है।

गाँव के चारों ओर तालाब है। उमरारे नाम के तालाब में कमल खिलते हैं जिसमें विविध पक्षी कलरव करते रहते हैं। इसी कमल तालाब के किनारे आचार्य चाणक्य-प्रशिक्षण संस्थान के नाम से प्रसिद्ध विद्यालय है जिसका संचालन गाँव के ही आदमी यतीश शर्मा व साहित्य शर्मा और हरेन्द्र यादव मिलकर कर रहे हैं। इस तरह नाई नगला, कपसिया, सहादत पुर, चन्द्र नगर से घिरा सम्पन्न गाँव है।

शिक्षा-क्षेत्र में अग्रणीय

जैसे ही गाँव में प्रवेश किया जाता है तो प्रवेश करते ही स्पष्ट हो जाता है कि यह गाँव शिक्षा के क्षेत्र में आज कितना अग्रणीय है। यहाँ आज प्राइमरी विद्यालय है जिसका निर्माण कहते हैं कि एक साधु हरियल बाबा के प्रयास से हुआ था। अतीत में, जब मैं पढ़ता था तो उसके प्रधानाध्यापक एक विशाल वार्षिक यज्ञ शिव-रात्रि के समय पर कराते थे। जो कई दिन चलता था, जिसमें उपदेष्टा उपदेश करते थे।

उसका ऐसा प्रभाव हुआ कि सभी गाँव के लोग एकता और स्नेह के सूत्र में बंध गए थे। आज उसी के प्रभाव से शिक्षा के क्षेत्र में गाँव सर्वथा सम्पन्न है। प्राइमरी, जूनियर विद्यालय और शिक्षण-संस्थान है, जहाँ कई गाँवों के छात्र पढ़ने आते हैं। पूरा गाँव शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय है। इस गाँव से अनेक प्रतिभाशाली निकले है जो अनेक उच्च-पदों पर आसीन हैं। यहाँ के लोगों में अध्यापक प्राचार्य, अधिवक्ता, अभियन्ता इन्स्पेक्टर कितने सुयोग्य पुरुष अपनी ईमानदारी और कर्मठता से काम करते हुए गाँव की प्रतिभा में वृद्धि कर रहे हैं।

इतना सब कुछ होते हुए भी कुछ ऐसा भी कार्य करते हैं जिन्हें अपनी दकियानूसी प्रवृत्ति के कारण दूसरों की प्रगति रास नहीं आती है और वह कोई न कोई दकियानूसी चाल चलते रहते हैं और व्यवधान खड़े करते रहते हैं। वे राजनीति का पर्याय बन चुके हैं।

कृषि सम्पन्न गाँव

हर क्षेत्र की तरह मेरा गाँव कृषि में भी अग्रणीय है। मेरे गाँव का कृषक प्रचलित नई-नई तकनीक नई-नई प्रविधि से कृषि करता है। खेतों में लहलहाती हुई धान की खेती, जहाँ धुंआ और गुड़ की सुगन्धि छोड़ते हुए कोल्हू गाँव के कृषक की सम्पन्नता की कहानी कहते हैं। जब से बिजली की सुविधा हुई तब से तो कृषि में अप्रत्याशित पैदाबार बढ़ी है।

टैक्ट्ररों की भरमार है। गाएँ चराता हुआ, या गन्ना चूसता हुआ या बैलगाड़ी पर गुनगुनाता हुआ किसान प्रसन्नता और उत्साह में दिखाई पड़ेगा। मेरे गाँव का कृषक शिक्षित कृषक है। उसकी खुशहाली देखते ही बनती है। वह मिट्टी या फूस के बने घर में नहीं रहता है। बड़ी-बड़ी अट्टलिकाएँ और उनमें जगमग करती बिजली उसकी कर्मठता की कहानी दोहराती है।

हमें दकियानूसी लोगों से सावधान रहते हुए अपने कर्म करते हुए अपने कर्तव्य का निर्वाहन उत्साह से करें तो नगरीय जीवन की छटा गाँव के लोगों को आकर्षित नहीं कर पाएगी, जहाँ नगरों में एकाकापन है, प्रदूषित पर्यावरण है, घुटन है। अस्वस्थ शरीर है। मेरा गाँव सन्देश देता है-चलो गाँव की ओर मुड़ो प्रकृति की ओर।

तो दोस्तों आपको यह Mera Gaon Essay in Hindi पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

जीवनी पढ़ें अंग्रेजी भाषा में – Bollywoodbiofacts

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भारत के गाँव पर निबंध | Essay On Indian Village In Hindi

भारत के गाँव पर निबंध Essay On Indian Village In Hindi : दोस्तों आज हम भारतीय ग्रामीण जीवन (Indian rural life) पर निबंध यहाँ बता रहे हैं.

स्कूल में गाँव पर अनुच्छेद भाषण निबंध लिखने को कहा जाए तो कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चें इस निबंध का उपयोग  कर सकते हैं.

भारत के गाँव पर निबंध Essay On Indian Village In Hindi

भारत के गाँव पर निबंध | Essay On Indian Village In Hindi

नमस्कार फ्रेड्स आपका स्वागत हैं स्कूल स्टूडेंट्स के लिए भारतीय गाँव (Indian Village) पर आसान भाषा में 3 निबंध विभिन्न शब्द सीमा में दिए गये हैं.

भारत के गाँव पर निबंध – 1

गांधी जी कहते हैं अगर आपको भारत का असली दर्शन करना है तो आपको गांव जरूर जाना चाहिए! क्योंकि हमारे देश की आत्मा गांव में ही बसी हुई है।

हमारे देश के अधिकतर जनसंख्या आज भी गांव में ही निवास करती है। भारत के गांव भारत के शहरों के मुकाबले छोटे तो जरूर है लेकिन जिंदगी का असली मजा वहीं आता है। क्योंकि प्रकृति का जो सौंदर्य हमें गांव में देखने को मिलता है वह और कहीं नहीं है। 

प्रकृति से गिरे हुए गांव में हरे भरे खेत खलियान, निर्मल जल लेकर बहती हुई नदियां, तालाब, कुएं, हमेशा कामकाजी और मेहनती औरतों की मुस्कान, गाय के पीछे भागते दौड़ते बच्चों की खिलखिलाहट, बूढ़े लोगों के होठों पर मुस्कान, खट्टे आम की मिठास देखने को मिलती है। 

भारत के गांव में स्वर्ग देखने को मिलता है जहां बूढ़े किसान दिनभर खेतों में काम करके शाम को अपने घर लौटते हैं तो उनके आंखों में जो गर्व और सुकून देखने को मिलता है वो कहीं और नहीं मिलता। गांव के घर घर में कुटीर उद्योग का चलन देखने को मिलता है।

 गांव की औरतें अपने हाथों से अलग-अलग तरह के सामान तैयार करती हैं। कुछ औरतें सिलाई बुनाई के काम में माहिर होती है तो कुछ मिट्टी के सामान बनाने में! गांव में एक से बढ़कर एक हुनर देखने को मिलता है। 

बच्चा हो या फिर बूढ़ा गांव में हर कोई हुनर की खान होता है क्योंकि सुख सुविधाओं के अभाव में वहां लोगों को अपने अधिकतर काम खुद ही करने पड़ते हैं। 

भारत के गाँव पर निबंध – 2

प्रस्तावना  

भारत देश को गांव का देश कहा जाता है क्योंकि इस देश में एक तिहाई जनसंख्या गांव में निवास करती है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था में भारत के गांवों का बहुत बड़ा योगदान है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत के गांव में आज भी लोगों की जीविका का मुख्य स्त्रोत कृषि ही है। 

  गांव का विकास & स्थिति

 अब गांव की छवि बदल चुकी है अब हमारा गांव पहले वाला गांव नहीं रहा। शहरों के तरह अब गांव में भी पक्की सड़कें देखने को मिलती हैं सड़कों के दोनों तरफ चमचमाती लाइटें, दुकाने देखे को मिलती है।

लेकिन हमारा गांव हमेशा से ऐसा नहीं था यह धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। गांव के विकास में सरकार अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 

वर्तमान समय में गांव का आर्थिक ढांचा पूरी तरह से बदल गया है, अब लोग जब गांव से शहर आते हैं तो यह कहते हैं कि भाई, अब गांव वह गांव नहीं रहा!

मतलब अब गांव में भी बिजली, चिकित्सा,  से लेकर पक्की रोड की भी सुविधा है। गांव के ढांचे को कायापलट करने में सरकार का विशेष हाथ है जो लगातार नई योजना लाकर देश को विकसित कर रही है।

आजादी के पहले और आजादी के बाद गांव की स्थिति

गांव में लोगों की कमाई का इकलौता जरिया कृषि होती है। लेकिन आजादी से पहले उसी जमीन पर अंग्रेजो का कब्जा था! अंग्रेज हमारी जमीन पर नील की खेती करते थे।

नील की खेती करने से किसानों को कोई लाभ नहीं मिलता था और उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान भी सहना पड़ता था। इतना ही नहीं दिन-रात खेतों में काम करने के बाद भी अंग्रेज कभी भी लगान वसूल करना नहीं भूलते थे। जिसके कारण दिन प्रतिदिन किसानों की हालत और भारत के गांव की हालत खराब होती जा रही थी। 

लेकिन जब हमारा देश आजाद हो गया तब कृषि व्यवस्था की जिम्मेदारी जमींदारों के पास चली गई। अब जमींदारों का जमीन पर कब्जा हो गया और किसान अब भी वैसे ही काम कर रहे थे।

जमींदार किसानों को बहुत ज्यादा ब्याज पर रकम उधार देते थे। फसल अच्छी हो या ना हो जमींदार को अपना ब्याज वसूलना होता था। 

जिससे परेशान होकर देश के किसान अपना घर बार छोड़कर शहरों की ओर पलायन करना बेहतर समझते थे। परंतु वर्तमान में सरकारें विभिन्न योजनाओं का संचालन कर किसानों की स्थिति को बेहतर करने का कार्य कर रही है।

भारत के गाँव पर निबंध – 3

हमारा देश गाँवों के देश के रूप में जाना जाता हैं.  देश की 70 फीसदी आबादी गाँवों में बस्ती हैं  इसी कारण गाँवों को भारत का ह्रदय कहा गया हैं.

अगर आप भारत के स्वरूप को देखना चाहते व इसकी आत्मा को समझना चाहते हैं तो  गाँवों की ओर जाना ही होगा.

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक़ भारत में तकरीबन 7 लाख छोटे बड़े गाँव हैं. जिनकी आबादी 3 से 7 हजार प्रति गाँव औसतन हैं. गाँवों का मुख्य रोजगार के साधन कृषि, पशुपालन और छोटे बड़े उद्योग धंधे होते हैं.

भागदौड़ की जिन्दगी से बहुत दूर शांत माहौल में भोले भाले चरित्र वाले लोग जिनके देशीपन मानवता की कद्र केवल अब गाँवों में ही बसकर रह गयी हैं.

हरे भरे खेत, फलों के बगीचे और सुंदर प्राकृतिक दृश्य भारतीय गाँवों की विशेषताएं हैं. कही पहाड़ो की गोदी में अथवा नदियों के किनारे बसे गाँवों का मनोरम नजारा दिल को सुकून देने वाला होता हैं.

भारत की संस्कृति, त्यौहार एवं मान्यताओं को गाँवों में आज भी बड़ा महत्व दिया जाता है. हमारे परम्परागत त्योहारों का मूल स्वरूप केवल गाँवों में ही देखा जा सकता हैं.

तेजी से हो रहे नगरीकरण और औद्योगिकीकरण ने गाँव की संस्कृति पर भी प्रभाव छोड़ा हैं किन्तु फिर भी शहरों की तुलना में गाँवों ने अपनेपन को बचाए रखने में कामयाबी पाई हैं. यही वजह है कि कहते है भारत को देखना हैं तो गाँवों की तरफ जाओं.

इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि नगरीय जीवन की बजाय ग्रामीण जीवन हर पहलु से उच्च हैं. मगर इसका दूसरा पक्ष यह भी हैं कि आजादी के 75 सालों के बाद भी हमारे गाँव में बसने में किसान, कर्मकार मूलभूत भौतिक सुविधाओं से वचित रहे हैं.

गाँवों में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, शिक्षा के क्षेत्र की तरफ जो ध्यान दिया जाना चाहिए था वह नहीं दिया गया. जिसका परिणाम यह हुआ कि आज आजीविका, शिक्षा स्वास्थ्य और उच्च जीवन स्तर की सुविधाओं के लिए करोड़ो लोग शहरों की ओर पलायन कर जाते हैं.

गाँवों की समस्याओं को समाप्त करने की दिशा में सरकारे गम्भीरता से नहीं सोच रही हैं.  हालांकि 2022 तक  सभी गाँवों  को बिजली से जोड़ने की योजना से ग्रामीण क्षेत्र में लोग कृषि व अन्य कार्य आसानी से कर पाएगे.

वही शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार के लिए गाँवों में प्रबंध की निहायत कमी हैं. अशिक्षा, रूढ़िवादिता, अनियंत्रित जनसंख्या, बेरोजगारी आदि से निपटने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों को गाँवों के विकास के लिए पहल करनी चाहिए.

भारत की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से गाँवों पर टिकी हैं. कृषि प्रधान भारत देश की 60 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में बसती हैं उनका मुख्य कार्य कृषि और पशुपालन ही हैं. अतः आधे भारत की अनदेखी करके भारत प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता हैं.

समय समय पर केंद्र सरकार की ओर से गाँवों के चहुमुखी विकास के लिए कदम उठाएं गये हैं जिनमें ग्रामीण विकास मंत्रालय की स्थापना करना एक अहम निर्णय था.

बेरोजगारी व गरीबी निवारण, जवाहर ग्राम सम्रद्धि, प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, अटल आवास योजना, स्वच्छता कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, जननी सुरक्षा योजना, विद्युत् कनेक्शन योजना आदि सरकारी योजनाओं से गाँवों के स्तर को सुधारने में बड़ा लाभ हुआ हैं.

भारत के गाँवों की दशा सुधारने में किसान का अहम योगदान हैं. मगर विगत एक दशक से शहरीकरण में हुई वृद्धि ने गाँवों के विकास की यात्रा को बाधित करने का कार्य किया हैं.

रोजगार गाँवों की सबसे बड़ी समस्या हैं जिसके चलते नवयुवक काम की तलाश में शहरों की ओर आते हैं. युवाओं के पलायन को रोकने तथा गाँवों की स्थिति में सुधार के लिए स्थानीय स्तर पर छोटे एवं लघु उद्योगों को स्थापित किये जाने की आवश्यकता हैं.

गाँवों के विकास के लिए गांधीजी के विचारों को अपनाने की आवश्यकता हैं. उन्होंने कहा था भारत की आत्मा गाँव में बसती हैं. गाँवों की समस्याओं को हल कर उन्हें खुशहाल करने की महत्ती आवश्यकता हैं.

मनुष्यता व भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गाँव में अधिक से अधिक आधुनिक सुख सुविधाएँ एवं उद्योगों की स्थापना करके भारत को विकास के पथ पर तेजी से बढाया जा सकता हैं.

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Essay on India in Hindi : छात्र ऐसे लिख सकते हैं हमारे देश भारत पर निबंध

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  • Updated on  
  • अगस्त 30, 2024

Essay on India in Hindi

Essay on India in Hindi : भारत एक विविधतापूर्ण देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। भारत हिमालय पर्वतों से लेकर उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों तक फैला हुआ है, जो इसकी भौगोलिक विविधता को दर्शाते हैं। यह देश विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का घर है, जो विविधता में एकता का एक अनूठा मिश्रण है। आर्थिक रूप से, भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष खोज और उद्योग में विश्व में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत अपने सांस्कृतिक सार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए हुए प्रगति और विकास की दिशा में प्रयास कर रहा है।

भारत देश के बारे में जानकारी इसके प्रत्येक छात्र को होनी चाहिए। छात्रों को कई बार निबंध प्रतियोगिता और कक्षाओं में Essay on India in Hindi दिया जाता है और आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल इस ब्लॉग में दिए गए हैं। 

This Blog Includes:

भारत पर 100 शब्दों में निबंध, भारत पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , भारत का इतिहास, भारत का भूगोल और संस्कृति, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और अन्य प्रतीक, भारत की नदियां  , भारत का भोजन, भारत की भाषाएं, भारत के त्यौहार, भारत की अनेकता में एकता, उपसंहार , भारत पर 10 लाइन – 10 lines essay on india in hindi.

भारत के लोग अपनी ईमानदारी और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोग एक साथ शांतिपूर्वक रहते हैं। हिंदी भारत की एक प्रमुख भाषा है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों के लोग कई अन्य भाषाएँ भी बोलते हैं। भारत एक खूबसूरत देश है जहाँ कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की। भारतीयों के द्वारा अतिथियों को ‘अतिथि देवों भव:’ की उपाधि दी जाती है। दूसरे देशों से आने वाले आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है। भारत में सनातन धर्म (जीवन का एक प्राचीन दर्शन) का पालन किया जाता है, जो विविधता में एकता बनाए रखने में मदद करता है।

 भारत कई प्राचीन स्थलों, स्मारकों और ऐतिहासिक धरोहरों का घर है जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यह अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं, योग और मार्शल आर्ट के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न देशों के कई तीर्थयात्री और भक्त भारत के प्रमुख मंदिरों, स्थलों और ऐतिहासिक विरासतों की सुंदरता का अनुभव करने के लिए आते हैं।

भारत का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है और इसे प्राचीन सभ्यता का जन्मस्थान माना जाता है। यह तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के कारण शिक्षा का एक केंद्र रह चुका है, इसने इतिहास में दुनिया भर के छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में आकर्षित किया है। अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाने वाला भारत विभिन्न धर्मों के लोगों से प्रभावित है। भारत के धन वैभव को चुराने के लिए इस पर कई आक्रमण हुए। कई साम्राज्यों ने इसे गुलाम बनाने के लिए भी प्रयोग किया। कई स्वतंत्रता सैनानियों के प्रयासों और बलिदानों की बदौलत भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। 

हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जिस दिन हमारी मातृभूमि आजाद हुई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, भारत में कई लोग गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सी.वी. रमन और डॉ. होमी जे. भाभा जैसी असाधारण हस्तियों की बदौलत देश लगातार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य में आगे बढ़ है। भारत एक शांतिपूर्ण देश है जहाँ लोग अपने त्यौहारों को खुलकर मनाते हैं और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। कश्मीर को अक्सर धरती पर स्वर्ग के रूप में वर्णित किया जाता है। भारत प्रसिद्ध मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, नदियों, घाटियों, उपजाऊ कृषि भूमि और सबसे ऊँचे पहाड़ों का घर है।

भारत पर 500 शब्दों में निबंध

भारत पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay on India in Hindi) नीचे दिया गया है –

भारत एक अद्भुत देश है जहाँ लोग कई अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। यहाँ विभिन्न जातियाँ, पंथ, धर्म और संस्कृतियाँ निवास करती हैं, फिर भी सभी लोग एक साथ सद्भाव से रहते हैं। यही कारण है कि भारत “विविधता में एकता” कहावत के लिए प्रसिद्ध है। भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश भी है।

भारत का इतिहास और संस्कृति समृद्ध है और मानव सभ्यता के उदय के बाद से ही विकसित हुई है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता भारत में थी। इसकी शुरुआत प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता और दक्षिण भारत में शुरुआती कृषि समुदायों से हुई। समय के साथ, भारत ने विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का निरंतर एकीकरण देखा। साक्ष्य बताते हैं कि शुरुआती दौर में, लोहे और तांबे जैसी धातुओं का उपयोग व्यापक था, जो महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, भारत एक अत्यधिक उन्नत सभ्यता के रूप में विकसित हो चुका था।

भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसे हिंदुस्तान और आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता है। यह तीन तरफ से महासागरों से घिरा हुआ है: पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर। भारत का राष्ट्रीय पशु ‘ बाघ’ है, राष्ट्रीय पक्षी ‘ मोर’ है और राष्ट्रीय फल ‘ आम’ है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और यहूदी धर्म सहित विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से भारत में एक साथ रहते आए हैं। भारत अपनी समृद्ध विरासत के लिए भी जाना जाता है, जिसमें स्मारक, मकबरे, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, संग्रहालय, प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव अभयारण्य और प्रभावशाली वास्तुकला शामिल हैं।

भारतीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग हैं: केसरिया, सफ़ेद और हरा। सबसे ऊपर का रंग केसरिया पवित्रता का प्रतीक है। बीच का रंग सफ़ेद शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे का रंग हरा उर्वरता का प्रतीक है। सफ़ेद पट्टी के बीच में एक नीला अशोक चक्र है, जो 24 तीलियों वाला पहिया है जो कानून और न्याय के चक्र का प्रतीक है। बंगाल टाइगर राष्ट्रीय पशु है, जो शक्ति और शालीनता का प्रतिनिधित्व करता है। मोर यहां का राष्ट्रीय पक्षी है, जो शालीनता, सुंदरता और शान का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से फील्ड हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, जो खेल में देश की उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत में कई प्रमुख नदियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व है। गंगा हिमालय से निकलती है और उत्तरी भारत से होकर बांग्लादेश में बहती है। यह हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और लाखों लोगों के लिए पीने, कृषि और धार्मिक प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना हिमालय में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है। यह दिल्ली और आगरा से होकर बहती है और अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है। 

ब्रह्मपुत्र तिब्बत में निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले असम और भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से होकर बहती है। यह नदी अपने विशाल बेसिन और कृषि क्षेत्र के लिए जानी जाती है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में है और भारत से होते हुए यह पाकिस्तान में भी बहती है। कृष्णा नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। दक्षिणी भारत में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कावेरी नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में बहती है। कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। महानदी छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पन्न होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। क्षेत्र में सिंचाई और प्रमुख बांधों के लिए महत्वपूर्ण है। नर्मदा नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और नर्मदा घाटी परियोजना के लिए जानी जाती है। ताप्ती नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह क्षेत्र की कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

भारतीय भोजन अपनी समृद्ध विविधता और जीवंत स्वादों के लिए प्रसिद्ध है। यह देश की विशाल सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं को दर्शाता है। भारत के भोजन में मसालों, जड़ी-बूटियों और सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो जटिल और सुगंधित व्यंजन बनाती है। उत्तर की मसालेदार करी से लेकर दक्षिण के तीखे और नारियल आधारित व्यंजनों तक, भारतीय व्यंजन सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करते हैं। लोकप्रिय व्यंजनों में बिरयानी, डोसा, समोसे और विभिन्न प्रकार की ब्रेड जैसे नान और रोटी शामिल हैं। भारतीय भोजन में गुलाब जामुन और जलेबी सहित कई तरह की मिठाइयाँ भी शामिल हैं। भोजन का आनंद अक्सर अचार, रायता और चटनी जैसी कई तरह की चीजों के साथ लिया जाता है। यह पाक विविधता भारतीय भोजन को देश की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बनाती है।

भारत एक भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश है, जिसके विशाल विस्तार में बोली जाने वाली भाषाओं की समृद्ध विविधता है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषाएँ हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग भाषा या बोली होती है, जो उसकी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जबकि सरकारी और कानूनी उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी एक सहयोगी आधिकारिक भाषा के रूप में कार्य करती है। कन्नड़, पंजाबी और गुजराती जैसी क्षेत्रीय भाषाएँ भी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बहुभाषावाद भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और भाषा और क्षेत्रीय पहचान के बीच के संबंधों को भी।उजागर करता है। भाषा भारत के सामाजिक ताने-बाने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू बन जाती है।

भारत अपने जीवंत और विविध त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख त्योहारों में दिवाली है यह रोशनी का त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली वसंत के अपने रंगीन और हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव के लिए जानी जाती है। ईद दावतों और प्रार्थनाओं के साथ रमजान माह के अंत को चिह्नित करती है। नवरात्रि देवी दुर्गा का सम्मान करने वाला नौ रातों का त्योहार है। अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों में क्रिसमस, पोंगल और दुर्गा पूजा शामिल हैं। ये त्यौहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं, जो लोगों को हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव, दावत और विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठानों में एक साथ लाते हैं।

विविधता में एकता भारत की एक परिभाषित विशेषता है, जहाँ अनेक संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म और परंपराएँ सौहार्दपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं। अपने लोगों के बीच भारी मतभेदों के बावजूद, भारत विभिन्न जातीयताओं और मान्यताओं के जीवंत ताने-बाने के रूप में खड़ा है। यह देश एक साझा राष्ट्रीय पहचान से एकजुट है। यह सिद्धांत देश के विविध त्योहारों के उत्सव, विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रति सम्मान और विभिन्न क्षेत्रीय परंपराओं में दिखाई भी देता है। भारत की ताकत अपनेपन और साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देती है। विविधता में यह एकता भारत के सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाती है और इसकी समृद्ध विरासत में योगदान देती है।

भारत एक ऐसा अद्भुत देश है जिसमें संस्कृतियों, जातियों, पंथों और धर्मों का एक समृद्ध मिश्रण है,ह अपनी विरासत, मसालों और इसे अपना घर कहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध है। विविधता और एकता का यह मिश्रण ही है जिसकी वजह से भारत को अक्सर एक ऐसे स्थान के रूप में वर्णित किया जाता है जहाँ विविधता में एकता पनपती है। भारत आध्यात्मिकता, दर्शन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है।

भारत पर 10 लाइन (10 Lines Essay on India in Hindi) यहां दी गई हैं –

  • भारत या एशिया में एक प्रायद्वीपीय देश है। भारत देश तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ है।
  • अन्य देशों की तुपना में कुल क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है।
  • भारत की जनसंख्या लगघग 1.4286 बिलियन है। यह चीन की 1.4257 बिलियन की तुलना में दुनिया में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
  • झारत कर पश्चिमी भाग में अरब सागर, दक्षिणी भाग में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
  • भारत देश का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है। हिमालय दुनिया की की प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
  • भारत में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं। नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि प्रमुख हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा है। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग है। इसके बीच में अशोक चक्र बना हुआ है जिसमें 24 तीलियां हैं।
  • भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह स्तंभ है। इसके नीचे लिखा सत्यमेव जयते है जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
  • भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है। राष्ट्रगान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड लगते हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसकी रचना बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा की गई थी।

संसदीय प्रणाली वाली प्रभुता संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य जिसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन (लगभग 1757-1947) के दौरान, ब्रिटिश भारतीय उपमहाद्वीप को “इंडिया” कहते थे। यह शब्द सिंधु नदी से लिया गया था, जो ब्रिटिश भारत की पश्चिमी सीमा को चिह्नित करती थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन ने आधिकारिक नाम के रूप में “इंडिया” का इस्तेमाल किया।

दुनिया भर में भारत विविधता में एकता का प्रतिनिधि है। भारत विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, पंथों, धर्मों की भूमि है; अनेक मतभेदों के बावजूद हम सौहार्दपूर्वक रहते हैं। भारतीय शांतिप्रिय हैं और संकट के समय लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं। हम “अतिथि देवो भव” के आदर्श वाक्य में विश्वास करते हैं, जिसका अर्थ है कि हमारे मेहमान हमारे भगवान हैं और हमारे देश में आने वाले पर्यटकों के प्रति विशेष रूप से सहायक और दयालु हैं। हमारा देश एक जीवंत देश है जो मेहनती लोगों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों और एक अद्भुत विरासत का घर है। मेहनती नागरिकों का प्रमाण, भारत धीरे-धीरे और लगातार दुनिया की महाशक्तियों में से एक बन रहा है।

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